Sunday, 23 March 2025

प्रसन्नता के साथ जीना ही जीवन का मूल मंत्र है

Noida News : नोएडा शहर में स्थापित नोएडा के सबसे बड़े सरकारी विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness)…

प्रसन्नता के साथ जीना ही जीवन का मूल मंत्र है

Noida News : नोएडा शहर में स्थापित नोएडा के सबसे बड़े सरकारी विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) मनाया गया। नोएडा में मनाए गए प्रसन्नता दिवस समारोह से एक बहुत ही सार्थक संदेश मिला है। नोएडा के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय (राजकीय डिग्री कॉलिज) से  मिले इस संदेश को हर किसी को अपने जीवन में धारण करना चाहिए। नोएडा के राजकीय डिग्री कॉलिज के प्राचार्य प्रो. राजीव कुमार ने कहा है कि प्रसन्नता के साथ जीना ही जीवन का मूल मंत्र है।

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नोएडा के राजकीय डिग्री कॉलिज में मनाया गया हैप्पीनेस डे

नोएडा के सेक्टर-39 में स्थित डिग्री कॉलिज में बृहस्पतिवार को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस यानि कि इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस मनाया गया। इस आयोजन के आयोजकों में शामिल नोएडा के राजकीय डिग्री कॉलिज की प्रोफेसर डॉ. शालिनी सोनी ने आयोजन की पूरी जानकारी चेतना मंच को दी है। उन्होंने बताया कि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नोएडा में प्राचार्य प्रो राजीव कुमार गुप्ता के निर्देशन में इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस के उपलक्ष्य में मनोविज्ञान विभाग तथा ख़ुशी की पाठशाला के तत्वावधान में एक कदम ख़ुशी की ओर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रथम सत्र में छात्र छात्राओं के बीच विभिन्न गतिविधियों जैसे ‘धन से खुशियां खरीदी जा सकती है’ विषय पर वाद विवाद प्रतियोगिता, विभिन्न संस्थाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं के बारे मे प्रस्तुतिकरण, हास्य कविता पाठ आदि आयोजित किया गया। दूसरे सत्र में महाविद्यालय परिवार के प्राध्यापकों व कर्मचारियों हेतु कुछ रोचक गतिविधियां जैसे पासिंग द पार्सल, कॉम्प्लीमेंट चेन, व्यक्तित्व विशेषताओं पर आधारित रैपिड फायर राउंड, लाफिंग कॉन्टेस्ट आदि आयोजित किया गया।

इस अवसर पर राजकीय डिग्री कॉलेज के प्राचार्य प्रो. राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि तनाव व कुंठा हमारे कार्य क्षेत्र तथा निजी जिंदगी में हमारे कार्य क्षमता को गिराता ही है साथ ही साथ हमारे मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। इसलिए प्रसन्नता के साथ जीवन यापन करना सफलता का मूल मंत्र है। श्री दीपक कुमार ने प्रसन्न रहने के उपायों की चर्चा रोचक ढंग से की। कार्यक्रम का आयोजन डॉ शालिनी सोनी, डॉ रेनू तोमर, डॉ गरिमा यादव, डॉ आकांक्षा तिवारी व डॉ धर्मेन्द्र कुमार ने किया। गतिविधियों के आयोजन में छात्र-छात्राओं जैसे सुजाता, नीतू, पलक, मनीष, सुनीता, आयशा, अक्षय कुमार आदि का पूर्ण योगदान रहा।

क्यों मनाया जाता है इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे

पूरी दुनिया में 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस हर साल मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस को अंग्रेजी में इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे (International Day of Happiness)  कहा जाता है। हर साल इस दिन को मनाने के लिए अलग-अलग थीम तय की जाती है। संयुक्त राष्ट– महासभा ने 12 जुलाई 2012 को 20 मार्च का दिन अंतर्राष्टï्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness) के रूप में घोषित किया था। 12 जुलाई 2012 से लगातार पूरी दुनिया में हर साल 20 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस (International Day of Happiness)  मनाया जाता है। जीवन में प्रसन्नता तथा खुशी के महत्व को दर्शाने वाला यह दिन लोगों के लिए महत्वपूर्ण दिन बन गया है।

केयरिंग एंड शेयरिंग रही इस साल की थीम

बृहस्पतिवार को पूरी दुनिया में मनाए गए साल 2025 के लिए इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस की थीम “केयरिंग एंड शेयरिंग” रखी गई। केयरिंग एंड शेयरिंग के छोटे-छोटे कामों से हम दूसरों की जिंदगी में खुशी ला सकते हैं। जब हम किसी की मदद करते हैं या इमोशनल सपोर्ट देते हैं, तो न सिर्फ हम उन्हें राहत देते हैं, बल्कि खुद भी अच्छा महसूस करते हैं। यह समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाता है और आपसी रिश्तों को मजबूत बनाता है। इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस का इम्पोर्टेंस है कि ये हमें यह एहसास दिलाता है कि खुशी सिर्फ फिजिकल एसेट्स या बाहरी सुख-सुविधाओं में नहीं, बल्कि अंदर से महसूस की जाती है। जब हम खुद को सेटिस्फाई रखते हैं और जीवन के छोटे-छोटे लम्हों को संजोते हैं, तो हमारी खुशी नेचुरली डेवलप होती है. यह दिन हमें सिखाता है कि खुशी को पाने के लिए हमें अपने आइडियाज़ और कामों में पॉज़िटिविटी लानी होती है।

आजकल, समाज में हर किसी के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां और स्ट्रेस होते हैं. ऐसे में, खुद को खुश रखना चैलेंजिंग हो सकता है. लेकिन इंटरनेशनल डे ऑफ हैप्पीनेस हमें यह इंस्पिरेशन देता है कि हम खुद को खुश रखने के तरीकों को अपनाएं और उन चीजों की वैल्यु समझें जो हमारे जीवन में सुकून और सेस्टिस्फैक्ट्री लाते हैं। यह दिन हमें यह भी बताता है कि खुशी सिर्फ पर्सनल नहीं, बल्कि कलेक्टिव एफर्ट्स का रिजल्ट है।

“खुशी उस चीज की क्वालिटी पर निर्भर करती है जिससे हम प्यार करते हैं.”

 यह कोट इस बात को समझाता है कि खुश रहना तब संभव होता है जब हम अपनी प्रियोरेटीस को सही दिशा में रखते हैं और अपने काम को प्यास से जोड़ते हैं। “खुशी हर दिन मिलने वाली छोटी-छोटी सुख-सुविधाओं में होती है, न कि सिर्फ उन महान फॉर्चुनेट में जो कभी-कभी ही मिलते हैं।”  यह कोट हमें यह सिखाता है कि खुश रहने के लिए हमें हर छोटे पल को अपनाना होगा और अपनी जिंदगी में आने वाली हर सुख-सुविधा का आनंद लेना होगा।

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