सरकारी खजाने के 30 हजार करोड़ रुपये की लूट में से 900 करोड़ डकारने के पक्के सबूत मिले, लुटेरों पर कार्यवाही का इंतजार Noida News

Noida News : उत्तर प्रदेश की औद्योगिक राजधानी कहे जाने वाले नोएडा शहर के कामकाज का संचालन करने वाले नोएडा प्राधिकरण में 30 हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक सीएजी की रिपोर्ट में सरकारी खजाने से 30 हजार करोड़ रुपये की लूट करने वाले इस घोटाले में से नोएडा प्राधिकरण के अफसरों, कर्मचारियों, नेताओं एवं बिल्डरों द्वारा 900 करोड़ रुपये हजम करने के पक्के सबूत सरकार के सामने आए आ गए हैं।
Noida News : Noida Authority Scam
आपको बता दें कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद की एक जनसभा में घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एवं जीडीए में लाखों रुपये के घोटाले की जांच सीजीआई से कराई जाएगी। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और पीएम मोदी की घोषणा के अनुरुप नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों के घपले घोटालों की जांच सीएजी को सौंप दी गई। सीएजी ने एक साल तक जांच करके 400 पेज की अपनी रिपोर्ट को सरकार को सौंप दिया।
इस रिपोर्ट में 30 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता यानि घोटाले का जिक्र है। इतने बड़े घोटाले को और अधिक विस्तार से समझने के लिए स्थानीय लेखा परीक्षक (Local Audit Bureau) से आडिट कराया गया। इस आडिट की रिपोर्ट हाल ही में विधानसभा पटल पर रखी गई है। इस रिपोर्ट में 900 करोड रुपये के घोटाले के पक्के सबूत दिए गए हैं।
आडिट रिपोर्ट में घोटाले आए सामने
अब आपको संक्षिप्त में स्थानीय निधि लेखा परीक्षक की आडिट रिपोर्ट पढ़वा देते हैं। ध्यान से पढ़़े। उत्तर प्रदेश विधानसभा पटल पर रखी गई आडिट रिपोर्ट कतह है कि वर्ष 2001 से 2017 तक नोएडा प्राधिकरण में भूमि अर्जित न होने के कारण कार्य को बीच में अधूरा छोड़ दिये जाने से सेक्टर-153 में ड्रेनेज एवं कलबर्ट के निर्माण पर किया गया 9 करोड़ 23 लाख 77 हजार रुपये वेस्ट होना बताया गया।
- अनुबन्ध किये जाने के बाद कार्य डिजाइन एवं ड्राइंग को परिवर्तित करके कार्य की लागत में 3 करोड़ 96 लाख 51 हजार 837 की वृद्धि करना एवं कार्य को लगभग दो वर्ष निलम्बित करना अनियमित।
- "सनग्रेड" की स्टीमेट में स्वीकृत माप वास्तविक कार्य में कम हो जाने पर भी उस पर आधारित अन्य कार्यों की माप 600 प्रतिशत बढ़ जाने से 20 लाख 90 हजार 965 रुपये का कार्य असत्यापित रहने से आर्थिक हानि।
- शासन द्वारा बिना कोई आदेश प्राप्त किये ही प्राधिकरण द्वारा ग्राम बदौली में प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाई स्कूल एवं डिस्पैन्सरी के अनुरक्षण पर 70 लाख 34 हजार 501 रुपए का अनियमित एवं अमान्य भुगतान किया जाना।
- मैसर्स आनन्द बिल्डटेक प्रा.लि. को कार्य प्रारम्भ के मात्र 18 दिन बाद बिना कोई कार्य किए एवं बिना वाहय एजेन्सी से सत्यापन कराए 5 करोड़ 10 लाख 74 हजार 291 का भुगतान एवं डिसमेंटल स्टील के मूल्य की कटौती न करके रुपए 13 लाख 06 हजार 997 का अधिक भुगतान। - सेक्टर-135 में एचआईजी डयूप्लैक्स भवनों के साथ पटरियों में इंटर लाकिंग टाईल्स लगाने पर 1 करोड़ 23 लाख 43 हजार 187 को भवनों की लागत में सम्मिलित न किये जाने के कारण प्राधिकरण को आर्थिक क्षति।
- शासनादेश संख्या-4575/ आठ-1-06-87, विविध/ 06, दिनांक: 14-07-2006 का उल्लघंन कर कार्य में 29 करोड़ 35 लाख 83 हजार 310 (लगभग 90 प्रतिशत) का विचलन किया जाना अनियमित। - अनुबन्ध संख्या - 179/नौएडा/CPE/PE-WC-9/ 09-1-2013 में स्थल परिवर्तन कर 8 करोड़ 68 लाख 89 हजार 922 का कार्य कराया जाना अनियमित।
- सेक्टर-94-95 में एमपी-3 रोड के जंक्शन नंबर-14 पर अंडरपास निर्माण व्यय राशि 43 करोड़ 46 लाख 65 हजार 353 रुपये का औचित्य दिल्ली सरकार की भूमि अधिग्रहरण न होने तक निष्प्रयोज्य व्यय।
- 45 मीटर चौड़ी सड़क के सुदृढीकरण कार्य में सभी मदों में कमी होने के बावजूद बिटुमिन कार्य में 20 लाख 20 हजार 360 की वृद्धि की स्थिति अस्पष्ट रहने से वसूली अपेक्षित। - सेक्टरों से मलबा उठाने पर बिना टेंडर के प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये का अनियमित भुगतान 1 करोड़ 4 लाख 35 हजार 547 रुपये का अनियमित भुगतान।
- प्राधिकरण द्वारा सड़को से मलबा उठवाने पर रुपए 29 लाख 94 हजार 69 रुपये का व्यय करके मलबा के निस्तारण की स्थिति अस्पष्ट।
- प्राधिकरण की सम्पत्ति नहीं होने पर भी गोल्फ कोर्स में वाटर सप्लाई हेतु प्राधिकरण द्वारा किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति शर्तानुसार 'गोल्फ कोर्स' द्वारा न किये जाने से अभी तक व्यय किये गये बकाया की धनराशि 2 करोड़ 99 लाख 98 हजार 58 रुपये की सीमा तक प्राधिकरण को क्षति।
- स्वीकृत इस्टीमेट में व्यवस्था न होने पर भी अतिरिक्त आइटम के रूप में स्टील पाइप डालने पर किया गया 20 लाख 43 हजार 769 रुपये का भुगतान अनियमित।
Read More - नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बढ़ रहे हैं मामूली बात पर मारपीट के मामले, मात्र 24 घंटे में हुई 3 वारदात- अनुबंधों में अनियमित रूप से 10 सीसी क्लाज का प्रावधान किये जाने के कारण 1 करोड़ 67 लाख 75 हजार 65 रुपये का अधिक भुगतान।
- स्टेडियम सेक्टर 21ए के विद्युत अनुरक्षण पर करोड़ों रुपये का अपरिहार्य व्यय 7 करोड़ 87 लाख 69 हजार 600 रुपये का अपरिहार्य भुगतान ।
- मकानों के ऊपर से होकर गुजरने के कारण ओवरहेड लाइन को अंडर ग्राउंड लाइन में प्रतिस्थापित करने पर 2 करोड़ 60 लाख 4 हजार 370 रुपये का परिहार्य व्यय।
- समान कार्यों के लिये एक ही फर्म की निविदा दरों में अन्तर होने से 88794 रुपये एवं 52 नग पोल की स्थिति स्पष्ट न होने से 11 लाख 47 हजार 582 रुपये का भुगतान अनियमित।
- प्राधिकरण द्वारा विभिन्न स्थानों पर लगाये गये हाईमास्टर लाइट्स की दरों में भिन्नता होने से 23 लाख 10 हजार 69 रुपये का अधिक भुगतान।
- प्राधिकरण द्वार उ.प्र. पुलिस विभाग को उपलब्ध कराये गये वाहनों की मरम्मत एवं चालकों के वेतन पर 64 लाख 85 हजार 961 रुपये का परिहार्य व्यय।
- यातायात पुलिस, गौतमबुद्धनगर को खड़े वाहनो को हटाने हुए किराये पर क्रेन उपलब्ध कराने के कारण प्राधिकरण निधि पर 1 करोड़ 99 हजार 72 हजार 800 रुपये का अनावश्यक व्ययभार।
- पुलिस विभाग को पेट्रोल कार के रूप में 20 बोलेरो 4 करोड़ 58 लाख 35 हजार 435 किराये एवं 25 इनोवा कार खरीदने के लिए 2 करोड़ 25 लाख 31 हजार 251, कुल 6 करोड़ 83 लाख 66 हजार 686 रुपये का अनियमित भुगतान।
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गौतमबुद्धनगर को डीजल, पैट्रोल के लिए 25 लाख 87 हजार 760 रुपये का भुगतान अनियमित।
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गौतमबुद्धनगर को पीसीआर के लिए 40 वाहन चालकों 11 लाख 40 हजार 756 रुपये का भुगतान किया जाना प्राधिकरण निधि पर अनावश्यक व्यय भार।
- प्राधिकरण द्वारा अन्य विभागों हेतु निर्मित भवनों को हस्तान्तरित न किये जाने के कारण संचालन व्यय किये जाने के कारण प्राधिकरण निधि पर 23 करोड़ 14 लाख 96 हजार 224 रुपये का अनावश्यक व्यय भार ।
- अनुरक्षण कार्य में मानक से अधिक माली रखने के कारण 2 करोड़ 53 लाख 51 हजार 900 रुपये का अधिक भुगतान।
- मै. सांई नर्सरी एण्ड फार्म को 170 नग पौधों के अनुरक्षण हेतु मानक के अनुसार 15.90 रुपये प्रति पौधे के स्थान पर 6 नग माली प्रतिमाह रखने पर रुपए 6 लाख 50 हजार 575 रुपये का अधिक भुगतान।
- मैसर्स नेहा नर्सरी को बिना कार्य के श्रमिको पर एवं बिना आपूर्ति लिये पौधों के रोपण, अनुरक्षण एवं सिंचाई पर किया 16 लाख 12 हजार 410 रुपये का भुगतान असत्यापित एवं अमान्य।
- महामाया बालिका इण्टर कालेज में स्थित पार्कों के विकास एवं अनुरक्षण कार्यों पर 2 करोड़ 03 लाख 59 हजार 299 रुपये का औचित्यहीन व्यय।
- पंचशील इंटर कालेज सेक्टर-91 के विकास एवं अनुरक्षण कार्य पर 45 लाख 25 हजार 893 रुपये का अत्याधिक व्यय किया जाना व मंहगे पौधे लगाया जाना अनियमित।
- सेक्टर-46,47 एवं 48 के पार्कों का दो वर्षीय अनुरक्षण कार्य हैंड ओवर न किये जाने के कारण 32 लाख 34 हजार 824 रुपये का संदिग्ध अनुबन्ध।
- अनुसूचित जाति/जनजाति महिला छात्रावास के सौन्दर्यीकरण में पेड़ पौधे को लगाने एवं उनके अनुरक्षण पर अत्यधिक 1 करोड़ 52 लाख 53 हजार रुपये।
- अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रावास में वृक्षारोपण हेतु अत्यधिक मंहगे पौधों पर 56 लाख 31 हजार 342 रुपये का अनियमित भुगतान।
- टेण्डर अनुबन्धों के अन्तर्गत कार्य न कराकर अनुरक्षण कार्यों में पृथक से ठेकेदारों के माध्यम से माली लेकर कार्य कराये जाने से 1 करोड़ 72 लाख 04 हजार 256 रुपये का अनियमित भुगतान।
- प्राधिकरण रेट पर दी गई संपत्तियों का अनुबंध उचित मूल्य के स्टांप पर न कराए जाने से राज्य सरकार को महज 11 संपत्तियों पर 63 लाख 98 हजार रुपये की क्षति।
- प्राधिकरण द्वारा समय से किराया नहीं लिए जाने पर 1 अरब 34 करोड़ 71 लाख 60 हजार 940 रुपये की भारी धनराशि बकाया रहने से आर्थिक क्षति।
- सेक्टर-73 में 624 नग EWS भवनों के निर्माण में अत्यन्त विलम्ब होने के कारण सम्बन्धित ठेकेदार से 73 लाख 47 हजार (लगभग) रुपये की कटौती न किये जाने से आर्थिक क्षति।
- असृजित पदों पर ठेकेदार के माध्यम से लेबरों को रख कर भुगतान 56 करोड़ 38 लाख का व्यय।
- बिना माप कराये (अनमेजर्ड) ही फर्मों के बिलों का भुगतान कराया जाने से 1 अरब 83 करोड़ 82 लाख 48 हजार 979 रुपए अनियमित व्यय।
- प्राधिकरण के समस्त निर्माण/विकास कार्य कराने वाले खण्डों सिविल खण्ड, विद्युत यांत्रिकी, जल, उद्यान आदि के द्वारा विभिन्न कार्यों के अनुबन्ध पर जमानत की राशि पर 10 प्रतिशत की दर से न करके कम दर पर किये जाने से 63 करोड़ 24 लाख 64 हजार 721 की क्षति।
- प्राधिकरण द्वारा अनेक ग्रामों में विद्यालय, सड़क आदि निर्माण विकास एवं अनुरक्षण कार्यों पर धनराशि व्यय किये जाने का स्पष्ट शासनादेशों के अभाव में किया गया व्यय 2 अरब 12 करोड़ 27 लाख 38 हजार 164 रुपये का अनियमित एवं अमान्य भुगतान।
- प्राधिकरण द्वारा नोएडा शहर/ग्रामों में स्कूल एवं कालेजो के निर्माण पर 53 लाख 79 हजार 231 रुपये का अग्राह्य व्यय।
- प्राधिकरण के विभिन्न खण्डों द्वारा करायें जा रहे निर्माण, विकास/अनुरक्षण कार्यों के ठेकेदारों को निर्माण स्थल उपलब्ध सामान/सामग्री का स्वीकृत दर 25 प्रतिशत से अधिक दर 75 प्रतिशत के बराबर धनराशि का भुगतान सिक्योर्ड एडवांस के रूप में किये जाने से 41 करोड़ 92 लाख 64 हजार 484 रुपये का अनियमित भुगतान।
- निर्माण कार्यों में प्रयुक्त खनिजों पर रायल्टी की कटौती न किये जाने के कारण 61 लाख 10 हजार 176 रुपये की राजस्व क्षति।
- खुदाई से प्राप्त मिट्टी के डिस्पोजल की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण ढुलाई व्यय 1 करोड़ 91 लाख 85 हजार 150 रुपये का अनियमित भुगतान।
- लेबर सेस का दोहरा भुगतान करने से 13 लाख 19 हजार 455 का अनियमित एवं अधिक भुगतान।
- वर्क सर्किल -6 द्वारा बड़ी संख्या में इस प्रकार के निर्माण/विकास कार्य भी कराये जा रहे थे, जो प्राधिकरण का दायित्व ही नहीं था। सम्परीक्षा की दृश्टि से इस प्रकार के सभी भुगतान अनियमित।
2012 से 2016 तक अधिकारियों का खुलेगा चिट्ठा
इस समय रियल स्टेट बूम के अलावा तमाम परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा था। अंधाधुंध जमीन का आवंटन भी किया। रिपोर्ट आने के बाद इस समय अंतराल में प्राधिकरण में तैनात तत्कालीन अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। उनकी जांच कराई जा सकती है।
Noida News - घोटालेबाजों की गिरफ्तारी का इंतजार
नोएडा प्राधिकरण में हुए अरबों रुपये के घोटालों में से 900 करोड़ रुपये के घोटालों के पक्के सबूत सामने आने में साढ़े पांच साल लग गए। अब सबको इंतजार है कि इन तमाम घोटालों व बाकी के 29 हजार करोड़ के घोटाले करके मालामाल हुए नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अफसर, नेता, बिल्डर व कर्मचारी जेल कब जाएंगे ? जेल जाएंगे भी अथवा नहीं ? या सत्तारुढ भारतीय जनता पार्टी की शरण लेकर सब घोटालेबाज आराम से बच जाएंगे ? सरकारी खजाने से लूटे गए धन से घोटालेबाज कब तक मौज लेते रहेंगे ? ऐसे ढेर सारे सवाल आम जनता के मन में चल रहे हैं ? Noida News
Noida News : शराब की खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाले आबकारी विभाग से नाराज है सारे शराबी
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Noida News : Noida Authority Scam
आपको बता दें कि वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रचार के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद की एक जनसभा में घोषणा की थी कि उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एवं जीडीए में लाखों रुपये के घोटाले की जांच सीजीआई से कराई जाएगी। प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और पीएम मोदी की घोषणा के अनुरुप नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों के घपले घोटालों की जांच सीएजी को सौंप दी गई। सीएजी ने एक साल तक जांच करके 400 पेज की अपनी रिपोर्ट को सरकार को सौंप दिया।
इस रिपोर्ट में 30 हजार करोड़ रुपये की वित्तीय अनियमितता यानि घोटाले का जिक्र है। इतने बड़े घोटाले को और अधिक विस्तार से समझने के लिए स्थानीय लेखा परीक्षक (Local Audit Bureau) से आडिट कराया गया। इस आडिट की रिपोर्ट हाल ही में विधानसभा पटल पर रखी गई है। इस रिपोर्ट में 900 करोड रुपये के घोटाले के पक्के सबूत दिए गए हैं।
आडिट रिपोर्ट में घोटाले आए सामने
अब आपको संक्षिप्त में स्थानीय निधि लेखा परीक्षक की आडिट रिपोर्ट पढ़वा देते हैं। ध्यान से पढ़़े। उत्तर प्रदेश विधानसभा पटल पर रखी गई आडिट रिपोर्ट कतह है कि वर्ष 2001 से 2017 तक नोएडा प्राधिकरण में भूमि अर्जित न होने के कारण कार्य को बीच में अधूरा छोड़ दिये जाने से सेक्टर-153 में ड्रेनेज एवं कलबर्ट के निर्माण पर किया गया 9 करोड़ 23 लाख 77 हजार रुपये वेस्ट होना बताया गया।
- अनुबन्ध किये जाने के बाद कार्य डिजाइन एवं ड्राइंग को परिवर्तित करके कार्य की लागत में 3 करोड़ 96 लाख 51 हजार 837 की वृद्धि करना एवं कार्य को लगभग दो वर्ष निलम्बित करना अनियमित।
- "सनग्रेड" की स्टीमेट में स्वीकृत माप वास्तविक कार्य में कम हो जाने पर भी उस पर आधारित अन्य कार्यों की माप 600 प्रतिशत बढ़ जाने से 20 लाख 90 हजार 965 रुपये का कार्य असत्यापित रहने से आर्थिक हानि।
- शासन द्वारा बिना कोई आदेश प्राप्त किये ही प्राधिकरण द्वारा ग्राम बदौली में प्राइमरी स्कूल, जूनियर हाई स्कूल एवं डिस्पैन्सरी के अनुरक्षण पर 70 लाख 34 हजार 501 रुपए का अनियमित एवं अमान्य भुगतान किया जाना।
- मैसर्स आनन्द बिल्डटेक प्रा.लि. को कार्य प्रारम्भ के मात्र 18 दिन बाद बिना कोई कार्य किए एवं बिना वाहय एजेन्सी से सत्यापन कराए 5 करोड़ 10 लाख 74 हजार 291 का भुगतान एवं डिसमेंटल स्टील के मूल्य की कटौती न करके रुपए 13 लाख 06 हजार 997 का अधिक भुगतान। - सेक्टर-135 में एचआईजी डयूप्लैक्स भवनों के साथ पटरियों में इंटर लाकिंग टाईल्स लगाने पर 1 करोड़ 23 लाख 43 हजार 187 को भवनों की लागत में सम्मिलित न किये जाने के कारण प्राधिकरण को आर्थिक क्षति।
- शासनादेश संख्या-4575/ आठ-1-06-87, विविध/ 06, दिनांक: 14-07-2006 का उल्लघंन कर कार्य में 29 करोड़ 35 लाख 83 हजार 310 (लगभग 90 प्रतिशत) का विचलन किया जाना अनियमित। - अनुबन्ध संख्या - 179/नौएडा/CPE/PE-WC-9/ 09-1-2013 में स्थल परिवर्तन कर 8 करोड़ 68 लाख 89 हजार 922 का कार्य कराया जाना अनियमित।
- सेक्टर-94-95 में एमपी-3 रोड के जंक्शन नंबर-14 पर अंडरपास निर्माण व्यय राशि 43 करोड़ 46 लाख 65 हजार 353 रुपये का औचित्य दिल्ली सरकार की भूमि अधिग्रहरण न होने तक निष्प्रयोज्य व्यय।
- 45 मीटर चौड़ी सड़क के सुदृढीकरण कार्य में सभी मदों में कमी होने के बावजूद बिटुमिन कार्य में 20 लाख 20 हजार 360 की वृद्धि की स्थिति अस्पष्ट रहने से वसूली अपेक्षित। - सेक्टरों से मलबा उठाने पर बिना टेंडर के प्रतिवर्ष करोड़ो रुपये का अनियमित भुगतान 1 करोड़ 4 लाख 35 हजार 547 रुपये का अनियमित भुगतान।
- प्राधिकरण द्वारा सड़को से मलबा उठवाने पर रुपए 29 लाख 94 हजार 69 रुपये का व्यय करके मलबा के निस्तारण की स्थिति अस्पष्ट।
- प्राधिकरण की सम्पत्ति नहीं होने पर भी गोल्फ कोर्स में वाटर सप्लाई हेतु प्राधिकरण द्वारा किये गये व्यय की प्रतिपूर्ति शर्तानुसार 'गोल्फ कोर्स' द्वारा न किये जाने से अभी तक व्यय किये गये बकाया की धनराशि 2 करोड़ 99 लाख 98 हजार 58 रुपये की सीमा तक प्राधिकरण को क्षति।
- स्वीकृत इस्टीमेट में व्यवस्था न होने पर भी अतिरिक्त आइटम के रूप में स्टील पाइप डालने पर किया गया 20 लाख 43 हजार 769 रुपये का भुगतान अनियमित।
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- स्टेडियम सेक्टर 21ए के विद्युत अनुरक्षण पर करोड़ों रुपये का अपरिहार्य व्यय 7 करोड़ 87 लाख 69 हजार 600 रुपये का अपरिहार्य भुगतान ।
- मकानों के ऊपर से होकर गुजरने के कारण ओवरहेड लाइन को अंडर ग्राउंड लाइन में प्रतिस्थापित करने पर 2 करोड़ 60 लाख 4 हजार 370 रुपये का परिहार्य व्यय।
- समान कार्यों के लिये एक ही फर्म की निविदा दरों में अन्तर होने से 88794 रुपये एवं 52 नग पोल की स्थिति स्पष्ट न होने से 11 लाख 47 हजार 582 रुपये का भुगतान अनियमित।
- प्राधिकरण द्वारा विभिन्न स्थानों पर लगाये गये हाईमास्टर लाइट्स की दरों में भिन्नता होने से 23 लाख 10 हजार 69 रुपये का अधिक भुगतान।
- प्राधिकरण द्वार उ.प्र. पुलिस विभाग को उपलब्ध कराये गये वाहनों की मरम्मत एवं चालकों के वेतन पर 64 लाख 85 हजार 961 रुपये का परिहार्य व्यय।
- यातायात पुलिस, गौतमबुद्धनगर को खड़े वाहनो को हटाने हुए किराये पर क्रेन उपलब्ध कराने के कारण प्राधिकरण निधि पर 1 करोड़ 99 हजार 72 हजार 800 रुपये का अनावश्यक व्ययभार।
- पुलिस विभाग को पेट्रोल कार के रूप में 20 बोलेरो 4 करोड़ 58 लाख 35 हजार 435 किराये एवं 25 इनोवा कार खरीदने के लिए 2 करोड़ 25 लाख 31 हजार 251, कुल 6 करोड़ 83 लाख 66 हजार 686 रुपये का अनियमित भुगतान।
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गौतमबुद्धनगर को डीजल, पैट्रोल के लिए 25 लाख 87 हजार 760 रुपये का भुगतान अनियमित।
- वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गौतमबुद्धनगर को पीसीआर के लिए 40 वाहन चालकों 11 लाख 40 हजार 756 रुपये का भुगतान किया जाना प्राधिकरण निधि पर अनावश्यक व्यय भार।
- प्राधिकरण द्वारा अन्य विभागों हेतु निर्मित भवनों को हस्तान्तरित न किये जाने के कारण संचालन व्यय किये जाने के कारण प्राधिकरण निधि पर 23 करोड़ 14 लाख 96 हजार 224 रुपये का अनावश्यक व्यय भार ।
- अनुरक्षण कार्य में मानक से अधिक माली रखने के कारण 2 करोड़ 53 लाख 51 हजार 900 रुपये का अधिक भुगतान।
- मै. सांई नर्सरी एण्ड फार्म को 170 नग पौधों के अनुरक्षण हेतु मानक के अनुसार 15.90 रुपये प्रति पौधे के स्थान पर 6 नग माली प्रतिमाह रखने पर रुपए 6 लाख 50 हजार 575 रुपये का अधिक भुगतान।
- मैसर्स नेहा नर्सरी को बिना कार्य के श्रमिको पर एवं बिना आपूर्ति लिये पौधों के रोपण, अनुरक्षण एवं सिंचाई पर किया 16 लाख 12 हजार 410 रुपये का भुगतान असत्यापित एवं अमान्य।
- महामाया बालिका इण्टर कालेज में स्थित पार्कों के विकास एवं अनुरक्षण कार्यों पर 2 करोड़ 03 लाख 59 हजार 299 रुपये का औचित्यहीन व्यय।
- पंचशील इंटर कालेज सेक्टर-91 के विकास एवं अनुरक्षण कार्य पर 45 लाख 25 हजार 893 रुपये का अत्याधिक व्यय किया जाना व मंहगे पौधे लगाया जाना अनियमित।
- सेक्टर-46,47 एवं 48 के पार्कों का दो वर्षीय अनुरक्षण कार्य हैंड ओवर न किये जाने के कारण 32 लाख 34 हजार 824 रुपये का संदिग्ध अनुबन्ध।
- अनुसूचित जाति/जनजाति महिला छात्रावास के सौन्दर्यीकरण में पेड़ पौधे को लगाने एवं उनके अनुरक्षण पर अत्यधिक 1 करोड़ 52 लाख 53 हजार रुपये।
- अनुसूचित जाति/जनजाति छात्रावास में वृक्षारोपण हेतु अत्यधिक मंहगे पौधों पर 56 लाख 31 हजार 342 रुपये का अनियमित भुगतान।
- टेण्डर अनुबन्धों के अन्तर्गत कार्य न कराकर अनुरक्षण कार्यों में पृथक से ठेकेदारों के माध्यम से माली लेकर कार्य कराये जाने से 1 करोड़ 72 लाख 04 हजार 256 रुपये का अनियमित भुगतान।
- प्राधिकरण रेट पर दी गई संपत्तियों का अनुबंध उचित मूल्य के स्टांप पर न कराए जाने से राज्य सरकार को महज 11 संपत्तियों पर 63 लाख 98 हजार रुपये की क्षति।
- प्राधिकरण द्वारा समय से किराया नहीं लिए जाने पर 1 अरब 34 करोड़ 71 लाख 60 हजार 940 रुपये की भारी धनराशि बकाया रहने से आर्थिक क्षति।
- सेक्टर-73 में 624 नग EWS भवनों के निर्माण में अत्यन्त विलम्ब होने के कारण सम्बन्धित ठेकेदार से 73 लाख 47 हजार (लगभग) रुपये की कटौती न किये जाने से आर्थिक क्षति।
- असृजित पदों पर ठेकेदार के माध्यम से लेबरों को रख कर भुगतान 56 करोड़ 38 लाख का व्यय।
- बिना माप कराये (अनमेजर्ड) ही फर्मों के बिलों का भुगतान कराया जाने से 1 अरब 83 करोड़ 82 लाख 48 हजार 979 रुपए अनियमित व्यय।
- प्राधिकरण के समस्त निर्माण/विकास कार्य कराने वाले खण्डों सिविल खण्ड, विद्युत यांत्रिकी, जल, उद्यान आदि के द्वारा विभिन्न कार्यों के अनुबन्ध पर जमानत की राशि पर 10 प्रतिशत की दर से न करके कम दर पर किये जाने से 63 करोड़ 24 लाख 64 हजार 721 की क्षति।
- प्राधिकरण द्वारा अनेक ग्रामों में विद्यालय, सड़क आदि निर्माण विकास एवं अनुरक्षण कार्यों पर धनराशि व्यय किये जाने का स्पष्ट शासनादेशों के अभाव में किया गया व्यय 2 अरब 12 करोड़ 27 लाख 38 हजार 164 रुपये का अनियमित एवं अमान्य भुगतान।
- प्राधिकरण द्वारा नोएडा शहर/ग्रामों में स्कूल एवं कालेजो के निर्माण पर 53 लाख 79 हजार 231 रुपये का अग्राह्य व्यय।
- प्राधिकरण के विभिन्न खण्डों द्वारा करायें जा रहे निर्माण, विकास/अनुरक्षण कार्यों के ठेकेदारों को निर्माण स्थल उपलब्ध सामान/सामग्री का स्वीकृत दर 25 प्रतिशत से अधिक दर 75 प्रतिशत के बराबर धनराशि का भुगतान सिक्योर्ड एडवांस के रूप में किये जाने से 41 करोड़ 92 लाख 64 हजार 484 रुपये का अनियमित भुगतान।
- निर्माण कार्यों में प्रयुक्त खनिजों पर रायल्टी की कटौती न किये जाने के कारण 61 लाख 10 हजार 176 रुपये की राजस्व क्षति।
- खुदाई से प्राप्त मिट्टी के डिस्पोजल की स्थिति स्पष्ट न होने के कारण ढुलाई व्यय 1 करोड़ 91 लाख 85 हजार 150 रुपये का अनियमित भुगतान।
- लेबर सेस का दोहरा भुगतान करने से 13 लाख 19 हजार 455 का अनियमित एवं अधिक भुगतान।
- वर्क सर्किल -6 द्वारा बड़ी संख्या में इस प्रकार के निर्माण/विकास कार्य भी कराये जा रहे थे, जो प्राधिकरण का दायित्व ही नहीं था। सम्परीक्षा की दृश्टि से इस प्रकार के सभी भुगतान अनियमित।
2012 से 2016 तक अधिकारियों का खुलेगा चिट्ठा
इस समय रियल स्टेट बूम के अलावा तमाम परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा था। अंधाधुंध जमीन का आवंटन भी किया। रिपोर्ट आने के बाद इस समय अंतराल में प्राधिकरण में तैनात तत्कालीन अधिकारियों पर गाज गिर सकती है। उनकी जांच कराई जा सकती है।
Noida News - घोटालेबाजों की गिरफ्तारी का इंतजार
नोएडा प्राधिकरण में हुए अरबों रुपये के घोटालों में से 900 करोड़ रुपये के घोटालों के पक्के सबूत सामने आने में साढ़े पांच साल लग गए। अब सबको इंतजार है कि इन तमाम घोटालों व बाकी के 29 हजार करोड़ के घोटाले करके मालामाल हुए नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अफसर, नेता, बिल्डर व कर्मचारी जेल कब जाएंगे ? जेल जाएंगे भी अथवा नहीं ? या सत्तारुढ भारतीय जनता पार्टी की शरण लेकर सब घोटालेबाज आराम से बच जाएंगे ? सरकारी खजाने से लूटे गए धन से घोटालेबाज कब तक मौज लेते रहेंगे ? ऐसे ढेर सारे सवाल आम जनता के मन में चल रहे हैं ? Noida News







