Noida News : नोएडा में कई प्रोजेक्ट ऐसे हैं जहां या तो बिल्डर ने गड़बड़ कर रखी है या खरीदारों ने ही यातो सत्यापन नहीं करवाया, बकाया राशि जमा नहीं किया जिसके वजह से उन्हें फ्लैट मिलने में देरी होती है। नोएडा के आम्रपाली की सात परियोजनाओं में 2017 खरीदारों ने अभी तक सत्यापन नहीं कराया है। यह सभी परियाजनाएं नोएडा की हैं। कोर्ट रिसीवर (सीआर) ने हाल में नोटिफिकेशन जारी कर इन सभी को दस्तावेजों के साथ सत्यापन कराने व बकाया राशि जमा करने का समय दिया है। तय समय तक प्रक्रिया पूरी न करने पर खरीदारों का सत्यापन नहीं हो पाएगा।
कोर्ट रिसीवर ने सत्यापन के लिए डेडलाइन तय की
नोएडा के आम्रपाली की परियोजनाओं को नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) कोर्ट रिसीवर की देखरेख में पूरा कर रही है। बीते चार वर्षों से यहां के खरीदारों को सत्यापन कराने, बकाया राशि जमा करने व रजिस्ट्री कराने का समय दिया जा रहा है। अभी भी हजारों खरीदारों ने सत्यापन नहीं कराया है। नोएडा की सात परियोजनाओं के 2017 खरीदारों के दस्तावेजों का सत्यापन नहीं हुआ है। इन सभी को कोर्ट रिसीवर ने सत्यापन के लिए अलग-अलग समय देकर डेडलाइन तय की है। इसके बाद खरीदारों को समय निकल जाने पर परेशानी उठानी पड़ेगी।
इन सोसाइटियों में सत्यापन का काम बाकी
आम्रपाली सफायर-1, सफायर-2, प्रिंसपली एस्टेट, सिलिकान सिटी-1, प्लेटिनम, टाइटेनियम, जोडिएक और इडन पार्क सोसासायटी शामिल हैं। यहां के 2017 खरीदारों को सत्यापन से संबंधित दस्तावेज संबंधित एओए व आरडब्ल्यूए को जमा करने हैं। संबंधित एओए व आरडब्ल्यूए यह दस्तावेज कोर्ट रिसीवर कार्यालय में पहुंचाएगी। खरीदारों की जो बकाया राशि है, वह 15 जनवरी तक कोर्ट रिसीवर की बेवसाइट यूको बैंक पर जाकर जमा कर बैंक चालान व स्टेटमेंट एओए व आरडब्ल्यूए को साझा कर सकते हैं।
10 फीसदी खरीदारों ने नहीं लिया कब्जा
एनबीसीसी नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की 24 परियोजनाओं में 38 हजार फ्लैट पूरे कर रहा है। अब तक 24 हजार फ्लैट पूरे कर एनबीसीसी खरीदारों को दे चुका है। 14 हजार फ्लैट और पूरे हो रहे हैं। इन सभी अलग-अलग परियोजनाओं में करीब चार हजार फ्लैट मालिक ऐसे हैं जो न तो कब्जा लेने आए हैं और न ही रजिस्ट्री करा रहे हैं। कोर्ट रिसीवर की ओर से कई बार फ्लैट मालिकों को सूचना भी दी जा चुकी है। हाल में सुप्रीम कोर्ट ने जिन फ्लैट पर लोग कब्जा लेने नहीं आ रहे हैं, उनको बेचने के आदेश दिए हैं। एनबीसीसी को अधूरी परियोजनाओं को पूरा करने के लिए करीब 500 करोड़ रुपये की दरकार है। Noida News
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