Thursday, 9 May 2024

भारत से हिरन की एक और प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर

Noida News : भारत से हिरन की एक और प्रजापति विलुप्त होने के कगार पर है। केन्द्र सरकार द्वारा हिरन की…

भारत से हिरन की एक और प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर

Noida News : भारत से हिरन की एक और प्रजापति विलुप्त होने के कगार पर है। केन्द्र सरकार द्वारा हिरन की इस प्रजापति को विलुप्त होने से रोकने के लिए अब तक जो भी प्रयास किये गये हैं वह असफल हुए हैं। भारत सरकार द्वारा कई वर्षों बाद देश में चीते की संख्या को बढ़ाने के लिए विशेष तौर पर अफ्रीकी देश केन्या से नर और मादा चीते लाये गये थे। इन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में रखा गया जहां चीतों की प्रजाति को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि कूनो नेशनल पार्क में कुछ नर व मादा चीतों की मौत भी हो चुकी है। वहीं केन्द्र सरकार देश में हिरन की एक विशेष प्रजाति कस्तूरी हिरन को बचाने के लिए गंभीर कदम नहीं उठा रही है।

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पर्यावरण कार्यकर्ता रंजन ने फिर उठाई आवाज

पर्यावरण में किसी एक प्रजाति का लुप्त हो जाना बड़ा महत्व रखता है। लेकिन एक ऐसी प्रजाति के लुप्त होने की स्थिति आने पर भी सरकार ने अपनी आँखें मूंदी हुई है। इस प्रजाति का नाम है कस्तूरी हिरन इसके बारे में पहले भी नॉएडा के पर्यावरण कार्यकर्ता रंजन तोमर आवाज़ उठा चुके हैं। गौरतलब है कि आज देश में गिने चुने ही कस्तूरी हिरन बचे हैं। कुफरी हिमाचल प्रदेश के नेचर पार्क के अंदर कुछ कस्तूरी हिरन बचे हैं। अन्य गिने चुने जंगलों में अपना अंतिम समय गिन रहे हैं।

कुफरी में बचा है एक कस्तूरी हिरन

जानकारी के अनुसार 1995-96 से लेकर 2022-23 तक कई बार कैप्टिव ब्रीडिंग अर्थात प्रजनन की कोशिश करवाई गई है। लेकिन वह काफी हद तक असफल रही है। जहाँ 1995–96 में तीन नर और 2 मादा हुआ करती थी। लेकिन 1996 में तीनों नरों की मृत्यु हो गई। सन 2000 में जब एक नर लाया गया तब तक दोनों मादा की भी मृत्यु हो गई। तब से लेकर 2022-23 तक सरकार मादाओं को प्रजनन हेतु नहीं ला पायी है। आज भी कुफरी में मात्र एक नर कस्तूरी हिरन बचा है।

पीएम मोदी से करेंगे संपर्क

पर्यावरण कार्यकर्ता रंजन तोमर ने कहा की चिड़ियाघर और केंद्रीय सरकार को इस बाबत ज़रूरी कदम उठाने होंगे। , चाहे तो जंगल से या विदेश से कस्तूरी मादा लानी चाहिए। जिस प्रकार चीता प्रजाति की पुनर्स्थापना हुई उसी प्रकार कस्तूरी हिरन को बचाना भी आवश्यक है। यह हमारी नैतिक ज़िम्मेदारी है। इस बाबत तोमर ने मंत्रालय को पत्र लिखकर सफाई मांगेंगे और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से भी संपर्क करेंगे।

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