Noida News : इन दिनों उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर से एक ऐसी खबर सामने आ रही है जिसने मरीजों को हैरत में डाल दिया है। पिछले तीन सप्ताह से नोएडा के सेक्टर-39 जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन ठप हुआ पड़ा है। जिसके कारण मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में ऑपरेशन कराने के लिए आए लोगों को निराश होकर दूसरे अस्पताल में लौटना पड़ रहा है।
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नोएडा शहर के सेक्टर-39 के जिला अस्पताल में इन दिनों हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है। ऐसे में प्रतिदिन सड़क दुर्घटना का शिकार हुए और हड्डी फ्रैक्चर की शिकायत पर पहुंचे मरीजों को जिला अस्पताल में इमरजेंसी प्राथमिक उपचार के बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भेजने की जरूरत पड़ रही है। पिछले तीन सप्ताह से नोएडा के सेक्टर-39 में स्थित जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते मरीजों को काफी जिल्लतों का सामना करना पड़ रहा है।
माइनर ऑपरेशन से परेशान हैं मरीज
दरअसल पिछले तीन सप्ताह से जिला अस्पताल में हड्डी रोग विभाग में ऑपरेशन न होने के चलते मरीजों को असहनीय दर्द से तड़पना पड़ रहा है। जिला अस्पताल में केवल माइनर ऑपरेशन करके मरीजों को दिल्ली रेफर किया जा रहा है और जो मरीज दिल्ली जाने से बचना चाहते हैं उन्हें प्राइवेट अस्पताल पहुंचकर मोटी रकम चुकाने की जरूरत पड़ रही है। ऐसे में जो मरीज अस्पतालों की मोटी रकम नहीं चुका पा रहे हैं उन्हें पूर्व दर्द से तड़पना पड़ रहा है।
क्यों ठप पड़ा ऑपरेशन?
जानकारी के मुताबिक 22 अप्रैल को सीएमएस द्वारा जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में इंप्लांट बेचने वाले एक दलाल को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया था। वहीं हड्डी रोग विभाग के एक डाक्टर से स्पष्टीकरण मांगा गया था जिसके बाद से हड्डी रोग विभाग के डाक्टरों द्वारा केवल माइनर ऑपरेशन ही किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं पता चला है कि दलाल का जिला अस्पताल में बहुत समय से आना-जाना लगा था। दलाल मरीज के स्वजन को स्वास्थ्यकर्मियों के सहयोग से हड्डी रोग के ऑपरेशन से पहले सस्ते दाम में इंप्लांट उपलब्ध कराने का झांसा देता था। स्वजन को ये कहकर झांसा दिया जाता है कि इंप्लांट को लाने के लिए एक विशेष बॉक्स की जरूरत पड़ती है जिसकी कीमत बेहद मंहगी होती है।
मरीजों को लगाया जाता था चूना
मासूम मरीजों को दलाल द्वारा लगातार झांसा दिया जा रहा था। दलाल के झांसे में मरीज आसानी से फंस जाते थे और उनकी बातों में आकर 1200-3500 के इंप्लांट को पांच से 10 हजार रुपये में खरीदने को मजबूर हो जाते थे। इस मामले में हड्डी रोग विभाग के डाक्टरों का कहना है कि अस्पताल में सप्लाई में इंप्लांट नहीं आती है। इस वजह से मरीज खुद इंप्लांट लाते हैं। बता दें दलाल आइएसओ का इंप्लांट सप्लाई किया करता था। मरीज किसी तरह से खुद ही जो इंप्लांट खरीदकर लाते हैं वह खराब क्वालिटी का होता है। जिसका इस्तेमाल करने के बाद तमाम बार शिकायतें आ चुकी हैं।
हो रहा कागजी ऑपरेशन
हड्डी रोग विभाग में डॉ. अरविंद अत्री, डॉ. मुकेश पोखरियाल, डॉ. ब्रजेश कुमार पर ओपीडी में परामर्श के साथ ऑपरेशन का दारोमदार है। ऐसा कहा जा रहा है कि सभी डॉक्टरों द्वारा ऑपरेशन के लिए अपने अलग-अलग दिन बांटे गए हैं। हालांकि अस्पताल प्रबंधन के आंकड़ों में तो हड्डी रोगियों का ऑपरेशन चल रहा है लेकिन हकीकत में हड्डी रोग विभाग के वार्ड पूरी तरह से खाली पड़े हुए हैं जिसमें सर्जरी विभाग के मरीजों को लिटाना पड़ रहा है।
कोने का मकान कलेश की खान !
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