Noida News : स्पोर्ट्स सिटी परियोजना में बिल्डरों और नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों की मिलीभगत की परतें सीबीआई जांच में उघड़नी शुरू हो गई हैं। सीबीआई ने स्पोर्ट्स सिटी में बिल्डर समूह को आवंटित जमीन और उनके टुकड़े कर बेचे जाने का ब्यौरा खंगाला है। सामने आया है कि बिल्डर कंपनियां जो लीड मेंबर थीं उनकी ही दूसरी सहयोगी कंपनियां बनाई गईं। इन कंपनियों को जमीन के टुकड़े कर दे दिए गए। फिर जो लीड मेंबर कंपनी थी उसको बिल्डरों ने प्राधिकरण के बकाए तले दबा छोड़ दिया। इसके बाद दूसरी कंपनी जिसके नाम जमीन की गई उसमें जाकर निदेशक बन गए या परिवारीजन को बना दिया। कई कंपनियों में यह भी सामने आ रहा है कि जो कंपनी बिल्डरों ने घाटे और कर्ज में छोड़ी उसने अपने कर्मचारियों को ही निदेशक बना दिया था।
इस खेल में प्राधिकरण अधिकारियों ने किया अनदेखा
कंपनी बनाकर और जमीन के टुकड़े किए जाने के खेल में नोएडा प्राधिकरण के तत्कालीन अधिकारियों ने भी आंखें बंद की हुई
थीं। एक ही कंपनी की दूसरी सहयोगी कंपनी के नाम पर सब-डिवीजन से पहले मालिकाना हक और वित्तीय स्थिति को नहीं परखा गया। अधिकारियों ने यह भी नहीं देखा कि खेल सुविधाएं विकसित करने की जिम्मेदारी भी तय नहीं हो रही हैं। नियम यह था कि बिल्डर समूह को जो लीड मेंबर बिल्डर होगा उसको कम से कम 30 प्रतिशत जमीन रखनी होगी। लेकिन इसका पालन नहीं हुआ है।
शुक्रवार को प्राधिकरण के दफ्तर पहुंची थी जांच एजेंसी
सीबीआई ने जांच शुरू करते ही नियमों की इस अनदेखी पर सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही बिल्डरों के अलग-अलग कंपनी बनाए जाने के औचित्य पर भी सवाल किया है। सीबीआई की टीम शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण के दफ्तर भी पहुंची थी। प्राधिकरण अधिकारियों की तरफ से कोई भी जानकारी अभी लिखित में मांगे जाने की सूचना से इंकार किया जा रहा है। Noida News
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