नोएडा की DM मेधा रूपम बनी गरीबों का सहारा

जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शीत लहर के दौरान कोई भी व्यक्ति खुले में ना सोने पाए। सभी के लिए चारपायी या तखत पर ही गद्दे बिछाने की व्यवस्था की जाए तथा चादरें एवं कंबल साफ़ रहें।

DM मेधा रूपम ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया
DM मेधा रूपम ने रैन बसेरों की व्यवस्थाओं का औचक निरीक्षण किया
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar18 Dec 2025 02:17 PM
bookmark

Noida News : नोएडा (गौतमबुद्धनगर) की जिलाधिकारी (DM) मेधा रूपम गरीबों का बड़ा सहारा बनी हैं। इन दिनों पड़ रही कड़ाके की सर्दी से गरीबों को बचाने के लिए उन्होंने खास इंतजाम करने की बड़ी पहल की है। गरीबों को ठंड से बचाने के लिए नोएडा की DM मेधा रूपम ने कहा है कि ऐसी व्यवस्था बनाई जा रही है कि गौतमबुद्धनगर जिले में एक भी गरीब तथा बेसहारा नागरिक को खुले आसमान के नीचे ना सोना पड़े।

नोएडा की DM ने दिए अधिकारियों को सख्त निर्देश

बृहस्पतिवार को नोएडा की DM श्रीमती मेधा रूपम ने सामुदायिक केंद्र सेक्टर डेल्टा-2 ग्रेटर नोएडा एवं परी चौक ग्रेटर नोएडा वर्क सर्किल-4 स्थित रैन बसेरों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती मेधा रूपम ने रैन बसेरों में ठहरे लोगों से संवाद कर उपलब्ध कराई जा रही व्यवस्थाओं की जानकारी प्राप्त की एवं संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि रैन बसेरों में ठहरे प्रत्येक व्यक्ति को बिस्तर, कंबल, स्वच्छ पेयजल, साफ सफाई, प्रकाश व्यवस्था एवं सुरक्षा सहित सभी मूलभूत सुविधाएं अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएं। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि शीत लहर के दौरान कोई भी व्यक्ति खुले में ना सोने पाए। सभी के लिए चारपायी या तखत पर ही गद्दे बिछाने की व्यवस्था की जाए तथा चादरें एवं कंबल साफ़ रहें। शौचालय एंव हर जगह पीने के पानी की व्यवस्था उपलब्ध रहे। साथ ही ठंड से बेघरों के बचाव हेतु इसके लिए रैन बसेरों की जानकारी जरूरतमंद तक पहुंचाई जाए तथा खुले स्थानों पर रहने वाले व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें रैन बसेरों तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

जिले भर में जलाए जाएं रात भर अलाव

जिलाधिकारी श्रीमती मेधा रूपम ने रैन बसेरों के आसपास की जा रही अलाव की व्यवस्था की जानकारी लेते हुए निर्देश दिए कि ठंड से बचाव के लिए अलाव नियमित रूप से जलाए जाएं और इसके लिए पर्याप्त ईंधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि रैन बसेरों एवं आसपास की व्यवस्थाओं की नियमित निगरानी की जाए, ताकि शीत ऋतु के दौरान किसी भी व्यक्ति को असुविधा न हो और उन्हें सुरक्षित, स्वच्छ एवं सम्मानजनक आश्रय मिल सके। निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर आशुतोष गुप्ता, तहसीलदार सदर प्रतीक चौहान, नायब तहसीलदार सदर ज्योत्सना सहित प्राधिकरण के अधिकारीगण एवं संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। Noida News

अगली खबर पढ़ें

‘खुले में न सोए कोई’ नोएडा की डीएम मेधा रूपम की सख्त हिदायत

निरीक्षण के दौरान नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने रैन बसेरों में ठहरे लोगों से सीधे संवाद कर सुविधाओं की जमीनी स्थिति जानी और व्यवस्थाओं पर “ज़ीरो-कमी” का रुख अपनाया। डीएम ने यह भी कहा कि अलाव के लिए ईंधन का पर्याप्त स्टॉक पहले से रखा जाए, ताकि शीतलहर के बीच किसी जरूरतमंद को परेशानी न झेलनी पड़े।

नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया
नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar18 Dec 2025 11:56 AM
bookmark

Noida News : नोएडा-ग्रेटर नोएडा में शीतलहर की तेज़ होती मार के बीच जिलाधिकारी मेधा रूपम ने बुधवार को प्रशासन को “फील्ड में उतरकर काम” का साफ संदेश दिया। उन्होंने निराश्रितों और असहाय लोगों के लिए संचालित रैन बसेरों का औचक निरीक्षण करते हुए ग्रेटर नोएडा के सामुदायिक केंद्र, सेक्टर डेल्टा-2 और परी चौक के पास वर्क सर्किल-4 स्थित रैन बसेरों में पहुंचकर व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखी। निरीक्षण के दौरान डीएम ने अधिकारियों को सख्त लहजे में निर्देश दिए कि ठंड के मौसम में कोई भी जरूरतमंद खुले आसमान के नीचे न सोए पाए हर व्यक्ति तक सुरक्षित और सम्मानजनक आश्रय की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

डीएम ने ली रैन बसेरों की सुविधाओं की ग्राउंड रिपोर्ट

निरीक्षण के दौरान नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने रैन बसेरों में ठहरे लोगों से सीधे संवाद कर सुविधाओं की जमीनी स्थिति जानी और व्यवस्थाओं पर “ज़ीरो-कमी” का रुख अपनाया। उन्होंने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए कि हर जरूरतमंद को चारपाई/बिस्तर, गद्दा, साफ कंबल-चादर, स्वच्छ पेयजल, नियमित सफाई, पर्याप्त रोशनी और सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं बिना किसी देरी के उपलब्ध कराई जाएं। डीएम ने स्पष्ट किया कि रैन बसेरों में किसी को फर्श पर नहीं, बल्कि तखत/चारपाई पर गद्दा बिछाकर ही ठहराया जाए और बेडिंग हमेशा साफ-सुथरी रहे। साथ ही शौचालयों की नियमित सफाई, रैन बसेरे के भीतर-बाहर पीने के पानी की 24x7 उपलब्धता, और ठंड से बचाव के लिए आसपास अलाव की नियमित व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। डीएम ने यह भी कहा कि अलाव के लिए ईंधन का पर्याप्त स्टॉक पहले से रखा जाए, ताकि शीतलहर के बीच किसी जरूरतमंद को परेशानी न झेलनी पड़े।

खुले स्थानों पर रहने वालों की पहचान कर रैन बसेरों तक पहुंचाने के निर्देश

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सार्वजनिक स्थानों, बस स्टॉप, बाजारों और निर्माण स्थलों के आसपास खुले में रहने वाले लोगों को चिन्हित कर उन्हें तत्काल रैन बसेरों तक पहुंचाया जाए। इसके साथ ही रैन बसेरों की जानकारी जरूरतमंदों तक पहुंचाने के लिए प्रचार-प्रसार तेज करने और लगातार निगरानी रखने पर भी जोर दिया गया, ताकि शीत ऋतु में किसी को असुविधा न हो और सभी को सुरक्षित, स्वच्छ और सम्मानजनक आश्रय मिल सके।

निरीक्षण के दौरान उप जिलाधिकारी सदर आशुतोष गुप्ता, तहसीलदार सदर प्रतीक चौहान, नायब तहसीलदार सदर ज्योत्सना सहित प्राधिकरण और संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। Noida News

अगली खबर पढ़ें

नहीं रहे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम सुतार

नोएडा में उनके निधन की खबर फैलते ही शोक की लहर है और शहर के कला-प्रेमी, शुभचिंतक और परिचित लगातार उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शामिल 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की रूपरेखा तैयार कर उन्होंने भारतीय शिल्प को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई।

‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम सुतार का निधन
‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के शिल्पकार राम सुतार का निधन
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar18 Dec 2025 11:06 AM
bookmark

Noida News : देश के जाने-माने मूर्ति शिल्पकार राम सुतार का निधन हो गया। वह लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे। परिजनों के मुताबिक बीती रात नोएडा के सेक्टर-19 स्थित आवास पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की सूचना मिलते ही सुबह से ही सेक्टर-19 में शोक जताने वालों का तांता लगा रहा और बड़ी संख्या में लोग उनके घर पहुंचते रहे। परिवार ने बताया कि राम सुतार करीब 98 वर्ष के थे। आज उनका अंतिम संस्कार नोएडा के सेक्टर-94 स्थित ‘अंतिम निवास’ में किया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर भी अंतिम यात्रा और अंतिम संस्कार की व्यवस्था को लेकर तैयारियां की जा रही हैं, ताकि श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। राम सुतार का जाना कला-जगत के लिए बड़ी क्षति मानी जा रही है। नोएडा में उनके निधन की खबर फैलते ही शोक की लहर है और शहर के कला-प्रेमी, शुभचिंतक और परिचित लगातार उनके परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं।

राम सुतार की कला ने भारत को दुनिया में अलग मुकाम दिलाया

राम सुतार की पहचान सिर्फ एक कलाकार के तौर पर नहीं, बल्कि राष्ट्र की स्मृतियों को आकार देने वाले शिल्पकार के रूप में थी। दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमाओं में शामिल 182 मीटर ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ की रूपरेखा तैयार कर उन्होंने भारतीय शिल्प को वैश्विक मंच पर नई पहचान दिलाई। वहीं संसद भवन परिसर में मौजूद उनकी कृतियां आज भी हर आने-जाने वाले को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास से जोड़ती हैं।

महाराष्ट्र भूषण से हाल में हुआ था सम्मान

राम सुतार को पद्म श्री और पद्म भूषण जैसे राष्ट्रीय सम्मानों के साथ-साथ राज्य स्तर पर भी प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा गया। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र भूषण सम्मान मिला था और यह पल इसलिए भी खास रहा क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस स्वयं अस्पताल जाकर उनसे मिले और सम्मान प्रदान किया। उस मौके पर राम सुतार ने “महाराष्ट्र अभिमान गीत” गाकर यह साबित कर दिया कि उम्र भले ही शतायु हो, जज़्बा आज भी उतना ही तरोताजा रहता है।

कौन थे राम सुतार?

19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले ज़िले के गोंदुर गांव में जन्मे राम वनजी सुतार ने बहुत कम उम्र में अपनी कला की राह चुन ली थी। मूर्तिकला की शुरुआती बारीकियाँ उन्होंने श्रीराम कृष्ण जोशी के मार्गदर्शन में सीखीं और फिर मुंबई के जे. जे. स्कूल ऑफ आर्ट्स से औपचारिक प्रशिक्षण लेकर अपनी पहचान को धार दी। साल 1959 में उन्होंने दिल्ली में सूचना एवं दूरसंचार मंत्रालय से करियर की शुरुआत की, लेकिन कुछ ही वर्षों में सरकारी नौकरी की सुरक्षित दुनिया छोड़कर उन्होंने पूर्णकालिक मूर्तिकार बनने का बड़ा फैसला लिया। इसके बाद दिल्ली में अपना स्वतंत्र मूर्तिकला स्टूडियो स्थापित कर उन्होंने वहीँ से कई ऐतिहासिक कृतियों को आकार दिया। उनके योगदान के सम्मान में उन्हें 1999 में पद्म श्री और 2016 में पद्म भूषण से नवाज़ा गया। निजी जीवन में उन्होंने 1952 में प्रमिला से विवाह किया और उनके पुत्र अनिल सुतार भी आज मूर्तिकला जगत का जाना-पहचाना नाम हैं।

करियर की उपलब्धियां

करीब छह दशकों के लंबे सफर में उन्होंने कई ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व की प्रतिमाएं गढ़ीं। संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा उनकी चर्चित कृतियों में मानी जाती है, जिसकी प्रतिकृतियां विदेशों तक भेजी गईं। इसके अलावा 1953 में उन्होंने मायो स्वर्ण पदक जीता और 1954 से 1958 तक अजंता-वेरूला गुफाओं में ऐतिहासिक नक्काशी के कार्य से भी जुड़े रहे।

नोएडा से भी खास रिश्ता

नोएडा-ग्रेटर नोएडा जैसे शहरों में आज जिस तरह आधुनिक शहरी डिज़ाइन, सार्वजनिक कला (Public Art), म्यूज़ियम-केंद्रित सोच और बड़े स्मारक प्रोजेक्ट्स पर काम बढ़ रहा है, वहां राम सुतार का काम नई पीढ़ी के लिए सबसे बड़ा संदर्भ है। नोएडा के कई आर्किटेक्चर स्टूडियो और आर्ट स्पेस में उनकी शैली विशेषकर यथार्थवादी शिल्प, स्केल और डिटेलिंग को अध्ययन के रूप में देखा जाता रहा है। Noida News