Noida News : नोएडा (गौतमबुद्धनगर) लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने बड़ा खेला करते हुए राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। नोएडा सीट से राहुल अवाना को प्रत्याशी बनाने की घोषणा के साथ ही एक नई कहानी फैल गई है। दावा किया जा रहा है कि नोएडा सीट से चुनाव लडऩे के लिए राहुल अवाना ने चुनाव में 30 करोड़ रूपए खर्च करने का वायदा किया है। नोएडा से लेकर लखनऊ तक राहुल अवाना बनाम 30 करोड़ का किस्सा खूब चर्चाओं में है। नोएडा में अनेक सपा नेता 30 करोड़ रूपए का किस्सा सुना रहे हैं।
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क्या है पूरा मामला ?
समाजवादी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा नोएडा (गौतमबुद्घनगर) लोकसभा सीट से पूर्व में घोषित किए गए प्रत्याशी डॉ महेंद्र नागर का टिकट काटकर नोएडा के असगरपुर गांव निवासी राहुल अवाना को प्रत्याशी बना दिया है। चर्चा है कि प्रत्याशी बनाए गए राहुल अवाना ने हाल ही में लखनऊ में आयोजित पार्टी की एक बैठक में नोएडा सीट से चुनाव लडऩे पर 30 करोड रुपए खर्च करने का दावा किया था। उनके इस दावे के बाद ही हवा का रुख बदल गया और उन्हें यहां से प्रत्याशी घोषित कर दिया गया।
नोएडा में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बताया कि नोएडा सीट पर प्रत्याशी के चयन को लेकर बीते 15 मार्च को लखनऊ में एक बैठक आयोजित हुई थी। सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल इस बैठक में चुनाव लडऩे के इच्छुक उम्मीदवारों तथा वरिष्ठ नेताओं के साथ चुनाव को लेकर चर्चा कर रहे थे। इस दौरान नोएडा के एक पूर्व जिलाध्यक्ष ने मजाकिया लहजे में कहा कि गौतमबुद्धनगर विधानसभा सीट पर चुनाव लडऩे वाले ऐसे लोग ही दावेदारी करें जो 10 करोड रुपए खर्च करने की हिम्मत रखते हों। बताया जाता है कि एक पूर्व जिला अध्यक्ष ने 10 करोड रुपए खर्च करने का दावा किया लेकिन इस दौरान असगरपुर गांव निवासी राहुल अवाना ने चुनाव में 30 करोड रुपए खर्च करने की बात कहकर सबको चौंका दिया। हालांकि बैठक के अगले दिन 16 मार्च को नोएडा (गौतमबुद्धनगर) लोकसभा सीट से मिलकलच्छी गांव निवासी डॉ महेंद्र नागर को प्रत्याशी बनाने की घोषणा सपा आला कमान द्वारा कर दी गई।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि महेंद्र नागर के नाम की घोषणा होने के बाद भी राहुल अवाना सहित अन्य उम्मीदवारों ने टिकट मिलने की आस नहीं छोड़ी और वह लखनऊ में ही डेरा जमाये रहे। इस दौरान नोएडा के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने डॉ महेंद्र नागर पर संगठन की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी आलाकमान के यहां अपनी शिकायत दर्ज करा दी। वरिष्ठ नेताओं ने आला कमान को फीडबैक दिया कि भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. महेश शर्मा के मुकाबले चुनाव में डॉ. महेंद्र नागर खासे कमजोर साबित होंगे। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की शिकायत, फीडबैक तथा अन्य लोगों की दावेदारी की वजह से सपा आलाकमान को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बुधवार को सपा के शीर्ष नेतृत्व ने अपना फैसला बदलते हुए नोएडा (गौतमबुद्धनगर) लोकसभा सीट से राहुल अवाना को अपना प्रत्याशी घोषित कर पार्टी नेताओं को चौंका दिया। नोएडा (गौतमबुद्धनगर) लोकसभा सीट से जैसे ही डा. महेंद्र नागर का टिकट काटने तथा राहुल अवाना को प्रत्याशी बनाए जाने की सूचना फैली तो सपा नेता आश्चर्यचकित हो गए। राहुल अवाना को प्रत्याशी घोषित किए जाने पर पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने केवल यही कहा कि समाजवादी पार्टी अब समाजवाद को छोडक़र बसपा की राह पर चल निकली है।
चर्चा है कि राहुल अवाना द्वारा चुनाव में 30 करोड रुपए खर्च किए जाने के दावे की वजह से ही रातों-रात बाजी पलट गई। अपने इस दावे पर वह कितने खरे उतरेंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। बरहाल पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के इस निर्णय से निराश व हैरान कई वरिष्ठ नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलने के लिए लखनऊ रवाना हो चुके हैं। वहीं चर्चा है कि इस फैसले के विरोध में बड़ी संख्या में पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ता सपा को अलविदा कहकर जल्द ही भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
राहुल ने बताया अफवाह
30 करोड रुपए खर्च करने की चर्चा के बारे में जब प्रत्याशी राहुल अवाना से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह केवल विरोधियों की फैलाई हुई अफवाह है। वह किसान परिवार से हैं ऐसे में 30 करोड रुपए उनके लिए बहुत मायने रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह मजबूती के साथ लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
स्थानीय मुद्दों पर लड़ेगें चुनाव
नोएडा (गौतमबुद्धनगर) लोकसभा क्षेत्र से समाजवादी का प्रत्याशी घोषित होने के बाद राहुल अवाना ने शीर्ष नेतृत्व का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि वह स्थानीय युवाओं को रोजगार, किसानों की मुआवजा-आबादी संबंधी समस्याओं, बिल्डरों की तानाशाही से बॉयर्स को निजात दिलाने तथा बेरोजगारी व भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरेंगे।
प्रत्याशी श्री अवाना ने एक बातचीत के दौरान कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिस विश्वास के साथ उन्हें प्रत्याशी बनाया है, उस पर वह खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे। शीर्ष नेतृत्व ने किसान परिवार के एक स्थानीय युवा को क्षेत्र की सेवा करने का मौका दिया है। इससे स्थानीय लोगों का पार्टी के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ है। उन्होंने कहा कि वह पिछले डेढ़ दशक से राजनीति में सक्रिय हैं। इसलिए क्षेत्र की समस्याओं से भली भांति वाकिफ हैं। स्थानीय युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं, स्थानीय होने के कारण उन्हें नोएडा ग्रेटर नोएडा में लगे उद्योगों व कंपनियों में नौकरी नहीं मिल रही है। युवाओं के अलावा क्षेत्र के किसान भी खासे परेशान हैं। किसानों की मुआवजा व आबादी की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। श्री अवाना ने कहा कि शहरी क्षेत्र में रहने वाला एक बड़ा तबका बिल्डरों की तानाशाही से त्रस्त है। लाखों बॉयर्स बिल्डरों के मकडज़ाल में फंसे हुए हैं। वर्तमान सरकार द्वारा उनको निजात दिलाने की कोई पहल नहीं की गई। लोकसभा चुनाव में वह महंगाई, बेरोजगारी, भूख, भ्रष्टाचार के अलावा युवा, किसान तथा बिल्डरों की तानाशाही बॉयर्स के मुददे को लेकर चुनावी समर में उतरेंगे।
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