Noida News : नोएडा के एक सोसाइटी में जब फ्लैट खरीदार फ्लैट खरीद रहे थे उस समय दिखाए गए नक्शे में सोसाइटी के अंदर दुकानों का कहीं जिक्र नहीं था। अब सेक्टर-100 स्थित लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी में नक्शा पास करवाए बिना ही सोसाइटी के अंदर 35 दुकान बनाने की बात सामने आ रही है। जबकि फ्लैट खरीदते समय दिखाए गए नक्शे में इसका जिक्र नहीं था। फ्लैट खरीदारों का कहना है कि सोसाइटी के अंदर 35 दुकानें किसकी अनुमति से बनाई जा रही हैं।
आठ फ्लैट खरीदारों ने हाई कोर्ट में केस दायर किया
नोएडा प्राधिकरण से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत जवाब मांगा गया तो पता चला कि 2012 के बाद कोई नक्शा अप्रूव नहीं है। ऐसे में सोसाइटी के आठ फ्लैट खरीदारों ने हाई कोर्ट में केस दायर किया है और 70 फ्लैट खरीदार साथ जाने के लिए तैयार हो चुके हैं। लोटस बुलेवर्ड सोसाइटी निवासी गौरव छिब्बर ने बताया, पजेशन के समय से सोसाइटी के अंदर दो टावरों के बीच में एक यूटिलिटी बिल्डिंग ढांचे के तौर पर बनी हुई है। इस बिल्डिंग में फाइनल नक्शे के हिसाब से मेडिकल सेंटर, गेस्ट हाउस और को-वर्किंग एरिया बनाना था। 2024 में यहां पर निर्माण कार्य तेज गति से बढ़ने लगा और ढांचे के अंदर 35 दुकानें तैयार की जाने लगीं।
रेरा की वेबसाइट पर भी 2012 वाला नक्शा ही अपलोड
सोसाइटी निवासी प्रीति सिंह और देवाशीष चौधरी ने बताया, रेरा की वेबसाइट पर भी 2012 वाला नक्शा ही अपलोड है। यदि 2016 में नक्शा पास करवाया गया होता तो रेरा को वेबसाइट पर जरूर होना चाहिए था। स्थिति यह है कि यूटिलिटी बिल्डिंग बनाने के लिए एओए ने शनिवार और रविवार को भी निर्माण कार्य की अनुमति दी है।
सोसाइटी के अंदर मार्केट बनाना ठीक नहीं
सोसाइटी निवासियों ने बताया कि यहां पर कुल 30 टावर और 3600 फ्लैट हैं। यदि सोसाइटी के दो टावरों के बीच 35 दुकानें बनाई जाएंगी तो यहां पर एक तरह से मार्केट बन जाएगा। सोसाइटी के अंदर बहुत भीड़ बढ़ जाएगी। इससे शांति का वातावरण नहीं रहेगा। और सोसाइटी में जो शांति और स्पेस होना सोचकर लोग आए थे उन्हें वह कहीं नजर नहीं आएगी। भीड़ बढ़ने से यह सोसाइटी से ज्यादा बाजार नजर आएगा।
2016 में कोई नक्शा पास नहीं हुआ
इंटरिम रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) से सवाल किया तो कहा गया कि यह निर्माण कार्य 2016 के नक्शे के आधार पर किया जा रहा है। जबकि 2016 में कोई नक्शा पास नहीं हुआ है। नोएडा प्राधिकरण ने इसका जवाब आरटीआई में दिया है। हालांकि ग्रेप की वजह से निर्माण कार्य रुका हुआ है। बता दें कि सोसाइटी का बिल्डर दिवालिया होने के बाद से मामला नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनसीएलएटी) में चल रहा है। 2019 से यहां पर आईएआरपी नियुक्त हैं। Noida News
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