Noida News : सुरेन्द्र मोहन पाठक कोई सामान्य नाम नहीं है। यह एक ऐसे उपन्यास लेखक हैं जिनके उपन्यासों की दीवानगी पाठकों के सिर चढक़र बोलती है। इसी दीवानगी का नतीजा है कि दुनिया भर में फैले सुरेन्द्र मोहन पाठक के चाहने वाले 18 फरवरी को उत्तर प्रदेश के नोएडा शहर में अपने चहेते लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्मदिन मनाने के लिए एकजुट होंगे। सुरेन्द्र मोहन पाठक के करोड़ों फैंस हैं। सुरेन्द्र मोहन पाठक अब तक 300 से अधिक चर्चित उपन्यास लिख चुके हैं।
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क्या है कार्यक्रम
आपको बता दें कि सुरेन्द्र मोहन पाठक एक चर्चित उपन्यास लेखक हैं। इन दिनों सुरेन्द्र मोहन पाठक UP के नोएडा शहर में रहते हैं। 18 फरवरी को उनका जन्मदिन है। उनका जन्मदिन उनके चाहने वाले पाठक धूमधाम से मनाएंगे। नोएडा के सेक्टर-135 के एक फार्म हाउस में जन्मदिन का यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में सुरेन्द्र मोहन पाठक के दुनिया भर में रहने वाले रीडर भाग लेंगे। इस अनोखे कार्यक्रम में लेखक सुरेन्द्र मोहन पाठक अपने पाठकों से मिलकर उनके सवालों के जवाब भी देंगे। साथ ही सुरेन्द्र मोहन पाठक के चाहने वाले उन्हें सम्मानित भी करेंगे। उत्तर प्रदेश के किसी शहर में होने वाला यह अपनी तरह का पहला आयोजन है जिसमें किसी उपन्यास लेखक के पाठक बड़ी संख्या में एक स्थान पर एकजुट होकर अपने फेवरेट लेखक का जन्मदिन मनाने वाले हैं। इस कार्यक्रम का आयोजन सुरेन्द्र मोहन पाठक फैंस क्लब करेगा।
60 साल की मेहनत रंग लाई
इस विषय में चर्चित उपन्यासकार सुरेन्द्र मोहन पाठक का कहना है कि कभी जन्मदिन मनाने की इतनी ख्वाहिश नहीं रही। आज जब लोग इस तरह मेरा जन्मदिन मनाने के लिए उत्सुक दिखते हैं तो लगता है कि मेरी 60 साल की मेहनत रंग ले आई है। बेहद अच्छा लगता है उन पाठकों से मिलने में, जिन्होंने मेरी रचनाओं को हमेशा से पढ़ा है।
लेखन का मतलब क्षणिक सनसनी नहीं है
इस बीच प्रसिद्ध आलोचक राजेन्द्र कुमार की एक टिप्पणी भी सामने आई है। सुरेन्द्र मोहन पाठक के लेखन की आलोचना करते हुए उन्होंने लिखा है कि साहित्यकार वह है जो पाठक को विवेकशील बनाए, विचारवान बनाए। उसमें सही और गलत की समझ पैदा करें। आसपास जो गलत हो रहा है उसके खिलाफ बेचैनी पैदा करें। जासूसी उपन्यास लोकप्रिय भले हों, लेकिन दीर्घकालिक संदर्भों में इनकी कोई उपयोगिता नहीं है। ऐसा साहित्य केवल क्षणिक सनसनी पैदा कर सकता है। ऐसे साहित्य के प्रशंसकों की संख्या कई बार खासी होती है लेकिन इससे मुख्य धारा के साहित्य का महत्व कम नहीं हो जाता है।
कौन हैं सुरेन्द्र मोहन पाठक
आपको बता दें कि सुरेन्द्र मोहन पाठक एक लेखक हैं। आमतौर पर वें जासूसी उपन्यास लिखते हैं। साथ ही कहानी लेखन भी उनका पसंदीदा काम है। सुरेन्द्र मोहन पाठक का जन्म 18 फरवरी 1940 को भारत के पंजाब प्रदेश के खेमकरण में हुआ था। सुरेन्द्र मोहन पाठक अब तक 300 से अधिक पुस्तकें लिखकर प्रकाशित करवा चुके हैं। उनके प्रसिद्ध ग्रंथ पैंसठ लाख की डकैती, दिन दहाड़े डकैती, मवाली, मीना मर्डर केस, असफल अभियान, खाली वार, धमकी, जादूगरनी, तीन दिन, एक करोड़ का जूता, काला नाग, खाली मकान तथा एक ही रास्ता समेत अनेक चर्चित पुस्तकें हैं।
सुरेन्द्र मोहन पाठक के रीडरों (पाठकों) में 16 वर्ष के युवाओं से लेकर 80 वर्ष के बुजुर्ग तक शामिल हैं। पूरी दुनिया में सुरेन्द्र मोहन पाठक एक चर्चित नाम के रूप में प्रसिद्ध हो चुके हैं।
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