Thursday, 8 May 2025

नोएडा की ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना से बाहर हुए ये बिल्डर

Noida News : नोएडा प्राधिकरण के पहले से बकाएदार और डिफाल्टर की श्रेणी में पहुंच चुके बिल्डर प्राधिकरण से नई…

नोएडा की ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना से बाहर हुए ये बिल्डर

Noida News : नोएडा प्राधिकरण के पहले से बकाएदार और डिफाल्टर की श्रेणी में पहुंच चुके बिल्डर प्राधिकरण से नई संपत्ति नहीं ले पाएंगे। ऐसे बकाएदार बिल्डर जो समय पर प्राधिकरण का पैसा नहीं दे रहे हैं उन पर प्राधिकरण ने सख्ती शुरू कर दी है। दिसंबर में आई ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना में नीलामी से तीन डिफाल्टर बिल्डर को प्राधिकरण ने बाहर कर दिया है। ये बिल्डर आवेदन करने के बाद भी नीलामी में मान्य नहीं हुए। इन बिल्डरों को बाहर करने के बाद बाकी बिल्डरों की सूची परीक्षण व नीलामी की आधिकारिक स्वीकृति के लिए अधिकारियों को भेज दी गई है। इन दोनों प्लॉट की नीलामी प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्राधिकरण को 725 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसा मिलने की उम्मीद है। वहीं, बाहर किए जाने वाले इन बिल्डरों ने प्राधिकरण के इस फैसले के खिलाफ कई स्तर पर शिकायत की है। प्राधिकरण ने शिकायतों पर जवाब देकर तस्वीर साफ कर दी है।

डिफाल्टर श्रेणी के बिल्डरों पर प्राधिकरण ने सख्ती शुरू कर दी

नोएडा प्राधिकरण की तरफ से दिसंबर में सेक्टर-151 में दो ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की योजना लॉन्च की थी। दोनों प्लॉट का क्षेत्रफल 20-20 हजार वर्ग मीटर है। इनमें 2 हजार से ज्यादा फ्लैट बनेंगे। सेक्टर में अभी तक करीब 64 हजार वर्ग मीटर जमीन जेपी के पास है। बाकी जमीन पर आवासीय प्लॉट निकाले गए हैं। प्राधिकरण के यहां पर ग्रुप हाउसिंग के लिए 6 प्लॉट हैं। पहले चरण में दो प्लॉट निकाले गए हैं। लेकिन ऐसे बकाएदार बिल्डर जो समय पर प्राधिकरण का पैसा नहीं दे रहे हैं उन पर प्राधिकरण ने सख्ती शुरू कर दी है।

इन प्लॉटों का आवंटन भी नए नियमों से होगा

इन प्लॉट का आवंटन भी नए नियमों से होगा। इसमें प्लॉट लेने वाले बिल्डर को धनराशि जमा करने के लिए अबकी बार ज्यादा समय नहीं दिया जाएगा। 90 दिन में प्लॉट की कीमत देनी होगी। अभी तक यह समय 8 साल तक मिल जाता था। यह समय परियोजना पूरी होने के समय के हिसाब से तय हो जाता था। प्रति वर्ष दो किश्त बिल्डर के लिए प्राधिकरण बना देता था। लेकिन पिछले दिनों यह बात सामने आई है कि ग्रुप हाउसिंग के लिए जमीन लेने वाले बिल्डरों ने परियोजनाएं लाकर फ्लैट बेच दिए। लेकिन प्राधिकरण को प्लॉट की धनराशि नहीं दी। ऐसे में प्राधिकरण का पैसा फंस रहा था। इसलिए ग्रुप हाउसिंग प्लॉट की धनराशि लेने के नियम व शर्तों में प्राधिकरण ने बदलाव किया है। इसके साथ ही डिफाल्टर श्रेणी के बिल्डरों को भी बाहर रखने का निर्णय लिया है। Noida News

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