31 दिसंबर को बंद रहेंगे नोएडा के ये रास्ते, पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

यातायात से जुड़ी किसी भी समस्या या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9971009001 जारी किया गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि एम्बुलेंस, फायर सर्विस और अन्य आपातकालीन सेवाओं पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होंगे इन वाहनों की आवाजाही पूरी तरह सुचारू रखी जाएगी।

नोएडा ट्रैफिक एडवाइजरी
नोएडा ट्रैफिक एडवाइजरी
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 11:47 AM
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Noida News : न्यू ईयर सेलिब्रेशन को लेकर नोएडा पुलिस ने शहर के लिए विस्तृत ट्रैफिक एडवाइजरी जारी कर दी है। 31 दिसंबर (नववर्ष की पूर्व संध्या) और 1 जनवरी 2026 को नोएडा के प्रमुख मॉल, मार्केट और हाई-फुटफॉल जोन में भीड़ को देखते हुए पार्किंग मैनेमेंट, यातायात नियंत्रण और डायवर्जन लागू किए जाएंगे, ताकि जाम और अव्यवस्था से बचा जा सके। डीसीपी ट्रैफिक प्रवीण रंजन सिंह ने नोएडा के लोगों से अपील की है कि दोपहिया या चारपहिया से निकलने से पहले रूट प्लान और डायवर्जन की जानकारी जरूर लें और अनावश्यक रूप से भीड़ वाले इलाकों में निजी वाहन लेकर जाने से बचें। यातायात से जुड़ी किसी भी समस्या या सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर 9971009001 जारी किया गया है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि एम्बुलेंस, फायर सर्विस और अन्य आपातकालीन सेवाओं पर ये प्रतिबंध लागू नहीं होंगे इन वाहनों की आवाजाही पूरी तरह सुचारू रखी जाएगी।

कौन से कट बंद रहेंगे?

न्यू ईयर सेलिब्रेशन को देखते हुए नोएडा का सबसे व्यस्त हॉटस्पॉटसेक्टर-18 मार्केट बुधवार दोपहर 2 बजे से रात तक खास ट्रैफिक डायवर्जन के तहत चलेगा। भीड़ और जाम को कंट्रोल करने के लिए पुलिस ने साफ किया है कि सेक्टर-18 आने वाले वाहन चालक अपनी गाड़ी सेक्टर-18 मल्टीलेवल पार्किंग में ही खड़ी करेंगे और इसके बाद पैदल/ई-रिक्शा/पब्लिक ट्रांसपोर्ट से अपने गंतव्य तक जाएंगे। मल्टीलेवल पार्किंग तक पहुंचने के लिए अट्टापीर चौक से आने वाले वाहन HDFC बैंक कट से प्रवेश कर सकेंगे, जबकि रेडिसन तिराहा से भी पार्किंग की ओर आवाजाही चालू रहेगी। वहीं बाहर निकलने के लिए सेक्टर-18 मेट्रो स्टेशन के नीचे वाला कट, मोजेक होटल के पास मौजूद दोनों कट और सेक्टर-18 बिजलीघर तिराहा को निकास रूट के तौर पर खुला रखा जाएगा। जाम की आशंका वाले प्वाइंट्स पर मार्केट में सीधी एंट्री रोक दी गई है गुरुद्वारा सेक्टर-18 के आगे एफओबी से पहले और बाद के कट, मेट्रो सेक्टर-18 के नीचे से मार्केट की ओर जाने वाला मार्ग, और मोजेक होटल के पास के कट प्रवेश के लिए बंद रहेंगे। इसके अलावा सोमदत्त टावर–टॉय खजाना/हल्दीराम चौराहा से चाइना कट की तरफ कोई वाहन नहीं जाएगा और बिजलीघर तिराहा से सेक्टर-18 की ओर भी ट्रैफिक रोकने की व्यवस्था रहेगी। जरूरत पड़ने पर पुलिस सेक्टर-17/18 नलकूप तिराहा से नर्सरी तिराहा की ओर आने-जाने को भी अस्थायी रूप से नियंत्रित कर सकती है। साथ ही, नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने नर्सरी तिराहा–अट्टा चौक, मेट्रो सेक्टर-18 की ओर और मेट्रो सेक्टर-18 से अट्टापीर की ओर जाने वाले मार्ग को नो-पार्किंग जोन घोषित किया है यहां वाहन खड़ा मिला तो सीधा ई-चालान कटेगा। मॉल बेल्ट में भी नियम सख्त हैं: DLF मॉल (सेक्टर-18) के बाहर सड़क पर पार्किंग पर कार्रवाई होगी, वाहन केवल अंदर की पार्किंग में ही लगेंगे। GIP गार्डन गैलेरिया जाने वाले वाहन सेक्टर-37 साइड से आकर मॉल की इन-बिल्ट पार्किंग में जाएंगे, बाहर नो-पार्किंग में वाहन मिलने पर चालान/टाईंग तय है। लॉजिक्स सिटी सेंटर के सामने दबाव बढ़ने पर ट्रैफिक को लॉजिक्स तिराहा से सेक्टर-31/25 चौक की ओर डायवर्ट किया जा सकता है, जबकि स्काई वन और स्टर्लिंग मॉल के आसपास भीड़ बढ़ने पर हाजीपुर चौक और लोटस ब्लू वर्ड तिराहा से डायवर्जन लागू होगा। इसी तरह गुलशन मॉल (सेक्टर-135) और एडवान्ट नेविस बिजनेस पार्क (सेक्टर-137) के बाहर नो-पार्किंग में वाहन मिलने पर ई-चालान/टाईंग/प्रवर्तन की कार्रवाई की जाएगी।

पीक आवर्स में वैकल्पिक रूट अपनाएं

न्यू ईयर ईव और 1 जनवरी को नोएडा–ग्रेटर नोएडा बॉर्डर का सबसे संवेदनशील प्वाइंट किसान चौक (गौर सिटी मॉल चौक) रहेगा। भीड़ और जाम की स्थिति बनने पर नोएडा ट्रैफिक पुलिस ने पहले से वैकल्पिक रूट तय कर दिए हैं, ताकि उत्सव के बीच शहर की रफ्तार थम न जाए। ट्रैफिक प्लान के तहत नोएडा से गाजियाबाद की ओर जाने वाले वाहन मॉडल टाउन या छिजारसी मार्ग का इस्तेमाल करेंगे। वहीं नोएडा से ग्रेटर नोएडा जाने वालों को पर्थला गोलचक्कर से दाहिने मुड़कर सोरखा–बिसरख हनुमान मंदिर होते हुए आगे बढ़ना होगा। तिलपता से किसान चौक की तरफ आने वाला ट्रैफिक डी पार्क चौकी से चौगानपुर गोलचक्कर के रास्ते डायवर्ट किया जाएगा। इसी तरह गाजियाबाद से नोएडा आने वाले वाहन शाहबेरी या ताज हाईवे की जगह छिजारसी या मॉडल टाउन सेक्टर-62 होकर शहर में प्रवेश करेंगे। जबकि ग्रेटर नोएडा से पर्थला/किसान चौक की ओर आने वालों को बिसरख हनुमान मंदिर से बाएं मुड़कर सोरखा–पर्थला रूट अपनाने की सलाह दी गई है। उधर, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और आसपास के मॉल जोन में भी पार्किंग को लेकर सख्ती रहेगी। जगतफार्म मार्केट में वाहन केवल निर्धारित पार्किंग में ही खड़े किए जाएंगे सड़क पर पार्किंग मिली तो प्रवर्तन या सीज की कार्रवाई होगी। ग्राण्ड वेनिस मॉल आने वाले वाहन मॉल की पार्किंग में ही लगेंगे, बाहर नो-पार्किंग में वाहन मिलने पर ई-चालान/टाईंग तय है। परी चौक और आसपास अंसल व वेनिस मॉल की पार्किंग का उपयोग अनिवार्य रहेगा, जबकि अंसल मॉल जाने वाले वाहन सर्विस रोड से ही प्रवेश करेंगे। ट्रैफिक दबाव बढ़ने की स्थिति में पुलिस अल्फा गोलचक्कर और P-3 गोलचक्कर से वाहनों को डायवर्ट कर स्थिति संभालेगी।

एलिवेटेड रूट से सेक्टर-18 की ओर मॉल-वाहक वाहनों पर रोक

न्यू ईयर ईव पर नोएडा में ट्रैफिक दबाव को देखते हुए पुलिस ने सेक्टर-60 से एलिवेटेड रोड होकर सेक्टर-18 की तरफ आने वाले वाहनों पर खास प्रतिबंध लगाया है। ट्रैफिक पुलिस के अनुसार 31 दिसंबर 2025 को शाम 3:00 बजे से कार्यक्रम समाप्त होने तक इस रूट पर भारी, मध्यम और हल्के मॉल में सामान ढोने वाले (मॉल-वाहक) वाहनों की एंट्री बंद रहेगी। उद्देश्य साफ है सेक्टर-18 की ओर बढ़ती भीड़ के बीच एलिवेटेड रोड पर जाम न लगे और नोएडा की इमरजेंसी मूवमेंट व पब्लिक ट्रैफिक सुचारू बना रहे। ऐसे वाहन चालकों को सलाह दी गई है कि वे तय समय में वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करें, ताकि किसी तरह की असुविधा और कार्रवाई से बचा जा सके।

नोएडा ट्रैफिक पुलिस की अपील

नोएडा में न्यू ईयर नाइट को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने साफ अपील की है कि जाम और अव्यवस्था से बचने के लिए वाहन चालक सार्वजनिक सड़कों पर गाड़ी खड़ी करने से बचें और केवल निर्धारित पार्किंग स्थलों का ही इस्तेमाल करें। सड़क किनारे पार्किंग न सिर्फ ट्रैफिक को रोकती है, बल्कि मौके पर ई-चालान/टाईंग जैसी कार्रवाई भी हो सकती है। किसी भी तरह की यातायात समस्या या मार्गदर्शन के लिए नागरिक ट्रैफिक हेल्पलाइन 9971009001 पर संपर्क कर सकते हैं। पुलिस की सलाह है कि न्यू ईयर सेलिब्रेशन के दौरान समय पर निकलें, वैकल्पिक रूट अपनाएं और नोएडा की रफ्तार बनाए रखने में सहयोग करें। Noida News


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नोएडा में 2254 फर्मों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन रद्द, क्या है वजह?

अपर आयुक्त राज्यकर (ग्रेड-1) संदीप भागिया के मुताबिक, नई कंपनियों में इस तरह की कार्रवाई “असामान्य नहीं” मानी जाती। क्योंकि दस्तावेजों की कमी, गलत/अधूरी जानकारी और सत्यापन प्रक्रिया में विफलता अक्सर रद्दीकरण की सबसे बड़ी वजह बनती हैं।

नोएडा में ‘कागजी कंपनियों’ पर शिकंजा
नोएडा में ‘कागजी कंपनियों’ पर शिकंजा
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar30 Dec 2025 11:18 AM
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Noida News : नोएडा की कारोबारी हलचल के बीच एक बड़ा आंकड़ा सामने आया है। नोएडा की रफ्तार भरी कारोबारी दुनिया के बीच एक ऐसा आंकड़ा सामने आया है, जो शहर की “ग्रोथ स्टोरी” पर कई सवाल भी खड़े करता है। देश के तेजी से उभरते औद्योगिक और स्टार्टअप हब माने जाने वाले नोएडा–ग्रेटर नोएडा में बीते आठ महीनों के दौरान 2254 कंपनियों का जीएसटी पंजीकरण समाप्त कर दिया गया। ये वे फर्म थीं, जिनका अप्रैल से दिसंबर 2025 के बीच ही रजिस्ट्रेशन हुआ था, लेकिन बाद में जांच में व्यावसायिक गतिविधि कमजोर, लगातार शून्य रिटर्न, या मानकों का पालन न होने जैसी वजहों से वे विभाग की कसौटी पर खरी नहीं उतर सकीं। साफ है कि नोएडा में जहां नए कारोबार तेजी से जन्म ले रहे हैं, वहीं नियमों की सख्ती “कागजी कंपनियों” और निष्क्रिय फर्मों पर भी उतनी ही तेज़ी से कार्रवाई कर रही है।

लगातार शून्य रिटर्न और फर्जीवाड़ा बना कारण

राज्य जीएसटी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिन कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया गया, उनमें बड़ी हिस्सेदारी उन फर्मों की रही जिन्होंने लगातार ‘शून्य जीएसटी रिटर्न’ दाखिल किए। इसके साथ ही फर्जी इकाइयों की पहचान, कारोबार शुरू ही न होना और दस्तावेजों की सत्यता/पते का सत्यापन पूरा न हो पाना जैसी गड़बड़ियां भी प्रमुख कारण बनीं। अधिकारियों के मुताबिक नोएडा जैसे हाई-एक्टिविटी इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में यह ट्रेंड महज बंद होते कारोबार की कहानी नहीं, बल्कि सिस्टम की कड़ी स्क्रीनिंग और सख्त निगरानी का संकेत भी है।

1.25 लाख से ज्यादा कंपनियां जीएसटी नेटवर्क में

गौतमबुद्ध नगर में इस वक्त करीब 1.25 लाख कंपनियां जीएसटी में पंजीकृत हैं, जिनमें राज्य और केंद्रीय दोनों श्रेणियों के रजिस्ट्रेशन शामिल हैं। ऑटोमोबाइल से इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल से मशीनरी, मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग से सर्विस सेक्टर तक का मजबूत इकोसिस्टम ही नोएडा को NCR का बड़ा आर्थिक इंजन बनाता है। आंकड़े बताते हैं कि 1 अप्रैल से 28 दिसंबर 2025 के बीच जिले में 22,294 नई फर्मों ने जीएसटी पंजीकरण कराया, जिनमें से 20,040 अभी सक्रिय हैं। यानी लगभग 10 फीसदी इकाइयों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। अपर आयुक्त राज्यकर (ग्रेड-1) संदीप भागिया के मुताबिक, नई कंपनियों में इस तरह की कार्रवाई “असामान्य नहीं” मानी जाती क्योंकि दस्तावेजों की कमी, गलत/अधूरी जानकारी और सत्यापन प्रक्रिया में विफलता अक्सर रद्दीकरण की सबसे बड़ी वजह बनती हैं।

दस्तावेजी चूक से अटक रहा रजिस्ट्रेशन

जीएसटी अधिकारियों के मुताबिक, कई आवेदनों की जांच में गलत पैन विवरण, व्यवसाय की गलत कैटेगरी, दस्तावेज अधूरे, ओटीपी वेरिफिकेशन पूरा न करना और पते का ठोस प्रमाण न दे पाना जैसी गंभीर खामियां सामने आईं। अधिकारियों का संकेत साफ है कि नोएडा में जिस तेजी से स्टार्टअप्स और छोटे कारोबार पंजीकरण करा रहे हैं, उसी रफ्तार में अगर कागजी प्रक्रिया में लापरवाही हुई तो वह सीधे रजिस्ट्रेशन रद्द होने तक पहुंच सकती है। यानी ‘फास्ट ग्रोथ’ वाले इस कॉरिडोर में अब कंपनी बनाना जितना आसान दिखता है, नियमों पर खरा उतरना उतना ही जरूरी हो गया है।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन ऐसे करें

व्यवसायी www.gst.gov.in पोर्टल के जरिए बिना किसी बिचौलिए के स्वयं जीएसटी पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। पोर्टल के ‘सेवाएं’ सेक्शन में जाकर ‘नया पंजीकरण’ विकल्प चुनना होता है, जहां आवश्यक विवरण भरकर पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा सकती है। आवेदन जमा होने के बाद एआरएन नंबर के माध्यम से उसकी स्थिति भी आसानी से ट्रैक की जा सकती है। जीएसटी विभाग के अनुसार, पंजीकरण या सत्यापन से जुड़ी किसी भी तकनीकी या दस्तावेजी परेशानी पर कारोबारी नोएडा सेक्टर-148 स्थित राज्य जीएसटी कार्यालय में कार्यदिवसों के दौरान सीधे संपर्क कर सकते हैं,ताकि समय रहते त्रुटियां दूर हों और रजिस्ट्रेशन रद्द होने जैसी कार्रवाई से बचा जा सके। Noida News

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बढ़ते हुए प्रदूषण के साथ ही बढ़ रही है समाज की चिंता

नोएडा क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता तथा पत्रकार अंजना भागी ने अपने खास अंदाज में प्रदूषण की बढ़ती हुई चिंता का विश्लेषण किया है। हम यहां अंजना भागी का विश्लेषण ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं।

नोएडा की हवा फिर रेड जोन में
नोएडा की हवा फिर रेड जोन में
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar29 Dec 2025 03:54 PM
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Noida News : नोएडा से लेकर ग्रेटर नोएडा, दिल्ली अथवा NCR के हर शहर में हवा में फैला हुआ प्रदूषण विकराल रूप में सबके सामने है। नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में वायु की गुणवत्ता यानि AQI बार-बार पुराने सारे रिकार्ड तोडक़र हर रोज खराब स्तर पर दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा के नागरिकों की चिंता लगातार बढ़ रही है। नोएडा क्षेत्र में सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता तथा पत्रकार अंजना भागी ने अपने खास अंदाज में प्रदूषण की बढ़ती हुई चिंता का विश्लेषण किया है। हम यहां अंजना भागी का विश्लेषण ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं।

क्या आँखें बंद कर लेने से काम चल जाएगा

क्या कबूतर के आँखें बंद कर लेने से वह बिल्ली से बच सकता है? नहीं। और आज यही स्थिति हमारे समाज की हो रही है। हम प्रदूषण के सामने आँखें मूँदे बैठे हैं, यह सोचकर कि शायद खतरा टल जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि अब न कोई राम का नाम लेकर मरेगा, न रहीम कहने से। यदि लोग मरेंगे तो साँसों के घुटने से, साँस जनित बीमारियों से, फेफड़ों के रोग, कैंसर, अस्थमा और एलर्जी से। बच्चे से बुज़ुर्ग तक—कोई सुरक्षित नहीं इस अदृश्य युद्ध में न उम्र देखी जा रही है, न ताक़त। बच्चे, युवा और वृद्ध—सब समान रूप से इसकी चपेट में हैं। यह प्रदूषण किसी को चेतावनी नहीं देता, सीधे वार कर रहा है। और यह भी सच है।

प्यूरीफायर समाधान नहीं, भ्रम है

आज समाधान के नाम पर एयर प्यूरीफायर को जादुई यंत्र की तरह पेश किया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है— जो लोग दो वक्त की रोटी नहीं जुटा पा रहे, वे प्यूरीफायर कहाँ से खरीदेंगे? कहाँ लगाएंगे? और बिजली के भरोसे अपने फेफड़ों को कैसे बचाएँगे? इलाज- सरकारी और निजी—दोनों की त्रासदी। सरकारी अस्पतालों में दवा मिल गई तो आप बच गए, दवा नहीं मिली तो अगली सुबह फिर वही रोगी को लगने को लंबी लाइन। निजी अस्पतालों में इलाज कराइए तो एक व्यक्ति शायद ठीक हो जाए, लेकिन पूरा परिवार आर्थिक रूप से बीमार हो जाता है। यह भी एक तरह की मौत ही है—धीमी और पीड़ादायक।

600-700 के पार : जब प्रदूषण यंत्र भी चुप हो जाता है

जब प्रदूषण का स्तर 600-700 के पार चला जाता है, तो उसके आँकड़े भी बोलना बंद कर देते हैं। नोएडा के सेक्टर 98 जैसे इलाक़ों में, जहाँ प्रदूषण मापने वाले यंत्र लगे हैं, वहाँ लगातार पानी की बौछारें चल रही हैं। प्रश्न यह है— क्या यही अब आम आदमी का भविष्य बनने वाला है? प्रदूषण जाति नहीं, फेफड़े और उनकी मजबूती के आधार पर प्रहार करता है प्रदूषण यह नहीं पूछता कि आप किस जाति, वर्ग या धर्म के हैं। वह केवल यह देखता है कि आपके फेफड़ों की सहनशक्ति कितनी है। आसमान आज भी नीला है—उम्मीद जि़ंदा है सबसे बड़ी सच्चाई यह है कि आसमान हर समय काला नहीं रहता।

वह आज भी कई बार नीला दिखाई देता है। इसका अर्थ साफ़ है— यह समस्या लाइलाज नहीं है। लेकिन इसके लिए सामूहिक संकल्प चाहिए। एक ही शहर, और कई तरह की साँसें अपने ही शहर में चलिए— कुछ जगहों पर हवा खुली लगती है, और कुछ जगहों पर जहाँ आज भी लोग चूल्हे पर रोटी बनाते हैं, जहाँ हर काम आग जलाकर होता है वहाँ साँस लेना भी किसी त्योहार से कम नहीं।

धूल, सडक़ें और PM 2.5

सडक़ों पर अत्यधिक भार के कारण बारीक धूल हर समय उड़ती रहती है। यह धूल आसमान तक तो शायद नहीं जाती, लेकिन इंसान की साँस की ऊँचाई तक जरूर पहुँच जाती है। यदि सडक़ों का भार हटे, पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सक्रिय किया जाए, और PM 2.5 को नियंत्रित करने के ठोस उपाय हों— तो बड़ा बदलाव संभव है। सर्दी से बचने के लिए या कूडे से पीछा छुड़ाने के लिए ही पॉलिथीन, कूड़ा, लकड़ी जो कुछ भी जलाया जा रहा है, उस पर यदि थोड़ा-सा भी नियंत्रण हो, तो यकीन मानिए हालात बेहतर हो सकते हैं। यह जंग अकेली सरकार नहीं लड़ सकती यह युद्ध केवल सरकार का नहीं है। यह जंग हर नागरिक को लडऩी होगी। सरकार को तो नियंत्रण और अपने हर नागरिकों के जीवन का सम्मान हम पद, प्रतिष्ठा और अधिकारों के लिए लड़ते रहे, अपने-अपने घरों में प्यूरीफायर लगाकर यह मानकर सो गए कि हम सुरक्षित हैं। लेकिन क्या कोई 24 घंटे प्यूरीफायर के सामने बैठकर जीवन जी सकता है? क्या प्यूरीफायर को साथ लेकर सडक़ों पर चलना संभव है? ऑक्सीजन सिलेंडर से पहले चेत जाना होगा। इससे पहले कि  वह समय आए जब हर व्यक्ति ऑक्सीजन सिलेंडर लगाकर सडक़ पर निकले हमें जागना होगा। हर व्यक्ति को पर्यावरण का सिपाही बनना होगा। आज नहीं तो बहुत देर हो जाएगी। नवंबर में बढ़ी मौतों की संख्या यदि हर वर्ष इसी तरह बढ़ती रही, तो यह आँकड़ा घटेगा नहीं और भयावह होता जाएगा। प्रदूषण के खिलाफ पहल हमें ही करनी होगी। आज नहीं तो कल— लेकिन अगर अब भी नहीं, तो शायद बहुत देर हो जाएगी। हर सुबह यदि आप अपने फोन में देखें तो वह आपको प्रदूषण की असली दर बता रहा है कभी 600, 700 या जो कुछ भी है। Noida News


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