Noida News : नोएडा शहर के अलग-अलग सेक्टरों से बिजली की किल्लत (समस्या) की खबरें आती ही रहती हैं। नोएडा के सेक्टर-11 में गर्मी के मौसम में बिजली की किल्लत नहीं होगी। यह दावा सेक्टर-11 की आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अंजना भागी ने किया है। इस विषय में अंजना भागी ने अपने खास अंदाज में एक पोस्ट (आर्टीकल) लिखा है। इस पोस्ट में दावा किया गया है कि नोएडा शहर के सेक्टर-11 में बिजली की समस्या नहीं होगी। हम यहां चेतना मंच (Chetna Manch) की प्रतिनिधि तथा नोएडा के सेक्टर-11 आरडब्ल्यूए (RWA) की अध्यक्ष अंजना भागी की पोस्ट (आर्टीकल) को ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं।
गर्मी की शुरुआत (UPPCL) विभाग से एक मुलाकात के साथ : अंजना भागी
1 मार्च मतलब गर्मी की शुरुआत लगभग सभी सेक्टरो को गर्मियों में बिजली विभाग (UPPCL) से बहुत शिकायतें रहती हैं। कई बार तो उन शिकायतों की कोई लिमिट ही नहीं रहती। इन संभावनाओं से बचने के लिए ही हमने अपने सेक्टर में मार्च के पहले ही दिन यूपीपीसीएल विभाग से एक मीटिंग रखने की ठानी। अत: मैं अपने सेक्टर के यूपीपीसीएल विभाग के एसडीओ संजय सागर तथा बिजली विभाग के जे ई मनोज भारद्वाज से मिलने गई। कई बार ऐसी बहुत सी भ्रांतियां होती हैं जिनके बारे में आम जन को पता ही नहीं होता है। कभी-कभी हम लोग इतने सावधान भी नहीं रहते हैं कि यदि उन पर काम कर लिया जाए तो बहुत सी अनियमिताओं से बचा जा सकता है।
फिर भी गर्मी में निर्बाध बिजली आने में इतनी बाधाएं क्यों हो जाती हैं ? इसके पीछे जो कारण है यदि उन पर ही काम कर लिया जाए तो इसकी संभावनाएं घट भी जाती हैं । जैसे कि नोएडा में बिजली की तारें काफी जगह पर पुरानी हैं। उन्हें बदलने के लिए बिजली विभाग को फंड्स की दरकार है। पिछ्ली गर्मियों में फोनरवा अध्यक्ष योगेन्द्र शर्मा ने इसके लिये बहुत भाग दौ? की भी। फंड्स रिलीज़ भी हुए और बहुत सी समस्याओं का समाधान भी हुआ था पर यदि देखा जाए तो कमी अभी भी है।
जैसे कि यूपी में अभी भी इंसुलेटेड वायरिंग नहीं है। जिसके कारण जो भी तार पेड़ों की शाखाओं से टकराती हैं वहीं पर चिंगारियां उठती हैं। शॉर्ट सर्किट होता है और लाइट जाती है। जब लाइट जाती है तो आने में समय भी लगता ही है। गर्मी की लू और तारों का टकराना लगभग रोज ही हो जाता है। कुछ सैक्टरों में आरडब्लूए सावधान रहती हैं। जैसे सैक्टर-14, 14ए, 15ए, 17, 21, 25 अन्य बहुत से सैक्टर हैं। लेकिन कहीं-कहीं पर बिजली विभाग भी अत्यंत कर्मठ है। जैसे कि सैक्टर-11 में एसडीओ संजय सागर तथा जेई मनोज जी। आर के उप्रेती अध्यक्ष सेक्टर-62 के अनुसार उनके सेक्टर में भी गर्मी हो या सर्दी बिजली की समस्याएं न बराबर ही हैं।
दूसरा कारण जहां भी ट्रांसफार्मर होते हैं उसके आसपास कच्ची जमीन होती है। समय पर खरपतवार अपने आप ही निकल आती है। वह खरपतवार ट्रांसफार्मर में जाती तारों के साथ टकराता है। अत: कभी ट्रांसफार्मर में आग लग जाती है। ट्रांसफार्मर खराब हो जाते हैं। ट्रांसफार्मर बदलवाना इसमें सबसे अधिक समय लगता है.. अब यदि खराबी रात में आई तो बिजली विभाग और रेजिडेंट दोनों की ही आफत है।
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फिर तीसरा है ट्रांसफार्मर में ट्रिपिंग। यदि इन पर काम कर लिया जाए तो पॉवर कट से बचाव हो सकता है, लेकिन इसके बारे में जानकारी होना और इसको समस्या समझना इस पर काम करना यह जिम्मेदारी बिजली विभाग के साथ-साथ आरडब्लूए की जागरूकता पर भी निर्भर करता है। इस पर बातचीत करने के लिए जब अंजना भागी, एसडीओ संजय सागर के पास गई तो यह जानकर बहुत ही अच्छा लगा कि मनोज भारद्वाज ने यह सब काम पहले ही करवा लिए हैं। सेक्टर-11 आधा इंडस्ट्रियल, आधा रेजिडेंशियल है। इसलिए समस्याएं भी बहुत अधिक झेलता रहा है।
हमारी शिकायत करने से पहले ही सारी तारें जहां-जहां शाखाएं उनको छू रही थी। पहले ही छंटवा दी थी जहां-जहां हमारे सेक्टर में ट्रांसफार्मर लगे हैं वहां से खरपतवार बिल्कुल साफ ट्रिपलिंग पर वह पहले ही काम कर चुके हैं। इससे भी बड़ी विशेषता इन ऑफिसर्स की यह है कि इनके लाइनमैन हर वक्त उपलब्ध हैं। जरा सी दिक्कत आए किसी के घर में या लाइन में शिकायत करते ही लाइनमैंन भाग पड़ते हैं और उस कमी को दूर किया जाता है। गर्मी है बिजली अधिक चाहिए, लेकिन यदि हम भी बिजली का सदुपयोग करें दुरूपयोग नहीं जैसे कि एक बड़े कमरे में एक ही व्यक्ति ऐसी चलाकर ना बैठे, परिवार के साथ एक जगह बैठ जाएं इसमें आपको भी यूपीपीसीएल विभाग से शिकायत शायद कम हो जाए। अपने प्राकृतिक संसाधनों का भी हम सही इस्तेमाल करें।
फिर भी बहुत से सेक्टरों के निवासियों का यह भी कहना है कि मीटर रीडर सिर्फ एक बार महीने में रीडिंग लेने आते हैं। ऐसे में यदि आप उपलब्ध नहीं तो मीटर रीडिंग कुछ भी आ जाती है। तब शुरू होते हैं बिजली विभाग में चक्कर पर चक्कर। कुछ लोगों का ये भी कहना है कि यदि आप बिजली का बिल पांच तारीख से पहले जमा करने चले जाये तो अधिकांशत सुनने में आता है कि अभी सॉफ्ट वेयर खराब है।
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