12वीं फेल वाले मनोज शर्मा की तरह दिलचस्प है इस IPS अफसर की भी सफलता की कहानी

Success Story : जीवन में एक बार की असफलता बड़ी से बड़ी सफलता का मार्ग खोल सकती है। आज हम आपको भारत के एक ऐसे शानदार IPS अफसर की सफलता की कहानी बता रहे हैं जो लाखों युवाओं को प्रेरणा दे रही है। हाल ही में आई चर्चित फिल्म 12वीं फेल में जिस IPS अफसर मनोज शर्मा की कहानी को दर्शाया गया है। हमारे आज के IPS अफसर की कहानी भी उसी से मिलती-जुलती कहानी है।
Success Story of IPS Umesh Ganpat Khandbahale
पश्चिम बंगाल में तैनात हैं 12वीं फेल IPS अफसर
आपको बता दें कि पश्चिमी बंगाल के एक जिले का नाम जलपाईगुड़ी है। जलपाईगुड़ी के एसपी हैं शानदार IPS अफसर उमेश गणपत खंडबहाले। उमेश कक्षा-12 में अंग्रेजी विषय में फेल हो गए थे। अपने फेल होने को उमेश ने अपने मार्ग की बाधा नहीं बनने दिया। जमकर मेहनत की और IPS अफसर बनकर आज परिवार, समाज तथा देश की खूब सेवा कर रहे हैं। IPS अफसर उमेश की कहानी 12वीं फेल फिल्म में दिखाई गई IPS अफसर मनोज शर्मा की कहानी से खूब मेल खाती है। 12वीं फेल फिल्म को देखकर उमेश गणपत खंडबहाले ने कहा कि हार के आगे हमेशा जीत होती है। कभी भी एक असफलता से हताश नहीं होना चाहिए। लगातार प्रयास करके बड़ी से बड़ी सफलता अर्जित की जा सकती है।
जानिए इस IPS की सफलता की कहानी
महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक में त्र्यंबकेश्वर के नजदीक महिरावणी गांव के रहने वाले उमेश गणपत खंडबहाले 12वीं कक्षा में अंग्रेजी विषय में फेल हो गए थे। वर्ष 2003 में अंग्रेजी में उनके केवल 21 नंबर आए थे। परीक्षा में फेल होने के बाद उन्हें उनके पिता ने अपने साथ काम में लगा लिया। उन्होंने घर के गुजारे के लिए दो साल तक दूध बेचा।
वह दिन उमेश खंडबहाले की जिंदगी में टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ जब वह अपने नासिक जाने के रास्ते में पडऩे वाली यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी (वाईसीएमओयू) के सामने रुक गए। उमेश ने यूनिवर्सिटी के शिक्षकों से यूनिवर्सिटी के बारे में पूछा। तब उन्हें ओपन एजुकेशन सिस्टम के बारे में पता चला। उन्होंने महाराष्ट्र में रहकर ही ओपन से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद बीएससी हॉर्टिकल्चर में एडमिशन लिया। इसके बाद उन्होंने केटीएचएम कॉलेज से इंग्लिश में बीए और इंग्लिश लिटरेचर में एमए किया।
उमेश वर्ष 2012 में भारत की राजधानी दिल्ली गए और 26 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) का पहला अटेम्प दिया। वर्ष 2015 में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर वह आईपीएस अफसर बने। यूपीएससी परीक्षा में उन्हें 704वां रैंक मिला।
उमेश अपने गांव से आईपीएस अफसर बनने वाले पहले शख्स थे। आज उमेश एक सफल IPS अधिकारी हैं। अपनी आईपीएस की नौकरी के साथ ही साथ उमेश ढ़ेेर सारे युवक-युवतियों को UPSC की परीक्षा में सफल होने के टिप्स भी देते रहते हैं। अब आपको समझ में आ गया होगा कि हमारे IPS अफसर उमेश की कहानी पूरी तरह से 12वीं फिल्म फेल वाले मनोज शर्मा की कहानी से कितना मेल खाती है।
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Success Story of IPS Umesh Ganpat Khandbahale
पश्चिम बंगाल में तैनात हैं 12वीं फेल IPS अफसर
आपको बता दें कि पश्चिमी बंगाल के एक जिले का नाम जलपाईगुड़ी है। जलपाईगुड़ी के एसपी हैं शानदार IPS अफसर उमेश गणपत खंडबहाले। उमेश कक्षा-12 में अंग्रेजी विषय में फेल हो गए थे। अपने फेल होने को उमेश ने अपने मार्ग की बाधा नहीं बनने दिया। जमकर मेहनत की और IPS अफसर बनकर आज परिवार, समाज तथा देश की खूब सेवा कर रहे हैं। IPS अफसर उमेश की कहानी 12वीं फेल फिल्म में दिखाई गई IPS अफसर मनोज शर्मा की कहानी से खूब मेल खाती है। 12वीं फेल फिल्म को देखकर उमेश गणपत खंडबहाले ने कहा कि हार के आगे हमेशा जीत होती है। कभी भी एक असफलता से हताश नहीं होना चाहिए। लगातार प्रयास करके बड़ी से बड़ी सफलता अर्जित की जा सकती है।
जानिए इस IPS की सफलता की कहानी
महाराष्ट्र प्रदेश के नासिक में त्र्यंबकेश्वर के नजदीक महिरावणी गांव के रहने वाले उमेश गणपत खंडबहाले 12वीं कक्षा में अंग्रेजी विषय में फेल हो गए थे। वर्ष 2003 में अंग्रेजी में उनके केवल 21 नंबर आए थे। परीक्षा में फेल होने के बाद उन्हें उनके पिता ने अपने साथ काम में लगा लिया। उन्होंने घर के गुजारे के लिए दो साल तक दूध बेचा।
वह दिन उमेश खंडबहाले की जिंदगी में टर्निंग प्वॉइंट साबित हुआ जब वह अपने नासिक जाने के रास्ते में पडऩे वाली यशवंतराव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी (वाईसीएमओयू) के सामने रुक गए। उमेश ने यूनिवर्सिटी के शिक्षकों से यूनिवर्सिटी के बारे में पूछा। तब उन्हें ओपन एजुकेशन सिस्टम के बारे में पता चला। उन्होंने महाराष्ट्र में रहकर ही ओपन से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद बीएससी हॉर्टिकल्चर में एडमिशन लिया। इसके बाद उन्होंने केटीएचएम कॉलेज से इंग्लिश में बीए और इंग्लिश लिटरेचर में एमए किया।
उमेश वर्ष 2012 में भारत की राजधानी दिल्ली गए और 26 साल की उम्र में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (UPSC) का पहला अटेम्प दिया। वर्ष 2015 में अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रैक कर वह आईपीएस अफसर बने। यूपीएससी परीक्षा में उन्हें 704वां रैंक मिला।
उमेश अपने गांव से आईपीएस अफसर बनने वाले पहले शख्स थे। आज उमेश एक सफल IPS अधिकारी हैं। अपनी आईपीएस की नौकरी के साथ ही साथ उमेश ढ़ेेर सारे युवक-युवतियों को UPSC की परीक्षा में सफल होने के टिप्स भी देते रहते हैं। अब आपको समझ में आ गया होगा कि हमारे IPS अफसर उमेश की कहानी पूरी तरह से 12वीं फिल्म फेल वाले मनोज शर्मा की कहानी से कितना मेल खाती है।
