Kasinthuni Vishwanath passed away : फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का निधन, कई हस्तियों ने जताया शोक

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Kasinthuni Vishwanath passed away: Filmmaker Kasinthuni Vishwanath passed away, many celebrities mourned
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calendar01 Dec 2025 07:11 AM
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Kasinthuni Vishwanath passed away : दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित मशहूर फिल्मकार कसीनथुनी विश्वनाथ का हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे। सूत्रों ने बताया कि विश्वनाथ काफी समय से बीमार थे और उन्हें उम्र संबंधी पेरशानियां थीं। उन्होंने बृहस्पतिवार देर रात अस्पताल में अंतिम सांस ली। ‘कलातपस्वी’ के नाम से मशहूर विश्वनाथ का जन्म फरवरी 1930 में आंध्र प्रदेश में हुआ था।

Kasinthuni Vishwanath passed away :

  तेलुगु सिनेमा के अलावा तमिल और हिंदी फिल्मों में भी उन्होंने काफी लोकप्रियता हासिल की थी। वह दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किए जाने वाले 48वें शख्स थे। इस पुरस्कार को भारतीय सिनेमा का सर्वोच्च सम्मान माना जाता है। उन्हें 2016 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से नवाजा गया था। पूर्व उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने ट्वीट किया, ‘‘प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक के विश्वनाथ के निधन के बारे में सुनकर बेहद दुखी हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘फिल्म निर्माता के तौर पर विश्वनाथ ने अपनी फिल्मों को वैश्विक मंच पर पहचान दिलवाई। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। ओम शांति।’’ तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी विश्वनाथ के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में राव के हवाले से कहा गया है, ‘‘विश्वनाथ प्रतिष्ठित फिल्म निर्देशक थे, जिन्होंने साधारण कहानियों को अपनी अद्भुत प्रतिभा के दम पर बड़े पर्दे पर एक ‘क्लासिक फिल्म’ के रूप में पेश किया।’’आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने कहा, ‘‘विश्वनाथ तेलुगु संस्कृति व भारतीय कलाओं का आईना हैं। उनके निर्देशन में बनी फिल्मों ने तेलुगु फिल्म उद्योग को अद्वितीय सम्मान दिलाया। वह एक कलाकार के रूप में तेलुगु भाषी लोगों के दिलों में हमेशा रहेंगे।’’ अभिनेता चिरंजीवी ने ट्वीट किया, ‘‘सदमे में हूं। के विश्वनाथ का जाना भारतीय/तेलुगु सिनेमा और मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से एक अपूरणीय क्षति है। कई बेहतरीन फिल्में देने वाले महान फिल्मकार हमेशा (यादों में) जिंदा रहेंगे। ओम शांति।’’ फिल्म उद्योग से जुड़े कई अन्य लोगों ने भी विश्वनाथ के निधन पर शोक जताया।   बतौर ‘साउंड आर्टिस्ट’ अपने करियर की शुरुआत करने वाले विश्वनाथ ने ‘शंकराभरणम’, ‘सागर संगमम’, ‘स्वाति मुत्यम’, ‘सप्तपदी’, ‘कामचोर’, ‘संजोग’ और ‘जाग उठा इंसान’ जैसी हिट फिल्मों का निर्देशन किया, जिन्होंने कई पुरस्कार भी अपने नाम किए। अपने शानदार करियर में उन्हें 1992 में पद्म श्री, पांच बार राष्ट्रीय पुरस्कार, 20 नंदी पुरस्कार (आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाला पुरस्कार) और ‘लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार’ सहित 10 फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिले।विश्वनाथ ने अपने करियर में करीब 50 फिल्में बनाईं। तेलुगु फिल्म उद्योग के एक प्रसिद्ध फिल्म निर्माता होने के साथ ही उन्होंने तमिल और हिंदी सिनेमा के लिए भी काम किया।

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बड़ी खबर: भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत पर लगा हत्या का आरोप फिर सुर्खियों में

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Muzaffarnagar
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 11:55 AM
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Muzaffarnagar News: मुजफ्फरनगर (उत्तर प्रदेश)। राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष रहे स्व. जगबीर सिंह की हत्या का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। 2003 में हुए इस हत्याकांड के 20 वर्ष बाद अब अदालत ने 7 फरवरी से नियमित सुनवाई के आदेश दिए हैं। इस प्रकरण में भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौ. नरेश टिकैत भी नामजद हैं। श्री टिकैत जाट समाज की बालियान खाप के मुखिया भी हैं।

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आपको बता दें कि 6 सितंबर 2003 को मुजफ्फरनगर के अलावलपुर माजरा गांव में किसान नेता चौधरी जगबीर सिंह की हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में माजरा गांव के प्रवीण व बिट्टू नामक युवकों के साथ ही स्व. चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र नरेश टिकैत को भी नामजद किया गया था। पुलिस व सीबीसीआईडी की जांच में चौधरी नरेश टिकेत को निर्दोष करार दे दिया गया था। बाद में अदालत ने नरेश टिकैत को दोषमुक्त मानने से इनकार करते हुए केस की सुनवाई शुरू कर दी थी।

सब जानते हैं कि इन दिनों चौधरी नरेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्हीं की अगुवाई वाले संगठन भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत देश के प्रमुख किसान नेता है। चौधरी जगबीर सिंह की हत्या के मामले में बृहस्पतिवार यानि 2 फरवरी 2023 को मुजफ्फरनगर स्थित कचहरी में अपर जिला जज अशोक कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। इस सुनवाई में उत्तर प्रदेश के चर्चित आईपीएस अधिकारी नवनीत सिकेरा अदालत में पेश हुए।

बता दें कि स्व. जगबीर सिंह की हत्या वाले दिन ही नवनीत सिकेरा ने मुजफ्फरनगर में एसपी का पदभार संभाला था। उनके एसपी बनने वाली रात को ही यह हत्या हुई थी। इस प्रकरण में उनकी गवाही को बेहद अहम माना जा रहा है। अपर जिला जज अशोक कुमार ने 7 फरवरी 2023 से इस मामले की नियमित सुनवाई करने का फैसला करके इस प्रकरण को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। श्री टिकैत पर लगे हत्या के आरोप को लेकर अब नए सिरे से देशभर में तरह- तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं हैं। जहां श्री टिकैत के समर्थक इस मामले में राजनीतिक कारणों नामजदगी होने की बात कह रहे हैं, वहीं उनके विरोधी इस प्रकरण को खूब बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे हैं।

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Punjab News : जालंधर पुलिस आयुक्त के खिलाफ CBI ने प्रारंभिक जांच दर्ज की

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Punjab News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar03 Feb 2023 02:09 AM
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Punjab News/नई दिल्ली। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने जालंधर के पुलिस आयुक्त कुलदीप सिंह चहल के खिलाफ उनके चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) कार्यकाल के दौरान कथित भ्रष्टाचार और कदाचार के लिए प्राथमिक जांच दर्ज की है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

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उन्होंने बताया कि सीबीआई ने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित के एक संदर्भ पर जांच शुरू की है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 2009 बैच के अधिकारी चंडीगढ़ में प्रतिनियुक्ति पर थे। उन्हें पिछले साल दिसंबर में केंद्र शासित प्रदेश में उनके तीन साल के कार्यकाल के पूरे होने के 10 महीने पहले ही अपने मूल कैडर पंजाब में वापस भेज दिया गया था। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल को लिखे पत्र में चहल की समय से पूर्व वापसी और हरियाणा कैडर के एक आईपीएस अधिकारी को प्रभार सौंपे जाने पर हैरानी जताते हुए कहा था कि यह केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के संचालन में राज्यों के बीच के संतुलन को बिगाड़ने वाला है। पुरोहित ने कहा था कि मान ने चहल की मूल कैडर वापसी पर उन्हें लिखने से पहले “तथ्यों का पता नहीं” लगाया था। राज्यपाल ने कहा था कि उनके खिलाफ कदाचार की शिकायतें मिलने के बाद अधिकारी को उनके मूल कैडर में वापस भेज दिया गया था। उन्होंने कहा कि उन्होंने चहल को हटाने के अपने फैसले के बारे में 28 नवंबर को पंजाब के मुख्य सचिव को भी अवगत कराया था। पुरोहित ने एक दिन बाद मान को एक पत्र लिखा था। मान ने चहल को पद से समय से पहले वापस भेजे जाने के बाद चंडीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) का प्रभार हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी को दिए जाने पर सवाल उठाया था।

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