Jewar Airport: जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में खर्च होंगे 29560 करोड़ रूपये, सितंबर 2024 तक शुरू हो जाएंगी उड़ानें

Jewar airport
Greater Noida News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:44 AM
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Jewar Airport : ग्रेटर नोएडा/यमुना सिटी (चेतना मंच)। जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण में कुल 29560 करोड़ रूपये खर्च होंगे। यह जानकारी एयरपोर्ट का निर्माण करने वाली ज्यूरिख की कंपनी एयरपोर्ट इंटरनेशनल लि0 के सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन तथा सीओओ किरन जैन ने मीडिया को दी।

Jewar Airport

प्रेस वार्ता के दौरान दोनों अधिकारियों ने बताया कि यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड द्वारा 5,730 करोड़ रुपए की लागत से देश का सबसे बड़ा हवाईअड्डा बनाया जा रहा है। यह एयरपोर्ट 1,300 हेक्टेयर जमीन में फैला हुआ है। इसका निर्माण चार चरणों में किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण कार्य सितंबर 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। पहले चरण में एक रनवे तथा एक टर्मिनल शुरू किया जाएगा। जिसकी क्षमता 12 मिलियन यात्री प्रतिवर्ष की होगी।

किरण जैन ने बताया कि दूसरे चरण के तहत दो टर्मिनल एवं दो रनवे का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस टर्मिनल के शुरू होने से प्रति वर्ष इस एयरपोर्ट से 70 मिलियन यात्री हवाई यात्रा कर सकेंगे।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 6,200 हेक्टेयर जमीन पर बनाया जाएगा। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण चार चरण में किया जाएगा। पहला चरण 2024 तक पूरा होगा। इसमें 1,334 हेक्टेयर जमीन का विकास होगा। दूसरा चरण साल 2032 तक पूरा होगा। तीसरा चरण 2037 और चौथा चरण 2050 तक पूरा होगा। इस तरह चारों चरण को मिलाकर यह 29,560 करोड रुपए की परियोजना है।

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मुंबई में रुबेला और खसरा संक्रमण का कहर, बढ़ते मामले को देख सजग हुआ स्वास्थ्य मंत्रालय, शुरू हुआ वैक्सीनेशन

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:53 AM
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Mumbai- देश की आर्थिक राजधानी मुंबई कि स्लम इलाकों में खसरा और रूबेला संक्रमण का मामला बढ़ने की वजह से राज्य में दहशत का माहौल है। कोरोना और स्वाइन फ्लू के बाद अब स्लम इलाकों में फैल रहे खसरा और रूबेला संक्रमण कि पढ़ते हुए मामले को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एक्टिव मोड पर आ गया है। स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से एक खास टीम तैयार की गई है जो राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर संक्रमण को फैलने से रोकने व आवश्यक रोकथाम के उपायों पर काम करेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मुंबई (Mumbai) में खसरा और रूबेला के मामलों में रोकथाम के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित की गई है। इस टीम में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र नई दिल्ली, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज नई दिल्ली, व स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के क्षेत्रीय कार्यालय पुणे महाराष्ट्र के विशेषज्ञ शामिल है।bइस टीम का नेतृत्व कर रहे हैं डॉक्टर अनुभव श्रीवास्तव, उपनिदेशक एकीकृत रूप निगरानी कार्यक्रम एनसीडीसी मंत्रालय की तरफ से।

बढ़ते मामलों को देखते हुए शुरू किया गया वैक्सीनेशन -

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की तरफ से शहर के कई वार्डों में संक्रमण के बढ़ते हुए मामले को देखते हुए वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परेल, बांद्रा पूर्व, सांताक्रुज पूर्व, कुर्ला, गोवंडी चेंबूर और मलाड पश्चिम इलाकों में वैक्सीनेशन प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। गौरतलब है रूबेला और खसरा संक्रमण का मामला अधिकतर 0 से 5 वर्ष की आयु के बच्चों में देखने को मिल रहा है। इसे मद्देनजर रखते हुए छोटे बच्चों के माता-पिता से या अपील की जा रही है कि 9 महीने से लेकर 16 महीने तक के बच्चों टीकाकरण करवाएं। कोशिश की जा रही है कि अधिक से अधिक बच्चों का टीकाकरण किया जा सके।

संक्रमण से अब तक तीन बच्चों की हुई मौत-

अधिकारियों के मुताबिक मुंबई में इस खसरा संक्रमण के लगभग 90 मामले सामने आए हैं, जिनमें से तीन बच्चों की खसरा की वजह से मृत्यु की आशंका जताई जा रही है। बीएमसी के कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी मंगला गोमारे ने बताया कि जनवरी से अब तक विभिन्न इलाकों में खसरे के कई मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार खसरे का सर्वाधिक संक्रमण गोवंडी क्षेत्र में पाया गया, जहां अब तक खसरे के 23 मरीज मिल चुके हैं। जबकि तीन बच्चों की मौत हो चुकी है, जिनकी आयु क्रमशः 3 व 5 वर्ष बताई जा रही है। कस्तूरबा अस्पताल में खतरे के लिए बनाए गए 1 वार्ड में 35 लोगों का इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है जो भी संक्रमण के मामले सामने आए हैं, उनमें से 10% मामले ऐसे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ है।
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Delhi News: आप सरकार ने केंद्र के नोटिफिकेशन को SC में दी चुनौती, जानें पूरा मामला

Manish sisodia
Delhi News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Nov 2022 11:16 PM
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Delhi News: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने केंद्र सरकार के उस नोटिफिकेशन को चुनौती दी है, जो मई 2021 में जारी किया गया था और अधिकारियों पर नियंत्रण को लेकर है। इसी के साथ दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल करके आरोप लगाया कि राजधानी में कार्यरत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आम आदमी पार्टी की राज्य सरकार को सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। यह हलफनामा हलफनामा दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर लंबित मामले में दिया है।

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आपको बता दें कि मई 2021 में केंद्र सरकार ने अधिकारियों पर नियंत्रण को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया था। जिसमें राजधानी दिल्ली में तैनात अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग केंद्र सरकार के पास है। इसी नोटिफिकेशन को दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस बाबत उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली सरकार के मंत्रियों की ओर से बुलाई मीटिंग में शामिल नहीं हो रहे है। अधिकारी मंत्रियों के फोन कॉल तक नहीं उठाते। यहां तक कि मंत्रियों की ओर से लिखित में जारी दिशा निर्देशों की भी अवहेलना हो रही है।

हलफनामे में कहा गया है कि अधिकारी दिल्ली सरकार को लेकर अधिकारी उदासीन रुख अख्तियार किये हुए है। दिल्ली सरकार में विभिन्न पद खाली पड़े है। इसके चलते राज्य सरकार को अपनी नीतियों को लागू करने मे दिक्कत हो रही है।

दिल्ली सरकार ने एक अन्य अर्जी में GNCTD एक्ट में साल 2021 में किये गए संसोधन को भी चुनौती दी है। तीन न्या​याधीशों की बेंच ने ये मसला सुनवाई के लिए संविधान पीठ को सौंप दिया था। अब अधिकारियों के नियंत्रण के मसले पर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे विवाद पर संविधान पीठ को ही सुनवाई करनी है।

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