इस जगह रोज हवा में उड़ रहा 5 लाख का सोना, लेकिन इसे ले पाना मुश्किल, जाने क्यों?

Gold News
दरअसल न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंटार्कटिका में माउंट एरेबस नाम का एक ज्वालामुखी है, जो रोजाना लगभग 80 ग्राम क्रिस्टलीकृत सोने से युक्त गैस को एटमॉस्फेयर में छोड़ जा रहा है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 6000 डॉलर यानी लगभग 5 लाख रुपये बताई जा रही है, लेकिन आपको यह भी बता दें कि आपको वहां पहुंचना इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह इलाका धरती के सबसे दक्षिण में मौजूद ज्वालामुखी स्पिवर से 621 मील दूर है। यह पूरी तरह बर्फ से ढंका हुआ है और12,448 फीट की ऊंचाई पर है।ज्वालामुखी से लगातार गैस निकल रही है
आपको बता दें कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन अर्थ ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, यहां बर्फीले ज्वालामुखी से लगातार गैस निकल रही है, जिसमें सोने के अलावा और भी कई कीमती धातुएं मिली हुई है। बीच-बीच में तो कभी, कभी यह चट्टान भी छोड़ता है। इस बारें में न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर कॉनर बेकन ने लाइव साइंस को बताया , एरेबस ज्वालामुखी 1972 से लगातार विस्फोट हो रहा है। इसके शिखर में लावा भरा हुआ है, जो इसकी सतह पर पिघले पदार्थों को मिक्स करके बनाया है। यह वास्तव में काफी दुर्लभ है। बर्फ से ढंके होने के बावजूद यह सतह कभी नहीं जमती है। https://twitter.com/Cool_Blue_Dot/status/1733922729467002974यहां पल-पल आते हैं भूकंप
दऱअसल बेकन के मुताबिक, एरेबस और डिसेप्शन द्वीप के बारे में पता लगाना बहुत दिक्कत की बात है। क्योंकि यहां पहुंचते ही तमाम उपकरण काम नहीं करते। यहां पल-पल भूकंप आते रहते है। कुछ महीनों पहले वैज्ञानिकों को यहां बर्फ के नीचे खारे पानी की नदी मिली थी, जो तकरीबन एक किलोमीटर फैली हुई है। नदी बनने के पीछे मान्यता है कि करीब 7000 से 5000 साल पहले जब समुद्र यहां हुआ करता था, तो उसका पानी तेजी से तलछटों में समा गया। बाद में यह बर्फ से घुल कर मिल गया। साइंटिस्ट सालों से इस जगह की खोज करने में लगे है, जिसमें कई चौंकने वाले खुलासे सामने आये हैं। Gold Newsशख्स ने जिस कंपनी में बिताए 33 साल, एक ही झटके में निकाल दिया, जानें क्यों?
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दरअसल न्यूयॉर्क पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अंटार्कटिका में माउंट एरेबस नाम का एक ज्वालामुखी है, जो रोजाना लगभग 80 ग्राम क्रिस्टलीकृत सोने से युक्त गैस को एटमॉस्फेयर में छोड़ जा रहा है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 6000 डॉलर यानी लगभग 5 लाख रुपये बताई जा रही है, लेकिन आपको यह भी बता दें कि आपको वहां पहुंचना इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह इलाका धरती के सबसे दक्षिण में मौजूद ज्वालामुखी स्पिवर से 621 मील दूर है। यह पूरी तरह बर्फ से ढंका हुआ है और12,448 फीट की ऊंचाई पर है।ज्वालामुखी से लगातार गैस निकल रही है
आपको बता दें कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन अर्थ ऑब्जर्वेटरी के मुताबिक, यहां बर्फीले ज्वालामुखी से लगातार गैस निकल रही है, जिसमें सोने के अलावा और भी कई कीमती धातुएं मिली हुई है। बीच-बीच में तो कभी, कभी यह चट्टान भी छोड़ता है। इस बारें में न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर कॉनर बेकन ने लाइव साइंस को बताया , एरेबस ज्वालामुखी 1972 से लगातार विस्फोट हो रहा है। इसके शिखर में लावा भरा हुआ है, जो इसकी सतह पर पिघले पदार्थों को मिक्स करके बनाया है। यह वास्तव में काफी दुर्लभ है। बर्फ से ढंके होने के बावजूद यह सतह कभी नहीं जमती है। https://twitter.com/Cool_Blue_Dot/status/1733922729467002974यहां पल-पल आते हैं भूकंप
दऱअसल बेकन के मुताबिक, एरेबस और डिसेप्शन द्वीप के बारे में पता लगाना बहुत दिक्कत की बात है। क्योंकि यहां पहुंचते ही तमाम उपकरण काम नहीं करते। यहां पल-पल भूकंप आते रहते है। कुछ महीनों पहले वैज्ञानिकों को यहां बर्फ के नीचे खारे पानी की नदी मिली थी, जो तकरीबन एक किलोमीटर फैली हुई है। नदी बनने के पीछे मान्यता है कि करीब 7000 से 5000 साल पहले जब समुद्र यहां हुआ करता था, तो उसका पानी तेजी से तलछटों में समा गया। बाद में यह बर्फ से घुल कर मिल गया। साइंटिस्ट सालों से इस जगह की खोज करने में लगे है, जिसमें कई चौंकने वाले खुलासे सामने आये हैं। Gold Newsशख्स ने जिस कंपनी में बिताए 33 साल, एक ही झटके में निकाल दिया, जानें क्यों?
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उन्होंने आगे कहा, मेरा पूरा माइक्रोसॉफ्ट करियर एक अविश्वसनीय सफर रहा है। जिन तीन प्रोडक्ट्स पर मुझे गर्व है, वे हैं विंडोज फोन, ज़्यून और विंडोज 95। लेकिन मेरे लिए सबसे बड़ा भुगतान इन पिछले दो सालों में मिला जब मैंने लर्निंग एंड डेव्लप्मेंट रोल के लिए कोशिश की और उसे हासिल किया।" मेरा आधार यह था कि पूरे संगठन में 'सब कुछ सीखो' मानसिकता को सफलतापूर्वक फैलाने के बाद,'सब कुछ सिखाओ' मानसिकता फैलाने का समय आ गया है।
Jeff Bogdan ने इस बारें में आगे बताया- इसके बाद हुआ ऐसा कि मुझे एचआर द्वारा एलएंडडी के लिए हब और स्पोक मॉडल को अपनाए जाने के चलते नौकरी से निकाल दिया गया। अपनी नौकरी खोने के बाद, बोगदान ने माइक्रोसॉफ्ट में अपना अनुभव शेयर करने के लिए लिंक्डइन का साहरा लिया। इस पोस्ट को 15 अप्रैल को शेयर किया गया था। पोस्ट किए जाने के बाद से इसे करीब 3,000 लाइक्स और कई कमेंट्स मिल चुके हैं।
Microsoft employee