पहले चरण के मतदान में भाजपा के "मिशन-80" की बड़ी परीक्षा, कल होना है मतदान

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calendar30 Nov 2025 09:13 PM
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UP News : पूरे देश की 102 लोकसभा सीटों के साथ ही उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर शुक्रवार (कल) को मतदान होगा। इस मतदान के पहले चरण में उत्तर प्रदेश में भाजपा के "मिशन-80" की कड़ी परीक्षा होने वाली है। उत्तर प्रदेश का "मिशन-80" पूरा करने के लिए भाजपा को पहले चरण की सारी 8 लोकसभा सीट जीतनी जरूरी है। अब तक के विश्लेषण से लगता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश केक पहले चरण के चुनाव में भाजपा को बड़ा घाटा हो सकता है।

क्या है उत्तर प्रदेश में भाजपा का "मिशन-80"

हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश में "मिशन-80" घोषित कर रखा है। दरअसल उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 लोकसभा सीट हैं। भाजपा का दावा है कि भाजपा उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीट जीत लेगी। उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीट जीतने के दावे को ही भाजपा ने "मिशन-80" का नाम दिया है। इन्हीं 80 सीटों में से 8 सीटों पर शुक्रवार (कल) वोट पड़ेंगे। जिन लोकसभा की सीटों पर शुक्रवार को मतदान होना है। वें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, मुजफ्फरनगर, कैराना, रामपुर, मुरादाबाद तथा पीलीभीत नामक लोकसभा की सीट हैं। UP News

उत्तर प्रदेश के दिग्गजों की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर

शुक्रवार को जिन 8 लोकसभा सीटों पर वोट पड़ेंगे उन सीटों पर अनेक महत्वपूर्ण प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इन महत्वपूर्ण प्रत्याशियों में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान, उत्तर प्रदेश सरकार में लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद, कैराना से भाजपा सांसद प्रदीप चौधरी, बिजनौर से एनडीए (रालोद) प्रत्याशी के रूप में उतरे मीरापुर के रालोद विधायक चंदन चौहान और नगीना से बतौर भाजपा प्रत्याशी ताल ठोंक रहे नहटौर के विधायक ओम कुमार शामिल हैं। श्री बालियान मुजफ्फरनगर से लगातार तीसरी बार लोकसभा जाने की तैयारी में जुटे हैं तो जितिन को भाजपा ने पीलीभीत से प्रत्याशी बनाया है। इस चरण में राजनीतिक घरानों का दमखम भी परखा जाएगा। कैराना के चर्चित हसन परिवार की बेटी इकरा हसन इस सीट से बतौर सपा उम्मीदवार चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचती हैं या नहीं इस पर निगाहें लगी हैं। सहारनपुर के काजी परिवार से ताल्लुक रखने वाले इमरान मसूद पिछले दो लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद तीसरे प्रयास में संसद में दाखिल होते हैं या नहीं, यह भी कौतूहल का विषय है। पिछले लोकसभा चुनाव में पहले चरण की आठ सीटों में से चार भाजपा, तीन बसपा और एक सपा ने जीती थी। UP News

बड़ी खबर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कल रहेगी छुट्टी, स्कूल, दफ्तर तथा बाजार रहेंगे बंद

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बड़ी खबर : पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कल रहेगी छुट्टी, स्कूल, दफ्तर तथा बाजार रहेंगे बंद

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calendar01 Dec 2025 04:59 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र से बड़ी खबर आ रही है। खबर यह है कि शुक्रवार यानि 19 अप्रैल को पश्चिमी उत्तर प्रदेश में छुट्टी अर्थात सार्वजनिक अवकाश रहेगा। इस दौरान पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सभी स्कूल, कॉलिज, सरकारी तथा प्राइवेट दफ्तर, उद्योग तथा बाजार बंद रहेंगे। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश (छुट्टी) का यह फैसला उत्तर प्रदेश सरकार ने निर्वाचन आयोग के निर्देश पर लिया है।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इन जिलों में रहेगी छुट्टी

आपको बता देते हैं कि शुक्रवार 19 अप्रैल 2024 को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बिजनौर, शामली, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मुरादाबाद तथा पीलीभीत जिलों में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। साथ ही मेरठ जिले के सरधना तथा मवाना विधानसभा क्षेत्र में भी छुट्टी रहेगी। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उपरोक्त सभी जिलों के जिलाधिकारियों ने छुट्टी के निर्देश जारी कर दिए हैं। इन निर्देशों में बताया गया है कि छुट्टी के कारण कर्मचारियों को सार्वजनिक अवकाश में मिलने वाले सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे।

चुनाव के कारण हुई छुट्टी

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अधिकतर जिलों में शुक्रवार को वोटिंग होनी है। लोकसभा चुनाव के दौरान कल प्रथम चरण का मतदान होना है। प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, कैराना, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, रामपुर तथा पीलीभीत सीटों पर वोट डाले जांएगे। सभी वोटर अपने-अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें इसी काम के लिए छुट्टी की घोषणा की गई है। निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक अवकाश के निर्देश पत्र जारी कर दिए हैं। UP News

उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे पाकिस्तान के पूर्व PM परवेज मुशर्रफ, खोजी जा रही है जमीन

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उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, खोजी जा रही है जमीन

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calendar18 Apr 2024 07:24 PM
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UP News : क्या आपको पता है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति कहां के रहने वाले थे? नहीं पता तो हम बता रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति स्व. परवेज मुशर्रफ उत्तर प्रदेश के एक गांव के रहने वाले थे। हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार परवेज मुशर्रफ के परिवार की शत्रु संपत्ति को खोज रही है। परवेज मुशर्रफ का जन्म 1943 में उत्तर प्रदेश के कोताना गांव में हुआ था।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है परवेज मुशर्रफ का गांव

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग का एक प्रमुख जिला है बागपत। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कोताना नामक गांव एक पौराणिक गांव है। उत्तर प्रदेश के इसी कोटाना गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन तथा माता बेगम जरीन कोताना गांव की ही रहने वाली थीं। इसी गांव कोताना में दोनों की शादी हुई थी। उन्हीं का बेटा था परवेज मुशर्रफ। छोटे बेटे का नाम डॉ. जावेद मुशर्रफ था। वर्ष-1943 में कोताना गांव के ही परवेज मुशर्रफ का जन्म हुआ था। कुछ लोग परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में होना मानते हैं। वर्ष-1947 में बंटवारे के समय परवेज मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान में जाकर बस गया था। UP News

उत्तर प्रदेश सरकार तलाश रही है परवेज मुशर्रफ की जमीन

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के कोताना गांव में परवेज मुशर्रफ की जमीन की तलाश शुरू की है। दरअसल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ की शत्रु संपत्ति में दर्ज जमीन पर इस समय कौन काबिज है, इसकी जांच तहसील स्तर पर फिलहाल शुरू कर दी गई सि है। फिलहाल तहसील प्रशासनिक अधिकारी चुनाव में व्यस्त हैं। अधिकारियों का कहना है कि चुनाव के बाद मामले की जांच कर लखनऊ रिपोर्ट भेजी जाएगी। मुशर्रफ के पिता और मां जरीन दोनों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़े थे। कुछ महीने पहले लखनऊ मुख्यालय पर किसी ने शिकायत की थी कि कोताना गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ की शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा है। मंगलवार को लखनऊ स्थित कार्यालय में तैनात पर्यवेक्षक मनोज कुमार सिंह टीम के साथ कोताना गांव पहुंचे। परवेज मुशर्रफ का पैतृक गांव कोताना है। 1947 में बंटवारे के समय पूर्व राष्ट्रपति और उनका परिवार पैतृक संपत्ति छोडक़र पाकिस्तान चले गए थे। हालांकि कुछ दिनों बाद ही परवेज मुशर्रफ ने अपने हिस्से की जमीन बेच दी थी, लेकिन उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ ने अपनी जमीन नहीं बेची थी। बाद में यह जमीन शत्रु संपत्ति संपत्ति में दर्ज हो गई थी। UP News

उत्तर प्रदेश का सिसौली गांव एक बार फिर चर्चा में, टिकैत का बयान बना चर्चा का विषय

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