Wednesday, 1 May 2024

उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, खोजी जा रही है जमीन

UP News : क्या आपको पता है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति कहां के रहने वाले थे? नहीं पता तो…

उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ, खोजी जा रही है जमीन

UP News : क्या आपको पता है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति कहां के रहने वाले थे? नहीं पता तो हम बता रहे हैं। दरअसल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति स्व. परवेज मुशर्रफ उत्तर प्रदेश के एक गांव के रहने वाले थे। हाल ही में उत्तर प्रदेश की सरकार परवेज मुशर्रफ के परिवार की शत्रु संपत्ति को खोज रही है। परवेज मुशर्रफ का जन्म 1943 में उत्तर प्रदेश के कोताना गांव में हुआ था।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है परवेज मुशर्रफ का गांव

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग का एक प्रमुख जिला है बागपत। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में कोताना नामक गांव एक पौराणिक गांव है। उत्तर प्रदेश के इसी कोटाना गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन तथा माता बेगम जरीन कोताना गांव की ही रहने वाली थीं। इसी गांव कोताना में दोनों की शादी हुई थी। उन्हीं का बेटा था परवेज मुशर्रफ। छोटे बेटे का नाम डॉ. जावेद मुशर्रफ था। वर्ष-1943 में कोताना गांव के ही परवेज मुशर्रफ का जन्म हुआ था। कुछ लोग परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में होना मानते हैं। वर्ष-1947 में बंटवारे के समय परवेज मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान में जाकर बस गया था।

UP News

उत्तर प्रदेश सरकार तलाश रही है परवेज मुशर्रफ की जमीन

हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश के कोताना गांव में परवेज मुशर्रफ की जमीन की तलाश शुरू की है। दरअसल पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ की शत्रु संपत्ति में दर्ज जमीन पर इस समय कौन काबिज है, इसकी जांच तहसील स्तर पर फिलहाल शुरू कर दी गई सि है। फिलहाल तहसील प्रशासनिक अधिकारी चुनाव में व्यस्त हैं। अधिकारियों का कहना है कि चुनाव के बाद मामले की जांच कर लखनऊ रिपोर्ट भेजी जाएगी।

मुशर्रफ के पिता और मां जरीन दोनों अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़े थे। कुछ महीने पहले लखनऊ मुख्यालय पर किसी ने शिकायत की थी कि कोताना गांव में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ की शत्रु संपत्ति पर अवैध कब्जा है। मंगलवार को लखनऊ स्थित कार्यालय में तैनात पर्यवेक्षक मनोज कुमार सिंह टीम के साथ कोताना गांव पहुंचे।

परवेज मुशर्रफ का पैतृक गांव कोताना है। 1947 में बंटवारे के समय पूर्व राष्ट्रपति और उनका परिवार पैतृक संपत्ति छोडक़र पाकिस्तान चले गए थे। हालांकि कुछ दिनों बाद ही परवेज मुशर्रफ ने अपने हिस्से की जमीन बेच दी थी, लेकिन उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ ने अपनी जमीन नहीं बेची थी। बाद में यह जमीन शत्रु संपत्ति संपत्ति में दर्ज हो गई थी।

UP News

उत्तर प्रदेश का सिसौली गांव एक बार फिर चर्चा में, टिकैत का बयान बना चर्चा का विषय

ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।

देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुक  पर लाइक करें या  ट्विटर  पर फॉलो करें।

Related Post