लोक सेवा आयोग अभियर्थि को आरटीआई द्वारा नहीं मिली जानकारी

RTI 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 01:28 PM
bookmark

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश (UTTAR PRADESH) लोकसेवा आयोग निष्पक्षता व शुचिता का हवाला देते हुए अभ्यर्थियों का कटआफ अंक व मार्कशीट जारी नहीं करता है। जानकारी के मुताबिक प्रतियोगियों (COMPETITORS) ने आरटीआइ के जरिए पीसीएस-2018, लोअर-2015, पीसीएस-जे-2018 के अलावा अन्य परीक्षाओं के कटआफ अंक व मार्कशीट देखने का अनुरोध किया था। उनके मुताबिक मार्कशीट व कटआफ अंक जारी किए जाने से उन्हें आत्म परीक्षण करने का मौका मिल जाता है। इसको ध्यान में रखकर अब इस मुद्दे को कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी चल रही है।

लोकसेवा आयोग (LOK SEVA AAYOG) द्वारा 29 अगस्त 2014 को असाधारण बैठक बुलाई गई थी। उसमें हर प्रारंभिक परीक्षा के सभी उत्तरपत्रकों को स्कैन करने के बाद प्रश्नपत्र चार सीरीज की उत्तरकुंजी जारी कर अभ्यर्थियों से आपत्ति लेकर दो विशेषज्ञों से परीक्षण कराना था। उसके बाद अंतिम उत्तरकुंजी जारी होनी थी। इसके बाद अंतिम उत्तरकुंजी व कटआफ अंक जारी किया जाना था लेकिन इसका पालन नहीं किया गया। पीसीएस 2018, 2019 व 2020, समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी 2016 व 2017 सहित पिछले दो साल में आयोजित परीक्षाओं (EXAM) की अंतिम उत्तरकुंजी जारी नहीं हुई है।

प्रतियोगी शिल्पी स्वरूप ने कहा कि पीसीएस-2018, लोअर-2015, पीसीएस-जे-2018 के साथ दूसरी परीक्षाओं का कटआफ अंक, मार्कशीट (MARKSHEET) की मांग आरटीआइ के जरिए की गई, लेकिन आयोग ने जवाब नहीं दिया है। आयोग के इस रवैए के विरोध में कोर्ट में याचिका दाखिल होगी।

अगली खबर पढ़ें

उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों को लुभाने की कवायद!

BJP Yogi ji
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 10:59 PM
bookmark

विनय संकोची

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे वैसे सभी राजनीतिक दल ब्राह्मणों को लुभाने में जुट गए हैं। भाजपा ने कांग्रेस छोड़कर आए जितिन प्रसाद को ताजा मंत्रिमंडल विस्तार में कैबिनेट मिनिस्टर बनाया है। जितिन प्रसाद को ब्राह्मण चेहरे के रूप में भाजपा चुनाव में इस्तेमाल करेगी। वैसे तो 2017 के चुनाव में ब्राह्मणों ने भाजपा का ही साथ दिया था, लेकिन अब उनका मोहभंग हो चला है। भाजपा ने ब्राह्मणों को सरकार में और सरकार के बाहर वह सम्मान नहीं दिया जिसकी अपेक्षा ब्राह्मण समुदाय ने की थी।

एक समय उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण समुदाय को सत्ता की धुरी के रूप में देखा जाता था, लेकिन पिछले तीन दशकों में राजनीतिक दलों के लिए ब्राह्मण मात्र एक वोट बैंक बनकर रह गया है। ब्राह्मण वोट बैंक पर सभी दलों की काग दृष्टि लगी हुई है। सबसे बड़ी बात यह है कि ब्राह्मण वोट सबको चाहिए लेकिन ब्राह्मणों को सत्ता में सम्मान और स्थान देने को कोई तैयार नहीं है।

उत्तर प्रदेश में आजादी के बाद से अब तक छह ब्राह्मण मुख्यमंत्री हुए हैं - गोविंद बल्लभ पंत, सुचेता कृपलानी, कमलापति त्रिपाठी, हेमवती नंदन बहुगुणा, श्रीपति मिश्र और नारायण दत्त तिवारी, ये सभी कांग्रेसी थे। नारायण दत्त तिवारी तो तीन बार प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इन ब्राह्मण मुख्यमंत्रियों के कुल कार्यकाल 23 वर्ष तक उत्तर प्रदेश की सत्ता ब्राह्मण समुदाय के हाथ में ही रही।

1989 के बाद कांग्रेस सत्ता में नहीं आई और मंडल-कमंडल की राजनीति ने भी ब्राह्मण समुदाय को हाशिए पर धकेल दिया। कांग्रेस के बाद प्रदेश की सत्ता पर काबिज रहे किसी भी राजनीतिक दल ने किसी ब्राह्मण नेता को मुख्यमंत्री बनाने के बारे में सोचा ही नहीं। उत्तर प्रदेश में करीब 12% ब्राह्मण हैं और सत्ता के समीकरण बदलने में सक्षम माने जाते हैं।

चुनाव की आहट के साथ ही सभी दल स्वयं को "ब्राह्मण प्रेमी" साबित करने की कवायद में जुट गए हैं। बहुजन समाज पार्टी ने अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत करने की घोषणा की, तो समाजवादी पार्टी ने 1857 क्रांति के सूत्रधार मंगल पांडे की जन्मभूमि से ब्राह्मण सम्मेलनों के श्रीगणेश का बिगुल बजा दिया। जाहिर है इन तमाम सम्मेलनों में सपा-बसपा नेता अपनी सरकारों द्वारा ब्राह्मण समुदाय के लिए किए गए कामों को गिनवाने के अतिरिक्त कुछ और नहीं करेंगे, कुछ ब्राह्मणों को सम्मानित कर दिया जाएगा।

2014 के लोकसभा चुनावों में 72% ब्राह्मणों ने भाजपा गठबंधन को वोट दिया था। 2017 के विधानसभा चुनावों में 80% ब्राह्मण वोट भाजपा को मिले थे। प्रदेश में कांग्रेस के कमजोर पड़ने के बाद और भाजपा के उदय के साथ ब्राह्मण भाजपा के साथ चले गए, हालांकि बाद में लगातार ब्राह्मणों को शिकायत बनी रही कि भाजपा सरकार में उन्हें वह सम्मान नहीं मिल रहा है, जिसका वादा किया गया था और जिसके वह हकदार भी हैं।

योगीराज में ब्राह्मणों पर कथित अत्याचार के खूब आरोप लगे, विपक्ष हमलावर रहा। हो सकता है कि आने वाले चुनावों में विपक्षी दल ब्राह्मणों पर हुए कथित अत्याचार का मुद्दा भी जोर-शोर से उठाएं। विकास दुबे एनकाउंटर के बाद जिस तरह से तमाम ब्राह्मण संगठनों ने गए तीन वर्षों में ब्राह्मणों की हत्याओं का डाटा सोशल मीडिया पर साझा किया, उसे योगी सरकार घिरती नजर आई थी।

ब्राह्मण वोटों को लेकर भाजपा संशय में है। उसी संशय से मुक्ति के लिए जितिन प्रसाद को चुनाव में ब्राह्मण चेहरे के रूप में पेश किया गया है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या दलबदल कर आए जितिन प्रसाद भाजपा की झोली में तमाम ब्राह्मण वोटों को डालने में सफल होंगे? राजनीति के जानकार इस प्रश्न का उत्तर "ना" में देख रहे हैं।

अगली खबर पढ़ें

Saharanpur News : 3410 आगंनबाडी कार्यकत्रियों को मिली स्मार्ट फोन की सौगात

29sre02 1
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:18 AM
bookmark

Saharanpur News : प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जहां लखनऊ में पोषण अभियान के अंतर्गत आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को तकनीक से जोड़ने व उनकी कार्य सुविधा के लिए 1.23 लाख स्मार्टफोन smart phone एवं बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 1.87 लाख इन्फैंटोमीटर का वितरण किया, वहीं जनपद सहारनपुर की 3410 आंगनबाडी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन वितरण किया गया जिनमें से 120 आंगनबाडी कार्यकत्रियों को जनमंच सभागार में स्मार्ट फोन smart phone एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया।

प्रदेश के आयुष, अभाव, सहायता एवं पुनर्वास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धर्म सिंह सैनी ने कहा कि आंगनबाडी कार्यकत्रियों के कारण ही पूरे प्रदेश और देश से कुपोषण समाप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि जच्चा और बच्चा के स्वस्थ होने तथा मृत्यु दर में कमी होने का श्रेय आईसीडीएस विभाग तथा आंगनबाडी कार्यकत्रियों को ही जाता है। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन तथा आंगनबाडी कार्यकत्रियों की मेहनत से प्रदेश को कुपोषण मुक्त करने का कार्य बडी तेजी से किया जा रहा है। कार्यक्रम में जनपद की 120 आंगनबाडी कार्यकत्रियों को स्मार्ट फोन और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार की किसी भी योजना एवं कार्यक्रम में आंगनबाडी कार्यकत्रियों का सहयोग बडा ही महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार में जितनी प्राथमिकता एवं प्रोत्साहन आंगनबाडी कार्यकत्रियों को दी जा रही है उतनी पूर्व की किसी भी सरकार में नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बहन बेटियों की सुरक्षा और सम्मान ही सरकार की प्राथमिकता है। आज बहन बेटियां निडर होकर घर से बाहर कहीं भी जा सकती है तो यह प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराधियों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने आंगनबाडी कार्यकत्रियों को तकनीक से जोड़ने का सराहनीय कार्य किया है। कार्यक्रम में महापौर संजीव वालिया, जिलाधिकारी अखिलेश सिंह, मुख्य विकास अधिकारी विजय कुमार, जिलाध्यक्ष भाजपा महेन्द्र सैनी, पूर्व ब्लाॅक प्रमुख एवं जिला पंचायत सदस्य मुकेश चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी आशा त्रिपाठी सहित विभागीय अधिकारीगण और जनप्रतिनिधिगण तथा आंगनबाडी कार्यकत्री उपस्थित रहीं।