Rahul Gandhi Update: राहुल गांधी को मानहानि मामले में सुनाई गई दो साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है । 24 मार्च को निचली अदालतों ने मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। जिसके बाद उनकी सांसद की सदस्यता भी रद्द हो गई थी । 7 अगस्त को राहुल गांधी को लोकसभा सचिवालय की तरफ से सांसदी बहाली का नोटिफिकेशन जारी कर जानकारी दी गई । अब बात हो रही है राहुल गांधी के सरकारी बंगले की जो कि सांसदी जाने के बाद 22 अप्रैल को उन्हें खाली करना पड़ा था । संसद सदस्यता रद्द होने से पहले राहुल गांधी दिल्ली में 12 , तुगलक लेन वाले सरकारी आवास में रह रहे थे । पिछले 19 साल से राहुल गांधी का ये आधिकारिक आवास था । हालाकिं लोकसभा सचिवालय ने अपने नोटिफिकेशन में बंगला वापसी को लेकर कोई बात नहीं कही है । लोकसभा सचिवालय के जारी नोटिफिकेशन में उन्होंने लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट ने 4 अगस्त को अपने फैसले में राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई है । इस फैसले को देखते हुए 24 मार्च को जारी किया गया राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद करने का आदेश खारिज किया जाता है ।
राहुल गांधी को बंगला कैसे वापिस मिलेगा ?
Rahul Gandhi Update:
राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा के सांसद है और सदस्यता बहाल होते ही वो लोकसभा पहुंचे और लोकसभा के बाहर इंडिया अलायन्स ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया । लेकिन अब सबकी नजर राहुल गांधी के सरकारी आवास पर टिकी हुई है कि राहुल गांधी को उनका सरकारी बंगला कब वापिस मिलेगा जो कि उन्हें सदस्यता जाने की वजह से 22 अप्रैल को खाली करना पड़ा था । बंगला वापिसी की प्रक्रिया को समझने के लिए कुछ मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली तो उनके हवाले से पता चलता है कि सांसदों को बंगला आवंटन करने और रद्द करने के लिए सांसदों वाली हॉउस कमेटी है । ये कमेटी ही केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से बंगला आवंटन के लिए सिफारिश करती है । राहुल गांधी को पुराना बंगला ही मिले ये जरूरी नही है। यानी कि ये संभावना जताई जा रही है कि उन्हें उनका 12, तुगलक वाला बंगला मिल भी सकता है और नहीं भी । ये सब कमेटी की सिफारिश पर निर्भर करता है ।
राहुल गांधी के पास कौन सा बंगला था ?
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प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों , सुप्रीम कोर्ट के जजों और ब्योरोक्रेट्स के सरकारी आवास दिल्ली के लुटियंस इलाके में है । राहुल गांधी को टाइप – 7 का बंगला मिला हुआ था जिसका रकबा एक से डेढ़ एकड़ के बीच होता है । ये बंगला उन्हें 2004 से ही मिला हुआ था , जब वो पहली बार अमेठी से लोकसभा सांसद बने थे । यानी टाइप – 7 बंगला राहुल गांधी को पहली बार सांसद बनने पर ही मिल गया था । वैसे तो कम से कम पांच बार बने सांसदों को टाइप – 7 का बंगला आवंटित किया जाता है ।
ये सभी सुविधाएं सांसद की सदस्यता जाने पर छिन ली जाती है। चाहे वो भत्ता हो , बंगला हो या गाड़ी हो । लोकसभा सचिवालय के मुताबिक , अगर कोई सांसद रिटायर होता है , इस्तीफा देता है या सदस्यता खोता है तो उसे एक महीने के भीतर बंगला खाली करना पड़ता है ।