बस एक कदम और... आतंकी बन जातीं ये लड़कियाँ! स्पेशल 50 टीम ने किया रेस्क्यू

6 राज्य, 11 गिरफ्तार, एक कन्वर्ज़न सिंडिकेट ध्वस्त
पुलिस की जांच में सामने आया कि ये सिर्फ एक धर्मांतरण का मामला नहीं, बल्कि एक आॅर्गनाइज्ड ब्रेनवॉश नेटवर्क है, जिसका मकसद कम उम्र की लड़कियों को बहलाकर इस्लाम कबूल करवाना, कट्टरपंथी विचारधारा से लैस करना, और आगे चलकर उन्हें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ना था। इन दोनों बहनों का ब्रेनवॉश इस हद तक हो चुका था कि छोटी बहन ने मोबाइल चैट में लिखा, "मैं मुजाहिद बनना चाहती हूं, इस्लाम के लिए कुर्बान होना चाहती हूं..."24 मार्च को गायब हुई थीं कारोबारी की बेटियाँ, पिता ने सुनाया था पूरा सच
आगरा के एक जूता कारोबारी की दोनों बेटियाँ, जिनमें बड़ी एम.फिल कर चुकी है और छोटी ग्रेजुएशन की छात्रा है। 24 मार्च 2025 को अचानक लापता हो गई थीं। एफआईआर दर्ज हुई, और जांच के दौरान सामने आया कि बड़ी बेटी पहले भी 2020 में कश्मीर जाकर समा नाम की संदिग्ध युवती के संपर्क में रह चुकी थी। घर लौटने के बाद भी समा से उसकी बातचीत जारी रही और अब वह अपनी छोटी बहन को भी इस्लाम कबूलने के लिए प्रेरित कर रही थी।कोलकाता के बकरमहल से बरामदगी, बुर्का पहने मिलीं दोनों बहनें
पुलिस ने दोनों लड़कियों को कोलकाता के बकरमहल इलाके से बरामद किया। जब टीम वहाँ पहुंची, तो दोनों बुर्का पहने थीं और उनके साथ दो मुस्लिम युवक भी रह रहे थे। फेसबुक प्रोफाइल से पता चला कि बड़ी बहन ने एके-47 के साथ बुर्के में फोटो लगाई थी। 50 चुनिंदा पुलिसकर्मी जिनकी अलग-अलग भूमिका थी। कोई पत्रकार बना, कोई सर्वे एजेंट। 7 दिन की लगातार रेकी करने के बाद कोलकाता में बकरमहल बस्ती की हर गली और मकान का नक्शा खींचा गया। ड्यूल टीम सिस्टम के तहत एक टीम को दूसरी की भनक तक नहीं दी गई ताकि लीक न हो। लड़कियों के माता-पिता भी आॅपरेशन में शामिल हुए ताकि पहचान आसान हो सके और लड़कियाँ मानसिक रूप से सहज रहें।11 आरोपी गिरफ्तार, कन्वर्टेड नेटवर्क का पदार्फाश
गिरफ्तार हुए 11 में से 6 हिंदू से कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, जिनके नाम अब बदल चुके हैं। ये कन्वर्टेड लोग ही इस सिंडिकेट के लीगल सलाहकार, फाइनेंसर और रिक्रूटर थे। गिरफ्तार हुए प्रमुख आरोपियों में एसबी कृष्णा उर्फ आयशा जो कनाडा से फंडिंग लेती थी। शेखर रॉय उर्फ हसन अली जो कोर्ट कर्मचारी है, गोवा से जुड़ा है। ऋतिक बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम जो कोलकाता में लड़कियों को लेकर गया था। रूपेंद्र सिंह उर्फ अब्दुर्रहमान जो उत्तराखंड में हिंदू लड़कियों को टारगेट करता था। मनोज उर्फ मुस्तफा जो सोशल मीडिया मॉडरेटर था। इनके खिलाफ धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और आतंकवाद से लिंक के तहत केस दर्ज किए गए हैं।अब एटीएस और एसटीएफ की एंट्री, अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच
यूपी एटीएस और एसटीएफ इस पूरे मॉड्यूल की गहराई से जांच कर रहे हैं। आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट, फंडिंग चैनल, बैंक ट्रांजेक्शन, और अंतरराष्ट्रीय संपर्क खंगाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस नेटवर्क के तार कनाडा, अमेरिका, और खाड़ी देशों से भी जुड़े हो सकते हैं।फिलहाल दोनों बहनों की काउंसलिंग जारी
अगर पुलिस की स्पेशल 50 टीम कुछ दिन और देर कर देती तो शायद ये बहनें आज किसी भर्ती कैंप में हथियार चला रही होतीं या आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग ले रही होतीं। यह सिर्फ एक आॅपरेशन नहीं एक बड़ा सबक है, कि ब्रेनवॉश, धर्मांतरण और डिजिटल कट्टरपंथ अब सिर्फ खबर नहीं, हमारे समाज की सच्चाई बन चुके हैं।अगली खबर पढ़ें
6 राज्य, 11 गिरफ्तार, एक कन्वर्ज़न सिंडिकेट ध्वस्त
पुलिस की जांच में सामने आया कि ये सिर्फ एक धर्मांतरण का मामला नहीं, बल्कि एक आॅर्गनाइज्ड ब्रेनवॉश नेटवर्क है, जिसका मकसद कम उम्र की लड़कियों को बहलाकर इस्लाम कबूल करवाना, कट्टरपंथी विचारधारा से लैस करना, और आगे चलकर उन्हें आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जोड़ना था। इन दोनों बहनों का ब्रेनवॉश इस हद तक हो चुका था कि छोटी बहन ने मोबाइल चैट में लिखा, "मैं मुजाहिद बनना चाहती हूं, इस्लाम के लिए कुर्बान होना चाहती हूं..."24 मार्च को गायब हुई थीं कारोबारी की बेटियाँ, पिता ने सुनाया था पूरा सच
आगरा के एक जूता कारोबारी की दोनों बेटियाँ, जिनमें बड़ी एम.फिल कर चुकी है और छोटी ग्रेजुएशन की छात्रा है। 24 मार्च 2025 को अचानक लापता हो गई थीं। एफआईआर दर्ज हुई, और जांच के दौरान सामने आया कि बड़ी बेटी पहले भी 2020 में कश्मीर जाकर समा नाम की संदिग्ध युवती के संपर्क में रह चुकी थी। घर लौटने के बाद भी समा से उसकी बातचीत जारी रही और अब वह अपनी छोटी बहन को भी इस्लाम कबूलने के लिए प्रेरित कर रही थी।कोलकाता के बकरमहल से बरामदगी, बुर्का पहने मिलीं दोनों बहनें
पुलिस ने दोनों लड़कियों को कोलकाता के बकरमहल इलाके से बरामद किया। जब टीम वहाँ पहुंची, तो दोनों बुर्का पहने थीं और उनके साथ दो मुस्लिम युवक भी रह रहे थे। फेसबुक प्रोफाइल से पता चला कि बड़ी बहन ने एके-47 के साथ बुर्के में फोटो लगाई थी। 50 चुनिंदा पुलिसकर्मी जिनकी अलग-अलग भूमिका थी। कोई पत्रकार बना, कोई सर्वे एजेंट। 7 दिन की लगातार रेकी करने के बाद कोलकाता में बकरमहल बस्ती की हर गली और मकान का नक्शा खींचा गया। ड्यूल टीम सिस्टम के तहत एक टीम को दूसरी की भनक तक नहीं दी गई ताकि लीक न हो। लड़कियों के माता-पिता भी आॅपरेशन में शामिल हुए ताकि पहचान आसान हो सके और लड़कियाँ मानसिक रूप से सहज रहें।11 आरोपी गिरफ्तार, कन्वर्टेड नेटवर्क का पदार्फाश
गिरफ्तार हुए 11 में से 6 हिंदू से कन्वर्टेड मुस्लिम हैं, जिनके नाम अब बदल चुके हैं। ये कन्वर्टेड लोग ही इस सिंडिकेट के लीगल सलाहकार, फाइनेंसर और रिक्रूटर थे। गिरफ्तार हुए प्रमुख आरोपियों में एसबी कृष्णा उर्फ आयशा जो कनाडा से फंडिंग लेती थी। शेखर रॉय उर्फ हसन अली जो कोर्ट कर्मचारी है, गोवा से जुड़ा है। ऋतिक बनिक उर्फ मोहम्मद इब्राहिम जो कोलकाता में लड़कियों को लेकर गया था। रूपेंद्र सिंह उर्फ अब्दुर्रहमान जो उत्तराखंड में हिंदू लड़कियों को टारगेट करता था। मनोज उर्फ मुस्तफा जो सोशल मीडिया मॉडरेटर था। इनके खिलाफ धर्मांतरण, विदेशी फंडिंग और आतंकवाद से लिंक के तहत केस दर्ज किए गए हैं।अब एटीएस और एसटीएफ की एंट्री, अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की जांच
यूपी एटीएस और एसटीएफ इस पूरे मॉड्यूल की गहराई से जांच कर रहे हैं। आरोपियों के सोशल मीडिया अकाउंट, फंडिंग चैनल, बैंक ट्रांजेक्शन, और अंतरराष्ट्रीय संपर्क खंगाले जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इस नेटवर्क के तार कनाडा, अमेरिका, और खाड़ी देशों से भी जुड़े हो सकते हैं।फिलहाल दोनों बहनों की काउंसलिंग जारी
अगर पुलिस की स्पेशल 50 टीम कुछ दिन और देर कर देती तो शायद ये बहनें आज किसी भर्ती कैंप में हथियार चला रही होतीं या आत्मघाती हमले की ट्रेनिंग ले रही होतीं। यह सिर्फ एक आॅपरेशन नहीं एक बड़ा सबक है, कि ब्रेनवॉश, धर्मांतरण और डिजिटल कट्टरपंथ अब सिर्फ खबर नहीं, हमारे समाज की सच्चाई बन चुके हैं।संबंधित खबरें
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