Corona Update: भारत ने टीकाकरण में बनाया रिकार्ड

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calendar29 Nov 2025 03:01 AM
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भारत में कोरोना के खिलाफ चल रहा टीकाकरण अभियान लगातार नए रिकार्ड कायम कर रहा है। तेजी से चल रहे टीकाकरण के चलते अब देश में वैक्सीन की सिंगल खुराक के मामले में दुनिया में शीर्ष स्थान पर पहुंच गया है।

बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से इसकी जानकारी देते हुए बताया गया कि भारत की वयस्क आबादी में तकरीबन 60.7 फीसदी को वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगाई जा चुकी है। जो कि एक वैश्विक रिकार्ड है।वहीं 18 करोड़ से ज्यादा लोगों को टीके की दोनों खुराक लगा दी गई है। मंत्रालय की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन की कम से कम एक डोज लेने वालों की संख्या दुनिया में सर्वाधिक हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि टीकाकरण मामले में भारत का ग्रामीण क्षेत्र शहरी इलाके से आगे है। कुल 60.7 फीसदी आंकड़ों में जहां ग्रामीण इलाके की हिस्सेदारी 62.54 फीसदी है,वहीं शहरी क्षेत्रों में यह आंकड़ा महज 36.30 फीसदी है। जबकि दोनों को मिलाकर कुल 73.44 करोड़ लोगों को कम से कम एक वैक्सीन की एक खुराक दी जा चुकी है।

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का़ड की बैठक में 24 सितंबर को पहुँचेंगे प्रधानमंत्री

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locationभारत
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calendar02 Dec 2025 02:25 AM
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नई दिल्ली :क्वाड देश अब चीन के खिलाफ लामबंद होना शुरू हो चुका है। अमेरिका में 24 सितंबर को क्वाड की पहली इन-पर्सन समिट होने की शुरुआत हो रही है। वॉशिंगटन में होने वाली इस समिट की मेजबानी में पहली दफा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन करने जा रहे हैं। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ऑस्ट्रेलियाई PM स्कॉट मॉरीसन और जापानी PM योशिहिदे सुगा भी शामिल हो सकते हैं। मोदी 25 अगस्त को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में भाषण भी देने जा रहे हैं।

समिट में 12 मार्च को हुई क्वाड की वर्चुअल बैठक तय होने वाले एजेंडों की तरक्की पर बात की जा रही है। इसके साथ कोविड-19, जलवायु परिवर्तन, नई तकनीकें, साइबरस्पेस और इंडो-पैसेफिक क्षेत्र को मुक्त रखने जैसे मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने पर फोकस किया जाना वाला है। ग्रुप का गठन 2007 में किया गया था, लेकिन ऐसा पहली बार चारों देश एक साथ इन पर्सन बैठक करने वाला है। कोरोनाकाल में प्रधानमंत्री मोदी का यह दूसरा विदेश दौरा हुआ है।

चीन पर नकेल कसेंगे क्वाड देश

पिछली क्वाड बैठक 12 मार्च 2021 को वर्चुअली की गई थी। यह क्वाड की पहली बैठक हुई थी। इसमें चीन को कई मोर्चों पर घेरने की रणनीति बनाने की तैयारी की गई। चीन की वैक्सीन पॉलिसी को काउंटर करने के लिए अमेरिका ने गरीब देशों को वैक्सीन सप्लाई करने पर सहमति जताई गई।

वैक्सीन प्रोडक्शन बढ़ाने पर बनी थी सहमति

चारों देशों ने वैक्सीन बनाने के अपने संसाधनों को साझा करने पर सहमति जताई गई है। इसको लेकर बताया गया है कि कि चारों देशों के पास वैक्सीन बनाने की जो क्षमताएं मौजूद हैं, उन्हें और बढ़ाने का काम किया जाएगा।

बाइडेन ने मैकेनिज्म लाने की कही बात

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जानकारी दिया कि कि US इंडो पैसेफिक में सभी सहयोगियों के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हो गया है। उन्होंने बताया कि कि अमेरिका क्लाइमेट चेंज की चुनौतियों से निपटारा पाने के लिए आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए एक नया मैकेनिज्म लाने की योजना दी गई है।

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International News : विश्व में हर साल 7 लाख से ज्यादा लोग करते हैं सुसाइड

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Greater Noida News
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calendar14 Sep 2021 10:28 AM
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देश में युवाओं को आजकल कई तरह की समस्याएं होती है जिसमें सबसे अधिक डिप्रेशन माना जाता है। इसको लेकर कई तरह से काबू करने की कोशिश जारी है। युवाओं में सहनशीलता खत्म होती जा रही है जिसके चलते उनके जीवन पर इसका काफी असर पड़ रहा है। इसको काबू करने के लिए कई तरह का सुधार किया जा चुका है। परिवार में निजी दिक्कतों के कारण युवाओं के दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। इसको कई बार युवा झेलने में असमर्थ रहते हैं। देश में 15 सै 19 आयु के युवाओं में मौत की सबसे बड़ी वजह आत्महत्या बताई गई है। देश में लगभग 7 लाख से अधिक लोग आत्महत्या से अपनी जान देते हैं। इसमें से 77 फीसदी मामले निम्न और मध्यम आय वाले देशों से मिलते हैं जहाँ बड़ी आबादी को कई तरह का तनाव है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक कीटनाशक पीकर, फांसी लगाकर और खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लेते हैं। माना जाता है कि ऐसे लोग इसको नियंत्रण कर सकते हैं।

W.H.O. के  अनुसार आत्महत्या की वजह से में डिप्रेशन और अल्कोहल का इस्तेमाल करना है। आर्थिक तंगी, रिलेशनिशप का टूटना और बीमारियां की इसकी वजह बनती जा रही है।

आत्महत्या के मामलों में कैसे किया जाए काबू

मुम्बई के ग्लोबल अस्पताल में सीनियर कंसल्टेंट सायकियाट्रिस्ट डॉ. संतोष बांगर बताते हैं कि आत्महत्या के मामलों में कुछ हद तक रोक लगाई जा सकती है। आत्महत्या से पहले कुछ खास लक्षण पाएं जाते हैं जिनको समझकर रोक सकते हैं। मिसाल के तौर पर वे किसी समस्या को लेकर लगातार सोचते जा रहे हैं। आत्महत्या करने का इरादा कर रहे हैं या फिर आत्महत्या करने के तरीके खोजने की कोशिश कर रहे हैं। वे स्वंय को दूसरों पर बोझ समझना शुरु कर देते हैं। इसके अलावा कम समय में वसीयत तैयार कराने की योजना बनाना, गुडबॉय मैसेज लिख कर देना, हमेशा डिप्रेशन में रहना शुरु कर देना, फोन न उठाना, खुद को सबसे अलग करना भी चेतावनी देने वाले लक्षण हो सकते हैं।

आप के आसपास कुछ लोगों मे ऐसे लक्षण पाया जा सकता है जिसको अनदेखा करने की गलती बिल्कुल न करें। उनसे बात करने का प्रयास करें। उनकी बात को समझने की कोशिश कर सकते हैं। उनकी समस्याओं को सुनकर कई हल निकाले। इससे उनका ध्यान बटाने में मदद मिल सकती है और आत्महत्या का खतरा कम हो जाता है।

W.H.O  के मुताबिक आत्महत्या के मामलों को काबू करने के लिए कीटनाशक, बंदूक और कुछ खास दवाओं का सेवन करने वाली दवाओं को सबकी पहुँच से काफी दूर रखने का प्रयास करना चाहिए। शुरुआती लक्षण को समझकर व्यव्हार में बदलाव आने पर ऐसे मामलों पर रोक लगाई जा सकती है।