Telangana News : PM मोदी ने तेलंगाना में की यूपी की तारीफ, कहा कानून का है राज

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तेलंगाना चुनाव
locationभारत
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calendar25 Nov 2025 08:17 AM
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Telangana News / नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में आयोजित आठवें रोजगार मेला में 51 हजार से ज्यादा युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। वर्चुअली जुड़े युवाओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उप्र का जिक्र किया और कहा कि उ.प्र. में अपराध कम होने से निवेश बढ़ा है और यूपी में तेजी से विकास हो रहा है।

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प्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय से जुड़े रोजगार के लिए 51 हजार युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे। प्रधानमंत्री के वर्चुअली संबोधन को 45 शहरों में सुना गया। इस दौरान उन्होंने कहा कि इस दशक में भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं जब यह गारंटी देता हूं तो पूरी जिम्मेदारी से निभाता हूं। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।

पीएम मोदी ने हैदराबाद में आयोजित आठवें ‘रोजगार मेला’ को वर्चुअली संबोधित करते हुए कहा कि आजादी के इस अमृतकाल में आज जिन युवाओं को नियुक्ति पत्र मिल रहा है, वो देश की सेवा के साथ-साथ देश के नागरिकों की रक्षा भी करेंगे। इसलिए एक तरह से आप इस अमृतकाल के जन और अमृतरक्षक भी हैं। पीएम मोदी ने कहा कि सेना में आकर सुरक्षा बलों के साथ जुडक़र, पुलिस सेवा में आकर हर युवा का सपना होता है वो देश की रक्षा का प्रहरी बने। इसलिए आप पर बहुत बड़ा दायित्व होता है। इसलिए आपके जरूरतों के प्रति भी हमारी सरकार बहुत गंभीर रही है।

‘विकास की नई ऊंचाई छू रहा यूपी’

पीएम मोदी ने कहा कि कभी यूपी विकास के मामले में बहुत पीछे था और अपराध के मामले में बहुत आगे था, लेकिन अब कानून का राज स्थापित होने से यूपी विकास की नई ऊंचाई छू रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी अर्थव्यवस्था को आगे बढऩे के लिए ये जरूरी है कि देश के हर सेक्टर का विकास हो। फूड से लेकर फार्मा तक, स्पेस से लेकर स्टार्टअप तक, जब हर सेक्टर आगे बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था भी आगे बढ़ेगी।

संबोधन की बड़ी बातें

भारत में आज इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हो रहा है। पिछले नौ साल में केंद्र सरकार ने 30 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए हैं।

‘वोकल फॉर लोकल’ के मंत्र पर चलते हुए भारत सरकार भी ‘मेड इन इंडिया’ लैपटॉप, कंप्यूटर जैसे प्रॉडक्ट्स खरीदने पर जोर दे रही है। इससे मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़ी है और युवाओं के लिए रोजगार के नए मौके भी बन रहे हैं।

पिछले नौ वर्षों के हमारे प्रयासों से परिवर्तन का एक और नया दौर दिखने लगा है। पिछले साल भारत ने रिकॉर्ड एक्सपोर्ट किया। ये संकेत है कि दुनियाभर के बाजारों में भारतीय सामानों की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

2030 तक हमारी अर्थव्यवस्था में टूरिज्म सेक्टर का योगदान 20 लाख करोड़ रुपये से भी ज्यादा होने का अनुमान है। माना जा रहा है कि अकेले इस इंडस्ट्री से 13 से 14 करोड़ लोगों को नए रोजगार की संभावना बढऩे वाली है। Telangana News

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Chandrayaan 3 : चंद्रयान 3 को लेकर राजनीति हुई तेज, भाजपा ने शेयर की इसरो के पूर्व वैज्ञानिक की वीडियो

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chandrayaan 3
locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 08:58 AM
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Chandrayaan 3 : चंद्रयान 3 की सफलता के बाद अब इसे लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करके कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। इस वीडियो में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण कहते हैं उनकी (तत्कालीन सरकार की) प्राथमिकताएं अलग-अलग थी। इस वीडियो के माध्यम से भाजपा यह जताने की कोशिश कर रही है कि पूर्व के कांग्रेस सरकार ने अंतरिक्ष अनुसंधान को महत्व नहीं दिया।

Chandrayaan 3 Update

आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में पूर्व वैज्ञानिक कांग्रेस के शासनकाल के दौरान ISRO के हालातों पर बात कर रहे थे। वीडियो में नंबी कहते हैं कि उनकी प्राथमिकताएं अलग-अलग थीं, उन्होंने कभी भी अंतरिक्ष अनुसंधान को प्राथमिकता नहीं दी। तब की सरकार द्वारा धन आवंटित नहीं किया गया।

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इस वीडियो शेयर करते हुए भाजपा ने कांग्रेस को घेरने की कोशिश की है। पूर्व वैज्ञानिक के मुताबिक इसरो के पास अनुसंधान कार्य के लिए कोई जीप या कार नहीं थी। उनके पास सिर्फ एक बस थी, जो शिफ्टों में चलती थी। तब से अब तक जैसे-जैसे परफॉर्मेंस सुधरी सरकारों का भरोसा बढ़ता गया और हमें सराहा गया। बीजेपी ने ट्वीट किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने बजट में वृद्धि की है और हमारे वैज्ञानिकों के साथ उनकी सफलताओं और विफलताओं में खड़े हैं, तो भारत के अंतरिक्ष मिशन बहुत आगे बढ़ चुके हैं।

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पूर्व वैज्ञानिक नंबी पर चुकी है फिल्म

आपको बता दें कि चंद्रयान-3 की सफलता पर बोलते हुए नंबी नारायणन ने कहा था कि मेरे काम को मान्यता मिली है। नंबी नारायणन वही वैज्ञानिक हैं जिन पर कुछ दिनों पहले फिल्म भी आई थी। एक्टर आर माधवन ने इस पर फिल्म 'रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट' की थी। नंबी नारायणन ने अपने करियर में विक्रम साराभाई, सतीश धवन और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ काम किया। नंबी नारायण जब इसरो में वैज्ञानिक थे, तो 1994 में भारतीय आंतरिक्ष प्रोग्राम से जुड़ी गोपनीय जानकारी को लीक करने का झूठा आरोप उन पर लगाया गया था।

आरोप थे कि उन्होंने आंतरिक्ष प्रोग्राम की जानकारी मालदीव के दो नागरिकों को साझा की है, जिन्होंने इसरो के रॉकेट इंजनों की इस जानकारी को पाकिस्तान को बेच दी थी। इन आरोपों के बाद केरल सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। 50 दिनों की जेल काटने और पुलिस के अत्याचार सहने के बाद नंबी को रिहा कर दिया गया। बाद में उन पर लगे सभी आरोप झूठे पाए गए थे।  chandrayaan 3

Chandrayaan 3 : चांद पर पहुंचने वाला भारत पहला नहीं चौथा देश, पहला देश कौन सा ?

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Chandrayaan 3 : चांद पर पहुंचने वाला भारत पहला नहीं चौथा देश, पहला देश कौन सा ?

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Chandrayaan 3
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 01:32 AM
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Chandrayaan 3 : भारतीय अंतरिक्ष अनुंसधान संस्थान इसरो द्वारा चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) की लैंडिंग के बाद देशभर में एक चर्चा ने तेजी पकड़ी कि चांद पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला देश बन गया है, जबकि असलियत यह नहीं है। भारत से पहले दुनिया के तीन देश चांद पर लैंडिंग कर चुके हैं। यहां यह समझना बेहद जरुरी है कि चांद के किस ध्रुव पर पहुंचने पर भारत विश्व का पहला देश बना।

Chandrayaan 3 Update

आपको बता दें कि 23 अगस्त 2023 को भारत के चंद्रयान 3 की चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग हुई। लेकिन चांद पर पहुंचने वाला भारत विश्व का पहला नहीं बल्कि चौथा देश है। भारत से पहले अमेरिका, चीन और रुस चांद पर लैंडिंग कर चुके है। आपके दिमाग में फिर वही सवाल पैदा हो गया कि भारत को चांद पर पहुंचने वाला विश्व का पहला देश क्यों कहा जा रहा है। इसे इस तरह से समझा जा सकता है जिस तरह पृथ्वी पर चार दिशाएं हैं, ठीक उसी तरह से चांद पर चार ध्रुव हैं। पूरब, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण। भारत के चंद्रयान 3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की है, इस ध्रुव पर दुनिया का कोई देश लैंडिंग नहीं कर सका है, इस लिए चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला भारत पहला देश बना है।

आपको बता दें कि भारत ने इससे पहले भी दो चंद्रयान चांद पर भेजे थे। 22 अक्टूबर 2008 को चंद्रयान 1 मिशन को लॉन्च किया गया था। इसके बाद 22 अगस्त 2019 को चंद्रयान-2 मिशन लॉन्च किया गया। हालांकि ये मिशन सफल नहीं हो सका। भारत के पड़ोसी चीन ने चांग-ए 1 को 2007 में चांद पर भेजा था। 23 नवंबर 2020 को चीन ने चांग-ए 5 लॉन्च किया था।

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रूस का लूना प्रोग्राम

दुनियाभर में अब तक कई मिशन मून हुए हैं। सबसे पहले रूस ने लूना-2 को चांद की सतह पर उतारा गया था। लूना-2 एक इम्पैक्टर मिशन था यानी चांद की सतह पर इसकी हार्ड लैंडिग हुई थी। हालांकि, पहले इससे 4 जनवरी, 1959 को लूना-1 भी लॉन्च किया गया था।

लूना-1 चांद के नजदीक पहुंचने वाला पहला मिशन बना, लेकिन ये चांद की सतह पर उतरने में कामयाब नहीं हो सका, क्योंकि लूना-1 की एंट्री चांद की ऑर्बिट में फेल हो गई और ये सूर्य की ऑर्बिट में चला गया। 3 फरवरी, 1966 को लूना-9 चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला मिशन बना।

चांद पर जाने वाला पहला मानव मिशन

24 दिसंबर 1968 को नासा ने अपोलो 8 मिशन लॉन्च किया। चंद्रमा की कक्षा का चक्कर काटने वाला पहला मानव मिशन बना। इसके बाद अपोलो 9 और अपोलो 10 लॉन्च किया गया जो असफल रहे। 20 जुलाई 1969 को अपोलो 11 लॉन्च किया गया। इस मिशन में तीन अंतरिक्ष यात्री भेजे गए। अपोलो 11 के अंतरिक्ष यात्री नील आर्मस्ट्रांग चांद पर कदम रखने वाले पहले इंसान बने।

अपोलो 13- ‘सक्सेसफुल फेलियर’

11 अप्रैल 1970 को नासा ने अपोलो 13 लॉन्च किया। अपोलो 13 मिशन चांद की सतह पर इंसानों को उतारने का तीसरा प्रयास था, लेकिन सर्विस मॉड्यूल ऑक्सीजन टैंक के फटने के बाद मिशन को रोकना पड़ा। इस मिशन में अंतरिक्ष यान चांद के नजदीक से गुजरा। ऑक्सीजन की कमी की वजह से अंतरिक्ष यात्रियों धरती पर वापस आना पड़ा। काफी मश्क्कत के बाद अंतरिक्ष यात्रियों की जान बचा ली गई, इस वजह से ही इस मिशन को 'सक्सेसफुल फेलियर' यानी सफल विफलता कहा जाता है।

31 जनवरी 1971 को नासा के अपोलो 14 लॉन्च किया गया। इसमें मिशन कमांडर एलन बी शेपर्ड जूनियर, लूनर मॉड्यूल पायलट एडगर डी. मिशेल, कमांड मॉड्यूल पायलट स्टुअर्ट ए. रूसा सवार थे। अपोलो 14 के मिशन कमांडर एलन शेपर्ड ने चांद पर गोल्फ खेलने वाले पहले इंसान बने।

अपोलो 14 के बाद अमेरिका ने अपोलो 15 को चांद पर भेजा। 26 जुलाई, 1971 को अपोलो 15 अंतरिक्ष यान लॉन्च किया गया। इसमें मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट, लूनर मॉड्यूल पायलट जेम्स बी. इरविन, कमांड मॉड्यूल पायलट अल्फ्रेड एम. वर्डेन सवार थे। अपोलो 15 के मिशन कमांडर डेविड आर. स्कॉट चांद पर जाने वाले सातवें व्यक्ति और चांद पर लूनर रोविंग व्हीकल चलाने वाले पहले व्यक्ति हैं।

Chandrayaan 3 - चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन

अपोलो 17 चांद पर जाने वाला आखिरी मैन-मिशन है। इसे 7 दिसंबर 1972 को लॉन्च किया गया था। यूजीन ए. सेर्नन, हैरिसन एच. श्मिट, रोनाल्ड ई. इवांस इस मिशन के अंतरिक्ष यात्री थे। युजिन सर्नन चांद पर कदम रखने वाले आखिरी इंसान हैं। Chandrayaan 3

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