Horoscope : मिथुन राशिफल 2022, जानिए आपके लिए कैसा रहने वाला है नया साल

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Gemini Horoscope 2022
locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Dec 2021 06:09 PM
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Gemini Horoscope 2022 : वर्ष 2021 अब समाप्ति की ओर है। डेढ़ माह बाद हम सभी नए साल में प्रवेश कर जाएंगे। 2020 की भांति 2021 में भी कोरोना का प्रकोप रहा। बहुत से लोग वर्ष 2021 को भी अपने लिए अनलकी मानते हैं। अब 2022 को लेकर ही आशाएं व्यक्त की जा रही हैं। ऐसे में हमारे ज्योतिषाचार्यों की टीम ने वर्ष 2022 को लेकर सभी राशि के जातकों का भविष्यफल तैयार किया है। आइए जानते हैं कि वर्ष 2022 में आपके लिए क्या खास रहने वाला है।

वर्ष 2022 में मिथुन (Gemini) राशि के लोगों को कई तरह की चुनौतियों का सामना करना होगा। जनवरी 2022 से मार्च 2022 तक शनि मकर राशि में हैं। यह स्थिति आर्थिक नुकसान होने के योग बनाती है। शनि महाराज सेहत पर असर डाल सकते हैं। खर्चों पर नियंत्रण व सेहत के प्रति सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। अप्रैल के बाद राहु का गोचर राशि के एकादश भाव में होगा, जिसे हम लाभ भाव कहते हैं। राहु की उपस्थिति राहत देगी। जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे। अप्रैल से जुलाई के बीच गुरु की स्थिति विद्यार्थियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। मिथुन राशि के छात्र अपना बेहतर प्रदर्शन देते हुए सबका दिल जीत लेंगे।

2022 के ग्रह संकेत दे रहे हैं कि यदि आप प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं, तो आपको इच्छानुसार परिणाम प्राप्ति के लिए अभी कुछ और प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। शनि की स्थिति आर्थिक जीवन को चमकदार बना देगी। धन संचय करने में सफल रहेंगे।

नौकरी की तलाश कर रहे हैं तो मई से अगस्त तक मंगल ग्रह आपको शुभ परिणाम देंगे। कार्यस्थल पर शत्रु सक्रिय होंगे, सावधान रहें। प्रेमी जातकों को इस वर्ष बृहस्पति की कृपा से प्रेम विवाह का अवसर मिलेगा। सितंबर तक की अवधि लव लाइफ के लिए अनुकूल रहेगी। साल 2022 के अंतिम 3 महीनों (अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर) में आपको प्रेमी से बातचीत करते समय, अपने शब्दों का चयन सोच-समझ कर करने की सलाह दी जाती है। मंगल आक्रामक बना सकता है। वर्ष 2022 मिथुन राशि के जातकों के लिए दांपत्य जीवन में अनुकूलता लाएगा। 17 अप्रैल से लेकर जून तक 3 मुख्य ग्रहों (मंगल, शुक्र और बृहस्पति) का साथ होना वैवाहिक जीवन में समस्या का कारण बनेगा।

यशराज कनिया कुमार, वैदिक एवं अंक ज्योतिषी
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14 दिसंबर 2021 से 14 जनवरी 2022 तक खरमास में मांगलिक कार्य नहीं होंगे

Kharmas 2021
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar10 Dec 2021 05:39 PM
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इस वर्ष 14 दिसंबर 2021 से लेकर 14 जनवरी 2022 तक खरमास (kharmas 2021) लग रहा है। चतुर्मास की तरह खरमास (kharmas 2021) में भी कोई मांगलिक यानि शुभ कार्य नहीं किया जाता है। विवाह, मुंडन और गृह प्रवेश (Marriage, Mundan and Griha Pravesh)  आदि शुभ कार्य नहीं कर सकते हैं। खरमास (kharmas 2021) समाप्त होने के बाद मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं।

खरमास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य ?

खरमास के दिनों में सूर्यदेव धनु और मीन राशि में प्रवेश करते हैं। इसके चलते बृहस्पति ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है। वहीं, गुरु ग्रह को शुभ कार्यों का कारक माना जाता है। लड़कियों की शादी के कारक गुरु माने जाते हैं। गुरु कमजोर रहने से शादी में देर होती है। साथ ही रोजगार और कारोबार में भी बाधा आती है। इसके चलते खरमास के दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। विवाह के लिए शुक्र और गुरु दोनों का उदय होना आवश्यक है। यदि दोनों में से एक भी अस्त होगा तो मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। वर्ष 2022 में 23 फरवरी को गुरु अस्त होंगे और 26 मार्च को उदय होंगे। 6 जनवरी को शुक्र अस्त होंगे और 12 जनवरी को उदय होंगे। इसके अलावा एक अक्तूबर को शुक्र अस्त होंगे और 25 नवंबर को उदय होंगे। इस कारण से सगाई, मुंडन, शादी, नामकरण, यज्ञोपवीत, गृहप्रवेश, आदि नहीं किए जाते। नए घर के निर्माण और नए व्यापार का आरंभ भी नहीं किया जाता है।

क्या बिना मुहूर्त के भी विवाह किए जा सकते हैं? बिल्कुल किए जा सकते हैं और भारत में कई समुदायों में रविवार को विवाह संपन्न होते हैं। इसके पीछे अभिजित मुहूर्त की विशेष भूमिका है। अधिकांश लोग पौष मास में विवाह करना शुभ नहीं मानते। ऐसा भी हो सकता है कि दिसंबर मध्य से लेकर जनवरी मध्य तक उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ती है, धुंध के कारण आवागमन भी बाधित रहता है और खुले आकाश के नीचे विवाह की कुछ रस्में निभाना, प्रतिकूल मौसम के कारण संभव नहीं होता, इसलिए 15 दिसंबर की पौष संक्रांति से लेकर 14 जनवरी की मकर संक्राति तक विवाह न किए जाने के निर्णय को ज्योतिष से जोड़ दिया गया हो।

कुछ समुदायों में ऐसे मुहूर्तो को दरकिनार रख कर रविवार को मध्यान्ह में लावां फेरे या पाणिग्रहण संस्कार करा दिया जाता है। इसके पीछे भी ज्योतिषीय कारण पार्श्व में छिपा होता है। हमारे सौर्यमंडल में सूर्य सबसे बड़ा ग्रह है जो पूरी पृथ्वी को ऊर्जा प्रदान करता है। यह दिन और दिनों की अपेक्षा अधिक शुभ माना गया है। इसके अलावा हर दिन ठीक 12 बजे, अभिजित मुहूर्त चल रहा होता है। भगवान राम का जन्म भी इसी मुहूर्त काल में हुआ था। जैसा इस मुहूर्त के नाम से ही सपष्ट है कि जिसे जीता न जा सके अर्थात ऐसे समय में हम जो कार्य आरंभ करते हैं, उसमें विजय प्राप्ति होती है, ऐसे में पाणिग्रहण संस्कार में शुभता रहती है।

खरमास में इन नियमों का ध्यान रखें

1. खरमास का महीना दान और पुण्य महीना होता है। मान्यता है कि इस माह में बिना किसी स्वार्थ के किए गए दान का अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इसलिए खरमास के महीने में जितना संभव हो, जरूरतमंदों को दान करना चाहिए। 2. ये महीना भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण की विशेष पूजा का माह होता है। ऐसे में आप नियमित रूप से गीता का पाठ करें। विष्णु सहस्त्रनाम पढ़ें और श्रीकृष्ण और विष्णु भगवान के मंत्रों का जाप करें। 3. खरमास में तुलसी की पूजा करना से लाभ मिलता है। शाम के समय में तुलसी के पेड़ के सामने घी का दीपक जलाना चाहिए। ऐसा करने से आपके जीवन की परेशानियां कम होती है। 4. खरमास के दौरान रोजाना सुबह सूर्योदय से पूर्व उठना चाहिए और सूर्य को जल देना चाहिए। मान्यता है कि इस दौरान सूर्य देव कमजोर होते हैं। ऐसे में उनकी पूजा करना शुभ माना जाता है। 5. खरमास के महीने में गौ सेवा का विशेष महत्व है। इस दौरान गायों का पूजन करें। उन्हें हल्दी का तिलक लगाकर गुड़-चना खिलाएं। हरा चारा खिलाएं। इससे श्रीकृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

- मदन गुप्ता सपाटू, ज्योतिर्विद्

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Health: वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के 9 माह बाद लोग सकेंगे बुस्टर खुराक

Corona Vaccine
omicron को लेकर डॉक्‍टरों ने दी सलाह.
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 11:55 PM
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राष्ट्रीय ब्यूरो,नईदिल्ली। ओमिक्रॉन (Omicron) वेरिएंट के खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार(Central Government) अब लोगों को कोरोना वैक्सीन(Corona Vaccine)  की बुस्टर खुराक देने पर विचार कर रही है। सरकार की ओर से कहा गया है कि वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के 9 माह बाद बुस्टर खुराक ली जा सकती है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि संसदीय समिति की बैठक को सूचित किया गया हैकि अगर जरूरत पड़ी तो कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक भी ली जा सकती है। लेकिन यह खुराक दूसरी खुराक के 9 महीने बाद ही ली जा सकेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव, आईसीएमआर के महानिदेशक व मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने गुरुवार को कोविड-19 ओमिक्रॉन वेरिएंट द्वारा उत्पन्न चुनौतियों के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय की संसद की स्थायी समिति की एक बैठक में हिस्सा लिया। जिसकी अध्यक्षता राज्यसभा सांसद व सपा नेता रामगोपाल यादव ने किया। बैठक के दौरान स्वास्थ्य अधिकारियों ने ओमिक्रॉन वेरिएंट और कोविड-19 से संबंधित अन्य मुद्दों पर एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की। अधिकारियों ने समिति को बताया भारत में ओमिक्रॉन के 23 मामले सामने आ चुके हैं।

सदस्यों ने कोविड-19 वायरस(Covid-19 Virus )  से निपटने के बारे में बात करते हुए सुझाव दिया कि उन्हें ‘वायरस से आगे’ रहना चाहिए। साथ ही यह भी कहाकि कोविड-19 से निपटना पुलिस-चोर के खेल जैसा है। वहीं अब 100 से ज्यादा देश अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के लिए भारत सरकार द्वारा जारी किए गए टीके के प्रमाणपत्र को मान्यता दे चुके हैं।