Ind Vs Eng Ist Test: दूसरी पारी में भारत ने 250 से ज्यादा की बनाई बढ़त, पुजारा ने बनाया शानदार अर्धशतक

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calendar21 Nov 2025 03:22 PM
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नई दिल्ली: इंग्लैंड के खिलाफ पांचवें टेस्ट (Ind Vs Eng Ist Test) जारी है। इस मैच में टीम इंडिया काफी मजबूत स्थिति में पहुंच चुकी है। पहली पारी में भारतीय टीम ने 416 रन बनाने में कामयाब हुए थे। जिसके जवाब में इंग्लैंड की टीम ने 284 रन पर आल आउट हो गई थी। इसके बाद भारत की तरफ से अपनी दूसरी पारी में 3 विकेट खोकर 125 रन बनाने में कामयाब हुए थे। पहली पारी के आधार पर टीम इंडिया की बढ़त 257 रन तक पहुंच गई है। ऋषभ पंत 30 और चेतेश्वर पुजारा 50 रन बनाकर बल्लेबाजी कर रहे हैं। दूसरी पारी में टीम इंडिया (Ind Vs Eng Ist Test) की शुरुआत खराब हुई है। पहले ही ओवर में शुभमन गिल को जेम्स एंडरसन ने पवेलियन वापस भेज दिया था। उन्होंने 3 गेंद में 4 रन बना लिया था। गिल के आउट होने के बाद बल्लेबाजी करने आए हनुमा विहारी 44 गेंद में 11 रन बनाकर पवेलियन वापस लौट गए थे। उनको स्टुअर्ट ब्रॉड ने पवेलियन भेज दिया था। दूसरी पारी में बात करें तो भी टीम इंडिया के पूर्व कप्तान विराट कोहली फ्लॉप ही हुए हैं। विराट 40 गेंद में 20 रन बनाकर आउट हो गए थे। उनका विकेट इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने हासिल किया था। ये 5वीं बार था जब स्टोक्स ने कोहली को आउट कर दिया था। जिस तरह से कोहली को शानदार शुरुआत मिल गई थी। ऐसा लग रहा था कि विराट बड़ी पारी खेलने जा रहे हैं, लेकिन उन्होंने एक बार फिर उनका बल्ला नहीं चला है। पहली पारी में भी कोहली कुछ खास कमाल नहीं किया था। इस विफलता के साथ ही विराट के लगातार फेल होने का सिलसिला करीब तीन साल लम्बा पहुंंच गया है। 23 नवंबर 2019 को बांग्लादेश के खिलाफ देखा जाए तो उन्होंने टेस्ट में शतक जमाया था। तब से वे क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में एक भी शतक नहीं लगा सके। इंग्लैंड के लिए शानदार फॉर्म में खेल रहे जॉनी बेयरस्टो ने अपने टेस्ट करियर का 11वां शतक लगा दिया था। उन्होंने 140 गेंद का सामना किया और 106 रन बना लिया था। इस दौरान उनके बल्ले से 14 चौके और 2 छक्के लगाए थे। बेयरस्टो को मोहम्मद शमी ने आउट किया और उनका कैच विराट कोहली ने हासिल किया था। टेस्ट क्रिकेट में यह बेयरस्टो की लगातार तीसरी सेंचुरी लगाने में कामयाब हो चुके हैं। इससे पहले उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ 136 और 162 के स्कोर बना लिया था। 2022 में इंग्लैंड के इस बल्लेबाज ने 5 शतक लगा चुके हैं।
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पुण्यतिथि विशेष : सैद्धांतिक शिक्षा के पक्षधर नहीं थे स्वामी विवेकानंद!

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calendar04 Jul 2022 02:52 PM
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 विनय संकोची 'हमें ऐसे शिक्षा की आवश्यकता है जिसके द्वारा चरित्र का निर्माण होता है, मस्तिष्क की शक्ति बढ़ती है, बुद्धि का विकास होता है और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।' ये शब्द हैं स्वामी विवेकानन्द के जिनकी आज पुण्यतिथि है। स्वामी जी मैकाले द्वारा प्रतिपादित और उस समय प्रचलित अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था के घोर विरोधी थे। वह ऐसी शिक्षा चाहते थे, जिससे बालक का सर्वांगीण विकास हो सके। स्वामी विवेकानन्द ने प्रचलित शिक्षा को 'निषेधात्मक शिक्षा' की संज्ञा देते हुए कहा कि आप उस व्यक्ति को शिक्षित मानते हैं जिसने कुछ परीक्षाएं उत्तीर्ण कर ली हों तथा जो अच्छे भाषण दे सकता हो, पर वास्तविकता यह है कि जो शिक्षा जनसाधारण को जीवन संघर्ष के लिए तैयार नहीं करती, जो चरित्र निर्माण नहीं करती, जो समाज सेवा की भावना विकसित नहीं करती तथा जो शेर जैसा साहस पैदा नहीं कर सकती, ऐसी शिक्षा से क्या लाभ? सच तो यही है कि स्वामी विवेकानंद सैद्धान्तिक शिक्षा के पक्षधर नहीं थे, वे व्यावहारिक शिक्षा को व्यक्ति के लिए उपयोगी मानते थे। स्वामी जी शिक्षा द्वारा बालकों को लौकिक एवं पारलौकिक दोनों जीवन के लिए तैयार करने के पक्षधर थे। स्वामी विवेकानन्द चाहते थे कि शिक्षा ऐसी हो जिससे बालक का शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक विकास होने के साथ बालक के चरित्र का निर्माण हो, मन का विकास हो, बुद्धि विकसित हो तथा बालक आत्मनिर्भर बने। स्वामी जी चाहते थे कि बालक एवं बालिकाओं दोनों को समान शिक्षा दी जाए और धार्मिक शिक्षा, पुस्तकों द्वारा न देकर आचरण एवं संस्कारों द्वारा दी जानी चाहिए। इसके साथ ही स्वामी जी चाहते थे कि पाठ्यक्रम में लौकिक एवं पारलौकिक दोनों प्रकार के विषयों को स्थान दिया जाना चाहिए। स्वामी विवेकानंद के अनुसार शिक्षक एवं छात्र का सम्बन्ध अधिक से अधिक निकट का होना चाहिए, सर्वसाधारण में शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार किया जाना चाहिए और मानवीय एवं राष्ट्रीय शिक्षा परिवार से ही शुरू करनी चाहिए। इसी के साथ स्वामी जी यह भी चाहते थे कि शिक्षा ऐसी हो जो सीखने वाले को जीवन संघर्ष से लड़ने की शक्ति दे। स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार क्रांतिकारी हैं, एक स्थान पर उन्होंने लिखा है– 'शिक्षा क्या है? क्या वह पुस्तक-विद्या है? नहीं! क्या वह नाना प्रकार का ज्ञान है? नहीं, यह भी नहीं। जिस संयम के द्वारा इच्छाशक्ति का प्रवाह और विकास वश में लाया जाता है और वह फलदायक होता है, वह शिक्षा कहलाती है।' स्वामी जी चाहते थे कि शिक्षा का उपयोग चरित्र-गठन के लिए किया जाना चाहिए, इस विषय में विवेकानंद कहते हैं-'शिक्षा का अर्थ यह नहीं है कि तुम्हारे दिमाग़ में ऐसी बहुत-सी बातें इस तरह ठूँस दी जायँ, जो आपस में, लड़ने लगें और तुम्हारा दिमाग़ उन्हें जीवन भर में हज़म न कर सके। जिस शिक्षा से हम अपना जीवन-निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र-गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है। यदि तुम पाँच ही भावों को हज़म कर तदनुसार जीवन और चरित्र गठित कर सके हो तो तुम्हारी शिक्षा उस आदमी की अपेक्षा बहुत अधिक है, जिसने एक पूरी की पूरी लाइब्रेरी ही कण्ठस्थ कर ली है।' देश की उन्नति–फिर चाहे वह आर्थिक हो या आध्यात्मिक–में स्वामी शिक्षा की भूमिका केन्द्रिय मानते थे। सन् 1900 में लॉस एंजिल्स, कैलिफ़ोर्निया में दिए गए एक व्याख्यान में स्वामी जी ने कहा था- 'हमारी सभी प्रकार की शिक्षाओं का उद्देश्य तो मनुष्य के इसी व्यक्तित्व का निर्माण होना चाहिये। परन्तु इसके विपरीत हम केवल बाहर से पालिश करने का ही प्रयत्न करते हैं। यदि भीतर कुछ सार न हो तो बाहरी रंग चढ़ाने से क्या लाभ? शिक्षा का लक्ष्य अथवा उद्देश्य तो मनुष्य का विकास ही है।'
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PM Modi आज गांधीनगर में करेंगे डिजिटल इंडिया वीक का शुभारम्भ

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PM Modi
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calendar04 Jul 2022 02:22 PM
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PM Modi : प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी (PM Modi ) आज सोमवार को गुजरात के गांधीनगर में डिजिटल इंडिया सप्‍ताह 2022 का उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम के दौरान वे कई डिजिटल कदमों की शुरूआत करेंगे, जिनका उद्देश्‍य प्रौद्योगिकी तक पहुंच को बढ़ाना, जीवनयापन को सुगम बनाने के लिए सेवा परिदान प्रणाली को सुचारू बनाना और स्‍टार्टअप को बढ़ावा देना है। डिजिटल इंडिया सप्‍ताह का विषय है – नवभारत प्रौद्योगिकी प्रेरणा। कार्यक्रम का आयोजन 4 से 6 जुलाई तक महात्मा मंदिर कॉन्वेशन और एक्जीबिशन सेंटर में किया जाएगा।

PM Modi

पीएम मोदी डिजिटल इंडिया भाषिणी का शुभारंभ करेंगे, जिससे आवाज आधारित पहुंच सहित भारतीय भाषाओं में इंटरनेट और डिजिटल सेवाओं तक पहुंच आसान होगी और भारतीय भाषाओं में विषय-वस्‍तु तैयार करने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्‍टार्टअप की खोज, सहायता, उन्‍हें आगे बढ़ाने और सफल बनाने के लिए एक राष्‍ट्रीय गहन प्रौद्योगिकी स्‍टार्टअप मंच डिजिटल इंडिया जेनेसिस का शुभारंभ भी करेंगे। इस योजना के लिए कुल साढ़े सात सौ करोड़ रूपये की राशि निर्धारित की गई है।

प्रधानमंत्री इंडिया स्‍टैक के तहत लागू की जा रही आधार, यूपीआई, डिजीलॉकर, कोविन टीकाकरण प्‍लेटफॉर्म, गर्वमेंट ई-मार्केट प्‍लेस, दीक्षा प्‍लेटफॉर्म और आयुष्‍मान भारत, डिजिटल स्‍वास्‍थ्‍य मिशन जैसी प्रमुख परियोजनाओं के लिए ‘Indiastack.global’ का शुभारंभ भी करेंगे। वैश्विक सार्वजनिक डिजिटल जिन्‍स संग्रह में भारत के इस योगदान से भारत, जनसंख्‍या के स्‍तर पर डिजिटल परिवर्तन परियोजनाएं तैयार करने में नेता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगा। इससे उन देशों को बहुत सहायता मिलेगी जिन्‍हें इस प्रकार के प्रौद्योगिकी सॉल्‍यूशंस की आवश्‍यकता है।

प्रधानमंत्री सरकारी योजनाओं तक पहुंच को सुगम बनाने वाले सेवा खोज प्‍लेटफॉर्म माई स्‍कीम नागरिकों को समर्पित करेंगे। इसका उद्देश्‍य वन स्‍टॉप पोर्टल प्रदान करना है जहां प्रयोक्‍ता उन योजनाओं को खोज सकते हैं जिनके लिए वे पात्र हैं। पीएम मोदी वन सिटीजन लॉगिन के लिए राष्‍ट्रीय सिंगल साइन ऑन मेरी पहचान भी नागरिकों को समर्पित करेंगे। राष्‍ट्रीय सिंगल साइन ऑन एक प्रयोक्‍ता प्रमाणीकरण सेवा है जिसमें एक प्रकार की जानकारी द्वारा कई प्रकार की ऑनलाइन एप्‍लीकेशंस या सेवाओं तक पहुंच प्राप्‍त होती हैं।

पीएम मोदी ऐसी तीस संस्‍थाओं के समूह की घोषणा भी करेंगे जिसे चिप्‍स-टू-स्‍टार्टअप कार्यक्रम के तहत सहायता प्रदान की जाएगी। इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य स्‍नातक, स्‍नातकोत्‍तर और शोध स्‍तर पर सेमीकंडेक्‍टर चिप्‍स डिजाइन के क्षेत्र में विशेष श्रम शक्ति को प्रशिक्षित करना है।