बड़ी खबर : भूपेन्द्र चौधरी ही रहेंगे उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष

भूपेन्द्र चौधरी के पास संगठन की बड़ी समझ मौजूद है। इतना ही नहीं भूपेन्द्र चौधरी OBC समाज में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे प्रदेश को जोडऩे की क्षमता रखते हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने चेतना मंच को बताया है कि एक बार फिर भूपेन्द्र चौधरी ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष बनेंगे।

उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में भूपेन्द्र चौधरी की वापसी
उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के रूप में भूपेन्द्र चौधरी की वापसी
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar25 Nov 2025 01:12 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजनीति से एक बड़ी खबर आ रही है। उत्तर प्रदेश की बड़ी खबर यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष पद का नाम तय कर लिया है। भाजपा के अंतरंग सूत्रों ने दावा किया है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ही भाजपा के अगले प्रदेश अध्यक्ष रहेंगे। भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व जल्दी ही उत्तर प्रदेश के नए अध्यक्ष के रूप में भूपेन्द्र चौधरी के नाम की घोषणा कर देगा। UP News

ओबीसी के पेंच में भूपेन्द्र चौधरी पहली पसंद

आपको बता दें कि भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश की जमीनी राजनीतिक हकीकत को अच्छी तरह से समझता है। उत्तर प्रदेश की राजनीतिक जमीनी हकीकत यह है कि उत्तर प्रदेश में OBC समाज का वोट चुनाव में हार-जीत का फैसला करता है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के लिए यह जरूरी है कि उत्तर प्रदेश में अध्यक्ष के पद पर OBC समाज के नेता को ही बैठाया जाए। भाजपा पिछले 6 महीने से OBC समाज में एक ऐसे नेता की तलाश में है जो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए हर तरह से फिट साबित हो जाए। इस मामले में घूम फिरकर भाजपा नेतृत्व की नजर भूपेन्द्र चौधरी पर ही टिक रही है। भूपेन्द्र चौधरी के पास संगठन की बड़ी समझ मौजूद है। इतना ही नहीं भूपेन्द्र चौधरी OBC समाज में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पूरे प्रदेश को जोडऩे की क्षमता रखते हैं। उत्तर प्रदेश भाजपा के एक बड़े नेता ने चेतना मंच को बताया है कि एक बार फिर भूपेन्द्र चौधरी ही उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष बनेंगे। 

कौन हैं उत्तर प्रदेश में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी?

भूपेन्द्र चौधरी के परिचय की बात करें तो भूपेन्द्र चौधरी इन दिनों भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। भाजपा के संविधान के अनुसार उनका प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर पहला कार्यकाल पूरा हो गया है। भाजपा के संविधान में उन्हें दूसरी बार प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने का प्रावधान मौजूद है। भूपेन्द्र चौधरी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के रहने वाले हैं। भूपेन्द्र चौधरी उत्तर प्रदेश विधान परिषद (MLC) के सदस्य भी हैं। बात उनके राजनीतिक कैरियर की करें तो भूपेंद्र सिंह चौधरी ने 1991 में भाजपा के साथ अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। इसके बाद वर्ष-1999 के लोकसभा चुनाव में संभल सीट पर उनका सामना मुलायम सिंह यादव से हुआ था। इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने संगठन में अलग-अलग स्तर पर कई जिम्मेदारियों को निभाया। इन जिम्मेदारियों में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय मंत्री और क्षेत्रीय अध्यक्ष के पद भी शामिल हैं। इसके बाद वर्ष- 2016 में भाजपा ने भूपेन्द्र चौधरी को MLC के लिए नामित किया और वर्ष-2017 में सरकार बनने के बाद उन्हें पंचायती राज विभाग का अध्यक्ष बनाया गया। इस तरह भूपेंद्र सिंह चौधरी को राज्य मंत्री का दर्जा योगी सरकार के पहले कार्यकाल में ही मिल गया था। योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पंचायती राज विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर है भूपेन्द्र चौधरी के नाम पर खतरा

उत्तर प्रदेश में भाजपा भूपेन्द्र चौधरी को पुन: अध्यक्ष बनाने की घोषणा बहुत पहले ही कर देती। अभी तक घोषणा ना होने का सबसे बड़ा कारण उत्तर प्रदेश में वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे हैं। आपको बता दें कि वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा तथा NDA उत्तर प्रदेश में 36 सीटों की हो जीत पाई थी। वर्ष-2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा तथा NDA को उत्तर प्रदेश में 28 सीटों का बड़ा नुकसान हो गया था। यहीं पर अध्यक्ष पद की दोबारा दावेदारी में भूपेन्द्र चौधरी कमजोर पड़ रहे हैं। फिर भी OBC समाज में उन्हें सबसे मजबूत चेहरा माना जा रहा है। आपको यह भी बता दें कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में BSP पूरी तरह समाप्त हो चुकी है। ऐसे में भाजपा का सीधा मुकाबला सपा से है। पिछले चुनाव में PDA की सफलता से उत्साहित अखिलेश यादव MY समीकरण पर दांव लगाने की बजाय पिछड़ों और दलितों को अधिक टिकट देने के मूड में हैं। ऐसे में भाजपा को भी अपनी रणनीति बदलनी पड़ सकती है। UP News

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पीएम मोदी बोले: धर्म ध्वज सत्य, संकल्प और प्रेरणा का ध्वज है

अयोध्या में भव्य कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत “सियावर रामचंद्र की जय” के जयघोष के साथ की। उन्होंने कहा कि आज पूरा भारत और पूरा विश्व राममय है। सदियों पुराने घाव भर रहे हैं और सदियों की वेदना का आज अंत हुआ है।

PM Modi said in Ayodhya
अयोध्या में पीएम मोदी (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar25 Nov 2025 01:03 PM
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पीएम मोदी ने कहा कि सदियों से चले आ रहे संकल्प की आज सिद्धि हुई है और धर्म ध्वजा की स्थापना इस ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक है।प्रधानमंत्री ने कहा कि यह धर्म ध्वज सत्य, संकल्प और प्रेरणा का ध्वज है—“प्राण जाए पर वचन न जाए” के आदर्श को आगे बढ़ाने वाला। इस ध्वज पर बना भगवा रंग, सूर्य का चिन्ह और कोविदार वृक्ष राम राज्य की कीर्ति और मर्यादाओं को दर्शाते हैं। उन्होंने देशवासियों से ऐसे समाज निर्माण का आग्रह किया जहां न कोई गरीब हो, न कोई पीड़ित—एक ऐसा समाज जो श्रमवीरों, कारीगरों और जनसाधारण की सहभागिता पर खड़ा हो।

विकसित भारत के संकल्प के साथ पीएम मोदी का अयोध्या से संदेश

पीएम मोदी ने स्मरण दिलाया कि अयोध्या वही नगरी है जहाँ से भगवान श्रीराम का जीवन-पथ प्रारंभ हुआ था। आज यहां सप्त मंदिर, निषादराज का मंदिर, जटायु व गिलहरी की मूर्तियाँ सामूहिक प्रयास और सहयोग के महत्व का संदेश देती हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण में महिलाओं, किसानों, युवाओं और वंचितों का उत्थान आवश्यक है। उन्होंने 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि हमें वर्तमान के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए भी दूरदृष्टि के साथ काम करना होगा, क्योंकि देश हमसे बड़ा है “जब हम नहीं थे तब भी देश था, जब हम नहीं होंगे तब भी देश रहेगा।”

पीएम मोदी: ‘समाज निर्माण के लिए अपने भीतर राम को जगाना होगा’

प्रधानमंत्री ने कहा कि राम का अर्थ है—जनता का सुख सर्वोपरि रखना, विवेक, दृढ़ता, श्रेष्ठ संगति का चयन, विनम्रता और सत्य के प्रति अडिग रहना। “यदि समाज को सामर्थ्यवान बनाना है तो अपने भीतर राम को जगाना होगा।” धर्म ध्वज पर अंकित कोविदार वृक्ष का महत्व बताते हुए उन्होंने कहा कि यह वही प्रतीक है जिसका वर्णन वाल्मीकि रामायण में भी मिलता है, जब चित्रकूट में लक्ष्मण जी ने अयोध्या की सेना को इसी धर्म ध्वज से पहचाना था। यह वृक्ष हमारी पहचान और हमारी परंपरा का स्मरण कराता है। कार्यक्रम के अंत में पीएम मोदी ने कहा कि आज का दिन संकल्प का है—देश, समाज और भविष्य के निर्माण का संकल्प। यह ध्वज आने वाले युगों तक राम के आदर्शों का संदेश मानवता को देता रहेगा।

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अभिजीत मुहूर्त में पीएम मोदी ने फहराया भगवा ध्वज

अयोध्या में मंगलवार को इतिहास का एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया, जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के 161 फीट ऊंचे मुख्य शिखर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केसरिया धर्म ध्वजा फहराया।

PM Modi hoisted the saffron flag
पीएम मोदी ने फहराया भगवा ध्वज (फाइल फोटो)
locationभारत
userऋषि तिवारी
calendar25 Nov 2025 12:32 PM
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अयोध्या में आज मंगलवार का दिन ऐतिहासिक रहा, जब अभिजीत मुहूर्त के शुभ समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के भव्य शिखर पर धर्म ध्वजा फहराया। भगवा ध्वज के शिखर पर लहराते ही पूरा परिसर “जय श्री राम” के जयकारों से गूंज उठा और वातावरण श्रद्धा व उत्साह से भर गया।

ध्वजारोहण से पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ मंदिर परिसर के सभी प्रमुख मंदिरों में दर्शन-पूजा की तथा रामलला के समक्ष विशेष प्रार्थना अर्पित की। इस अवसर पर उपस्थित संत-धर्माचार्य और श्रद्धालुओं ने भी इस क्षण को दिव्य और ऐतिहासिक बताया।अयोध्या में चल रहे निर्माण कार्यों के बीच यह ध्वजारोहण समारोह मंदिर निर्माण की प्रगति और लोक आस्था के संगम का प्रतीक माना जा रहा है। कार्यक्रम के अगले चरणों में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ भी शामिल होंगी।

पूजा-अर्चना के बाद ध्वजारोहण

पीएम मोदी सुबह लगभग 10 बजे अयोध्या पहुंचे, जहां हजारों श्रद्धालुओं ने उनका उत्साहपूर्ण स्वागत किया। उन्होंने सप्त मंदिर में पूजा-अर्चना की, शेषावतार मंदिर पहुंचे और राम दरबार में मंत्रोच्चार के बीच आशीर्वाद लिया। इसके बाद उन्होंने रामलला के दर्शन किए। इस पावन कार्यक्रम में RSS प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रहे।

161 फीट ऊंचे शिखर पर लहराया त्याग और पराक्रम का प्रतीक

42 फीट ऊंचे ध्वजदंड पर फहराया गया 22×11 फीट का यह केसरिया धर्म ध्वज सनातन परंपरा में त्याग, वीरता, भक्ति और सत्य की विजय का प्रतीक माना जाता है। ध्वज पर तीन प्रमुख चिह्न अंकित किए गए—सूर्य, ऊँ और कोविदार वृक्ष।

  • कोविदार वृक्ष: रघुवंश की परंपरा का प्रतीक, जिसका उल्लेख वाल्मीकि रामायण में भरत के ध्वज पर भी मिलता है।
  • ऊँ: सभी मंत्रों का सार और संपूर्ण सृष्टि का प्रतीक।
  • सूर्य: विजय और तेजस्विता का द्योतक।

ध्वजारोहण के साथ ही अयोध्या नगरी में अलौकिक भक्ति और उत्साह का माहौल फैल गया। दूर-दूर से आए श्रद्धालु इस ऐतिहासिक दृश्य को देख भाव-विभोर हो उठे।

शहर में भव्य सजावट और कड़ी सुरक्षा

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा आयोजित इस विशेष कार्यक्रम के लिए पूरी अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया। मंदिर परिसर की भव्य रोशनी ने दिव्यता और भी बढ़ा दी। शहर में वीवीआईपी उपस्थिति को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे। हर चौराहे और मार्ग पर पुलिस, सुरक्षा बल और प्रशासन मुस्तैद रहा।

धर्म ध्वजा की विशेषताएँ

  • लंबाई: 22 फीट
  • चौड़ाई: 11 फीट
  • ध्वजदंड की ऊंचाई: 42 फीट
  • रंग: केसरिया — त्याग, समर्पण, पराक्रम और भक्ति का द्योतक

यह ध्वज रघुवंश की गौरवशाली परंपरा, सूर्यवंशी आदर्शों और रामराज्य के मूल्यों का आधुनिक युग में पुनर्स्मरण है। अयोध्या में यह ऐतिहासिक ध्वजारोहण न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को नए युग की दिशा देने वाला क्षण भी माना जा रहा है।