मंत्री मंडल विस्तार में ठगे रह गए दिग्गज विधायक, चल गया दलित कार्ड

UP News
चला दलित कार्ड
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन में आने के लिए कुछ जरूरी शर्त तय की गई थी। इनेही में एख शर्त यह भी थी कि RLD के एक विधायक को उत्तर प्रदेश के मंत्रीमंडल में मंत्री बना दिया जाएगा। मंगलवार को हुए उत्तर प्रदेश के मंत्री मंडल के विस्तार में मुजफ्फरनगर की पुरकाजी विधानसभा सीट के RLD के विधायक अनिल कुमार को कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। अनिलकुमार को कैबिनेट मंत्री बनाने के पीछे RLD प्रमुक जयंत चौधरी का दलित कार्ड है। जयंत चौधरी को लगता है कि लोकसभा के टिकट में एक जाट तथा एक गुर्जर को एडजेस्ट करने बाद उन्हे दलित वोटरों को भी संदेश देना था कि वे दलित समाज को भी अपने साथ लेकर चलना चाहते है। यही कारण है कि बागपत में जट तथा बिजनौर में गुर्जर कार्ड खलने के बाद जयंत चौधरी ने मंत्री मंडल के विस्तार में दलित कार्ड खेला है। राजनीतिक विश्लेषकों को जरा भी उम्मीद नही है कि जयमत चौधरी का यह दलित कार्ड उत्तर प्रदेश में चल जाएगा।दिग्गज रुठ गए तो कहीं के नहीं रह जाएगें जयंत
राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि उत्तर प्रदेश के मंत्री मंडल म के विस्तार में मंत्री बनने के कतार में RLD के दिग्गज माने जाने वाले विधायक भी थे। RLD विधायक दल के नेता तथा मुजफ्फरनगर जिले की बुढाना विधानसभा सीट से विधायक राजपाल बालियान मान कर चल रहे थे कि विधायक दल के नेता होने के नाते मंत्री तो उन्हे ही बनना है। नहीं जाट तथा गुर्जर एक ता का प्रतीक बनकर खतौली विधानसभा सीट से विधायक बने मदन भैया मंत्री बनने के स्वभाविक दावेदार माने जा रहे थे। शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी तथा RLD की परमपरागत सीट छपरौली के विधायक अजय कुमार को भी मंत्री बनने की उम्मीद थी। अब राष्ट्रीय लोकदल के ये सभी दिग्गज विधायक दुखी होकर अपने नेता जयंत चौधरी से रूठ गए तो जयंत चौधरी कहीं के नही रहेगें। कयास तो यहां तक लगाए जा रहे है कि यदि रुठे हुए विधायक पाला बदलकर सीधे सीधे भाजपा या फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए तो RLD का क्या होगा।यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व सांसद बीजेपी में हुए शामिल
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राजनीतिक विश्लेषकों का मत है कि उत्तर प्रदेश के मंत्री मंडल म के विस्तार में मंत्री बनने के कतार में RLD के दिग्गज माने जाने वाले विधायक भी थे। RLD विधायक दल के नेता तथा मुजफ्फरनगर जिले की बुढाना विधानसभा सीट से विधायक राजपाल बालियान मान कर चल रहे थे कि विधायक दल के नेता होने के नाते मंत्री तो उन्हे ही बनना है। नहीं जाट तथा गुर्जर एक ता का प्रतीक बनकर खतौली विधानसभा सीट से विधायक बने मदन भैया मंत्री बनने के स्वभाविक दावेदार माने जा रहे थे। शामली के विधायक प्रसन्न चौधरी तथा RLD की परमपरागत सीट छपरौली के विधायक अजय कुमार को भी मंत्री बनने की उम्मीद थी। अब राष्ट्रीय लोकदल के ये सभी दिग्गज विधायक दुखी होकर अपने नेता जयंत चौधरी से रूठ गए तो जयंत चौधरी कहीं के नही रहेगें। कयास तो यहां तक लगाए जा रहे है कि यदि रुठे हुए विधायक पाला बदलकर सीधे सीधे भाजपा या फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए तो RLD का क्या होगा।यूपी में कांग्रेस को बड़ा झटका, पूर्व सांसद बीजेपी में हुए शामिल
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