UP Crime News : यूपी में माफिया के हौसले बुलंद, एनकाउन्टर में महिला की मौत, पांच पुलिसवाले भी जख्मी

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जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस को बुधवार की दोपहर पता चला कि खनन माफिया जफर मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके में है। इस सूचना के बाद पुलिस ने शाम साढ़े पांच बजे जफर की घेराबंदी की। पुलिस को देखकर जफर ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। खुद घिरता देख जफर यूपी बॉर्डर क्रॉस कर उत्तराखंड में ऊधम सिंह नगर जिले में कुंडा थाने के गांव भरतपुर पहुंच गया। यूपी पुलिस की टीम भी पीछा करते भरतपुर पहुंच गई। बरेली जोन के एडीजी राजकुमार ने बताया कि माफिया जफर भरतपुर में भाजपा नेता गुरताज सिंह के फार्म हाउस पर जाकर छुप गया। ठाकुरद्वारा थाने से भरतपुर की दूरी बमुश्किल 8 किमी है। यूपी पुलिस के जवान सादे कपड़ों में थे। कुछ वीडियो में दिख रहा है कि भुल्लर के फॉर्महाउस पर 10-12 लोग पिस्टल लेकर घुस रहे हैं। यहां सादे कपड़ों में पुलिसवाले थे। शुरुआत में भुल्लर की फैमिली ने पुलिसवालों को बदमाश समझा। हालांकि मुरादाबाद पुलिस टीम ने अपना परिचय दिया और फार्म हाउस में घुसे 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर को अपने हवाले करने को कहा। लेकिन, भुल्लर की फैमिली लोकल पुलिस को बुलाने की मांग करने लगी। इसी बीच, स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।UP Crime News :
बहस के दौरान पुलिस को माफिया जफर दिखा। तभी फायरिंग शुरू हो गई। इसी दौरान भुल्लर की पत्नी गुरुजीत कौर (28 साल) ड्यूटी करके लौट रही थीं। उन्हें गोली लग गई। परिजन आनन-फानन उन्हें निजी डॉक्टर के पास लेकर गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि गुरजीत की मौत मुरादाबाद पुलिस की गोली लगने से हुई है। इस घटना में उत्तराखंड के कुंडा थाने में मुरादाबाद के 4 पुलिसकर्मियों को नामजद करते हुए 10-12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। गुरजीत सहकारी समिति में लिपिक थीं। जानकारी के मुताबिक, जफर और उसके साथियों ने 12 पुलिसवालों को एक घंटे तक बंधक बनाए रखा। हथियार लूटे और पुलिस वाहन को भी आग लगा दी। महिला की मौत से ग्रामीण नाराज हो गए थे। इसी नाराजगी का फायदा उठाकर जफर फरार हो गया। ग्रामीणों ने उत्तराखंड में कुंडा तिराहे पर जाम लगाकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस वालों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। यूपी पुलिस ने भी कुछ ग्रामीणों पर केस दर्ज कराया है। उनके खिलाफ मारपीट का आरोप है। 13 सितंबर को एसडीएम की टीम को बंधक बनाकर डंपर छीन ले जाने के मामले में खनन माफिया जफर वांटेड था। डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि बुधवार को पुलिस टीम को जफर की लोकेशन का पता चला। ठाकुरद्वारा पुलिस और एसओजी टीम के 10 जवान उसे पकड़ने के लिए गए थे। लेकिन जफर को इसकी भनक लग गई और वह भाग गया। एनकाउंटर में इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसवाले घायल हैं। 3 को गोली लगी है और 2 मारपीट से जख्मी हुए हैं। खनन माफिया के एसडीएम पर हमले और डंपर छीन ले जाने की घटना से सीएम योगी आदित्यनाथ खासे खफा थे। 25 सितंबर को हुई वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने मुरादाबाद के डीआईजी शलभ माथुर को फटकार लगाते हुए खनन माफिया पर कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। सीएम ने हिदायत दी थी कि खनन माफिया पर एक्शन लेने के साथ-साथ उन दोषियों को भी चिन्हित किया जाए जो खनन सिंडिकेट को सपोर्ट कर रहे हैं।अगली खबर पढ़ें
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जानकारी के मुताबिक यूपी पुलिस को बुधवार की दोपहर पता चला कि खनन माफिया जफर मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके में है। इस सूचना के बाद पुलिस ने शाम साढ़े पांच बजे जफर की घेराबंदी की। पुलिस को देखकर जफर ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाईं। खुद घिरता देख जफर यूपी बॉर्डर क्रॉस कर उत्तराखंड में ऊधम सिंह नगर जिले में कुंडा थाने के गांव भरतपुर पहुंच गया। यूपी पुलिस की टीम भी पीछा करते भरतपुर पहुंच गई। बरेली जोन के एडीजी राजकुमार ने बताया कि माफिया जफर भरतपुर में भाजपा नेता गुरताज सिंह के फार्म हाउस पर जाकर छुप गया। ठाकुरद्वारा थाने से भरतपुर की दूरी बमुश्किल 8 किमी है। यूपी पुलिस के जवान सादे कपड़ों में थे। कुछ वीडियो में दिख रहा है कि भुल्लर के फॉर्महाउस पर 10-12 लोग पिस्टल लेकर घुस रहे हैं। यहां सादे कपड़ों में पुलिसवाले थे। शुरुआत में भुल्लर की फैमिली ने पुलिसवालों को बदमाश समझा। हालांकि मुरादाबाद पुलिस टीम ने अपना परिचय दिया और फार्म हाउस में घुसे 50 हजार के इनामी खनन माफिया जफर को अपने हवाले करने को कहा। लेकिन, भुल्लर की फैमिली लोकल पुलिस को बुलाने की मांग करने लगी। इसी बीच, स्थानीय लोगों ने विरोध शुरू कर दिया।UP Crime News :
बहस के दौरान पुलिस को माफिया जफर दिखा। तभी फायरिंग शुरू हो गई। इसी दौरान भुल्लर की पत्नी गुरुजीत कौर (28 साल) ड्यूटी करके लौट रही थीं। उन्हें गोली लग गई। परिजन आनन-फानन उन्हें निजी डॉक्टर के पास लेकर गए, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। परिजनों का कहना है कि गुरजीत की मौत मुरादाबाद पुलिस की गोली लगने से हुई है। इस घटना में उत्तराखंड के कुंडा थाने में मुरादाबाद के 4 पुलिसकर्मियों को नामजद करते हुए 10-12 पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। गुरजीत सहकारी समिति में लिपिक थीं। जानकारी के मुताबिक, जफर और उसके साथियों ने 12 पुलिसवालों को एक घंटे तक बंधक बनाए रखा। हथियार लूटे और पुलिस वाहन को भी आग लगा दी। महिला की मौत से ग्रामीण नाराज हो गए थे। इसी नाराजगी का फायदा उठाकर जफर फरार हो गया। ग्रामीणों ने उत्तराखंड में कुंडा तिराहे पर जाम लगाकर हंगामा किया। इसके बाद पुलिस वालों पर हत्या का केस दर्ज किया गया है। यूपी पुलिस ने भी कुछ ग्रामीणों पर केस दर्ज कराया है। उनके खिलाफ मारपीट का आरोप है। 13 सितंबर को एसडीएम की टीम को बंधक बनाकर डंपर छीन ले जाने के मामले में खनन माफिया जफर वांटेड था। डीआईजी शलभ माथुर ने बताया कि बुधवार को पुलिस टीम को जफर की लोकेशन का पता चला। ठाकुरद्वारा पुलिस और एसओजी टीम के 10 जवान उसे पकड़ने के लिए गए थे। लेकिन जफर को इसकी भनक लग गई और वह भाग गया। एनकाउंटर में इंस्पेक्टर समेत 5 पुलिसवाले घायल हैं। 3 को गोली लगी है और 2 मारपीट से जख्मी हुए हैं। खनन माफिया के एसडीएम पर हमले और डंपर छीन ले जाने की घटना से सीएम योगी आदित्यनाथ खासे खफा थे। 25 सितंबर को हुई वीडियो कांफ्रेंस में उन्होंने मुरादाबाद के डीआईजी शलभ माथुर को फटकार लगाते हुए खनन माफिया पर कड़ा एक्शन लेने के निर्देश दिए थे। सीएम ने हिदायत दी थी कि खनन माफिया पर एक्शन लेने के साथ-साथ उन दोषियों को भी चिन्हित किया जाए जो खनन सिंडिकेट को सपोर्ट कर रहे हैं।संबंधित खबरें
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