आज रात मां लक्ष्मी करेंगी आपके घर प्रवेश, दहलीज की इन चीजों का रखें खास ख्याल

आज रात मां लक्ष्मी करेंगी आपके घर प्रवेश, दहलीज की इन चीजों का रखें खास ख्याल
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calendar01 Dec 2025 11:49 AM
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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल शरद पूर्णिमा का पावन पर्व सोमवार 6 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। यह दिन आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद खास माना जाता है क्योंकि मान्यता है कि धन, वैभव और समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी इसी रात पृथ्वी पर आती हैं। शास्त्रों और पुराणों में शरद पूर्णिमा की रात को विशेष रूप से फलदायी बताया गया है। Sharad Purnima 2025

शरद पूर्णिमा का धार्मिक महत्व

शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह वह दिन है जब चंद्रमा धरती के सबसे निकट होता है और अपनी सोलहों कलाओं से युक्त होता है। माना जाता है कि इस रात चंद्रमा की रोशनी में अमृत बरसता है, जो तन और मन दोनों को शुद्ध करता है। नारद पुराण के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी उल्लू पर सवार होकर संपूर्ण पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं। इस दौरान वे उन घरों में प्रवेश करती हैं, जहां सफाई, प्रकाश और भक्ति होती है। इसलिए इस दिन मुख्य द्वार को साफ करके वहां दीपक जलाना और रंगोली बनाना विशेष शुभ माना जाता है।

मुख्य द्वार पर करें ये एक काम

यदि आप चाहते हैं कि मां लक्ष्मी आपके घर पधारें और स्थायी रूप से निवास करें, तो शरद पूर्णिमा की रात मुख्य द्वार पर घी का दीपक जरूर जलाएं। साथ ही दरवाजे को अच्छे से साफ करें, तोरण और फूलों से सजाएं। यह मां लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक है और ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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चंद्रमा की रोशनी में क्यों रखी जाती है खीर?

शरद पूर्णिमा की सबसे खास परंपरा है खुले आसमान के नीचे खीर रखना। मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों में अमृत तत्व होता है। जब खीर को चांद की रोशनी में रखा जाता है तो उसमें यह अमृत ऊर्जा समाहित हो जाती है। सुबह इस खीर को प्रसाद के रूप में ग्रहण करना न केवल स्वास्थ्य लाभ देता है बल्कि भाग्य का द्वार भी खोलता है। यह परंपरा खास तौर पर उत्तर भारत में बड़े श्रद्धा-भाव से निभाई जाती है।

शरद पूर्णिमा और श्रीकृष्ण की रासलीला

शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात ही भगवान श्रीकृष्ण ने वृंदावन में राधा और गोपियों के साथ दिव्य महारास रचाया था। यह रास नृत्य केवल प्रेम नहीं, बल्कि भक्ति, आनंद और आध्यात्मिक एकता का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण यह रात सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आत्मिक स्तर पर भी अत्यंत शक्तिशाली मानी जाती है।

समुद्र मंथन से लक्ष्मी का प्राकट्य

मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था। इसलिए यह दिन लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ होता है। कई स्थानों पर इस दिन कन्याएं सूर्य और चंद्रदेव की पूजा करती हैं और शुभ विवाह की कामना करती हैं।

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इस शरद पूर्णिमा पर क्या करें?

मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं और साफ-सफाई रखें। मां लक्ष्मी के नाम का मंत्र जपें: "ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः"। रात को खीर बनाकर चंद्रमा की रोशनी में रखें। अगले दिन उस खीर को प्रसाद रूप में परिवार सहित ग्रहण करें। तुलसी के पास दीपक जलाकर घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाएं। इस शरद पूर्णिमा, अपने घर को तैयार कीजिए देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए। एक दीपक, थोड़ी सी भक्ति और श्रद्धा से आप अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आमंत्रित कर सकते हैं। Sharad Purnima 2025
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calendar01 Dec 2025 11:57 AM
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आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा कहा जाता है। यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत पावन माना जाता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान, व्रत और चंद्रमा की रोशनी में खीर रखने की परंपरा है। मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से युक्त होता है और उसकी चांदनी से अमृत बरसता है। Sharad Purnima 2025

आज की रात तुलसी से जुड़े कौन-कौन से उपाय करें?

इस वर्ष शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर 2025 (सोमवार) को मनाई जाएगी। इसे कोजागरी पूर्णिमा और अश्विन पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष कृपा पाने के लिए तुलसी माता की पूजा और कुछ सरल उपाय करने से धन, सुख और शांति का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पौराणिक मान्यता है कि तुलसी में स्वयं लक्ष्मी जी का वास होता है। आइए जानते हैं शरद पूर्णिमा की रात तुलसी से जुड़े कौन-से उपाय करने चाहिए।

शरद पूर्णिमा पर तुलसी से जुड़े 5 प्रभावशाली उपाय

तुलसी के पास दीपक जलाएं

शरद पूर्णिमा की रात जब चंद्रमा उदित हो जाए, तब तुलसी के पौधे के पास घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और समृद्धि लाता है।

तुलसी की परिक्रमा करें

इस पावन रात तुलसी की 7 या 11 बार परिक्रमा करें और उसके बाद हाथ जोड़कर ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें। इससे मनोकामनाएं पूरी होती हैं और मानसिक शांति मिलती है।

तुलसी के नीचे रखें चांदी या तांबे का सिक्का

एक चांदी या तांबे का सिक्का तुलसी के नीचे रखकर दीपक जलाएं। अगली सुबह वह सिक्का अपनी तिजोरी या पर्स में रखें। यह उपाय आर्थिक तंगी दूर करता है और अचानक धन लाभ के योग बनाता है।

तुलसी के पास करें ध्यान

मानसिक तनाव या बेचैनी है? तो शरद पूर्णिमा की रात तुलसी के पास बैठें और कुछ देर ध्यान (मेडिटेशन) करें। चंद्रमा की ठंडी रोशनी और तुलसी की सुगंध मिलकर मानसिक शांति और आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करते हैं।

करें मां लक्ष्मी के मंत्र का जाप

तुलसी के पास बैठकर ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मंत्र मां लक्ष्मी को प्रसन्न करता है और धन-समृद्धि का द्वार खोलता है।

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शरद पूर्णिमा की रात क्यों है खास?

चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ आकाश में होता है। माना जाता है कि उसकी चांदनी में अमृत के कण होते हैं। इस रात ध्यान, दान, पूजा और मंत्र साधना से कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। Sharad Purnima 2025
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आज है चांद की रोशनी में खीर रखने वाली रात, जानें शुभ मुहूर्त

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calendar30 Nov 2025 06:46 PM
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आज 6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा (Sharad Purnima) का पावन अवसर है। आश्विन माह की यह पूर्णिमा तिथि विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है क्योंकि इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता और सोलह कलाओं से परिपूर्ण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा की चांदनी में अमृत तत्व बरसता है जो तन-मन दोनों के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। Sharad Purnima 

शरद पूर्णिमा का महत्व

ज्योतिष शास्त्र में शरद ऋतु की पूर्णिमा को बेहद खास माना गया है क्योंकि इसी दिन से शरद ऋतु का आरंभ होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रेम और कलाओं के देव श्रीकृष्ण ने इसी दिन महारास का आयोजन किया था। इस रात की चांदनी में रखा गया भोजन, खासकर दूध और खीर, अमृत तुल्य माना जाता है। इसे ग्रहण करने वाले को धन-धान्य, प्रेम और उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।

शरद पूर्णिमा तिथि और शुभ मुहूर्त

शरद पूर्णिमा की पूर्णिमा तिथि आज दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर कल 7 अक्टूबर सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। इस पवित्र दिन का सबसे शुभ और लाभकारी समय यानी मुहूर्त खीर चांदनी में रखने का आज रात 10 बजकर 37 मिनट से 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। इस समय खीर को चंद्रमा की रोशनी में रखना अत्यंत शुभ माना जाता है।

पंचक का प्रभाव भी रहेगा

हालांकि, इस बार शरद पूर्णिमा के दिन पंचक योग का प्रभाव भी रहेगा जो 3 अक्टूबर से 8 अक्टूबर तक चला आ रहा है। पंचक के कारण आज के दिन कोई भी शुभ कार्य करने से बचना चाहिए क्योंकि इसका प्रभाव बाधा और अनिष्टकारी हो सकता है। शरद पूर्णिमा की रात को मां लक्ष्मी की पूजा का भी विशेष महत्व है। इस दिन दीपक जलाकर, सुगंधित फूलों, विशेषकर गुलाब के पुष्प अर्पित करें और इंद्र कृत लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। मां लक्ष्मी से धन, समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना करें।

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सुबह-सवेरे करें ये काम

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। इसके बाद देवी-देवताओं को वस्त्र, अक्षत, आसन, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, सुपारी और दक्षिणा अर्पित करें। संध्याकाल में दूध की खीर बनाएं और आधी रात को भगवान को भोग लगाएं। फिर चंद्रमा की पूजा करके खीर को उसकी चांदनी में रख दें। अगले दिन प्रसाद के रूप में इसे बांटना शुभ माना जाता है। Sharad Purnima