Accident : ट्रैक्टर-ट्रॉली पलटने से दो चचेरे भाइयों की मौत

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locationभारत
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calendar04 Jan 2023 09:37 PM
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Accident : फतेहपुर (उप्र)। फतेहपुर जिले के मलवां क्षेत्र में एक अनियंत्रित ट्रैक्टर-ट्रॉली के सड़क किनारे खड्ड में जा पलटने से उस पर सवार दो चचेरे भाइयों की मौत हो गयी तथा एक अन्य युवक घायल हो गया।

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पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मलवां थाना क्षेत्र के चंदलाही गांव का रहने वाला वीरेंद्र सिंह उर्फ मोनू (25) अपने चचेरे भाई छोटू सिंह (24) और नागेंद्र सिंह (23) नामक एक अन्य युवक के साथ मंगलवार की शाम करीब साढ़े सात बजे ट्रैक्टर-ट्रॉली में भूसा लेने ललौली थाना क्षेत्र के कोड़ार गांव जा रहा था। उन्होंने बताया कि रास्ते में सहिली गांव के पास भरसवां गांव के मोड़ पर एक साइकिल सवार को बचाने की कोशिश में ट्रैक्टर-ट्रॉली अनियंत्रित होकर सड़क किनारे एक खड्ड में पलट गई। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने ट्रैक्टर-ट्रॉली के नीचे दबे तीनों युवकों को बमुश्किल बाहर निकलवाया। उन्होंने बताया कि वीरेंद्र और छोटू की पहले ही मौत हो चुकी थी। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। घायल नागेंद्र का इलाज सरकारी अस्पताल में चल रहा है।

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Bikru Case : 2 साल से भी ज्यादा लम्बे समय से जेल में बंद ख़ुशी दुबे को मिली जमानत

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar29 Nov 2025 01:45 AM
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वर्ष 2020 में 2 जुलाई को हुए चर्चित Bikru Case के मुख्य आरोपी अमर दुबे की पत्नी को अब जमानत मिल गयी है। वे दो साल से भी ज्यादा समय अवधि से जेल में बंद थीं और उन पर पुलिस को फायरिंग के लिए उकसाने का आरोप लगा हुआ था। ख़ुशी दुबे कानपुर देहात के जिला जेल में बंद थीं। हालांकि अब उन्हें सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सशर्त जमानत दे दी गयी है। कोर्ट का कहना है कि Bikru Case के समय ख़ुशी दुबे नाबालिग थीं और उन्हें अब और अधिक जेल में रखने की कोई जरूरत नहीं है।  

विस्तार से जानिए Bikru Case के बारे में

2 जुलाई 2020 की रात को हुई मुठभेड़ जिसमें विकास दुबे और पुलिस के जवान शामिल थे, में ख़ुशी को भी घटना में शामिल माना गया था। हालांकि वे दो दिन पूर्व ही अमर दुबे के साथ विवाह करके उनके घर आयी थी। पुलिस ने विकास दुबे को पकड़ने के लिए उसके घर पर दबिश दी थी जिसका विरोध करते हुए विकास दुबे के गुर्गों ने पुलिस पर हमला बोल दिया था। लाठी डंडे के साथ साथ गोलियां चलाने के कारण इस घटना में पुलिस विभाग के कर्मचारी भी हताहत हुए थे। घटना के बाद मुख्य आरोपी स्थल से फरार हो गए थे। लेकिन बाद में पुलिस ने विकास दुबे को मध्य प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया था और वापस उत्तर प्रदेश लाते समय आरोपी ने भागने की कोशिश की जिसमें दोबारा हुई मुठभेड़ में पुलिस ने विकास दुबे को मार गिराया। अमर दुबे जो विकास दुबे का रिश्तेतदार था, वह भी पुलिस के द्वारा मुठभेड़ में मारा गया और उसकी पत्नी को भी Bikru Case का आरोपी बताते हुए पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया था। कोर्ट ने हालांकि पहले ख़ुशी दुबे की जमानत को नकार दिया था। पर अब उन्हें कोर्ट से जमानत मिल चुकी है।
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Exclusive News : ठाकुर या गुर्जर समाज से होगा भाजपा का पश्चिम क्षेत्र का अध्यक्ष!

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Thakur or Gurjar will be the president of BJP's western region!
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calendar01 Dec 2025 10:52 PM
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राजकुमार चौधरी Exclusive News : लखनऊ/नोएडा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति का केंद्र बन चुकी खतौली विधानसभा सीट के उपचुनाव में हुई करारी हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को दुरुस्त करने के संकेत दिए हैं। पार्टी ने पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष की ताजपोशी करने की योजना बनाई है। इस मसले पर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक महत्वपूर्ण बैठक कल यानि मंगलवार को हुई। इसमें पश्चिम क्षेत्र के अध्यक्ष के नाम को लेकर चर्चा हुई है। आने वाले दिनों में इस के क्षेत्र का अध्यक्ष ठाकुर या गुर्जर बिरादरी से होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।

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हाल ही में उत्तर प्रदेश में दो महत्वपूर्ण सीटों पर उपचुनाव हुए हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक रहे मुलायम सिंह यादव के देहांत के बाद खाली हुई उनकी पारंपरिक सीट मैनपुरी पर लोकसभा के लिए मतदान हुआ था। जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट खतौली पर विधानसभा के प्रत्याशी के लिए वोट डाले गए थे।

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दोनों ही सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने कसकर प्रचार किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता को कवाल कांड की याद दिलाने का प्रयास किया। जबकि केंद्रीय मंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद डॉ. संजीव बालियान ने खतौली में घर—घर जाकर दरवाजा खटखटाया, लेकिन जनादेश मैनपुरी में समाजवादी पार्टी के पक्ष में और खतौली में राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी मदन भैया के पाले में आया। इस हार के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपने संगठन को दुरुस्त करने के संकेत दिए हैं। यहां यह भी याद करना आवश्यक होगा कि कवाल कांड के बाद भारतीय जनता पार्टी देश की राजनीति में एक वट वृक्ष के तौर पर स्थापित हुई है। खतौली इसी इलाके की एक विधानसभा सीट है। इस हार के बाद जहां मुजफ्फरनगर के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉक्टर संजीव बालियान की अकड़ कम हो गई है, वहीं थाना भवन में भाजपा के अगुआ सुरेश राणा जैसे दिग्गजों की चूलें हिल गई हैं। इस हार के बाद अपने अपने स्तर पर सभी गुट मंथन कर रहे हैं।

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पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस हार को दिल्ली ने गंभीरता से लिया है। योजना बन रही है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संगठन को दुरुस्त किया जाए। इस इलाके के लोग भाजपा से क्यों नाराज हैं, यह समझा परखा जाना है। किसान आंदोलन को जो हाइट जाट समाज ने दी, उसे भाजपा ने हाथों हाथ लिया। इस बिरादरी की नाराजगी दूर करने के लिए रणनीतिकारों ने कुछ दिनों पहले प्रदेश में भाजपा की कमान जाट बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले भूपेंद्र चौधरी को दी गई। भूपेंद्र चौधरी पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्हें गंभीर नेता के तौर पर जाना जाता है। मौजूदा समय में मोहित बेनीवाल क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं। वे भी इसी बिरादरी से आते हैं। भूपेंद्र चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद क्षेत्रीय अध्यक्ष के पद पर जाट बिरादरी के नेताओं की दावेदारी हल्की होनी स्वाभाविक है। अब सवाल उठता है कि इस सीट पर किसकी ताजपोशी की जाए?

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पार्टी का एक धड़ा गुर्जर बिरादरी के किसी कद्दावर नेता को क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाने की जुगत में है। जबकि पार्टी का दूसरा गुट संगठन में सामंजस्य बनाए रखने के लिए ठाकुर बिरादरी के नेता को इस पद पर सुशोभित करने की रणनीति बना रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में ऊंट किस करवट बैठता है। ये नाम है चर्चाओं में सत्येंद्र सिसोदिया जनपद गौतमबुद्ध नगर के मूल निवासी हैं। वह पार्टी के जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी के साथ ही कई अन्य महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं। ये क्षेत्रीय अध्यक्ष पद के दावेदार माने जा रहे हैं। इसके साथ ही थाना भवन विधानसभा सीट पर चुनाव हार चुके पूर्व मंत्री सुरेश राणा की ताजपोशी भी इस पद पर हो सकती है। नोएडा दादरी विधानसभा सीट के विधायक रहे पूर्व मंत्री नवाब सिंह नागर का नाम भी क्षेत्रीय अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा में है। नब्बे के दशक में भारतीय जनता पार्टी का झंडा बुलंद करते हुए सड़क दुर्घटना में मारे गए प्रवीण भाटी के भाई परणीत भाटी भी इस रेस में बताए जा रहे हैं। जबकि इसी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले एक प्रभावशाली नेता अपने किसी चहेते को इस पद पर आसीन करने की रणनीति बना रहे हैं। बसंत त्यागी का नाम भी इस दौड़ में माना जा रहा है। राजनीति के जानकार इस मसले पर मानते हैं कि इस ताजपोशी का फैसला लेते हुए ओबीसी यानी पिछड़ा वर्ग का ध्यान जरूर रखा जाएगा। निकाय चुनाव से पहले होगी ताजपोशी हाल ही में कोर्ट के एक निर्णय के बाद स्थगित हुए यूपी के निकाय चुनाव से पहले पार्टी क्षेत्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी का निर्णय ले सकती है। कल लखनऊ में हुई एक अहम बैठक में इस बारे में चर्चा हुई है। नाम न छापने की शर्त पर एक जिम्मेदार पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश स्तर पर मंथन हो चुका है। केंद्रीय नेतृत्व की हरी झंडी मिलनी बाकी है। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।