यूपी में कुत्तों के हमले में घायल छात्रा को मिला नया सहारा, इस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने लिया गोद





उत्तर प्रदेश को समझना, मानो पूरे भारत को पढ़ना है। भारत की धड़कन कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश, अपने भीतर इतिहास की गहराइयाँ, संस्कृति की रंगीनियाँ और आस्था की अनंत धाराएँ समेटे हुए है। यह वही धरती है जहाँ ताजमहल की शाश्वत मोहब्बत चमकती है, काशी की आरतियाँ गंगा किनारे गूँजती हैं, अयोध्या में राम जन्मभूमि की आस्था बसी है और मथुरा की गलियों में कृष्ण की बाँसुरी की तान आज भी महसूस होती है। लगभग 25 करोड़ से अधिक लोगों का यह प्रदेश न सिर्फ़ भारत का सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि अपनी जनसंख्या, धरोहरों, स्वाद और त्योहारों की विविधता के कारण पूरे देश का ‘लघु भारत’ भी कहलाता है। UP News
उत्तर प्रदेश केवल भारत का सबसे बड़ा राज्य नहीं, बल्कि एक ऐसा भूभाग है जो पूरी दुनिया के नक्शे पर अपनी विशालता और विविधता के लिए अद्वितीय पहचान रखता है। 25.7 करोड़ से अधिक आबादी के साथ यह प्रदेश यदि अलग राष्ट्र होता, तो जनसंख्या के लिहाज़ से दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा देश कहलाता। 2,43,290 वर्ग किलोमीटर में फैला यह राज्य आकार में लगभग यूनाइटेड किंगडम के बराबर है और इसकी सीमाएँ न सिर्फ नौ भारतीय राज्यों से जुड़ी हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सरहद नेपाल से भी मिलती हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश भारतीय राजनीति, संस्कृति और भूगोल का धड़कता हुआ केंद्र माना जाता है। ताजमहल की अद्भुत मोहब्बत से लेकर वाराणसी की सनातन आध्यात्मिकता तक, और लखनऊ की तहज़ीब से लेकर प्रयागराज के संगम तक - उत्तर प्रदेश हर मायने में ‘भारत का हृदय’ है।
उत्तर प्रदेश का इतिहास उतना ही भव्य और विराट है जितना इसका वर्तमान स्वरूप। इस भूमि पर मानव बसाव की कहानियाँ 70–80 हज़ार वर्ष पुरानी मानी जाती हैं। यहीं से कोसल साम्राज्य ने अपनी चमक बिखेरी, अयोध्या और मथुरा जैसे पौराणिक नगरों ने सभ्यता को आध्यात्मिक गहराई दी और यही धरती मौर्य, गुप्त और मुग़ल साम्राज्यों की सत्ता का केंद्र बनी। यह प्रदेश सिर्फ़ राजधानियों का गढ़ नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और राजनीति का ध्रुवतारा रहा है। ब्रिटिश हुकूमत के दौर में इसे ‘यूनाइटेड प्रोविंसेस’ कहा गया और स्वतंत्रता संग्राम की आँधियों को झेलने के बाद 24 जनवरी 1950 को इसका नया नाम उत्तर प्रदेश पड़ा। इतिहास के पन्नों से लेकर आज की राजनीति तक यह प्रदेश हमेशा से भारत की आत्मा को दिशा देता आया है। UP News
उत्तर प्रदेश की पहचान सिर्फ़ इसकी विशाल जनसंख्या या ऐतिहासिक धरोहरों से नहीं बनती, बल्कि इसकी असंख्य बोलियों और सांस्कृतिक रंगों से भी है। हिंदी भले ही यहाँ की आधिकारिक भाषा हो, लेकिन अवधी की मिठास, भोजपुरी की लोकधुनें, बुंदेली का वीर रस, ब्रज की रसभरी लय और कन्नौजी की सहजता इस राज्य को असली स्वरूप देती हैं। हर बोली अपने साथ साहित्य की गहराई, लोकगीतों की धड़कन लेकर चलती है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों की यात्रा करना मानो हर बार एक नई संस्कृति, एक नए जीवन और एक नई परंपरा से रूबरू होना है। UP News
उत्तर प्रदेश की पहचान उसके इतिहास और संस्कृति जितनी ही उसके व्यंजनों से भी जुड़ी हुई है। लखनऊ के टुंडे कबाब की महक हो या वाराणसी की चाट और मलइयो का मिठास भरा जादू, आगरा का पेठा हो या गाँव-गाँव में लोकप्रिय टिहरी—हर पकवान अपने भीतर सैकड़ों साल की परंपरा और किस्से समेटे हुए है। यहाँ का खाना सिर्फ़ भूख मिटाने का जरिया नहीं, बल्कि स्वाद के जरिए इतिहास और संस्कृति को जीने का अनुभव भी है। UP News
उत्तर प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है, जहाँ इतिहास और आस्था कदम-कदम पर अपनी झलक दिखाते हैं। ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल इस धरती की शान हैं, जिनमें ताजमहल तो पूरी दुनिया की पहचान बन चुका है। यही नहीं, वाराणसी के घाट, सारनाथ की बौद्ध विरासत और बनारस की बुनाई भी वैश्विक धरोहर बनने की दहलीज पर खड़े हैं। धार्मिक दृष्टि से देखें तो अयोध्या और मथुरा जैसे नगर सनातन आस्था की आत्मा हैं, सारनाथ बौद्ध धर्म का उज्ज्वल केंद्र है और लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था का प्रतीक हैं। यूँ कहें तो उत्तर प्रदेश एक ऐसा कैनवास है, जहाँ विरासत, संस्कृति और धर्म की रंगीन परतें मिलकर अद्वितीय चित्र रचती हैं। UP News
उत्तर प्रदेश को समझना, मानो पूरे भारत को पढ़ना है। भारत की धड़कन कहा जाने वाला उत्तर प्रदेश, अपने भीतर इतिहास की गहराइयाँ, संस्कृति की रंगीनियाँ और आस्था की अनंत धाराएँ समेटे हुए है। यह वही धरती है जहाँ ताजमहल की शाश्वत मोहब्बत चमकती है, काशी की आरतियाँ गंगा किनारे गूँजती हैं, अयोध्या में राम जन्मभूमि की आस्था बसी है और मथुरा की गलियों में कृष्ण की बाँसुरी की तान आज भी महसूस होती है। लगभग 25 करोड़ से अधिक लोगों का यह प्रदेश न सिर्फ़ भारत का सबसे बड़ा राज्य है, बल्कि अपनी जनसंख्या, धरोहरों, स्वाद और त्योहारों की विविधता के कारण पूरे देश का ‘लघु भारत’ भी कहलाता है। UP News
उत्तर प्रदेश केवल भारत का सबसे बड़ा राज्य नहीं, बल्कि एक ऐसा भूभाग है जो पूरी दुनिया के नक्शे पर अपनी विशालता और विविधता के लिए अद्वितीय पहचान रखता है। 25.7 करोड़ से अधिक आबादी के साथ यह प्रदेश यदि अलग राष्ट्र होता, तो जनसंख्या के लिहाज़ से दुनिया का पाँचवाँ सबसे बड़ा देश कहलाता। 2,43,290 वर्ग किलोमीटर में फैला यह राज्य आकार में लगभग यूनाइटेड किंगडम के बराबर है और इसकी सीमाएँ न सिर्फ नौ भारतीय राज्यों से जुड़ी हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय सरहद नेपाल से भी मिलती हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश भारतीय राजनीति, संस्कृति और भूगोल का धड़कता हुआ केंद्र माना जाता है। ताजमहल की अद्भुत मोहब्बत से लेकर वाराणसी की सनातन आध्यात्मिकता तक, और लखनऊ की तहज़ीब से लेकर प्रयागराज के संगम तक - उत्तर प्रदेश हर मायने में ‘भारत का हृदय’ है।
उत्तर प्रदेश का इतिहास उतना ही भव्य और विराट है जितना इसका वर्तमान स्वरूप। इस भूमि पर मानव बसाव की कहानियाँ 70–80 हज़ार वर्ष पुरानी मानी जाती हैं। यहीं से कोसल साम्राज्य ने अपनी चमक बिखेरी, अयोध्या और मथुरा जैसे पौराणिक नगरों ने सभ्यता को आध्यात्मिक गहराई दी और यही धरती मौर्य, गुप्त और मुग़ल साम्राज्यों की सत्ता का केंद्र बनी। यह प्रदेश सिर्फ़ राजधानियों का गढ़ नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, धर्म और राजनीति का ध्रुवतारा रहा है। ब्रिटिश हुकूमत के दौर में इसे ‘यूनाइटेड प्रोविंसेस’ कहा गया और स्वतंत्रता संग्राम की आँधियों को झेलने के बाद 24 जनवरी 1950 को इसका नया नाम उत्तर प्रदेश पड़ा। इतिहास के पन्नों से लेकर आज की राजनीति तक यह प्रदेश हमेशा से भारत की आत्मा को दिशा देता आया है। UP News
उत्तर प्रदेश की पहचान सिर्फ़ इसकी विशाल जनसंख्या या ऐतिहासिक धरोहरों से नहीं बनती, बल्कि इसकी असंख्य बोलियों और सांस्कृतिक रंगों से भी है। हिंदी भले ही यहाँ की आधिकारिक भाषा हो, लेकिन अवधी की मिठास, भोजपुरी की लोकधुनें, बुंदेली का वीर रस, ब्रज की रसभरी लय और कन्नौजी की सहजता इस राज्य को असली स्वरूप देती हैं। हर बोली अपने साथ साहित्य की गहराई, लोकगीतों की धड़कन लेकर चलती है। यही वजह है कि उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों की यात्रा करना मानो हर बार एक नई संस्कृति, एक नए जीवन और एक नई परंपरा से रूबरू होना है। UP News
उत्तर प्रदेश की पहचान उसके इतिहास और संस्कृति जितनी ही उसके व्यंजनों से भी जुड़ी हुई है। लखनऊ के टुंडे कबाब की महक हो या वाराणसी की चाट और मलइयो का मिठास भरा जादू, आगरा का पेठा हो या गाँव-गाँव में लोकप्रिय टिहरी—हर पकवान अपने भीतर सैकड़ों साल की परंपरा और किस्से समेटे हुए है। यहाँ का खाना सिर्फ़ भूख मिटाने का जरिया नहीं, बल्कि स्वाद के जरिए इतिहास और संस्कृति को जीने का अनुभव भी है। UP News
उत्तर प्रदेश एक ऐसा प्रदेश है, जहाँ इतिहास और आस्था कदम-कदम पर अपनी झलक दिखाते हैं। ताजमहल, आगरा किला और फतेहपुर सीकरी जैसे तीन यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल इस धरती की शान हैं, जिनमें ताजमहल तो पूरी दुनिया की पहचान बन चुका है। यही नहीं, वाराणसी के घाट, सारनाथ की बौद्ध विरासत और बनारस की बुनाई भी वैश्विक धरोहर बनने की दहलीज पर खड़े हैं। धार्मिक दृष्टि से देखें तो अयोध्या और मथुरा जैसे नगर सनातन आस्था की आत्मा हैं, सारनाथ बौद्ध धर्म का उज्ज्वल केंद्र है और लखनऊ का बड़ा इमामबाड़ा मुस्लिम समुदाय के लिए आस्था का प्रतीक हैं। यूँ कहें तो उत्तर प्रदेश एक ऐसा कैनवास है, जहाँ विरासत, संस्कृति और धर्म की रंगीन परतें मिलकर अद्वितीय चित्र रचती हैं। UP News