किसानों को योगी सरकार का न्यू ईयर गिफ्ट, फटाफट जान लें
योगी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत कृषि लोन की ब्याज दर घटाकर सिर्फ 6% कर दी है। जानिए इस योजना में कितना लोन मिलेगा, कौन-कौन किसान पात्र हैं, आवेदन की पूरी प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज और महिला किसानों को मिलने वाली अतिरिक्त छूट की पूरी जानकारी।

उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत मिलने वाले लोन की ब्याज दर में बड़ी कटौती कर दी है। अब प्रदेश के लघु और सीमांत किसान महज 6% ब्याज दर पर कृषि लोन ले सकेंगे। जहां पहले किसानों को इस योजना के तहत 11 से 11.5 प्रतिशत तक ब्याज देना पड़ता था वहीं अब सरकार के इस फैसले से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और खेती से जुड़े काम आसान हो जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार चला रही कई योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ-साथ कई राज्य स्तरीय योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना भी इन्हीं में से एक है जिसका मकसद किसानों को खेती, पशुपालन, डेयरी और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए सस्ता और आसान लोन उपलब्ध कराना है। 21 दिसंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत ब्याज दर घटाने का ऐलान किया जिससे नए साल 2026 से पहले किसानों को बड़ी राहत मिली है।
15 साल तक का ले सकते हैं लोन
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत किसान 3 साल से लेकर 15 साल तक की अवधि के लिए लोन ले सकते हैं। यह लोन उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के माध्यम से दिया जाता है। किसान बैंक की आधिकारिक वेबसाइट upsgvb.in के जरिए भी योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड हों। यदि किसी किसान ने अभी तक अपनी फार्मर आईडी नहीं बनवाई है तो उन्हें पहले किसान पंजीकरण कराना जरूरी होगा तभी लोन की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।
किसलिए मिलता है लोन?
इस योजना के तहत किसानों को कई तरह के कृषि और ग्रामीण कार्यों के लिए लोन मिलता है। इसमें लघु सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, मधुमक्खी पालन, डेयरी, पशुपालन, पोल्ट्री, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर और ग्रामीण आवास जैसी योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा कुछ गैर-कृषि क्षेत्रों से जुड़ी योजनाओं के लिए भी लोन दिया जाता है। खास बात यह है कि महिला किसानों को इस योजना में अतिरिक्त लाभ दिया जाता है और उन्हें ब्याज दर में 1 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है जिससे उनका लोन और भी सस्ता हो जाता है।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए कैसे करें आवेदन?
अगर आवेदन प्रक्रिया की बात करें तो किसान को सबसे पहले अपने नजदीकी सहकारी बैंक की शाखा में जाकर लोन का आवेदन फॉर्म लेना होता है। इस फॉर्म की कीमत 200 रुपये होती है। फॉर्म में किसान को अपनी फोटो लगाकर सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरनी होती है और लेटेस्ट खसरा-खतौनी सहित आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। फॉर्म जमा करते समय किसान से 3 रुपये की सदस्यता फीस ली जाती है और 100 रुपये एडवांस अंशधन के रूप में जमा कराए जाते हैं।
किसानों को जमा करना होता है 6 प्रतिशत अंशधन
इसके बाद बैंक अधिकारी किसान के आवेदन की जांच करते हैं और प्रस्तावित प्रोजेक्ट का अप्रेजल किया जाता है। यदि सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो लोन की राशि मंजूर कर दी जाती है और स्वीकृति पत्र जारी किया जाता है। लघु और सीमांत किसानों को लोन राशि का 5 प्रतिशत और अन्य किसानों को 6 प्रतिशत अंशधन जमा करना होता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई किसान 1 लाख रुपये का लोन लेता है, तो उसे 5 हजार रुपये अंशधन के रूप में जमा करने होंगे। इसके साथ ही प्रशासनिक शुल्क भी लिया जाता है जिसमें लघु और सीमांत किसानों से लोन राशि का 0.5 प्रतिशत या अधिकतम 1000 रुपये लिए जाते हैं जबकि अन्य किसानों को 1 प्रतिशत या अधिकतम 2000 रुपये देने होते हैं। लोन के लिए दो गवाहों की भी आवश्यकता होती है।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
दस्तावेजों की बात करें तो किसान के पास भरा हुआ आवेदन फॉर्म, वर्तमान फसल वर्ष की खसरा-खतौनी या किसान बही, दो लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, राशन कार्ड और केवाईसी फॉर्म होना जरूरी है। केवाईसी फॉर्म बैंक शाखा से ही उपलब्ध कराया जाता है। खास बात यह है कि किसान केवल खेत ही नहीं, बल्कि दूसरे भवन, जमीन या दुकान के आधार पर भी इस योजना के तहत लोन ले सकता है।
उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत मिलने वाले लोन की ब्याज दर में बड़ी कटौती कर दी है। अब प्रदेश के लघु और सीमांत किसान महज 6% ब्याज दर पर कृषि लोन ले सकेंगे। जहां पहले किसानों को इस योजना के तहत 11 से 11.5 प्रतिशत तक ब्याज देना पड़ता था वहीं अब सरकार के इस फैसले से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और खेती से जुड़े काम आसान हो जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार चला रही कई योजनाएं
उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ-साथ कई राज्य स्तरीय योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना भी इन्हीं में से एक है जिसका मकसद किसानों को खेती, पशुपालन, डेयरी और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए सस्ता और आसान लोन उपलब्ध कराना है। 21 दिसंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत ब्याज दर घटाने का ऐलान किया जिससे नए साल 2026 से पहले किसानों को बड़ी राहत मिली है।
15 साल तक का ले सकते हैं लोन
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत किसान 3 साल से लेकर 15 साल तक की अवधि के लिए लोन ले सकते हैं। यह लोन उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के माध्यम से दिया जाता है। किसान बैंक की आधिकारिक वेबसाइट upsgvb.in के जरिए भी योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड हों। यदि किसी किसान ने अभी तक अपनी फार्मर आईडी नहीं बनवाई है तो उन्हें पहले किसान पंजीकरण कराना जरूरी होगा तभी लोन की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।
किसलिए मिलता है लोन?
इस योजना के तहत किसानों को कई तरह के कृषि और ग्रामीण कार्यों के लिए लोन मिलता है। इसमें लघु सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, मधुमक्खी पालन, डेयरी, पशुपालन, पोल्ट्री, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर और ग्रामीण आवास जैसी योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा कुछ गैर-कृषि क्षेत्रों से जुड़ी योजनाओं के लिए भी लोन दिया जाता है। खास बात यह है कि महिला किसानों को इस योजना में अतिरिक्त लाभ दिया जाता है और उन्हें ब्याज दर में 1 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है जिससे उनका लोन और भी सस्ता हो जाता है।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए कैसे करें आवेदन?
अगर आवेदन प्रक्रिया की बात करें तो किसान को सबसे पहले अपने नजदीकी सहकारी बैंक की शाखा में जाकर लोन का आवेदन फॉर्म लेना होता है। इस फॉर्म की कीमत 200 रुपये होती है। फॉर्म में किसान को अपनी फोटो लगाकर सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरनी होती है और लेटेस्ट खसरा-खतौनी सहित आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। फॉर्म जमा करते समय किसान से 3 रुपये की सदस्यता फीस ली जाती है और 100 रुपये एडवांस अंशधन के रूप में जमा कराए जाते हैं।
किसानों को जमा करना होता है 6 प्रतिशत अंशधन
इसके बाद बैंक अधिकारी किसान के आवेदन की जांच करते हैं और प्रस्तावित प्रोजेक्ट का अप्रेजल किया जाता है। यदि सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो लोन की राशि मंजूर कर दी जाती है और स्वीकृति पत्र जारी किया जाता है। लघु और सीमांत किसानों को लोन राशि का 5 प्रतिशत और अन्य किसानों को 6 प्रतिशत अंशधन जमा करना होता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई किसान 1 लाख रुपये का लोन लेता है, तो उसे 5 हजार रुपये अंशधन के रूप में जमा करने होंगे। इसके साथ ही प्रशासनिक शुल्क भी लिया जाता है जिसमें लघु और सीमांत किसानों से लोन राशि का 0.5 प्रतिशत या अधिकतम 1000 रुपये लिए जाते हैं जबकि अन्य किसानों को 1 प्रतिशत या अधिकतम 2000 रुपये देने होते हैं। लोन के लिए दो गवाहों की भी आवश्यकता होती है।
मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
दस्तावेजों की बात करें तो किसान के पास भरा हुआ आवेदन फॉर्म, वर्तमान फसल वर्ष की खसरा-खतौनी या किसान बही, दो लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, राशन कार्ड और केवाईसी फॉर्म होना जरूरी है। केवाईसी फॉर्म बैंक शाखा से ही उपलब्ध कराया जाता है। खास बात यह है कि किसान केवल खेत ही नहीं, बल्कि दूसरे भवन, जमीन या दुकान के आधार पर भी इस योजना के तहत लोन ले सकता है।






