किसानों को योगी सरकार का न्यू ईयर गिफ्ट, फटाफट जान लें

योगी सरकार ने मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत कृषि लोन की ब्याज दर घटाकर सिर्फ 6% कर दी है। जानिए इस योजना में कितना लोन मिलेगा, कौन-कौन किसान पात्र हैं, आवेदन की पूरी प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज और महिला किसानों को मिलने वाली अतिरिक्त छूट की पूरी जानकारी।

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना
योगी सरकार का किसानों को बड़ा तोहफा
locationभारत
userअसमीना
calendar24 Dec 2025 01:03 PM
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उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने उत्तर प्रदेश के किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत मिलने वाले लोन की ब्याज दर में बड़ी कटौती कर दी है। अब प्रदेश के लघु और सीमांत किसान महज 6% ब्याज दर पर कृषि लोन ले सकेंगे। जहां पहले किसानों को इस योजना के तहत 11 से 11.5 प्रतिशत तक ब्याज देना पड़ता था वहीं अब सरकार के इस फैसले से किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और खेती से जुड़े काम आसान हो जाएंगे।

उत्तर प्रदेश सरकार चला रही कई योजनाएं

उत्तर प्रदेश सरकार पहले से ही पीएम किसान सम्मान निधि, पीएम फसल बीमा योजना जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ-साथ कई राज्य स्तरीय योजनाएं चला रही है। मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना भी इन्हीं में से एक है जिसका मकसद किसानों को खेती, पशुपालन, डेयरी और अन्य कृषि गतिविधियों के लिए सस्ता और आसान लोन उपलब्ध कराना है। 21 दिसंबर 2025 को लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने इस योजना के तहत ब्याज दर घटाने का ऐलान किया जिससे नए साल 2026 से पहले किसानों को बड़ी राहत मिली है।

15 साल तक का ले सकते हैं लोन

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के तहत किसान 3 साल से लेकर 15 साल तक की अवधि के लिए लोन ले सकते हैं। यह लोन उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक लिमिटेड के माध्यम से दिया जाता है। किसान बैंक की आधिकारिक वेबसाइट upsgvb.in के जरिए भी योजना की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ वही किसान उठा सकते हैं जो सरकारी रिकॉर्ड में रजिस्टर्ड हों। यदि किसी किसान ने अभी तक अपनी फार्मर आईडी नहीं बनवाई है तो उन्हें पहले किसान पंजीकरण कराना जरूरी होगा तभी लोन की प्रक्रिया आगे बढ़ पाएगी।

किसलिए मिलता है लोन?

इस योजना के तहत किसानों को कई तरह के कृषि और ग्रामीण कार्यों के लिए लोन मिलता है। इसमें लघु सिंचाई, कृषि यंत्रीकरण, मधुमक्खी पालन, डेयरी, पशुपालन, पोल्ट्री, मत्स्य पालन, हॉर्टीकल्चर और ग्रामीण आवास जैसी योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा कुछ गैर-कृषि क्षेत्रों से जुड़ी योजनाओं के लिए भी लोन दिया जाता है। खास बात यह है कि महिला किसानों को इस योजना में अतिरिक्त लाभ दिया जाता है और उन्हें ब्याज दर में 1 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट मिलती है जिससे उनका लोन और भी सस्ता हो जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए कैसे करें आवेदन?

अगर आवेदन प्रक्रिया की बात करें तो किसान को सबसे पहले अपने नजदीकी सहकारी बैंक की शाखा में जाकर लोन का आवेदन फॉर्म लेना होता है। इस फॉर्म की कीमत 200 रुपये होती है। फॉर्म में किसान को अपनी फोटो लगाकर सभी जरूरी जानकारी सही-सही भरनी होती है और लेटेस्ट खसरा-खतौनी सहित आवश्यक दस्तावेज जमा करने होते हैं। फॉर्म जमा करते समय किसान से 3 रुपये की सदस्यता फीस ली जाती है और 100 रुपये एडवांस अंशधन के रूप में जमा कराए जाते हैं।

किसानों को जमा करना होता है 6 प्रतिशत अंशधन

इसके बाद बैंक अधिकारी किसान के आवेदन की जांच करते हैं और प्रस्तावित प्रोजेक्ट का अप्रेजल किया जाता है। यदि सभी दस्तावेज सही पाए जाते हैं तो लोन की राशि मंजूर कर दी जाती है और स्वीकृति पत्र जारी किया जाता है। लघु और सीमांत किसानों को लोन राशि का 5 प्रतिशत और अन्य किसानों को 6 प्रतिशत अंशधन जमा करना होता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई किसान 1 लाख रुपये का लोन लेता है, तो उसे 5 हजार रुपये अंशधन के रूप में जमा करने होंगे। इसके साथ ही प्रशासनिक शुल्क भी लिया जाता है जिसमें लघु और सीमांत किसानों से लोन राशि का 0.5 प्रतिशत या अधिकतम 1000 रुपये लिए जाते हैं जबकि अन्य किसानों को 1 प्रतिशत या अधिकतम 2000 रुपये देने होते हैं। लोन के लिए दो गवाहों की भी आवश्यकता होती है।

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के लिए जरूरी दस्तावेज

दस्तावेजों की बात करें तो किसान के पास भरा हुआ आवेदन फॉर्म, वर्तमान फसल वर्ष की खसरा-खतौनी या किसान बही, दो लेटेस्ट पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, राशन कार्ड और केवाईसी फॉर्म होना जरूरी है। केवाईसी फॉर्म बैंक शाखा से ही उपलब्ध कराया जाता है। खास बात यह है कि किसान केवल खेत ही नहीं, बल्कि दूसरे भवन, जमीन या दुकान के आधार पर भी इस योजना के तहत लोन ले सकता है।

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सैकड़ों बुजुर्गों के लिए आ गई गुड न्यूज, बिना फॉर्म भरे मिलेगी पेंशन

उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब 60 साल की उम्र पूरी होने पर यूपी वृद्धावस्था पेंशन सीधे आपके बैंक खाते में आने लगेगी। इस नई प्रणाली में फॉर्म भरने या सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। यहां जानिए पात्रता, फैमिली आईडी बनवाने का तरीका और कब मिलेगी पेंशन।

यूपी वृद्धावस्था पेंशन
बुजुर्गों को मिलेगी जबरदस्त पेंशन
locationभारत
userअसमीना
calendar17 Dec 2025 01:02 PM
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उत्तर प्रदेश के लाखों बुजुर्गों के लिए एक अच्छी खबर है। उत्तर प्रदेश के बुजुर्गों को अब न तो सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत है न ही लंबा-चौड़ा फॉर्म भरने का झंझट होगा। उत्तर प्रदेश सरकार ने वृद्धावस्था पेंशन को लेकर एक ऐसा नया सिस्टम तैयार किया है जिससे 60 साल पूरे होते ही पात्र बुजुर्गों के खाते में हर महीने 1000 रुपये अपने आप आने लगेंगे।

खुद-ब-खुद खाते में आने लगेगी पेंशन

अब तक बुजुर्गों को पेंशन के लिए आवेदन करना पड़ता था, कागज जमा करने होते थे और कई बार महीनों तक इंतजार करना पड़ता था। लेकिन नए सिस्टम में यह सारी परेशानियां खत्म होने जा रही हैं। सरकार फैमिली आईडी सिस्टम के जरिए पहले से मौजूद डाटा का इस्तेमाल करेगी। जैसे ही कोई बुजुर्ग 60 साल की उम्र के करीब पहुंचेगा, करीब 90 दिन पहले ही उसका नाम अपने आप वृद्धावस्था पेंशन योजना से जोड़ दिया जाएगा।

फर्जीवाड़े पर भी लगेगी रोक

समाज कल्याण विभाग का मानना है कि इस नई व्यवस्था से न सिर्फ भुगतान की प्रक्रिया तेज होगी बल्कि फर्जीवाड़े पर भी रोक लगेगी। सरकार की कोशिश है कि कोई भी पात्र बुजुर्ग पेंशन से वंचित न रह जाए। समाज कल्याण राज्य मंत्री असीम अरुण के मुताबिक, सरकार बुजुर्गों को आर्थिक और सामाजिक सुरक्षा देना अपनी प्राथमिकता मानती है। इस नई प्रणाली से खासतौर पर निराश्रित, गरीब और वंचित बुजुर्गों को समय पर मदद मिल सकेगी।

कौन ले सकता है पेंशन?

फिलहाल उत्तर प्रदेश में वृद्धावस्था, निराश्रित महिला और दिव्यांगजन पेंशन योजनाओं के तहत एक करोड़ से ज्यादा लोगों को हर महीने 1000 रुपये की सहायता दी जा रही है। अब नए सिस्टम के लागू होने के बाद यह प्रक्रिया और भी आसान और पारदर्शी हो जाएगी। हालांकि पेंशन पाने के लिए कुछ शर्तें पूरी करना जरूरी है। बुजुर्ग की उम्र 60 साल या उससे ज्यादा होनी चाहिए और वह उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए। इसके साथ ही लाभार्थी का गरीबी रेखा से नीचे होना जरूरी है। जिन बुजुर्गों की सालाना आय ग्रामीण इलाके में 46,080 रुपये और शहरी इलाके में 56,460 रुपये से ज्यादा है उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

किसे नहीं मिलेगी पेंशन?

कुछ मामलों में पेंशन नहीं भी मिलेगी। अगर कोई बुजुर्ग पहले से किसी दूसरी पेंशन योजना का फायदा ले रहा है, तो वह इस योजना के दायरे में नहीं आएगा। इसके अलावा अगर आधार कार्ड या अन्य दस्तावेजों में उम्र 60 साल से कम दर्ज है तो भी पेंशन नहीं मिलेगी। एक जरूरी बात यह है कि भले ही अलग से आवेदन न करना पड़े लेकिन फैमिली आईडी बनवाना बहुत जरूरी है। समाज कल्याण विभाग फैमिली आईडी के जरिए ही बुजुर्गों की पहचान करेगा। अगर किसी के पास फैमिली आईडी नहीं है तो वह इस योजना से वंचित रह सकता है। फैमिली आईडी आधार नंबर के जरिए ऑनलाइन पोर्टल पर बनाई जा सकती है या फिर नजदीकी CSC सेंटर पर जाकर भी यह काम कराया जा सकता है।


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उत्तर प्रदेश के नागरिकों का होगा मुफ्त इलाज! जान लें यूपी सरकार की खास योजना

यूपी सरकार ने दिल के दौरे के मरीजों के लिए एक अहम पहल शुरू की है। अब टेनेक्टेप्लेस और स्ट्रेप्टोकाइनेज जैसे जीवन रक्षक इंजेक्शन राज्य के सभी जिला अस्पतालों, प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों में मुफ्त उपलब्ध होंगे। यह दवा रक्त में थक्के जमने के खतरे को कम करके मरीजों...

मरीजों को मिलेगा मुफ्त इलाज
दिल का दौरा पड़ने वालों का मुफ्त इलाज
locationभारत
userअसमीना
calendar19 Nov 2025 02:38 PM
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किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए दिल का दौरा गंभीर खतरा बन सकता है। अक्सर यही वह समय होता है जब चंद मिनटों की देरी भी जानलेवा साबित हो सकती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए राज्य भर के जिला अस्पतालों, प्रमुख सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और मेडिकल कॉलेजों में दिल के दौरे के मरीजों के लिए मुफ्त जीवन रक्षक इंजेक्शन उपलब्ध कराने की योजना शुरू की है।

खतरे को तेजी से कम करता है टेनेक्टेप्लेस

यह इंजेक्शन जिसे टेनेक्टेप्लेस या स्ट्रेप्टोकाइनेज कहा जाता है। रक्त में थक्के जमने के खतरे को तेजी से कम करता है। पहले यह दवा केवल कुछ चुनिंदा अस्पतालों में ही उपलब्ध थी और इसकी कीमत ₹40,000 से ₹50,000 तक होती थी। अब यह हर मरीज के लिए मुफ्त करा दिया गया है ताकि कोई भी आर्थिक स्थिति के कारण जरूरी इलाज से वंचित न रह सके।

चिकित्सा अधिकारियों को दिए गए निर्देश

स्वास्थ्य विभाग ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि आपातकालीन विभागों में पर्याप्त स्टॉक हमेशा उपलब्ध हो। इसका मतलब यह है कि जब मरीज अस्पताल पहुंचे तो उन्हें तुरंत यह जीवन रक्षक इंजेक्शन मिल सके और किसी भी प्रकार की देरी न हो।

मरीजों को सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों में किया जा सकेगा रेफर

इस योजना का विस्तार सिर्फ बड़े मेडिकल कॉलेज तक ही नहीं है बल्कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलावा अयोध्या, वाराणसी, अलीगढ़, मेरठ, कानपुर और प्रयागराज जैसे शहरों के जिला अस्पतालों और उच्च-आगमन वाले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक किया गया है। इंजेक्शन लगने के बाद जरूरत पड़ने पर मरीजों को तुरंत सुपर-स्पेशलिटी अस्पतालों में रेफर किया जा सकता है ताकि उनकी आगे की देखभाल भी समय पर हो।

कई लोगों की बचाई जा सकती है जान

अधिकारियों के अनुसार, दिल के दौरे के बाद "सुनहरा घंटा" यानी वह समय जब सही इलाज मरीज की जान बचा सकता है, बहुत महत्वपूर्ण होता है। समय पर थक्का-रोधी थेरेपी के इस्तेमाल से कई जानें बचाई जा सकती हैं। इस पहल का मुख्य उद्देश्य आपातकालीन हृदय देखभाल को और मजबूत करना और राज्य भर के स्वास्थ्य ढांचे को सबके लिए अधिक सुलभ बनाना है।

समय पर करा सकेंगे जरूरी इलाज

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम न केवल मरीजों की जान बचाने में मदद करेगा बल्कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विश्वास भी बढ़ाएगा। अब हर व्यक्ति चाहे वह किसी भी आर्थिक या सामाजिक पृष्ठभूमि से हो अपने जीवन को सुरक्षित रखने के लिए जरूरी इलाज समय पर पा सकेगा।