7 साल बाद टूटा स्टार कपल साइना-कश्यप का रिश्ता, शांति और आत्मविकास के लिए लिया तलाक

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userचेतना मंच
calendar14 JUL 2025 03:17 AM
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बैडमिंटन की दो चमकती हस्तियों ने ली अलग राह: भारतीय बैडमिंटन जगत की सबसे चर्चित जोड़ी, साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप, अब एक साथ नहीं हैं। शादी के सात साल बाद, दोनों ने आपसी सहमति से अलग होने का निर्णय लिया है। यह जानकारी खुद साइना ने अपने इंस्टाग्राम स्टेटमेंट के ज़रिए साझा की। उन्होंने लिखा, “जिंदगी कभी-कभी हमें अलग-अलग दिशाओं में ले जाती है। बहुत सोच-विचार के बाद, कश्यप पारुपल्ली और मैंने अलग होने का फैसला किया है। हम अपने और एक-दूसरे के लिए शांति, तरक्की और राहत चुन रहे हैं।”

2018 में हुई थी शादी, हैदराबाद में पनपा रिश्ता

साइना और कश्यप की मुलाकात साल 1997 में एक बैडमिंटन कैंप के दौरान हुई थी। इसके बाद दोनों हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद बैडमिंटन एकेडमी में एक साथ प्रशिक्षण लेने लगे। लंबे समय तक एक-दूसरे को जानने और समझने के बाद, दोनों ने 2018 में शादी की थी। यह शादी बैडमिंटन प्रेमियों और खेल जगत के लिए एक बड़ी खुशी की खबर थी।
 
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साइना ने बैडमिंटन को दिया नया जीवन

साइना नेहवाल ने भारतीय बैडमिंटन को एक नई दिशा दी। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाली पहली महिला खिलाड़ी बनीं और 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का सिर गर्व से ऊँचा किया। 2015 में वह वर्ल्ड बैडमिंटन रैंकिंग में नंबर 1 पर पहुंचने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बनीं। उन्होंने एक पीढ़ी को प्रेरित किया और देश में बैडमिंटन के प्रति एक नई लहर पैदा की।

कश्यप की उपलब्धियां भी रहीं शानदार

पारुपल्ली कश्यप ने भी अपने करियर में कई मुकाम हासिल किए। 2010 दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक और 2012 लंदन ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी बने। 2014 के ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर भारतीय बैडमिंटन इतिहास में एक खास जगह बना ली। वह वर्ल्ड रैंकिंग में छठे स्थान तक पहुंचे और देश के लिए कई यादगार मुकाबले खेले।

निजी फैसले का सम्मान करें: साइना

साइना ने अपनी पोस्ट में लिखा कि वह और कश्यप दोनों अपने फैसले से शांति और आत्मविकास की दिशा में आगे बढ़ना चाहते हैं। उन्होंने अपने पुराने पलों के लिए आभार जताया और आगे एक सकारात्मक जीवन की कामना की। साइना नेहवाल और पारुपल्ली कश्यप का तलाक परमाणु ठिकाने तबाह, टॉप जनरल ढेर… फिर भी ईरान को निर्णायक झटका देने से क्यों चूक गया इजरायल?
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ऋषभ पंत ने रचा इतिहास, इंग्लैंड की धरती पर दिग्गजों को दी मात

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 JUL 2025 07:10 AM
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Rishabh Pant :  भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान और स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने एक बार फिर खुद को ‘बड़े मैचों का खिलाड़ी’ साबित कर दिखाया है। इंग्लैंड के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज़ में पंत ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जो अब तक किसी भी एशियाई विकेटकीपर के लिए संभव नहीं हो सका था। पंत ने अब तक मौजूदा सीरीज़ में 361 रन बना लिए हैं, जिससे उन्होंने पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (349 रन, 2014) और खुद अपने ही पुराने रिकॉर्ड (349 रन, 2021) को भी पीछे छोड़ दिया है। यही नहीं, पंत ने 2018 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाई गई 350 रनों की पारी को भी पार कर लिया है, जो SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया) में किसी एशियाई विकेटकीपर द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रन थे।

361* रन – ऋषभ पंत बनाम इंग्लैंड, 2025

350 रन – ऋषभ पंत बनाम ऑस्ट्रेलिया, 2018

349 रन – महेंद्र सिंह धोनी बनाम इंग्लैंड, 2014

349 रन – ऋषभ पंत बनाम इंग्लैंड, 2021

321 रन – फारुख इंजीनियर बनाम न्यूज़ीलैंड, 1968

इंजरी के बावजूद मैदान पर डटे रहे पंत

लॉर्ड्स टेस्ट में पहली पारी के दौरान एक विकेट को बचाने की कोशिश में जसप्रीत बुमराह की गेंद पकड़ते वक्त ऋषभ पंत की बाईं हाथ की तर्जनी उंगली में चोट लग गई। वे मैदान छोड़कर बाहर चले गए और ध्रुव जुरेल ने विकेटकीपिंग की कमान संभाली। हालांकि, अगले ही दिन पंत बल्लेबाज़ी करने उतरे और शानदार फुटवर्क के साथ आत्मविश्वास से लबरेज दिखे। दूसरे दिन का खेल खत्म होने तक वे 19 रन पर नाबाद लौटे।

राहुल द्रविड़ को पीछे छोड़ने का मौका

इंग्लैंड में ऋषभ पंत अब तक चार टेस्ट शतक जड़ चुके हैं। इस मामले में वे अब विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर की बराबरी पर आ गए हैं। भारत की ओर से इंग्लैंड में सबसे ज्यादा टेस्ट शतक लगाने का रिकॉर्ड वर्तमान भारतीय कोच राहुल द्रविड़ के नाम है, जिनके नाम छह शतक दर्ज हैं। अगर पंत का यह बेहतरीन फॉर्म जारी रहा, तो वे इस सूची में भी शीर्ष पर पहुंच सकते हैं।

अब पंत के सामने अगला लक्ष्य है टेस्ट इतिहास में किसी एक सीरीज़ में विकेटकीपर द्वारा बनाए गए सर्वाधिक रनों का वर्ल्ड रिकॉर्ड। यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के डेनिस लिंडसे के नाम है, जिन्होंने 1966-67 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज़ में 606 रन बनाए थे। यदि पंत इसी लय में आगे बढ़ते हैं, तो इस ऐतिहासिक उपलब्धि को छूने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता।    Rishabh Pant

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जोकोविच आउट ! सिनर ने रच दिया इतिहास, अब अल्कारेज से फाइनल फाइट

Wimbledon 2025
Wimbledon 2025
locationभारत
userचेतना मंच
calendar12 JUL 2025 05:03 AM
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Wimbledon 2025 :  विंबलडन 2025 अब निर्णायक मुकाम पर पहुंच चुका है। अनुभवी सर्बियाई दिग्गज नोवाक जोकोविच का 8वीं बार खिताब जीतने का सपना इस बार अधूरा रह गया। सेंटर कोर्ट की क्लासिक हरियाली इस बार दो युवा सितारों की ऐतिहासिक टक्कर की साक्षी बनने जा रही है। टेनिस जगत के दिग्गज नोवाक जोकोविच का आठवां विंबलडन खिताब जीतने का सपना अधूरा रह गया, जब उन्हें मौजूदा विश्व नंबर-1 जैनिक सिनर ने सीधे सेटों में 6-3, 6-3, 6-4 से शिकस्त दी।  वहीं, गत चैंपियन कार्लोस अल्कारेज ने अमेरिका के टेलर फ्रिट्ज को मात देकर लगातार तीसरी बार इस क्लासिक चैंपियनशिप के फाइनल में अपनी जगह पक्की की है। अब रविवार को दुनिया की नजरें टिकी होंगी उस महामुकाबले पर, जहां अल्कारेज और सिनर एक-दूसरे से टकराएंगे ।

जोकोविच पर भारी पड़ा युवा जोश

38 वर्षीय नोवाक जोकोविच, जिनके नाम विंबलडन के सात खिताब हैं, इस बार अपने अनुभव के बावजूद सिनर के आक्रामक और संतुलित खेल के सामने टिक नहीं पाए। सिर्फ 1 घंटा 55 मिनट चले इस मुकाबले में सिनर ने 12 ऐस, 36 विनर्स और मात्र 2 डबल फॉल्ट करते हुए जोकोविच पर पूरी तरह दबदबा बनाए रखा।

मैच के बाद सिनर ने कहा, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि एक दिन विंबलडन फाइनल खेलूंगा। बचपन में टीवी पर देखा करता था और आज पापा और भाई के सामने सेंटर कोर्ट पर खेलना एक भावुक अनुभव था। मुझे लगता है कि तीसरे सेट में जोकोविच थोड़ा असहज दिखे, लेकिन मैंने खुद को शांत रखा और अपना सर्वश्रेष्ठ दिया। सिनर अब 2018 के बाद जोकोविच को विंबलडन में हराने वाले सिर्फ दूसरे खिलाड़ी बन गए हैं—उनसे पहले यह कारनामा अल्कारेज ने किया था।      Wimbledon 2025

अल्कारेज तीसरी बार फाइनल में

विंबलडन 2025 में कार्लोस अल्कारेज ने एक बार फिर साबित किया कि वो क्यों इस युग के सबसे भरोसेमंद युवा टेनिस सितारे माने जाते हैं। 22 वर्षीय इस स्पेनिश खिलाड़ी ने सेमीफाइनल में अमेरिकी स्टार टेलर फ्रिट्ज को चार सेटों के संघर्षपूर्ण मुकाबले में 6-4, 5-7, 6-3, 7-6(6) से शिकस्त दी। इस जीत के साथ अल्कारेज ने न केवल विंबलडन के फाइनल में लगातार तीसरी बार जगह बनाई, बल्कि टूर्नामेंट में अपनी जीत की लय को 20 मैचों तक पहुंचा दिया। गौरतलब है कि 2021 के बाद से वे सेंटर कोर्ट पर किसी भी टॉप-5 खिलाड़ी से नहीं हारे हैं ।

मैच के बाद अल्कारेज ने कहा, "आज बहुत गर्मी थी और स्थितियां कठिन थीं, लेकिन मैं अपने प्रदर्शन से बेहद संतुष्ट हूं। सेमीफाइनल जैसे दबाव भरे मुकाबले में खुद को संतुलित रखना बड़ी बात होती है। मेरा लक्ष्य कभी रिकॉर्ड नहीं रहा, मैं तो बस इन ऐतिहासिक कोर्ट्स पर टेनिस का आनंद लेना चाहता हूं।      Wimbledon 2025