7 गेंदें, 7 छक्के… इस भारतीय की पारी ने फैंस को कर दिया था दंग

हैरानी की बात यह है कि यह इतिहास इंटरनेशनल स्टेडियमों की चमक में नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट के मैदान पर लिखा गया। यही वजह है कि यह रिकॉर्ड आज भी क्रिकेट की सबसे चौंकाने वाली कहानियों में गिना जाता है।

ऋतुराज गायकवाड़
ऋतुराज गायकवाड़
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar27 Dec 2025 01:14 PM
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Ruturaj Gaikwad : क्रिकेट की दुनिया में कुछ रिकॉर्ड ऐसे होते हैं जो स्कोरबोर्ड पर नहीं, सीधे फैंस की यादों में दर्ज हो जाते हैं। इन्हीं में एक कारनामा ऐसा भी है, जिसे सुनते ही पहला सवाल यही उठता है क्या वाकई ऐसा हो सकता है? आम तौर पर एक ओवर में 6 गेंदें और अधिकतम 6 छक्कों की सीमा तय मानी जाती है, लेकिन भारतीय क्रिकेट के एक विस्फोटक बल्लेबाज ने इस “मैक्सिमम” की परिभाषा ही बदल दी। हैरानी की बात यह है कि यह इतिहास इंटरनेशनल स्टेडियमों की चमक में नहीं, बल्कि घरेलू क्रिकेट के मैदान पर लिखा गया। यही वजह है कि यह रिकॉर्ड आज भी क्रिकेट की सबसे चौंकाने वाली कहानियों में गिना जाता है।

किसने किया था यह असंभव सा कारनामा?

यह अनोखा वर्ल्ड रिकॉर्ड ऋतुराज गायकवाड़ के नाम दर्ज है और इसकी कहानी भी किसी फिल्मी सीन से कम नहीं। 28 नवंबर 2022 को विजय हजारे ट्रॉफी के क्वार्टर फाइनल में, महाराष्ट्र बनाम उत्तर प्रदेश मुकाबले के दौरान ऋतुराज ने वो कर दिखाया, जो क्रिकेट में लगभग “असंभव” माना जाता है। महाराष्ट्र की पारी की शुरुआत करते हुए उन्होंने यूपी के बाएं हाथ के स्पिनर शिवा सिंह के एक ही ओवर में लगातार 7 छक्के उड़ा दिए। वजह थी उस ओवर में आई एक नो-बॉल, जिससे ओवर 7 गेंदों का हो गया और हर गेंद पर गेंद सीधे स्टैंड्स में जाकर गिरी। इस तूफानी ओवर से 43 रन निकले, जो अपने आप में रिकॉर्डबुक में दर्ज एक अलग उपलब्धि है। उस पल मैदान पर सिर्फ शॉट्स नहीं गूंज रहे थे, बल्कि क्रिकेट की “सीमा” भी टूटती दिख रही थी।

220 रन की ऐतिहासिक पारी

यह मैच सिर्फ “एक ओवर में 7 छक्कों” की वजह से नहीं, बल्कि ऋतुराज गायकवाड़ की उस महाकाव्य जैसी पारी के लिए याद किया जाता है, जिसने पूरे मुकाबले की दिशा ही बदल दी। उन्होंने 159 गेंदों पर नाबाद 220 रन बनाकर गेंदबाज़ों की हर रणनीति को बेअसर कर दिया इस पारी में 10 चौके और 16 आसमान छूते छक्के शामिल थे। विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में यह पारी उन चुनिंदा पारियों में गिनी जाती है, जिनका जिक्र सालों बाद भी उसी रोमांच के साथ होता है। उसी दिन ऋतुराज ने साफ संदेश दे दिया था कि वह सिर्फ घरेलू क्रिकेट के “स्टार” नहीं, बल्कि दबाव के बड़े मंच पर भी मैच पलटने की क्षमता रखने वाले बल्लेबाज़ हैं और यही पहचान आगे चलकर उनके करियर की सबसे बड़ी ताकत बनी।

टीम इंडिया से लेकर आईपीएल तक

उस ऐतिहासिक प्रदर्शन के बाद ऋतुराज गायकवाड़ का नाम चयनकर्ताओं की सूची में सिर्फ “उभरते खिलाड़ी” के तौर पर नहीं, बल्कि मैच जिताऊ विकल्प के रूप में दर्ज हो गया। नतीजा, उन्हें भारतीय टीम में भी मौके मिले और वह वनडे व टी20 इंटरनेशनल में तिरंगा पहनकर अपनी छाप छोड़ चुके हैं हालांकि टेस्ट कैप का इंतज़ार अभी बाकी है। वहीं आईपीएल में उनकी पहचान सिर्फ रन बनाने वाले बल्लेबाज़ की नहीं रही, बल्कि स्थिरता, संयम और गेम-रीडिंग के लिए भी बनी। यही वजह है कि चेन्नई सुपर किंग्स ने भी उन पर भरोसा जताया और उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी

2026 पर टिकी निगाहें

अब नजरें नए साल 2026 पर हैं। जनवरी 2026 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ संभावित वनडे सीरीज़ में उनके दमदार वापसी की उम्मीद की जा रही है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में शतक जड़कर उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। आंकड़ों पर नज़र डालें तो ऋतुराज अब तक भारत के लिए 9 वनडे और 23 टी20 मुकाबले खेल चुके हैं। वनडे में उनके नाम 228 रन हैं, जबकि टी20 इंटरनेशनल में उन्होंने 633 रन बनाए हैं। आईपीएल के 71 मैचों में 2502 रन वह भी 40 से ज्यादा की औसत के साथ उनकी निरंतरता की कहानी खुद बयां करते हैं। Ruturaj Gaikwad

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2026 वर्ल्ड कप ने खोला कमाई का दरवाजा, भारत क्यों रह गया पीछे?

ऐसे में सवाल सिर्फ खेल का नहीं रह गया किकऑफ टाइम, कूलिंग ब्रेक, मेडिकल तैयारियां, पानी की उपलब्धता और ट्रैफिक-मैनेजमेंट से लेकर पूरे टूर्नामेंट की ऑपरेशनल प्लानिंग तक, हर स्तर पर ‘हीट प्लान’ की परीक्षा होने वाली है।

फीफा विश्व कप 2026
फीफा विश्व कप 2026
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 01:43 PM
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Fifa World Cup 2026 : संयुक्त राज्य अमेरिका, मैक्सिको और कनाडा में होने वाले फीफा विश्व कप 2026 की उलटी गिनती तेज़ हो चुकी है, लेकिन आयोजकों की सबसे बड़ी “टेंशन” किसी दिग्गज टीम की रणनीति नहीं मैच डे पर उतरती भीषण गर्मी है। बढ़ता तापमान खिलाड़ियों के स्टैमिना और रिकवरी को चुनौती दे रहा है, वहीं स्टेडियम में घंटों बैठे दर्शकों के लिए हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और भीड़-प्रबंधन जैसी चिंताएं भी बढ़ा रहा है। ऐसे में सवाल सिर्फ खेल का नहीं रह गया किकऑफ टाइम, कूलिंग ब्रेक, मेडिकल तैयारियां, पानी की उपलब्धता और ट्रैफिक-मैनेजमेंट से लेकर पूरे टूर्नामेंट की ऑपरेशनल प्लानिंग तक, हर स्तर पर ‘हीट प्लान’ की परीक्षा होने वाली है।

स्टेडियम के भीतर ‘कूलिंग की तैयारी’

लॉस एंजिल्स के सोफी स्टेडियम (जहां आठ मैच होने हैं) में गर्मी से निपटने के लिए विशेष इंतज़ाम तैयार रखे गए हैं। यहां औद्योगिक मिस्टिंग फैन (धुंध छोड़ने वाले बड़े पंखे) स्टैंडबाय मोड पर हैं, जिन्हें तापमान 80°F (लगभग 26.7°C) के पार जाते ही स्टेडियम के अलग-अलग हिस्सों में लगाया जाएगा। स्टेडियम की ऊंचाई पर मौजूद छत दर्शकों को सीमित छाया देती है, जबकि किनारों के खुले हिस्से समुद्री हवा को अंदर आने देकर एक तरह का प्राकृतिक वेंटिलेशन बनाते हैं। स्टेडियम प्रबंधन से जुड़े अधिकारी मानते हैं कि जब एक ही जगह 70,000 लोगों की भीड़, ऊर्जा और गर्म मौसम साथ मिलते हैं, तो जोखिम स्वतः बढ़ जाता है और उसी के अनुसार तैयारी भी करनी पड़ती है। समस्या यह है कि सभी 16 स्टेडियम एक जैसे आधुनिक नहीं हैं। टूर्नामेंट का समय भी चुनौतीपूर्ण है 11 जून से 19 जुलाई के बीच गर्मी अपने चरम पर रह सकती है। यही वजह है कि कुछ मेजबान शहरों में गर्मी को लेकर चिंता ज्यादा गहरी है।

शोध की चेतावनी

हाल ही में प्रकाशित एक वैज्ञानिक अध्ययन में आगाह किया गया कि अत्यधिक गर्मी खिलाड़ियों और मैच अधिकारियों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम बन सकती है। इस अध्ययन में मॉन्टेरी, मियामी, कैनसस सिटी, बोस्टन, न्यूयॉर्क और फिलाडेल्फिया जैसे शहरों को अपेक्षाकृत अधिक जोखिम वाले स्थानों के रूप में रेखांकित किया गया। इसी से जुड़ी एक रिपोर्ट में WBGT (वेट-बल्ब ग्लोब टेम्परेचर) का जिक्र करते हुए बताया गया कि कई शहरों में कुछ दिनों के दौरान यह स्तर 35°C से ऊपर तक पहुंचा—और इसे मानव शरीर की सहन-सीमा के ऊपरी सिरे के करीब माना जाता है क्योंकि इसमें नमी का असर भी शामिल होता है।

क्लब वर्ल्ड कप और 1994 का ‘सबक’

अमेरिका में आयोजित हालिया क्लब विश्व कप में भी गर्मी का मुद्दा तेज़ी से उभरा था खिलाड़ियों और कोचों ने खुले तौर पर असहज स्थितियों की शिकायतें कीं। इससे पहले 1994 विश्व कप भी भीषण गर्मी की वजह से चर्चा में रहा था।

फीफा का जवाब

गर्मी के बढ़ते खतरे को देखते हुए फीफा ने अब मौसम की परवाह किए बिना विश्व कप मैचों में 22वें और 67वें मिनट पर कूलिंग ब्रेक अनिवार्य किया है। ड्रॉ के बाद जारी संकेतों के मुताबिक दिन के समय के कई मैच वातानुकूलित स्टेडियमों (जैसे डलास/ह्यूस्टन/अटलांटा) में रखने की दिशा में योजना बनी है, जबकि अधिक जोखिम वाले स्थानों पर मुकाबलों को शाम के समय शिफ्ट करने पर जोर है। खिलाड़ी संघों का कहना है कि शेड्यूलिंग में स्वास्थ्य और प्रदर्शन की चिंताओं को जगह मिलना एक सकारात्मक कदम है।

फिर भी कुछ मैच ‘हाई-रिस्क’

खिलाड़ी संघों के मुताबिक, कई मुकाबले अब भी ऐसे हैं जिन्हें गर्मी के लिहाज़ से उच्च जोखिम की श्रेणी में रखा जा सकता है। कुछ विशेषज्ञ मानते हैं कि जब WBGT 28°C के ऊपर जाए, तो मैच स्थगित करने जैसी सख्त सिफारिशें भी विकल्प में रहनी चाहिए। चिंता खासतौर पर उन मुकाबलों को लेकर बताई गई है जो न्यूयॉर्क, बोस्टन और फिलाडेल्फिया में दिन के समय रखे जा सकते हैं और यहां तक कि न्यूयॉर्क में दोपहर 3 बजे शुरू होने वाले फाइनल को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं। कुछ मौसम विशेषज्ञों और अधिकारियों का कहना है कि चर्चा अक्सर खिलाड़ियों तक सीमित रह जाती है, जबकि स्टेडियम और फैन जोन में मौजूद दर्शक भी गंभीर जोखिम में हो सकते हैं। दर्शक जब लगातार नारे लगाते हैं, उछलते-कूदते हैं, तो शरीर में मेटाबॉलिक हीट बढ़ती है और हृदय गति तेज़ होती है। पेशेवर एथलीटों की तुलना में आम दर्शकों की फिटनेस अलग स्तर की होती है कई लोगों में पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं (को-मॉर्बिडिटीज) जोखिम बढ़ा सकती हैं। ऊपर से स्टेडियम के आसपास का कंक्रीट, डामर और धातु “अर्बन हीट आइलैंड” प्रभाव पैदा कर तापमान को और ऊपर धकेल देते हैं।

क्या-क्या जरूरी है

विशेषज्ञों के मुताबिक, पर्याप्त वेंटिलेशन, छायादार जगहें, और हाइड्रेशन सबसे अहम हैं। हालांकि शराब का सेवन अक्सर हाइड्रेशन को बाधित करता है यह व्यावहारिक चुनौती भी है। एक बड़ा सवाल अभी खुला है: क्या दर्शकों को स्टेडियम में रीफिल होने वाली पानी की बोतलें लाने की अनुमति होगी? या पानी की उपलब्धता/बिक्री का मॉडल क्या होगा इस पर फिलहाल स्पष्टता कम दिखती है। मौसम विशेषज्ञों की राय में प्राथमिकता “डैमेज कंट्रोल” नहीं, बल्कि रोकथाम होनी चाहिए खासकर उन विदेशी प्रशंसकों के लिए जो स्थानीय जलवायु से परिचित नहीं हैं। क्लब विश्व कप से एक सीख यह भी सामने आई कि गर्मी से जुड़ी सुरक्षा चेतावनियां बहुभाषी और बेहद स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि हर देश का प्रशंसक जोखिम समझ सके और सही निर्णय ले सके। Fifa World Cup 2026

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वैभव सूर्यवंशी के नाम एक और उपलब्धि, PMRBP पुरस्कार से हुए सम्म्मानित

बिहार के इस युवा क्रिकेटर को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में हुए विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वैभव सूर्यवंशी को पुरस्कार सौंपते हुए उन बच्चों की श्रेणी में शामिल किया, जिनकी प्रतिभा और उपलब्धियां देश के लिए प्रेरणा बनती हैं।

राष्ट्रपति भवन में सम्मानित हुए वैभव सूर्यवंशी
राष्ट्रपति भवन में सम्मानित हुए वैभव सूर्यवंशी,मिला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार
locationभारत
userअभिजीत यादव
calendar26 Dec 2025 12:26 PM
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Vaibhav Suryavanshi : बिहार के उभरते क्रिकेट सितारे वैभव सूर्यवंशी ने कम उम्र में बड़ी उपलब्धि अपने नाम कर ली है। बिहार से निकले वैभव सूर्यवंशी के नाम में अब सिर्फ “उभरता क्रिकेटर” नहीं, बल्कि “राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित प्रतिभा” भी जुड़ गया है। बिहार के इस युवा क्रिकेटर को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार (PMRBP) से नवाजा गया। राष्ट्रपति भवन में हुए विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने वैभव सूर्यवंशी को पुरस्कार सौंपते हुए उन बच्चों की श्रेणी में शामिल किया, जिनकी प्रतिभा और उपलब्धियां देश के लिए प्रेरणा बनती हैं।

क्या है प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार?

यह कोई साधारण पुरस्कार नहीं है। प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 5 से 18 वर्ष की उम्र में असाधारण काम कर दिखाने वाले बच्चों के लिए देश की सबसे बड़ी पहचान मानी जाती है। बहादुरी से लेकर खेल तक, कला-संस्कृति से लेकर विज्ञान व नवाचार तक सात श्रेणियों में चयनित बच्चों को यह सम्मान मिलता है। वैभव सूर्यवंशी का नाम इस सूची में शामिल होना बताता है कि उनकी उपलब्धियों को अब देश ने आधिकारिक तौर पर सलाम किया है; विजेताओं को पदक, प्रमाणपत्र और प्रशस्ति पुस्तिका दी जाती है।

विजय हजारे ट्रॉफी के मैचों से बाहर रहेंगे वैभव

पुरस्कार समारोह के चलते वैभव सूर्यवंशी विजय हजारे ट्रॉफी के अगले मुकाबलों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। वैभव ने टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में 190 रनों की शानदार पारी खेलकर सबका ध्यान खींचा था, लेकिन इसके बाद वे अगले राउंड में प्लेइंग-11 का हिस्सा नहीं रहे। वैभव के बचपन के कोच मनीष ओझा के मुताबिक, टीम से बाहर रहने की वजह पुरस्कार समारोह में शामिल होना है। उन्होंने बताया कि वैभव प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार ग्रहण करने के लिए दिल्ली रवाना हो चुके थे, इसलिए वे मणिपुर के खिलाफ शुक्रवार का मुकाबला नहीं खेल पाए। कोच के अनुसार, वैभव को समारोह के लिए सुबह 7 बजे रिपोर्टिंग करनी थी, जिसमें उन्होंने भाग लिया।

अंडर-19 टीम के साथ जुड़कर वर्ल्ड कप की तैयारी

कोच ने साफ किया कि वैभव सूर्यवंशी अब विजय हजारे ट्रॉफी के आगामी मैचों के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे। बताया जा रहा है कि वे जल्दी ही अंडर-19 टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ जुड़ेंगे और इसके बाद जिम्बाब्वे दौरे के लिए रवाना होंगे। भारतीय अंडर-19 टीम अगले वर्ल्ड कप को लक्ष्य बनाकर तैयारी कर रही है, जिसकी शुरुआत 15 जनवरी से संभावित मानी जा रही है। Vaibhav Suryavanshi

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