सुप्रीम फैसला : VVPAT से पर्ची मिलान की सभी याचिकाएं खारिज

क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसले में इस बात को साफ कर दिया है कि मतदान ईवीएम मशीन से ही होगा। साथ ही ईवीएम-वीवीपैट का 100 फीसदी मिलान नहीं किया जाएगा। 45 दिनों तक वीवीपैट की पर्ची सुरक्षित रहेगी। ये पर्चियां उम्मीदवारों के हस्ताक्षर के साथ सुरक्षित रहेगी। कोर्ट ने सिंबल लोडिंग यूनिट सील करने का निर्देश दिया है।Supreme Court Rejects EVM-VVPAT
ये VVPAT क्या है?
बता दें कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) ने साल 2013 में VVPAT यानी वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों को डिजाइन किया था। ये दोनों वही सरकारी कंपनियां हैं, जो EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें बनाकर तैयार करती है। VVPAT मशीनों का सबसे पहले इस्तेमाल साल 2013 के नागालैंड विधानसभा चुनाव के वक्त हुआ था। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर भी इस मशीन का इस्तेमाल किया गया था। बाद में 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में भी इनका इस्तेमाल हुआ। दऱअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार VVPAT मशीनों उपयोग देशभर में किया गया था। उस चुनाव में 17.3 लाख से ज्यादा VVPAT मशीनों को यूज किया गया। Supreme Court Rejects EVM-VVPATएयरपोर्ट पर पकड़ा गया फर्जी पायलट, नोएडा से है नाता
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ये VVPAT क्या है?
बता दें कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) और इलेक्ट्रॉनिक कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ECIL) ने साल 2013 में VVPAT यानी वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल मशीनों को डिजाइन किया था। ये दोनों वही सरकारी कंपनियां हैं, जो EVM यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें बनाकर तैयार करती है। VVPAT मशीनों का सबसे पहले इस्तेमाल साल 2013 के नागालैंड विधानसभा चुनाव के वक्त हुआ था। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर भी इस मशीन का इस्तेमाल किया गया था। बाद में 2017 के गोवा विधानसभा चुनाव में भी इनका इस्तेमाल हुआ। दऱअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में पहली बार VVPAT मशीनों उपयोग देशभर में किया गया था। उस चुनाव में 17.3 लाख से ज्यादा VVPAT मशीनों को यूज किया गया। Supreme Court Rejects EVM-VVPATएयरपोर्ट पर पकड़ा गया फर्जी पायलट, नोएडा से है नाता
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