एयर इंडिया हादसा: जहां लोहा पिघल गया, वहां कैसे बची रही 'भगवद गीता'? चमत्कार या संयोग?

Picsart 25 06 13 15 29 27 859
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:25 AM
bookmark
अहमदाबाद में 12 जून को हुआ एयर इंडिया विमान हादसा पूरे देश को हिला कर रख देने वाला था। एयर इंडिया की फ्लाइट AI‑171 जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसा इतना भयानक था कि विमान के टुकड़े‑टुकड़े हो गए, चारों ओर आग लग गई और मलबा फैल गया। इस दर्दनाक हादसे में कई लोगों की जान चली गई, और दर्जनों लोग घायल हो गए। घटना के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य शुरू हुआ। जब दमकल और बचावकर्मी मलबे के बीच तलाश कर रहे थे, तभी एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने सबको चौंका दिया। जलते हुए विमान में, जहां लोहे के हिस्से तक पिघल गए थे, वहीं एक 'भगवद गीता' की किताब बिना जली, पूरी तरह सलामत पाई गई। इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर चर्चा तेज़ हो गई। कुछ लोग इसे भगवान का चमत्कार बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि ये बस एक संयोग हो सकता है। बहुत से लोग भावुक हो गए और कहने लगे कि “गीता तो खुद जीवन का संदेश है, उसे आग भी नहीं जला सकती।” हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि यह भी हो सकता है कि किताब किसी ऐसी जगह पर रखी हो जहां आग का सीधा असर नहीं हुआ हो, या वह किसी तरीके से ढकी हुई हो। लेकिन आम जनता के लिए यह घटना किसी ईश्वरीय संकेत से कम नहीं लग रही। इस हादसे ने एक बार फिर लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है — क्या यह सिर्फ एक इत्तेफाक है, या कोई ऐसा रहस्य जिसे विज्ञान भी अभी समझ नहीं पा रहा? ब्लैक बॉक्स खोलेगा Air India फ्लाइट के हादसे का राज, आखिर क्या होता है ये Black Box?
अगली खबर पढ़ें

विजय रूपाणी और 1206, जिस नंबर को मानते थे भाग्यशाली, उसी तारीख ने छीन ली ज़िंदगी

Vijay Rupani
Vijay Rupani
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:41 AM
bookmark

Vijay Rupani :  गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के जीवन से जुड़ा एक विशेष अंक—‘1206’—जिसे वह वर्षों से अपने सौभाग्य का प्रतीक मानते थे, 12 जून 2025 को एक त्रासद संयोग के रूप में उनकी अंतिम यात्रा की तारीख बन गया। यह महज़ एक इत्तेफाक नहीं, बल्कि भाग्य का एक ऐसा मोड़ था जिसने पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया। विजय रूपाणी के दोपहिया और चारपहिया वाहनों की नंबर प्लेट पर यह अंक सदा मौजूद रहा।

उनके करीबियों के अनुसार यह अंक उन्हें सकारात्मक ऊर्जा देता था। लेकिन वही '1206', यानी 12 जून, एक ऐसी तारीख बन गई, जिसने न सिर्फ उनके परिवार बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य को स्तब्ध कर दिया। रूपाणी उस समय एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 से लंदन के लिए रवाना हुए थे, लेकिन उड़ान भरने के महज चार मिनट बाद ही विमान अहमदाबाद के मेघाणी क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस दर्दनाक हादसे में कुल 242 लोगों की जान गई, जिनमें विजय रूपाणी और उनके साथ यात्रा कर रहे अन्य यात्री भी शामिल थे। इस त्रासदी में ज़मीन पर मौजूद 24 नागरिक भी मारे गए, जबकि चमत्कारिक रूप से एक यात्री जीवित बच गया।

पंजाब बीजेपी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने बताया कि विजय रूपाणी और उनकी पत्नी मूल रूप से 5 जून को लंदन जाने वाले थे, लेकिन पार्टी के निर्देश पर उन्होंने लुधियाना पश्चिम उपचुनाव प्रचार के लिए अपनी यात्रा एक सप्ताह के लिए टाल दी। 12 जून को जब वे अपने परिवार से मिलने निकले, तब किसी ने नहीं सोचा था कि वह सफर अधूरा रह जाएगा।

राजकोट में मातम और मौन

विजय रूपाणी का राजकोट से रिश्ता सिर्फ एक राजनेता का नहीं, बल्कि एक नागरिक, एक पड़ोसी, एक मित्र का भी था। मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने इस शहर को विकास की नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया—चाहे वह नया एयरपोर्ट हो या एम्स अस्पताल, सड़कों और बुनियादी ढांचे का विस्तार हो।

स्थानीय निवासी संजय मेहता ने कहा, “विजयभाई हमारे बीच के थे। हमेशा मुस्कराते रहते, कभी रौब नहीं दिखाया। उनकी सादगी ही उनकी सबसे बड़ी पहचान थी।” शहर में जैसे ही खबर फैली, हर गली चुप हो गई। राजनीतिक विचारधाराओं से परे जाकर, विभिन्न दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।

विजय रूपाणी की जीवन यात्रा

विजय रूपाणी का जन्म 2 अगस्त, 1956 को म्यांमार के यंगून में हुआ था। 1960 में देश की राजनीतिक अस्थिरता के चलते उनका परिवार भारत आ गया और राजकोट में बस गया। कॉलेज जीवन से ही राजनीति में रुचि रखने वाले रूपाणी छात्र राजनीति से निकलकर भाजपा की मुख्यधारा में आए और संगठन के समर्पित सिपाही के रूप में उभरे। वर्ष 2016 से 2021 तक उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी निभाई। निधन के समय वह पंजाब भाजपा के प्रभारी पद पर कार्यरत थे।

रूपाणी के निजी सहायक शैलेश मंडालिया ने बताया, “मैंने उन्हें एयरपोर्ट छोड़ा था। कुछ ही मिनट बाद वह ख़बर आई, जिसे सुनना कभी चाहा नहीं जा सकता। विश्वास करना मुश्किल था कि जिनसे कुछ समय पहले विदा ली, वो अब नहीं रहे।” उनके भतीजे मेहुल रूपाणी ने भी उनके निधन की पुष्टि की। बताया गया कि अमेरिका से उनके परिजन लौट रहे हैं और राज्य सरकार की ओर से पूरे सम्मान के साथ उनका पार्थिव शरीर राजकोट लाया जाएगा।    Vijay Rupani

फिन एलन की पारी ने MLC में रचा नया इतिहास, टूटे कई बड़े रिकॉर्ड्स

ग्रेटर नोएडा – नोएडाकीखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएचेतनामंचसेजुड़ेरहें।

देशदुनियाकीलेटेस्टखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएहमेंफेसबुकपरलाइककरेंयाट्विटरपरफॉलोकरें।

अगली खबर पढ़ें

Air India को कितना मिलेगा इंश्योरेंस क्लेम ? नुकसान की भरपाई कैसे होगी ?

Ahmedabad Plane Crash 1 1
Ahmedabad Plane Crash
locationभारत
userचेतना मंच
calendar13 Jun 2025 03:13 PM
bookmark

Ahmedabad Plane Crash :  अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के चंद मिनटों के भीतर ही एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस भयावह हादसे में विमान में सवार 242 में से 241 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हैरान करने वाली बात यह रही कि ब्रिटेन का एक नागरिक इस हादसे में जीवित बच निकला, जिसे विशेषज्ञ भी किसी चमत्कार से कम नहीं मान रहे। हादसे की चपेट में आए डॉक्टरों के हॉस्टल में भी तबाही मची और 56 लोगों की जान चली गई। कुल मिलाकर यह हादसा अब तक 297 लोगों की ज़िंदगियाँ ले चुका है।

कितना बड़ा है इंश्योरेंस कवरेज?

ब्रोकरेज कंपनी हाउडेन इंडिया के एमडी और सीईओ अमित अग्रवाल के अनुसार, हादसे में क्षतिग्रस्त ड्रीमलाइनर विमान का बीमा उसकी बाजार कीमत के अनुसार होता है। वर्ष 2013 मॉडल के इस विमान का अनुमानित बीमा मूल्य 21 करोड़ डॉलर से 28 करोड़ डॉलर के बीच आंका जा रहा है। उन्होंने बताया कि VT-ABN रजिस्ट्रेशन वाले इस विमान का बीमा आखिरी बार 2021 में करीब 11.5 करोड़ डॉलर की राशि पर हुआ था।

इस बीमा के अंतर्गत न केवल विमान की संरचना बल्कि उसके उपकरण, कलपुर्जे और तकनीकी अवयव भी शामिल हैं। हादसे में हुई क्षति—चाहे आंशिक हो या पूर्ण—का मुआवजा उसी बीमा मूल्यांकन के अनुसार तय होगा।

बीमा प्रणाली कितनी व्यापक है?

इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IBAI) के अध्यक्ष नरेंद्र भारिंदवाल ने स्पष्ट किया कि एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइंस के लिए बीमा योजनाएं पूरे बेड़े के स्तर पर बनाई जाती हैं। भारत में बीमा कराने के बाद इन्हें लंदन और न्यूयॉर्क जैसे वैश्विक बाजारों में पुनर्बीमा (Reinsurance) कराया जाता है।

उन्होंने यह भी बताया कि किसी एक बीमा कंपनी पर पूरी जोखिम की जिम्मेदारी नहीं होती। इस जोखिम को कई अंतरराष्ट्रीय बीमा कंपनियों के बीच विभाजित किया जाता है। एक प्रमुख पुनर्बीमाकर्ता 10-15% हिस्सेदारी लेता है जबकि बाकी कंपनियों की हिस्सेदारी 1.5 से 2 प्रतिशत के बीच रहती है। इस तरह के हादसों की आर्थिक मार वैश्विक स्तर पर साझा की जाती है।      Ahmedabad Plane Crash

मुरादाबाद के इन स्कूलों में एडमिशन ले लिया तो चमक उठेगा बच्चे का भविष्य

ग्रेटर नोएडा – नोएडाकीखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएचेतनामंचसेजुड़ेरहें।

देशदुनियाकीलेटेस्टखबरोंसेअपडेटरहनेकेलिएहमेंफेसबुकपरलाइककरेंयाट्विटरपरफॉलोकरें।