Lok Sabha News: सरकार की योजनाओं के विरोध में हंगामा कर रहे कांग्रेस के चार सांसदपूरे सत्र से निलंबित
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 03:29 PM
New Delhi: नई दिल्ली। केंद्र सरकार की योजनायों की मुखालफत कांग्रेस सांसदों को भारी पड़ गया। जीएसटी, महंगाई और अग्निपथ योजना को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण आज छठे दिन भी लोकसभा की कार्यवाही नहीं हो सकी। विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहा है। इन सब के बीच, हंगामा कर रहे कांग्रेस के चार सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें मणिकम टैगोर, राम्या हरिदास, ज्योतिमणि और टीएन प्रतापन शामिल हैं। दूसरी ओर हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही 26 जुलाई को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह के कारण सदन की कार्यवाही आज अपराह्न 2 बजे से शुरू हुई थी।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। लेकिन, कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उनके उत्तर दिये। इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मेरी सहृदयता का अलग अर्थ नहीं निकालें। तीन बजे बाद सदन में चर्चा करवाने के लिए तैयार हूं। सरकार चर्चा कराने को तैयार है। उन्होंने कहा कि लेकिन, यदि तख्तियां ही दिखानी हैं तो तीन बजे बाद सदन के बाहर दिखाइएगा। बिरला ने कहा कि तीन बजे के बाद तख्तियां और नारे सदन के बाहर ही दिखा पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश की जनता चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले।
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चेतना मंच
01 Dec 2025 03:29 PM
New Delhi: नई दिल्ली। केंद्र सरकार की योजनायों की मुखालफत कांग्रेस सांसदों को भारी पड़ गया। जीएसटी, महंगाई और अग्निपथ योजना को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के हंगामे के कारण आज छठे दिन भी लोकसभा की कार्यवाही नहीं हो सकी। विपक्ष लगातार सरकार के खिलाफ हल्ला बोल रहा है। इन सब के बीच, हंगामा कर रहे कांग्रेस के चार सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, उनमें मणिकम टैगोर, राम्या हरिदास, ज्योतिमणि और टीएन प्रतापन शामिल हैं। दूसरी ओर हंगामे की वजह से लोकसभा की कार्यवाही 26 जुलाई को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण समारोह के कारण सदन की कार्यवाही आज अपराह्न 2 बजे से शुरू हुई थी।
लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। लेकिन, कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बिरला ने हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। इस दौरान कुछ सदस्यों ने पूरक प्रश्न पूछे और संस्कृति राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने उनके उत्तर दिये। इस बीच, विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए। उनके हाथों में तख्तियां थीं जिन पर एलपीजी सहित जरूरी वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि, कई वस्तुओं पर जीएसटी की दरें बढ़ाये जाने जैसे मुद्दों का उल्लेख किया गया था।
शोर-शराबा करने वाले सदस्यों से अपने स्थान पर लौटने की अपील करते हुए लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने कहा कि मेरी सहृदयता का अलग अर्थ नहीं निकालें। तीन बजे बाद सदन में चर्चा करवाने के लिए तैयार हूं। सरकार चर्चा कराने को तैयार है। उन्होंने कहा कि लेकिन, यदि तख्तियां ही दिखानी हैं तो तीन बजे बाद सदन के बाहर दिखाइएगा। बिरला ने कहा कि तीन बजे के बाद तख्तियां और नारे सदन के बाहर ही दिखा पाएंगे। उन्होंने कहा कि देश की जनता चाहती है कि सदन की कार्यवाही चले।
New Delhi: दिल्ली के हिंदी भवन में हुआ उपन्यास ‘न्याय की तलाश’ का विमोचन
भारत
चेतना मंच
01 Dec 2025 08:29 AM
New Delhi: नई दिल्ली। भारतीय न्याय व्यवस्था को केंद्र में रखकर डॉ. चिरोंजी लाल यादव द्वारा लिखित उपन्यास ‘न्याय की तलाश’ का भव्य विमोचन किया गया। इसके बाद दिल्ली के हिंदी भवन में अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन के बैनर तले काव्य संध्या का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित सभी काव्य मनीषियों को संस्था की ओर से सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह श्शशिश् ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह उपन्यास कला के लिए तथा समीक्षकों के पूर्वाग्रही वाग्जाल से बचते हुए सब कुछ कह जाता है, जो हमारे देश समाज के लिये अभीष्ट है, अपितु वैश्विक शांति की न्याय प्रिय यूएनओ जैसी संस्थाओं के लिए भी दिशा बोधक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था पर लिखा गया अपने तरह का पहला उपन्यास है। न्याय व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हुए हल भी प्रस्तुत करता है। इसलिए यह उपन्यास सुखांत की श्रेणी में आता है। उपन्यास कार ने न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के लिये भी मार्गदर्शन किया है।
मैनपुरी से पधारे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. हरिश्चंद्र शाक्य ने उपन्यास के तत्वों के आधार पर तात्विक समीक्षा करते हुए कहा कि आधुनिक परिदृश्य में यह उपन्यास ग्रामीण अंचल की पृष्ठभूमि से उठाया गया है। इसलिए इसे आंचलिक उपन्यास की श्रेणी में भी रखा जा सकता है। कथावस्तु, पात्र चरित्र चित्रण, भाषा शैली, संवाद योजना, शैली आदि कथा के अनुरूप है। यही एक सफल उपन्यासकार की पहचान है। डॉ. चिरोंजी लाल यादव का यह दूसरा उपन्यास है। कथा साहित्य को इनसे काफी अपेक्षाएं हैं।
जर्मनी के बर्लिन शहर से विशिष्ट अतिथि के रूप में आईं साहित्यकार हेल्थ प्रेक्ष कम्पनी की सीईओ डॉ. योजना साह जैन ने ‘न्याय की तलाश’ उपन्यास की मुक्त कंठ से प्रसंशा करते हुए कहा कि लेखक के व्यक्तित्व की झलक उसके कृतित्व में स्वतः आ जाती है। जो जीवन में देखता है, वही उसके द्वारा उद्घाटित किया जाता है। साथ ही अपने कविता पाठ से मंत्रमुग्ध कर दिया।
संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि साहित्य एवं संस्कृति के लिए समर्पित वैश्विक संस्था है, जिसकी 15 देशों एवं भारत के 22 राज्यों में शाखाएं हैं, जो हिंदी के लिए कार्य कर रहीं हैं।
महासचिव ओंकार त्रिपाठी ने उपन्यासकार को काव्यात्मक शुभकामनाएं दीं और कहा कि डॉ. चिरोंजी लाल यादव में कथा साहित्य की अपार संभावनाएं हैं। न्याय की तलाश निश्चित रूप से हमारी न्याय व्यवस्था को नए सिरे से सोचने को बाध्य करेगा।
इस अवसर पर अतिथियों का पुष्प माला, शॉल, प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय भारतीय, संगठन मंत्री ब्रज माहिर, सह संगठन मंत्री रजनीश स्वछंद, महिला इकाई की अध्यक्ष कुसुमलता कुसुम द्वारा स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। प्रकाशक पराग कौशिक का भी इस अवसर पर अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें मुंबई से डॉ. रोशनी किरण, बनारस से महेंद्र अलंकार, भाटापारा छत्तीसगढ़ से ललित सिंह ठाकुर, दिल्ली एनसीआर से डॉ. ज्योति उपाध्याय, डॉ. पूनम माटिया, तूलिका सेठ, उपेन्द्र फतेहपुरी, भूप सिंह यादव, महेश चंद्र शर्मा, मुक्ता मिश्रा, चांदनी केसरवानी, डॉ. अंजू अग्रवाल, सविता सिंह, रीता जयहिन्द, राधा गोयल, अंजना शर्मा, मनीषा जोशी, डॉ. साक्षात भसीन, बबिता राणा, मीनाक्षी दिनेश, विभा राज वैभवी, सुनीता पूनिया आदि कवि एवं कवियत्रियों ने काव्य रस धारा में श्रोेताओं को डुबो दिया। कार्यक्रम के अंत में कवियों को सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कुसुमलता कुसुम ने सरस्वती वंदना का पाठ किया। डॉ. राजीव पाण्डेय ने मंच का संचालन किया। ओंकार त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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01 Dec 2025 08:29 AM
New Delhi: नई दिल्ली। भारतीय न्याय व्यवस्था को केंद्र में रखकर डॉ. चिरोंजी लाल यादव द्वारा लिखित उपन्यास ‘न्याय की तलाश’ का भव्य विमोचन किया गया। इसके बाद दिल्ली के हिंदी भवन में अंतरराष्ट्रीय शब्द सृजन के बैनर तले काव्य संध्या का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में उपस्थित सभी काव्य मनीषियों को संस्था की ओर से सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त साहित्यकार पद्मश्री डॉ श्याम सिंह श्शशिश् ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि यह उपन्यास कला के लिए तथा समीक्षकों के पूर्वाग्रही वाग्जाल से बचते हुए सब कुछ कह जाता है, जो हमारे देश समाज के लिये अभीष्ट है, अपितु वैश्विक शांति की न्याय प्रिय यूएनओ जैसी संस्थाओं के लिए भी दिशा बोधक है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल ने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था पर लिखा गया अपने तरह का पहला उपन्यास है। न्याय व्यवस्था की खामियों को उजागर करते हुए हल भी प्रस्तुत करता है। इसलिए यह उपन्यास सुखांत की श्रेणी में आता है। उपन्यास कार ने न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाए जाने के लिये भी मार्गदर्शन किया है।
मैनपुरी से पधारे कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. हरिश्चंद्र शाक्य ने उपन्यास के तत्वों के आधार पर तात्विक समीक्षा करते हुए कहा कि आधुनिक परिदृश्य में यह उपन्यास ग्रामीण अंचल की पृष्ठभूमि से उठाया गया है। इसलिए इसे आंचलिक उपन्यास की श्रेणी में भी रखा जा सकता है। कथावस्तु, पात्र चरित्र चित्रण, भाषा शैली, संवाद योजना, शैली आदि कथा के अनुरूप है। यही एक सफल उपन्यासकार की पहचान है। डॉ. चिरोंजी लाल यादव का यह दूसरा उपन्यास है। कथा साहित्य को इनसे काफी अपेक्षाएं हैं।
जर्मनी के बर्लिन शहर से विशिष्ट अतिथि के रूप में आईं साहित्यकार हेल्थ प्रेक्ष कम्पनी की सीईओ डॉ. योजना साह जैन ने ‘न्याय की तलाश’ उपन्यास की मुक्त कंठ से प्रसंशा करते हुए कहा कि लेखक के व्यक्तित्व की झलक उसके कृतित्व में स्वतः आ जाती है। जो जीवन में देखता है, वही उसके द्वारा उद्घाटित किया जाता है। साथ ही अपने कविता पाठ से मंत्रमुग्ध कर दिया।
संस्था के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार पाण्डेय ने संस्था का परिचय देते हुए कहा कि साहित्य एवं संस्कृति के लिए समर्पित वैश्विक संस्था है, जिसकी 15 देशों एवं भारत के 22 राज्यों में शाखाएं हैं, जो हिंदी के लिए कार्य कर रहीं हैं।
महासचिव ओंकार त्रिपाठी ने उपन्यासकार को काव्यात्मक शुभकामनाएं दीं और कहा कि डॉ. चिरोंजी लाल यादव में कथा साहित्य की अपार संभावनाएं हैं। न्याय की तलाश निश्चित रूप से हमारी न्याय व्यवस्था को नए सिरे से सोचने को बाध्य करेगा।
इस अवसर पर अतिथियों का पुष्प माला, शॉल, प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया। कोषाध्यक्ष अनुपमा पाण्डेय भारतीय, संगठन मंत्री ब्रज माहिर, सह संगठन मंत्री रजनीश स्वछंद, महिला इकाई की अध्यक्ष कुसुमलता कुसुम द्वारा स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। प्रकाशक पराग कौशिक का भी इस अवसर पर अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में काव्य संध्या का आयोजन किया गया, जिसमें मुंबई से डॉ. रोशनी किरण, बनारस से महेंद्र अलंकार, भाटापारा छत्तीसगढ़ से ललित सिंह ठाकुर, दिल्ली एनसीआर से डॉ. ज्योति उपाध्याय, डॉ. पूनम माटिया, तूलिका सेठ, उपेन्द्र फतेहपुरी, भूप सिंह यादव, महेश चंद्र शर्मा, मुक्ता मिश्रा, चांदनी केसरवानी, डॉ. अंजू अग्रवाल, सविता सिंह, रीता जयहिन्द, राधा गोयल, अंजना शर्मा, मनीषा जोशी, डॉ. साक्षात भसीन, बबिता राणा, मीनाक्षी दिनेश, विभा राज वैभवी, सुनीता पूनिया आदि कवि एवं कवियत्रियों ने काव्य रस धारा में श्रोेताओं को डुबो दिया। कार्यक्रम के अंत में कवियों को सहभागिता प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। सभी अतिथियों ने देवी सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कुसुमलता कुसुम ने सरस्वती वंदना का पाठ किया। डॉ. राजीव पाण्डेय ने मंच का संचालन किया। ओंकार त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
Kolkata News : बंगाल में बच्ची को डांटने पर महिला टीचर को निर्वस्त्र कर पीटा
भारत
चेतना मंच
25 Jul 2022 08:11 PM
Kolkata: पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात सामने आई है। यहां बच्ची को डांटने पर एक महिला टीचर को लोगों ने निर्वस्त्र कर पीटा। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। इस मामले में पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में सियासत भी गर्मा गई है।
बाताया जाता है कि बच्ची अल्पसंख्यक समुदाय की है। घटना हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाईस्कूल की बताई जा रही है। यहां छात्रा कक्षा 9 में पढ़ती है। जानकारी मिली है कि तीन दिन पहले स्कूल में टीचर ने बच्ची को किसी बात पर डांट दिया था। अगले दिन छात्रा के घर वाले अपने कुछ साथियों के साथ स्कूल में घुस गए। टीचर से अभद्रता की। विरोध करने पर महिला को निर्वस्त्र कर जमकर पीटा।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। महिला टीचर के साथ हुई बदसलूकी की वजह से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में पीड़ित महिला टीचर ने कहा कि छात्रा को अनुशासन में रखने के लिए उसके कान खींचकर डांट दिया था। ऐसी घटना मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। मुझे अब डर लग रहा है।
भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने महिला टीचर के साथ अभद्रता और मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मजूमदार ने कहा कि मैं भी एक शिक्षक था। कई छात्रों को डांटा भी है। एक शिक्षक के लिए, एक छात्र केवल उनका होता है। यहां शिक्षिका के कान पकड़ते ही हिजाब उतर जाता है। यही हुआ। इतनी मामूली बात से उसके परिवार सहित अन्य दो सौ लोगों ने स्कूल पर अटैक कर दिया। मुझे आश्चर्य है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई दी। पुलिस की मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं हुई। जब लोगों ने विरोध किया और सड़क जाम कर दी, तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई।
भारत
चेतना मंच
25 Jul 2022 08:11 PM
Kolkata: पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर में मानवता को शर्मसार करने वाली वारदात सामने आई है। यहां बच्ची को डांटने पर एक महिला टीचर को लोगों ने निर्वस्त्र कर पीटा। काफी देर तक हंगामा चलता रहा। इस मामले में पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की 4 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में सियासत भी गर्मा गई है।
बाताया जाता है कि बच्ची अल्पसंख्यक समुदाय की है। घटना हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाईस्कूल की बताई जा रही है। यहां छात्रा कक्षा 9 में पढ़ती है। जानकारी मिली है कि तीन दिन पहले स्कूल में टीचर ने बच्ची को किसी बात पर डांट दिया था। अगले दिन छात्रा के घर वाले अपने कुछ साथियों के साथ स्कूल में घुस गए। टीचर से अभद्रता की। विरोध करने पर महिला को निर्वस्त्र कर जमकर पीटा।
घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। महिला टीचर के साथ हुई बदसलूकी की वजह से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। इस मामले में पीड़ित महिला टीचर ने कहा कि छात्रा को अनुशासन में रखने के लिए उसके कान खींचकर डांट दिया था। ऐसी घटना मेरे साथ पहले कभी नहीं हुई। मुझे अब डर लग रहा है।
भाजपा सांसद सुकांत मजूमदार ने क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने महिला टीचर के साथ अभद्रता और मारपीट करने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। मजूमदार ने कहा कि मैं भी एक शिक्षक था। कई छात्रों को डांटा भी है। एक शिक्षक के लिए, एक छात्र केवल उनका होता है। यहां शिक्षिका के कान पकड़ते ही हिजाब उतर जाता है। यही हुआ। इतनी मामूली बात से उसके परिवार सहित अन्य दो सौ लोगों ने स्कूल पर अटैक कर दिया। मुझे आश्चर्य है कि स्कूल के प्रिंसिपल ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई दी। पुलिस की मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं हुई। जब लोगों ने विरोध किया और सड़क जाम कर दी, तब जाकर पुलिस एक्टिव हुई।