Supreme Court : शीर्ष अदालत को मिले दो नये न्यायाधीश, न्यायमूर्ति भुइयां और न्यायमूर्ति भट्टी ने ली शपथ

Supreme Court
National News : पाकिस्तान नहीं लौटी सीमा तो भारत में फिर होगा 26/11 जैसा हमला
सुप्रीम कोर्ट के सभागार में हुआ समारोह शीर्ष अदालत के सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने दो नये न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। केंद्र सरकार ने 12 जुलाई को न्यायमूर्ति भुइयां और न्यायमूर्ति भट्टी को पदोन्नत कर उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की मंजूरी दी थी। न्यायमूर्ति भुइयां तेलंगाना उच्च न्यायालय के और न्यायमूर्ति भट्टी केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।Supreme Court
Share Market News : सेंसेक्स में 300 अंकों की तेजी, कई कंपनियों के शेयर ने पकड़ी रफ्तार
कानून मंत्री ने बुधवार को की थी नियुक्ति की घोषणा विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति भट्टी की नियुक्तियों की घोषणा की थी। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने उन्हें शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिश पांच जुलाई को की थी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #suprmecourt #judge #supremecourtnewsअगली खबर पढ़ें
Supreme Court
National News : पाकिस्तान नहीं लौटी सीमा तो भारत में फिर होगा 26/11 जैसा हमला
सुप्रीम कोर्ट के सभागार में हुआ समारोह शीर्ष अदालत के सभागार में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में प्रधान न्यायाधीश ने दो नये न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलाई। केंद्र सरकार ने 12 जुलाई को न्यायमूर्ति भुइयां और न्यायमूर्ति भट्टी को पदोन्नत कर उच्चतम न्यायालय में नियुक्त करने की मंजूरी दी थी। न्यायमूर्ति भुइयां तेलंगाना उच्च न्यायालय के और न्यायमूर्ति भट्टी केरल उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे।Supreme Court
Share Market News : सेंसेक्स में 300 अंकों की तेजी, कई कंपनियों के शेयर ने पकड़ी रफ्तार
कानून मंत्री ने बुधवार को की थी नियुक्ति की घोषणा विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने बुधवार को न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां और न्यायमूर्ति भट्टी की नियुक्तियों की घोषणा की थी। प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने उन्हें शीर्ष अदालत में न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिश पांच जुलाई को की थी। देश विदेशकी खबरों से अपडेट रहने लिएचेतना मंचके साथ जुड़े रहें। देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें। #suprmecourt #judge #supremecourtnewsसंबंधित खबरें
अगली खबर पढ़ें








मुझे लगातार मैसेज आते थे कि आर्डर पूरा करो और अपना कमीशन निकाल लो। लेकिन यह एक ऐसा दलदल था जहां से निकल पाना मुश्किल था। जब सारे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन का ऑफर दिया। 4 साल पहले जिस कंपनी में था वह बंद हो गई थी। जिसके बाद मेरा क्रेडिट सिविल खराब हो गया था, इसलिए मैंने मना कर दिया। कंपनी वालों के कहने पर मैंने कोशिश की और लोन मिलता चला गया उन पैसों को भी मैं पानी की तरह कंपनी में ही लगाता चला गया।
काम शुरू करने से पहले मैंने ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट चेक की थी कंपनी टीआरपी के लिए काम करवाती है जो कोविड के बाद 2022 में कोलंबिया में शुरू हुई थी यह सब देखकर मैंने काम शुरू किया लेकिन पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि कोई रास्ता ही नहीं बचेगा।"
जून में लोन का कर्जा इतना ज्यादा होता चला गया कि रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। किसी तरह मैंने व्यवस्था करके EMI भर दी लेकिन जुलाई में लोन वालों ने मेरा फोन हैक कर लिया। उससे डिटेल निकालकर जिस रिश्तेदारों, दोस्तों और सहकर्मियों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। लोन कंपनी वाले धमकी देने लगे कि तुम्हारी अश्लील और गलत फोटो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे, बदनाम कर देंगे। यहां तक कि उन्होंने मेरे बॉस की डीपी का भी गलत इस्तेमाल किया। इस बात से मुझे काफी गिल्टी फील हो रहा है। मेरी एक गलती की सजा सभी पहचान वालों को मिल रही है। उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।"
इसलिए परिवार यानी पत्नी और बच्चों रिशु और किशू को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता। इसलिए अपने साथ सभी को लेकर जा रहा हूं। सबसे फिर माफी मांगता हूं। मेरे परिवार को माफ कर दे। मैं मजबूर हूं शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा।"
इसके साथ ही सुसाइड करने वाले शख्स ने सुसाइड नोट में अपनी आखिरी इच्छा व्यक्त की है। उसने लिखा है कि -"हमारी अंतिम इच्छा यह है कि हमारा पोस्टमार्टम ना किया जाए, और सभी का अंतिम संस्कार साथ में किया जाए। ताकि हम चारों साथ में रहे।"
ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामले हर दिन खबरों की सुर्खियों में रहते हैं। इससे कैसे बचा जाए। क्या शख्स द्वारा उठाया गया ये कदम इस समस्या से बचने का एकमात्र उपाय था। इस पूरे मामले को लेकर आपकी क्या राय है। कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं।