सुप्रिया श्रीवास्तव, 14 जुलाई, भोपाल
Bhopal Suicide Case: ऑनलाइन ऐप के जरिए लोन लेने के बाद, उसकी रिकवरी के लिए प्रताड़ित एक शख्स ने अपने 8 साल के बेटे 3 साल की बेटी और पत्नी सहित सामूहिक आत्महत्या कर ली।
ऑनलाइन लोन ने लील ने पूरे परिवार की जिंदगी –
आजकल इंटरनेट पर कई ऐसे ऐप (Online App For Loans) मौजूद है, जिस पर कुछ साधारण सी फॉर्मेलिटीज को पूरा कर आसानी से मोटा लोन लिया जा सकता है। लेकिन यही ऑनलाइन लोन आगे आपके लिए कितनी मुसीबत खड़ी कर सकता है इसका जीता जागता उदाहरण सामने आया है, भोपाल, मध्य प्रदेश (Bhopal, Madhya Pradesh)से जहां ऑनलाइन लोन की वजह से एक पूरे परिवार की जिंदगी खत्म हो गई।
मध्य प्रदेश के ताजा खबरों के मुताबिक भोपाल में रहने वाला एक शख्स ऑनलाइन लोन एप के जाल में ऐसा फंसा जहां से निकलना उसके लिए मुश्किल हो गया। और आखिरकार हार कर उसने अपने 8 साल के बेटे और 3 साल की बेटी को जहर देकर मार दिया और खुद पत्नी समेत फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली।
Bhopal Suicide Case: 4 पन्ने के सुसाइड नोट में लिखी अपने तबाह होने की कहानी :
फांसी पर लटकने से पहले शख्स ने 4 पन्ने का एक सुसाइड नोट लिखा, जिसमे ऑनलाइन लोन के दलदल में फंसने की अपनी सारी कहानी लिखी।
सुसाइड के पहले पन्ने में शख्स ने लिखा कि –
“समझ में नहीं आ रहा क्या करें और क्या ना करें। नहीं पता हमारे इतनी छोटी सी, प्यारी सी फैमिली को किसकी नजर सी लग गई है…। हमारे परिवार के लोगों से, हम सबसे हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहते हैं। हमसे जुड़े सभी लोग मेरे कारण काफी ज्यादा परेशान हो गए, मेरी एक गलती की वजह से।
हम अपने परिवार के साथ ख़ुशी ख़ुशी जी रहे थे। हमें कोई परेशानी नहीं थी। किसी बात की चिंता नहीं थी। लेकिन अप्रैल महीने में मुझे मेरे फोन पर एक ऑनलाइन काम करने का whatsapp पर मैसेज आया। फिर टेलीग्राम पर वही ऑफर आया। थोड़े एक्स्ट्रा पैसे की जरूरत के लिए एक्स्ट्रा वर्क करने के लिए मैं तैयार हो गया। काम के लिए ज्यादा समय भी नहीं देना था तो मैंने काम शुरू कर दिया। जिसमें मुझे शुरू में थोड़ा फायदा तो हुआ, पर धीरे-धीरे मैं एक दलदल में फंसने लगा। थोड़ा सा भी समय मिलता तो मैं उस काम को करने लगता था। लेकिन काम का लोड इतना ज्यादा हुआ कि, मैं अपने काम के साथ इस काम में लगे पैसों का हिसाब नहीं बना पाया। पैसों का इस्तेमाल घर पर भी नहीं कर पाया। और काम का दबाव बहुत ज्यादा बढ़ता गया।
मुझे लगातार मैसेज आते थे कि आर्डर पूरा करो और अपना कमीशन निकाल लो। लेकिन यह एक ऐसा दलदल था जहां से निकल पाना मुश्किल था। जब सारे पैसे खत्म हो गए तो कंपनी वालों ने लोन का ऑफर दिया। 4 साल पहले जिस कंपनी में था वह बंद हो गई थी। जिसके बाद मेरा क्रेडिट सिविल खराब हो गया था, इसलिए मैंने मना कर दिया। कंपनी वालों के कहने पर मैंने कोशिश की और लोन मिलता चला गया उन पैसों को भी मैं पानी की तरह कंपनी में ही लगाता चला गया।
काम शुरू करने से पहले मैंने ई-कॉमर्स कंपनी की वेबसाइट चेक की थी कंपनी टीआरपी के लिए काम करवाती है जो कोविड के बाद 2022 में कोलंबिया में शुरू हुई थी यह सब देखकर मैंने काम शुरू किया लेकिन पता नहीं था कि इस मोड़ पर आकर खड़े हो जाएंगे कि कोई रास्ता ही नहीं बचेगा।”
अगले पन्ने में शख्स ने लिखा कि –
“इस काम की जानकारी ना तो मेरे परिवार में किसी को थी और ना ही मेरी वाइफ को थी। मेरी वाइफ जब भी मुझे काम करते देखती तो बस यही समझाती – कुछ गलत मत करना और मैं मना कर देता, कुछ नहीं जो कर रहा हूं तुम्हारी खुशी के लिए कर रहा हूं।
लेकिन मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैंने क्या कर डाला। ऑनलाइन जॉब का शिकार होने के बाद मुझे लगा कुछ दिन बाद पैसे मिलते ही सबका लोन क्लियर करके सब छोड़ दूंगा। लेकिन मैं समझ नहीं पाया कि इतना सब कुछ हो जाएगा। ऑनलाइन जॉब वालों ने मुझ पर लोन का इतना खर्च कर दिया कि मैं खुद भी हैरान होता चला गया। मैं समझ गया कि मेरे साथ फ्रॉड हुआ है। बात बात पर मेरे ऊपर पैसे का दबाव बनाया जाने लगा। यह पैसे मैंने अपने लिए नहीं लिए थे। मैं तो उनका इस्तेमाल भी नहीं कर पाया। कंपनी ने लोन ऑफर किया और पैसे लेकर मैंने वापस कंपनी में ही लगा दिए।
जून में लोन का कर्जा इतना ज्यादा होता चला गया कि रिकवरी वालों ने धमकाना शुरू कर दिया। किसी तरह मैंने व्यवस्था करके EMI भर दी लेकिन जुलाई में लोन वालों ने मेरा फोन हैक कर लिया। उससे डिटेल निकालकर जिस रिश्तेदारों, दोस्तों और सहकर्मियों को ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया। लोन कंपनी वाले धमकी देने लगे कि तुम्हारी अश्लील और गलत फोटो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे, बदनाम कर देंगे। यहां तक कि उन्होंने मेरे बॉस की डीपी का भी गलत इस्तेमाल किया। इस बात से मुझे काफी गिल्टी फील हो रहा है। मेरी एक गलती की सजा सभी पहचान वालों को मिल रही है। उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा है।”
Bhopal Suicide Case:
सुसाइड नोट के अगले पन्ने में शख्स ने लिखा कि –
“मैं साइबर क्राइम ऑफिस गया लेकिन वहां अधिकारी ना होने और छुट्टी होने के कारण मामला टल गया। दोबारा गया, आवेदन बनवाने के लिए वकील से मिला उन्होंने ड्राफ्टिंग के लिए समय मांगा। लेकिन मैं ना किसी से बात कर पा रहा हूं और ना ही नजरे मिला पा रहा हूं। कोई नहीं समझ पा रहा है कि आज मैं अपनी ही नजरों में गिर चुका हूं। नौकरी जाने की नौबत आ गई है। अपना और परिवार का भविष्य दिखाई नहीं दे रहा। किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं बचा हूं। परिवार से कैसे नजर मिला पाऊंगा। अपने बाबू जी, अम्मा जी, पापा जी, मम्मी जी, भैया, भाभी, प्यारी बहनों, प्यारी सी बेटी सब से यही कहना चाहता हूं, सबसे कैसे नजर मिलाऊं। सबसे ज्यादा इस बात का डर है कि भविष्य में मेरी बेटी की शादी में परेशानी ना आए।
इसलिए परिवार यानी पत्नी और बच्चों रिशु और किशू को तकलीफ में नहीं छोड़ सकता। इसलिए अपने साथ सभी को लेकर जा रहा हूं। सबसे फिर माफी मांगता हूं। मेरे परिवार को माफ कर दे। मैं मजबूर हूं शायद हमारे जाने के बाद सब अच्छा हो जाएगा।”
शख्स ने आगे लिखा कि –
“मेरा सबसे यही निवेदन है कि हमारे जाने के बाद मेरे परिवार वालों को लोन के लिए परेशान नहीं किया जाए। ना ही किसी रिश्तेदार अथवा सहकर्मी को परेशान किया जाए। मैं सभी से अपने पापा जी, मम्मी जी, बापू जी, अम्मा जी, तीनों बहनों, बड़े भैया, अनु दी, दोनों साली सब से माफी मांगता हूं। हमें माफ कर दे हमारा साथ बस यही तक था।”
इसके साथ ही सुसाइड करने वाले शख्स ने सुसाइड नोट में अपनी आखिरी इच्छा व्यक्त की है। उसने लिखा है कि -“हमारी अंतिम इच्छा यह है कि हमारा पोस्टमार्टम ना किया जाए, और सभी का अंतिम संस्कार साथ में किया जाए। ताकि हम चारों साथ में रहे।”
ऑनलाइन फ्रॉड के कई मामले हर दिन खबरों की सुर्खियों में रहते हैं। इससे कैसे बचा जाए। क्या शख्स द्वारा उठाया गया ये कदम इस समस्या से बचने का एकमात्र उपाय था। इस पूरे मामले को लेकर आपकी क्या राय है। कमेंट सेक्शन में हमें जरूर बताएं।
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