UP News: पुराने फार्मूले पर लौट रही कांग्रेस, फिर से सवर्णों को कमान ,भूमिहार नेतृत्व से साधेगी तीन राज्य

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userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:13 PM
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UP News: अंशु नैथानी / लंबे समय तक कांग्रेस ने हिंदी पट्टी के राज्यों, उत्तर प्रदेश और बिहार में राज किया था । एक समय ऐसा लगता था कि यूपी बिहार से कांग्रेस का राज तो कभी जा ही नहीं सकता लेकिन वक्त बदला और राज भी गया । हिंदी पट्टी के इन राज्यों में कांग्रेस की यह हालत ये हो गई कि वह तीसरे चौथे नंबर की पार्टी बन गई । सत्ता में वापसी के लिए तमाम तरह के प्रयोग किए जाते रहे । 90 के दशक में मण्डल और कमंडल की राजनीति में पिछड़ी जातियां क्षेत्रीय क्षत्रपों के साथ चली गईं तो सवर्णों को बीजेपी ने अपने पाले में कर लिया। पिछड़ों की राजनीति की बयार में कांग्रेस ने भी अपनी पारंपरिक शैली में बदलाव किया और परंपरागत रूप से सवर्ण के हाथ में नेतृत्व देने वाली यह पार्टी उनकी अवहेलना करने लगी, शायद यह राजनीति की मांग थी। लेकिन यह प्रयोग कांग्रेस को कुछ खास लाभ नहीं दिला पाया पार्टी पूरी तरह हाशिये पर ही चली गई, लेकिन अब एक बार फिर यूपी समेत उत्तर भारत में काँग्रेस ने अपनी पुरानी पहचान की तरफ लौटने का फैसला किया है ।

UP News भूमिहार जाति को कमान

जिस तरह कांग्रेस ने यूपी सहित तीन राज्यों, बिहार और झारखंड में तीनों ही अध्यक्ष भूमिहार जाति से बनाए हैं, यह कोई महज संयोग नहीं है। उत्तर प्रदेश में अजय राय, बिहार में अखिलेश प्रसाद सिंह और झारखंड में राजेश ठाकुर यह तीनों ही कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूमिहार समाज से आते हैं। यह कदम उठाकर कांग्रेस फिर अपनी उसी पुरानी लीक पर वापस आ रही है ,जहां नेतृत्व की कमान सवर्णों के हाथ रहती थी। यूपी-बिहार में सवर्णों में भी खासतौर पर भूमिहार जाति के अध्यक्षों को चुनकर कांग्रेस ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। पहला भूमिहार जाति सवर्णों में अग्रणी तो है ही साथ ही काफी अग्रेसिव भी मानी जाती है, जो कि बीजेपी के अग्रेसिव नेतृत्व को कड़ी चुनौती दे सकती है।

बीजेपी को टक्कर देने का दांव

हालांकि पिछले कुछ वर्षों में कांग्रेस में अवहेलना झेलकर भूमिहार नेता और वोट बैंक बड़े पैमाने पर बीजेपी में शिफ्ट हो गया था । बाद में बीजेपी ने भी भूमिहारो का इस्तेमाल ही ज्यादा किया और सत्ता में प्रतिनिधित्व कम दिया । भूमिहारो का बीजेपी से भी मोहभंग होने लगा, बिहार में तो कई भूमिहारों का कहना है कि अगर हम कांग्रेस में उपेक्षित ना होते तो कभी बीजेपी में ना जाते ,हमारी परंपरागत पार्टी तो कांग्रेस ही है। कांग्रेस यह समझ गई है कि भूमिहारों को साधना उसकी जरूरत है और पुरानी कांग्रेस की तरफ लौटने का प्रयोग भी जरूरी है। साथ ही कांग्रेस को इन महत्वपूर्ण राज्यों में पुरानी धार और तेवर देने के लिए तेजतर्रार छवि के भूमिहारों पर दांव लगाना फायदेमंद दिख रहा है ।

बीजेपी से सवर्णों का मोह भंग ,काँग्रेस का अपने पाले में खींचने का प्रयास

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इससे पहले यूपी में कांग्रेस ने बृजलाल खाबरी को अध्यक्ष बनाया था पर 11 महीने में ही उन से मोह भंग हो गया। बीएसपी से आए खाबरी को यूपी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर पार्टी दलित वोट बैंक में फिर पैठ बनाना चाहती थी पर कुछ खास हो नहीं पाया। यूं तो भूमिहार वोट यूपी में कुछ खास नहीं है लेकिन कांग्रेस अपनी पुरानी लीक पर लौटते हुए इस तेज तर्रार जाति को नेतृत्व सौंप कर देखना चाहती है । कुछ समय से भूमिहार समेत सवर्ण जतिया भी बीजेपी से असंतुष्ट हैं । काँग्रेस अब उन्हे अपने पाले में कर लेना चाहती है। इन राज्यों में कुछ सीटों पर भूमिहार जिताऊ भी साबित हो सकते हैं ।

UP News पुराने फार्मूले पर लौटती काँग्रेस

दरअसल एक समय कांग्रेस एक अंब्रेला ऑर्गेनाइजेशन हुआ करती थी जहां सभी जाति और समाज के लोग शरण पाते थे और अधिकांश मौकों पर नेतृत्व स्वर्णो के हाथ रहता था। इससे स्वर्णो को भी कांग्रेस में स्वाभाविक जुड़ाव नजर आता था। कांग्रेस का आकर्षण निचले तबके में हमेशा से रहा था। पिछड़ी जातियों को कांग्रेस ने कुछ समय से नेतृत्व देकर लुभाने की कोशिश की, कोई संदेह नहीं है इसलिए उन्होंने दलित नेता मल्लिकार्जुन खरगे को पार्टी की कमान सौंपी है ,लेकिन अब चुनावी वर्ष से पहले संतुलन साधते हुए यूपी ,बिहार और झारखंड जैसे चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्यों में सवर्णो में विश्वास पैदा करने के लिए यह प्रयोग किया गया है । यानी सवर्णों को यह विश्वास दिलाना कि कांग्रेस अब भी सवणो की पार्टी है ,जैसे पहले हुआ करती थी।

सवर्णों में जाएगा संदेश !

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यह बदलाव भी उसी प्रयोग का हिस्सा नजर आता है, तीनों प्रदेशों में भूमिहारों का यह चयन सांकेतिक भी हो सकता है ,जहां भले ही यह तीनों प्रदेश अध्यक्ष भूमिहार जाति से हो लेकिन संदेश पूरे सवर्ण समाज के लिए है कि कांग्रेस फिर से अपने परंपरागत ढांचे की तरफ लौटने की कोशिश कर रही है।

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Uttar Pradesh News: घोसी उपचुनाव में बीजेपी- सपा के बीच सीधा मुकाबला, बसपा और कांग्रेस ने नहीं उतारा प्रत्याशी

Upchunav
Uttar Pradesh News
locationभारत
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calendar30 Nov 2025 09:32 PM
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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा के उपचुनाव के लिए नामांकन गुरुवार को खत्म हो गया है। कांग्रेस और बसपा ने उम्मीदवार न उतारकर लड़ाई से बाहर रहने का फैसला किया है। आखिरी दिन सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह समेत 13 लोगों ने नामांकन किया है। इससे साफ हो गया है कि इस सीट पर मुख्य लड़ाई भाजपा और सपा के बीच ही होगी। बता दें कि इससे पहले 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर दारा सिंह चौहान ने बीजेपी प्रत्याशी विजय राजभर को 22,216 वोटों के मार्जिन से हराया था।

सपा के लिए है अग्निपरीक्षा

सपा के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले घोसी उपचुनाव बड़ी परीक्षा होगी। क्योंकि INDIA गठबंधन के बाद यह पहला चुनाव है यही वजह भी है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी प्रत्याशी सुधाकर सिंह को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है जिसमें उन्होंने दावा किया है कि सपा के उम्मीदवार सुधाकर करेंगे सुधार, घोसी फिर एक बार साइकिल के साथ। वहीं सपा छोड़ बीजेपी में फिर से शामिल हुए दारा सिंह चौहान की भी अग्निपरीक्षा है 2012 के विधानसभा चुनाव में सुधाकर सिंह ने इसी सीट से जीत दर्ज की थी। हालांकि सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का एनडीए से गठबंधन हो चुका है इसलिए सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी अब खुलकर उनके पक्ष में जनता से मतदान की अपील कर रहे हैं।

Uttar Pradesh News: घोसी सीट पर मतदाताओं की संख्या

राजनीतिक दलों के आंकड़ों के मुताबिक़, घोसी विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाता 4,30,452 हैं इनमें लगभग 65 हज़ार दलित और 60 हज़ार मुसलमान, 40 हज़ार यादव, 40 हज़ार राजभर, 36 हज़ार लोनिया चौहान, 16 हज़ार निषाद और बाक़ी पिछड़ी जातियों के मतदाता हैं। सपा ने घोसी उपचुनाव में पार्टी के पुराने नेता और क्षत्रिय समाज से आने वाले सुधाकर सिंह पर दांव लगाया है सुधाकर सिंह 1996 में नत्थूपुर और इसके बाद घोसी विधानसभा क्षेत्र से 2012 में विधायक निर्वाचित हो चुके हैं।

Uttar Pradesh News: 17 प्रत्याशियों ने किया है नामांकन

भारतीय जनता पार्टी से दारा सिंह चौहान, सपा के सुधाकर सिंह के अलावा जन अधिकार पार्टी के अफरोज आलम, पीस पार्टी से सनाउल्‍लाह आजमी और सलाउद्दीन अंसारी, राष्‍ट्रीय जनवादी पार्टी से ओम प्रकाश चौहान, आवामी पिछड़ा पार्टी से इस्‍माइल अंसारी व सुहेलदेव स्‍वाभिमान पार्टी से अरविंद कुमार राजभर ने नामांकन दाखिल किया है। वहीं डॉ. चंद्रजीत, अरविंद कुमार चौहान, रमेश पांडेय, विनय कुमार और राम अवतार गुप्‍ता ने निर्दल उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल किया है। इससे पहले चार उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया था। इसलिए कुल उम्मीदवारों की संख्या 17 हो गई है। पर्चों की जांच शुक्रवार यानी आज होगी। वहीं 21 अगस्त तक नाम वापस लिया जा सकेगा।

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UP News: भूजल संरक्षण के लिए योगी सरकार, 8 करोड़ की लागत से 13 जिलों में बनवाएगी ग्राउंडवाटर रिचार्जिंग स्टेशन

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calendar30 Nov 2025 12:54 PM
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UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भू जल संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए प्रदेश के 13 जिलों में ग्राउंड वाटर चार्जिंग स्टेशनों को बनाने की तरफ बड़ा कदम उठाया है। योगी सरकार द्वारा 8 करोड़ की लागत से शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में जल की कमी की समस्या से निजात पाने के लिए और मीठे पानी की जलापूर्ति के उद्देश्य से ग्राउंडवाटर चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण का महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इन ग्राउंड वाटर चार्जिंग स्टेशनों को सिंचाई विभाग की देख रेख में संचालित किया जाएगा। ग्राउंड वाटर चार्जिंग विभिन्न प्रकार से प्राकृतिक पानी की बर्बादी को रोकने के लिए एक कारगर उपाय है।  उल्लेखनीय है प्राचीन काल में पानी के संरक्षण के लिए तालाब आदि व्यापक पैमाने पर बनाने का चलन था । शहरीकरण की दौड़ में पानी का दोहन तो बहुत हुआ लेकिन हम प्राकृतिक पानी की संपदा को बचाने में उतने कामयाब नहीं रहे जितना की जरूरत थी।  उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने भूजल संरक्षण को  प्राथमिकता दी है। उल्लेखनीय है काफी लंबे अरसे से भूजल दोहन के कारण पानी की समस्या देखी जा रही थी उस दिशा में भू जल संरक्षण के लिए ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग सेंटर राज्य के निवासियों के लिए एक बड़ा तोहफा साबित हों सकता है

UP News: कहां होगा ग्राउंडवाटर चार्जिंग स्टेशनों का निर्माण

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के 13 जिलों में 8 करोड़ रुपए की कुल अनुमानित लागत लगाकर ग्राउंडवॉटर चार्जिंग चेकडैमों का निर्माण कराया जाएगा।. इसमें जिन 13 जिलों में हाथरस, बदायूं, मुरादाबाद, सम्भल, प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, ललितपुर, जालौन, हमीरपुर व चित्रकूट प्रमुख हैं.। UP News: ग्राउंड वाटर चार्जिंग स्टेशनों के निर्माण के लिए जिलेवार धनराशि निर्माण के लिए हाथरस में 70.5 लाख, बदायूं में 38 लाख, मुरादाबाद में 28 लाख, सम्भल में 72 लाख, प्रयागराज में 80 लाख, कौशाम्बी में 1.21 करोड़, फतेहपुर में 1.03 करोड़, प्रतापगढ़ में 37.23 लाख, सोनभद्र में 28 लाख, जालौन में 50 लाख, ललितपुर में 41 लाख, हमीरपुर में 35.60 लाख व चित्रकूट में 94.16 लाख रुपए की राशि निर्धारित की गई है।. इस विषय में नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग द्वारा लघु सिंचाई संबंधित प्रखंड को चेक डैम निर्माण के बारे में निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

लघु सिंचाई विभाग ने तैयार की कार्ययोजना 

चेक डेमो के निर्माण का यह कार्य लघु सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता की देख रेख में किया जाएगा. इनके निर्माण समेत इनकी देखरेख और अन्य सभी संबंधित तथ्यों की विवेचना मुख्य अभियंता द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। सभी कार्यों को पूर्ण करने के लिए अनापत्ति संबंधित प्रमाण पत्र, निर्माण कार्य के लिए जरूरी मशीनरी व अन्य सामान की खरीद समेत अन्य सभी आवश्यक कार्रवाईयों को यूपी बजट मैनुअल तथा फाइनेंशियल हैंडबुक के नियमों के अंतर्गत ही किया जाएगा.।

UP News: जल स्रोत कहां पर होता है..

अलग-अलग भौगोलिक परिस्थितियों में जमीन के अंदर जमा पानी मिट्टी, रेत, चट्टान की दरारों में जमा होता है.।जमीन के अंदर कुछ खास पानी वाले  स्रोत होते हैं , जिन्हें Aquifers कहा जाता है. कई लोगों इन्हें हिंदी में जलभृत भी कहते हैं और यहां काफी पानी जमा होता है. ऐसा नहीं है की मिट्टी खोदते ही कुछ फीट पर पानी निकलने लगे बल्कि ये भी जगह-जगह भूगोल के हिसाब से जमा है, जैसे कई जगहों पर 100 फुट अंदर जाने पर पानी मिल जाता है तो कई जगह 500 फुट पर भी पानी नहीं है. यानी जमीन के नीचे जो पानी है, वो कुछ कुछ हिस्सों में अलग- अलग जमा होता है. जल दोहन से पानी की जो समस्या उपजी है उस समस्या का समाधान  ग्राउंड वाटर चार्जिंग सेंटरों का निर्माण कर भू जल संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। प्रस्तुतकर्ता मीना कौशिक

Cauliflower Cultivation: गोभी से हो सकती है जोरदार कमाई, गोभी की उन्नत किस्मों से जोरदार मुनाफा

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