प्रधानमंत्री मोदी यू पी को देंगे दुनिया की सर्वश्रेष्ठ हाई स्पीड रैपिडेक्स ट्रेन का बड़ा तोहफा

दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
17 किलोमीटर की दूरी तय होगी 15 मिनट में और 5 स्टेशनों को जोड़ेगा यह कॉरिडोर। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले जिस खंड का उद्घाटन किया जाएगा, वह गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को 'दुहाई डिपो' से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी।गाजियाबाद क्षेत्र में यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ट्रेन होगी
दुनिया की है सर्वश्रेष्ठ ट्रेन दिल्ली गाजियाबाद मेरठ में हर 15 मिनट पर दौड़ेगी। इसके साथ ही सुगम आवागमन के साथ प्रदेश का विकास तेज गति से दौड़ेगा। नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बदलने की प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना विकसित की जा रही है। आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वैन्सी वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है।180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन और हर 5 मिनट पर रेल की फ्रीक्वेंसी होगी
180 किमी प्रति घंटे की गति के साथ, आरआरटीएस एक परिवर्तनकारी, क्षेत्रीय विकास में योगदान देगी, जिसे हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की फ्रीक्वैन्सी तक जा सकती है।कॉरिडोर का निर्माण 30000 करोड़ की लागत से किया गया है
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण-I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है। जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर; दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर; और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है, और यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।पीएम मास्टर प्लान के अनुरूप
देश में विकसित आरआरटीएस एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है, और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से इसकी बराबरी की जा सकती है। यह देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, आरआरटीएस नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस सेवाओं आदि के साथ व्यापक मल्टी-मॉडल-एकीकरण होगा।
प्रदूषण में होगी कमी
इस तरह के परिवर्तनकारी क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान क्षेत्र में आर्थिक गतिविधि को बढ़ावा देंगे। रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के अवसरों तक बेहतर पहुंच प्रदान करेंगे और वाहनों की भीड़भाड़ और वायु प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी लाने में मदद मिलेगी।जारी हुआ प्रधानमंत्री के दौरे का मिनट टू मिनट कार्यक्रम
सबसे पहले रैपिडेक्स रेल उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री 20 अक्टूबर को गाजियाबाद पहुंचेंगे। >>उसके बाद 10:00 से 11:00 हिंडन एयरपोर्ट गाजियाबाद पर प्रधानमंत्री का किया जाएगा स्वागत। >>11:15 बजे से 11:50 पर प्रधानमंत्री भारत के प्रथम रीजनल रैपिड ट्रांसिट सिस्टम कॉरिडोर का उद्घाटन करेंगे। रैपिडेक्स ट्रेन का फ्लैग ऑफ एवं यात्रा >>12:00 बजे से 1:00 तक कार्यक्रम स्थल आवास विकास का मैदान गाजियाबाद में जनसभा करेंगे। >>बेंगलुरु मेट्रो के ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर के दो हिस्सों का राष्ट्र को समर्पित करेंगे। >>1:15, प्रधानमंत्री सभी कार्यक्रम के बाद हिंडन एयरपोर्ट गाजियाबाद पहुंचेंगे। प्रस्तुति मीना कौशिकइज़राइल पर अपडेट: बाइडेन के बाद सुनक पहुँच रहे हैं इज़राइल, हमजा यूसुफ ने रखा गाजा में सहायता का प्रस्ताव
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर
17 किलोमीटर की दूरी तय होगी 15 मिनट में और 5 स्टेशनों को जोड़ेगा यह कॉरिडोर। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के 17 किलोमीटर लंबे प्राथमिकता वाले जिस खंड का उद्घाटन किया जाएगा, वह गाजियाबाद, गुलधार और दुहाई स्टेशनों के साथ साहिबाबाद को 'दुहाई डिपो' से जोड़ेगा। प्रधानमंत्री ने 8 मार्च 2019 को दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी।गाजियाबाद क्षेत्र में यह दुनिया की सर्वश्रेष्ठ ट्रेन होगी
दुनिया की है सर्वश्रेष्ठ ट्रेन दिल्ली गाजियाबाद मेरठ में हर 15 मिनट पर दौड़ेगी। इसके साथ ही सुगम आवागमन के साथ प्रदेश का विकास तेज गति से दौड़ेगा। नए विश्व स्तरीय परिवहन बुनियादी ढांचे के निर्माण के माध्यम से देश में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बदलने की प्रधानमंत्री की कल्पना के अनुरूप, क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) परियोजना विकसित की जा रही है। आरआरटीएस एक नई रेल-आधारित, सेमी हाई स्पीड, हाई फ्रीक्वैन्सी वाली कम्यूटर ट्रांज़िट प्रणाली है।180 किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ेगी ट्रेन और हर 5 मिनट पर रेल की फ्रीक्वेंसी होगी
180 किमी प्रति घंटे की गति के साथ, आरआरटीएस एक परिवर्तनकारी, क्षेत्रीय विकास में योगदान देगी, जिसे हर 15 मिनट में इंटरसिटी आवागमन के लिए हाई-स्पीड ट्रेनें प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। जो आवश्यकता के अनुसार हर 5 मिनट की फ्रीक्वैन्सी तक जा सकती है।कॉरिडोर का निर्माण 30000 करोड़ की लागत से किया गया है
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में तैयार किए जाने वाले कुल आठ आरआरटीएस कॉरिडोर की पहचान की गई है, जिनमें से तीन कॉरिडोर को चरण-I में लागू करने की प्राथमिकता दी गई है। जिसमें दिल्ली-गाजियाबाद- मेरठ कॉरिडोर; दिल्ली-गुरुग्राम-एसएनबी-अलवर कॉरिडोर; और दिल्ली-पानीपत कॉरिडोर शामिल है। दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस 30,000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से तैयार किया जा रहा है, और यह गाजियाबाद, मुरादनगर और मोदीनगर के शहरी केंद्रों से गुजरते हुए एक घंटे से भी कम समय में दिल्ली को मेरठ से जोड़ेगा।पीएम मास्टर प्लान के अनुरूप
देश में विकसित आरआरटीएस एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय गतिशीलता समाधान है, और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ से इसकी बराबरी की जा सकती है। यह देश में एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और आधुनिक आवागमन की सुविधा प्रदान करेगा। पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के अनुरूप, आरआरटीएस नेटवर्क में रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, बस सेवाओं आदि के साथ व्यापक मल्टी-मॉडल-एकीकरण होगा।







