Thursday, 2 May 2024

नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता के साथ करें देवी ललिता का पूजन बनी रहेगी सुख समृद्धि 

Navratri Fifth day of skandamata Maa: शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता के रुप में पूजा जाता है. इस दिन…

नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता के साथ करें देवी ललिता का पूजन बनी रहेगी सुख समृद्धि 

Navratri Fifth day of skandamata Maa: शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन स्कंदमाता के रुप में पूजा जाता है. इस दिन माता का यह रुप ममतामयी स्वरुप के साथ साथ ज्ञान प्रदान करने वाला होता है. इस दिन माता के पूजन द्वारा भक्त अपने जीवन में प्रेम और समर्पण का गुण लाता है. माता ने अपनी गोद में भगवान कार्तिकेय को बिठा रखा है. अपने पुत्र कार्तिकेय जिनका एक नाम स्कंद भी है उन्हीं के नाम पर उन्हें स्कंदमाता कहा जाता है.

स्कंदमाता का पूजन शास्त्रों के अनुसार जीवन में स्नेह एवं प्रेम को प्रदान करता है. व्यक्ति के भीतर उन गुणों का संचार होता है जिनके द्वारा जीवन पोषण प्राप्त होता है. इस दिन में परंपरा के अनुसार माता का नियम अनुसार पूजन होता है. इस दिन मां ने यह रूप विशेष कारणों से लिया और माता का यह रुप ही सृष्टि के संचालन में शुभता लाने वाला बना.

आईये जानें माता के पूजन एवं स्वरुप के बारे में विस्तार पूर्वक-

स्कंदमाता नवरात्रि पूजन 2023 मुहूर्त

पंचांग अनुसार तृतीया तिथि का नवरात्रि 19 अक्टूबर 2023 के दिन व्याप्त रहेगी. बृहस्पतिवार, को सौभाग्य एवं शोभन नामक शुभ योगों की प्राप्ति होगी.  इस दिन रवि योग की प्राप्ति होने से शुभ फल प्राप्त होंगे. शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन प्रात:काल से 06:20 से 12:45 तक शुभ योग पूजन होगा. इसके बाद 13:10 से 1540 का समय पूजा के लिए उत्तम होगा.

स्कंदमाता मंत्र पूजा विधि 

नवरात्रि के इस दिन देवी के मंत्र जाप के साथ आहवान किया जाता है. ‘ॐ स्कन्दमात्रै नम: के साथ ही ‘या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता. नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम: नामक मंत्रों का जाप बेहद सकारात्मक माना जाता है. पंचमी के दिन भक्त प्रात:काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर माता का स्मरण करते हैं. इसके बाद माता के स्वरुप का ध्यान करते हुए पूजन आरंभ होता है. माता को सिंदूर, चंदन, अक्षत, पुष्प इत्यादि अर्पित करते हैं. धूप दीप के द्वारा आरती एवं मंत्र से पूजन संपन्न होता है. माता के पूजन के साथ ही भगवान शिव गणेश एवं कार्तिकेय कापूजन भी किया जाता है. शिव परिवार का पूजन करने से शुभता प्राप्त है.

उपांग ललिता पूजन 

नवरात्रि के पांचवें दिन नवरात्रि पूजन के साथ ही देवी ललिता का पूजन भी होगा. इस दिन उपांग ललिता पूजन द्वारा भक्तों को धन समृद्धि का सुख प्राप्त होगा. मान्यताओं के अनुसार आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन का समय उपांग ललिता का व्रत एवं पूजन शुभ होता है. देवी ललिता का पूजन व्यक्ति को धन धान्य देने वाला होता है.

नवरात्रि का पंचम दिन देगा संतान एवं संपत्ति का सुख 

शारदीय नवरात्रि के पंचम दिन पर देवी स्कंदमाता की पूजा द्वारा संतान सुख की प्राप्ति का आशीर्वाद प्रदान होता है. स्कंदमाता का स्वरुप बहुत ही शुभ माना जाता है. माता की चार भुजाएं हैं. जिनमें माता अपने पुत्र स्कंद को उठाए हैं तथा अन्य भुजाओं में पुष्प सुशोभित हैं तथा अन्य भुजा द्वारा माता भक्तों पर स्नेह का सुख बरसाती हैं.

एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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