Two transgenders doctor : तेलंगाना: दो ट्रांसजेंडरों ने डाक्टर बन इतिहास रचा

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Two transgenders doctor :
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2022 09:12 PM
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Two transgenders doctor : हैदराबाद। ट्रांसजेंडर बनने के बाद समाज व निजी जीवन की चुनौतियों से टक्कर लेने वाले ट्रांसजेंडर आपका इलाज करेंगे। अब आप उनको तिरस्कृत नहीं करेंगे बल्कि गले से लगाएंगे। क्योंकि, इस लायक बन कर उन्होंने यह साबित कर दिया है। चिकित्सा की पढ़ाई पूरी करने वाले दो ट्रांसजेंडरों ने तेलंगाना में प्रथम ट्रांसजेंडर डॉक्टर बनकर इतिहास रचा है। प्राची राठौड़ और रूथ जॉनपॉल हाल में चिकित्सा अधिकारियों के रूप में सरकारी उस्मानिया जनरल अस्पताल (ओजीएच) से जुड़े। राठौड़ को उनकी लैंगिक पहचान की वजह से शहर के एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल ने नौकरी से निकाल दिया था। उन्होंने आदिलाबाद के एक चिकित्सा महाविद्यालय से 2015 में एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की थी।

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उन्होंने बातचीत में सामाजिक दाग और बचपन से उनके साथ होते आये भेदभाव को साझा किया। उन्होंने कहा, आपकी सारी उपलब्धियों के बावजूद दाग और भेदभाव कभी नहीं जाता। राठौड़ स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिए दिल्ली गयी थीं लेकिन प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण उन्हें हैदराबाद लौट आना पड़ा। उन्होंने यहां एक अस्पताल में काम करते हुए आपात चिकित्सा में डिप्लोमा किया। राठौड़ ने तीन साल तक शहर के एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में काम किया लेकिन लैंगिक पहचान की वजह से उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया क्योंकि अस्पताल ने महसूस किया कि इसकी वजह से मरीजों की संख्या घट सकती है।

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बाद में एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) उनकी मदद के लिए आगे आया और उन्हें इस एनजीओ के क्लीनिक में नौकरी मिली। आगे चलकर उन्हें ओजीएच में काम मिला। वैसे तो उन्होंने बचपन में डॉक्टर बनने का सपना देखा था लेकिन जब वह 11वीं-12वीं कक्षा में पहुंची तो उनके सामने सबसे बड़ी चिंता इसी बात को लेकर थी कि अन्य विद्यार्थियों के तानों से कैसे पार पाया जाए। राठौड़ ने कहा, वाकई यह बुरा समय था। डॉक्टर बनने के बारे में सोचने के बजाय बड़ा मुद्दा था कि जिंदगी कैसी जीऊं और इन चीजों से कैसे उबरूं।

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  एक ट्रांसजेंडर के सामने आने वाली परेशानियों का जिक्र करते हुए राठौड़ ने कहा कि नौकरियों एवं शिक्षा में कुछ आरक्षण देने से इस समुदाय को जीवन में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि जिस तरह अल्पसंख्यकों पर ठोस कार्रवाई को लेकर विचार किया जाता है, उसी तरह ‘लैंगिक अल्पसंख्यकों’ पर उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए गौर किया जाना चाहिए। डॉक्टर ने कहा, जब आपने हमें लैंगिक पहचान की वजह से तीसरी श्रेणी में डाला है तो मैं सरकार और हमारे साथ भेदभाव करने वालों से पूछना चाहती हूं कि पहली और दूसरी श्रेणी क्या है। दूसरे ट्रांसजेंडर जॉनपॉल से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पायी है।  
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Health News : खुशखबरी : मिल गया मिर्गी का बेहतरीन इलाज

Health
Good news : got the best treatment for epilepsy
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 12:15 AM
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Health News : कोच्चि (केरल)। केरल के एक अस्पताल ने नए कम्प्यूटेशनल उपकरण विकसित किए हैं, जो मस्तिष्क के उस हिस्से (एपिलेप्टिक फोकस) की सटीक पहचान कर सकता है, जिसके कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। इसकी सटीक पहचान ही मिर्गी की सर्जरी की प्रमुख चुनौती होती है।

Health News :

एक बयान के अनुसार, अमृता हॉस्पिटल में सेंटर फॉर एपिलेप्सी ने इस संबंध में 2015 से 2019 के बीच मिर्गी के करीब 100 जटिल मामलों पर कई अध्ययन किए। बयान में कहा गया है कि मिर्गी सबसे आम मस्तिष्क संबंधी विकारों में से एक है, जिससे भारत में करीब 60 फीसदी लोग प्रभावित हैं। इन मरीजों में से 70 प्रतिशत के दौरे इलाज से नियंत्रित किए जा सकते हैं। उसने कहा कि हालांकि, 30 प्रतिशत मरीजों पर दवा का असर नहीं होता, जो कि मिर्गी का गंभीर रूप है। सर्जरी से ‘एपिलेप्टिक फोकस’ को हटाया जा सकता है, जहां से मरीजों में मिर्गी के दौरे शुरू हाते हैं।

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अमृता हॉस्पिटल में क्लिनिकल प्रोफेसर डॉ. सिबी गोपीनाथ ने कहा कि केंद्र ने नए कम्प्यूटेशनल उपकरण विकसित किए हैं, जिससे मस्तिष्क के उस हिस्से की सटीक पहचान की जा सकती है, जिसके कारण मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि मस्तिष्क में एपिलेप्टिक फोकस की सटीक पहचान करने से सर्जन को मस्तिष्क के असामान्य ऊत्तकों को हटाने तथा खतरे और मिर्गी की सर्जरी के नकारात्मक असर को कम करने में मदद मिलेगी।
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Jewellery: सिर्फ सुंदरता ही नहीं बल्कि सेहत भी जुड़ी हुई है आपके आभूषणोँ के साथ

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Jewellery: Not only beauty but health is also associated with your ornaments
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:00 AM
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Jewellery  :  अक्सर महिलाएं अपने सौंदर्य को बढ़ाने के लिए सोने के कई आभूषणोँ का प्रयोग करती हैं लेकिन क्या आप जानती हैं कि ये गहने सिर्फ आपको खूबसूरत ही नहीं बनाते बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाते हैं। भारतीय सभ्यता में हर एक आभूषण की अपनी एक अलग अहमियत है और प्रत्येक का आपके स्वास्थ्य पर प्रभाव भी अलग-अलग पड़ता है।

Jewellery :

आइये जानते हैं कि कितने ख़ास हैं ये गहने आपकी सुंदरता और स्वास्थ्य दोनों के नजरिये से।   1.सोने की अंगूठी - कई रिसर्च यह दावा करती हैं कि सोने को पहनने से व्यक्ति के मन की एकाग्रता बढ़ती है। इसलिए तर्जनी उंगली में आप सोने की अंगूठी पहन सकते हैं।  
  1. कान की बालियां या झुमके - कानों में सोने की बालियां या झुमके पहनने से स्त्रियों को विभिन्न प्रकार के रोग, डिप्रेशन तथा कान की बीमारियों को दूर करने में मदद मिलती है। ये महिलाओं की श्रवण क्षमता को भी बढ़ाता है तथा इससे बेहतर ब्लड सर्कुलेशन में भी मदद मिलती है।
 
  1. मांगटीका या बिंदी - माथे पर लगाया जाने वाला मांगटीका या फिर बिंदी महिलाओं की एनर्जी को बैलेंस करने में मदद करता है। जिन स्त्रियों को अशांत रहने जैसी समस्या हो, वे इसका प्रयोग कर सकती हैं।
 
  1. नेकलेस या मंगलसूत्र - किसी भी नवविवाहित स्त्री को विवाह की रस्मों में गले के सेट एवं मंगलसूत्र जरुर पहनाये जाते हैं। हालांकि इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण यह है कि गले में पहने जाना वाला प्रत्येक स्वर्ण आभूषण आपकी बॉडी के ब्लड प्रेशर को मेन्टेन करता है। इसके साथ ही यह महिलाओं को उनके इमोशंस को कण्ट्रोल करने की शक्ति भी देता है।
 
  1. नथ - नथ किसी भी वैवाहित स्त्री के चेहरे को भरा हुआ एवं आकर्षक बनाती है। लेकिन इसका काम सिर्फ सुंदरता बढ़ाने का ही नहीं है बल्कि ये आपकी प्रजनन क्षमता (फ़र्टिलिटी) को भी बेहतर बनाती है। यह भी माना जाता है कि नाक में सोने की नथ या कील पहनने से स्त्रियों को रेगुलर पीरियड्स में मदद मिलती है और वे खुद को हमेशा एक्टिव महसूस करती हैं।
  धातुओं का भारतीय सभ्यता में हमेशा से ही विशेष योगदान रहा है लेकिन स्वर्ण को इन सभी में सबसे श्रेष्ठ माना गया है। यह शरीर के तापमान को मेन्टेन करने में मदद करता है तथा बॉडी में हार्मोन्स का बैलेंस भी बनाये रखता है।