National News : जयंती पर अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि

Atal ji
President, Vice President, Prime Minister paid tribute to Atal Bihari Vajpayee on his birth anniversary
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Dec 2022 03:35 PM
bookmark
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर उन्हें यहां स्थित ‘सदैव अटैल’ में श्रद्धांजलि अर्पित की।

National News

इनके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित कई केंद्रीय मंत्रियों व गणमान्य हस्तियों ने भी ‘भारत रत्न’ वाजपेयी को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर एक प्रार्थना सभा का भी आयोजन किया गया, जिसमें भजन गायक अनूप जलोटा ने भजन गाए।

Meerut News : चौ. चरण सिंह की नीतियों का प्रचार प्रसार करने का आह्वान

इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट में कहा, ‘अटल जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। भारत के लिए उनका योगदान अमिट है। उनका नेतृत्व और दृष्टिकोण लाखों लोगों को प्रेरित करता है।’ राजनाथ सिंह ने कहा कि हम सबके प्रेरणास्रोत एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटलजी की जयंती पर मैं उन्हें नमन करता हूं। उन्होंने भारत में विकास एवं सुशासन का नया अध्याय लिखा और विश्व मंच पर देश को एक नई पहचान दिलाई। वे दूरद्रष्टा ही नहीं, एक युगद्रष्टा भी थे। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है।

National News

अमित शाह ने एक ट्वीट में कहा, ‘भारतीय राजनीति के शिखर स्तंभ अटल जी का जीवन देश को पुनः परम वैभव पर ले जाने में समर्पित रहा। उन्होंने विकास व सुशासन के नये युग की नींव रख अपने नेतृत्व से दुनिया को भारत के सामर्थ्य से परिचित कराया और जनता में राष्ट्रगौरव का भाव जगाया। आज अटल जी की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन।’

Indian Railway : घने कुहासे ने रोकी रेलगाड़ियों की रफ्तार, 315 ट्रेनें रद्द

भाजपा अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि भारतीय राजनीति के युगपुरुष, पूर्व प्रधानमंत्री 'भारत रत्न' श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती पर कोटिशः नमन। राष्ट्र को समर्पित आपका जीवन सदैव हमारी प्रेरणा है। वर्ष 1924 में आज ही के दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म हुआ था। वह भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में एक थे। वह तीन बार देश के प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था। इसके बाद, वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बनें और 13 महीने तक इस पद को संभाला। वर्ष 1999 में वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने। वह पहले ऐसे गैर-कांग्रेसी नेता थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में अपना कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी की जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है।
अगली खबर पढ़ें

Indian Railway : घने कुहासे ने रोकी रेलगाड़ियों की रफ्तार, 315 ट्रेनें रद्द

Train
Dense fog stopped the speed of trains, 315 trains canceled
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 11:52 PM
bookmark
नई दिल्ली। बीते तीन चार दिनों से मौसम ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है। न्यूनतम तापमान भी छह सात डिग्री सेल्सियस पर आ पहुंचा है। इसका असर रेलगाड़ियों की रफ्तार पर भी पड़ रहा है। इससे मुसाफिरों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। कड़कड़ाती ठंड के बीच कुहासे ने ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। इंडियन रेलवे ने रविवार को 315 ट्रेनों को रद्द कर दिया है।

Christmas Day 2022- जानें क्यों मनाया जाता है क्रिसमस डे

Indian Railway

उत्तर भारत में इन दिनों कड़ाके की ठंड और घना कोहरा पड़ रहा है। इसका असर रेलवे की सेवाओं पर भी देखने को मिल रहा है। रविवार को भारतीय रेलवे ने 315 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसमें से 273 ट्रेनों को पूरी तरह से और 42 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया है। इसके अलावा 14 ट्रेनों को रीशेड्यूल और 26 ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। रद्द की गई ट्रेनों में शताब्दी, जनशताब्दी और हमसफर जैसी गाड़ियां शामिल हैं।

Madan Mohan Malviya – प्रयाग की पवित्र भूमि पर जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय ने नीलाम की थी निजाम की जूती

Indian Railway

रद्द, रीशेड्यूल और डायवर्ट की ट्रेनों में बिहार, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, असम, गुजरात और अन्य राज्यों से चलने वाली गाड़ियां हैं। इसके साथ कई गाड़ियां देरी से चल रही हैं।
अगली खबर पढ़ें

Madan Mohan Malviya - प्रयाग की पवित्र भूमि पर जन्मे पंडित मदन मोहन मालवीय ने नीलाम की थी निजाम की जूती

Picsart 22 12 25 08 51 41 434
locationभारत
userचेतना मंच
calendar25 Dec 2022 02:26 PM
bookmark
Madan Mohan Malviya Birth anniversary- मदन मोहन मालवीय स्वतंत्रता सेनानी के साथ एक बेहतरीन पत्रकार, एक वकील और समाज सुधारक भी थे। स्वतंत्रता के समय मदन मोहन मालवीय ने बहुत अहम योगदान दिया था। आज इनकी जयंती है इनका जन्म आज ही के दिन 1861 में हुआ था। इनका जन्म प्रयाग की पवित्र भूमि में हुआ था। इनके जो पूर्वज थे वो मध्यप्रदेश से संबंधित थे, यही कारण है कि इन्हें 'मालवीय' के नाम से संबोधित किया जाने लगा। संस्कृत के क्षेत्र में मदन मोहन मालवीय (Madan Mohan Malviya) ने बहुत काम किया। बचपन से ही इन्हें इसमें रुचि थी। यही कारण है कि महज 5 साल की उम्र से ही इन्होंने संस्कृत पढ़ना शुरू कर दिया था। इसके बाद इन्होंने उच्च शिक्षा ग्रहण करके भारत में शिक्षक बनकर युवाओं को पढ़ाने का काम किया। ये बहुत ही सरल एवं शांत स्वभाव के थे जिसकी वजह से ये कम समय में भारत में छा गए थे। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना भी इन्हीं के द्वारा की गई थी। 1915 में मदन मोहन मालवीय नर बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की नींव रखी थी और हिंदू महासभा के संस्थापक भी रहे थे।

महात्मा गांधी के थे बेहद करीब-

महात्मा गांधी इन्हें बड़े भाई की तरह मानते थे और बापू ने ही मालवीय जी को महामना की उपाधि प्रदान की थी। एक बार बापू ने इनके सरल स्वभाव का जिक्र सबसे किया था और उन्होंने कहा था कि, ''जब मैं मालवीय जी से मिला ....वो मुझे गंगा की धारा की तरह निर्मल और पवित्र लगे। मैंने तय किया मैं उसी निर्मल धारा में गोता लगाऊंगा।' यही नहीं मालवीय जी ने ही सत्यमेव जयते को महत्व दिया और इसे लोकप्रिय बनाया था। इसको लिखा तो सबसे पहले उपनिषद में गया था, लेकिन ये इतना लोकप्रिय नहीं हुआ करता था। इसे लोकप्रिय इन्होंने ही बनाया और आज इसका महत्व तो हर कोई जानता है।

नीलाम की थी निजाम की जूती-

ऐसा बताया जाता है कि जब उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की नींव रखी थी तो इसके लिए चंदा मांगने के लिए वो देशभर में घूमे थे। इसी दौरान ये हैदराबाद के निजाम के पास भी पहुंचे। निजाम ने चंदा देने से साफ इंकार कर दिया था और उन्होंने अपने जूती दी थी। मालवीय (Madan Mohan Malviya) जी एकदम साधारण और सज्जन आदमी थी, वो निजाम की जूती को ही चंदा समझकर लेते आए थे और फिर भरे बाजार में उन्होंने निजाम की जूती की नीलामी शुरू कर दी थी। फिर जब इस बात की भनक निजाम को हुई तो उन्हें खुद की बेइज्जती महसूस हुई। उन्होंने मालवीय जी को बुलाया और उन्हें फिर एक मोटी रकम दान की थी।
Atal Bihari Vajpayee Birth anniversary- अटल बिहारी वाजपेयी ने भारत को बनाया परमाणु सम्पन्न देश