लाल निशान में डूबा शेयर बाजार, IT सेक्टर बना गिरावट का कारण

Stock Market : भारतीय शेयर बाजार इस समय भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। बीते सप्ताह की गिरावट के बाद निवेशकों को सोमवार को भी राहत नहीं मिल सकी। हफ्ते के पहले ही कारोबारी दिन बाजार खुलते ही लाल निशान में चला गया। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक दिन भर के कारोबार में फिसलते रहे और आखिरी घंटे में गिरावट और गहरा गई। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 82,537 के स्तर पर खुला था, लेकिन कुछ ही मिनटों में यह बढ़त गुम हो गई। दोपहर होते-होते सेंसेक्स 450 अंकों से ज्यादा लुढ़ककर 82,010 के आसपास कारोबार करता दिखा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी इसी रुख पर चला और शुरुआती फ्लैट ओपनिंग के बाद 148 अंकों की गिरावट के साथ 25,001.95 के स्तर पर पहुंच गया।
IT सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव
गिरावट की अगुवाई इस बार भी IT सेक्टर ने की। दिग्गज कंपनियों में टेक महिंद्रा के शेयर 2.50%, इन्फोसिस 2.10%, टीसीएस 1.70% और HCL टेक 1.50% तक टूट गए। तकनीकी कंपनियों में बिकवाली की यह लहर बाजार के समग्र मूड को नकारात्मक बनाए रखे हुए है। आईटी के अलावा लार्जकैप कैटेगरी में एशियन पेंट्स (1.90%), बजाज फाइनेंस (1.50%), एलएंडटी (1.45%) और टाटा मोटर्स (1.20%) जैसे शेयरों ने भी कमजोरी दिखाई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी दबाव जारी रहा। AU बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, ग्लैक्सो, और भारती हेक्सा समेत कई कंपनियों के शेयर नुकसान में कारोबार करते दिखे। स्मॉलकैप कंपनियों में GEPIL और होंडा पावर के शेयरों में क्रमश: 7.28% और 4.99% की भारी गिरावट देखी गई।
बाजार की गिरावट की वजहें
बाजार में मौजूदा कमजोरी के पीछे कई अहम कारण माने जा रहे हैं। सबसे बड़ा कारण अमेरिका की ओर से घोषित नया टैरिफ स्ट्रक्चर है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाला है। इससे वैश्विक व्यापार माहौल में अनिश्चितता गहरा गई है। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं आना भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रहा है। इसके अलावा, कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम और मिलेजुले ग्लोबल संकेत भी बाजार में अस्थिरता बढ़ा रहे हैं। घरेलू निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और आगे की किसी भी नीतिगत घोषणा या विदेशी बाजारों के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
Stock Market
Stock Market : भारतीय शेयर बाजार इस समय भारी उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। बीते सप्ताह की गिरावट के बाद निवेशकों को सोमवार को भी राहत नहीं मिल सकी। हफ्ते के पहले ही कारोबारी दिन बाजार खुलते ही लाल निशान में चला गया। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक दिन भर के कारोबार में फिसलते रहे और आखिरी घंटे में गिरावट और गहरा गई। सोमवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स मामूली बढ़त के साथ 82,537 के स्तर पर खुला था, लेकिन कुछ ही मिनटों में यह बढ़त गुम हो गई। दोपहर होते-होते सेंसेक्स 450 अंकों से ज्यादा लुढ़ककर 82,010 के आसपास कारोबार करता दिखा। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी इसी रुख पर चला और शुरुआती फ्लैट ओपनिंग के बाद 148 अंकों की गिरावट के साथ 25,001.95 के स्तर पर पहुंच गया।
IT सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव
गिरावट की अगुवाई इस बार भी IT सेक्टर ने की। दिग्गज कंपनियों में टेक महिंद्रा के शेयर 2.50%, इन्फोसिस 2.10%, टीसीएस 1.70% और HCL टेक 1.50% तक टूट गए। तकनीकी कंपनियों में बिकवाली की यह लहर बाजार के समग्र मूड को नकारात्मक बनाए रखे हुए है। आईटी के अलावा लार्जकैप कैटेगरी में एशियन पेंट्स (1.90%), बजाज फाइनेंस (1.50%), एलएंडटी (1.45%) और टाटा मोटर्स (1.20%) जैसे शेयरों ने भी कमजोरी दिखाई। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी दबाव जारी रहा। AU बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक, ग्लैक्सो, और भारती हेक्सा समेत कई कंपनियों के शेयर नुकसान में कारोबार करते दिखे। स्मॉलकैप कंपनियों में GEPIL और होंडा पावर के शेयरों में क्रमश: 7.28% और 4.99% की भारी गिरावट देखी गई।
बाजार की गिरावट की वजहें
बाजार में मौजूदा कमजोरी के पीछे कई अहम कारण माने जा रहे हैं। सबसे बड़ा कारण अमेरिका की ओर से घोषित नया टैरिफ स्ट्रक्चर है, जो 1 अगस्त 2025 से लागू होने वाला है। इससे वैश्विक व्यापार माहौल में अनिश्चितता गहरा गई है। भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर अब तक कोई ठोस फैसला नहीं आना भी निवेशकों की चिंता बढ़ा रहा है। इसके अलावा, कंपनियों के पहली तिमाही के वित्तीय परिणाम और मिलेजुले ग्लोबल संकेत भी बाजार में अस्थिरता बढ़ा रहे हैं। घरेलू निवेशक फिलहाल सतर्क हैं और आगे की किसी भी नीतिगत घोषणा या विदेशी बाजारों के संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
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