अयोध्या में राम मंदिर में पांच नवंबर हो होगी खास पूजा, पूजे जाएंगे 100 कुंतल चावल

Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम मंदिर के उदघाटन से पहले एक बड़ा आयोजन हो रहा है। पांच नवंबर को अयोध्या के राम मंदिर ''अक्षत पूजा'' की जाएगी। इस अक्षत पूजन में 100 कुंतल चावल एवं एक कुंतल हल्दी व एक कुंतल देसी घी का पूजन किया जाएगा। इस अनोखे आयोजन का पूरा जिम्मा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने संभाल रखा है।
Ayodhya Ram Mandir News
क्यों हो रहा है अक्षत पूजन ?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि अक्षत पूजन क्या होता है ? दरअसल, सनातन धर्म की प्राचीन संस्कृति के अनुसार अक्षत पूजन किया जाता है। पूरी तरह से साबुत चावल को अक्षत कहा जाता है। हिन्दू धर्म में पूजा के वक्त भगवान को अक्षत अर्पित किए जाते हैं। अयोध्या में होने वाले अक्षत पूजन के दौरान साबुत चावल में हल्दी और देसी घी मिलाया जाएगा। जिसके बाद अक्षत को पीतल के कलश में भरकर रखा जाएगा। इन सभी कलशों को 5 नवंबर को होने वाली पूजा में श्रीराम दरबार में रखा जाएगा। जिसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद इन अक्षत को देशभर के रामभक्तों में वितरित किया जाएगा।
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने बताया कि श्रीराम मंदिर के उदघाटन के जो निमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं, उन निमंत्रण पत्रों के साथ अक्षत भी बांटा जाएगा। किसी शुभ कार्य के लिए अक्षत प्रदान करके भी निमंत्रण दिया जाता है। चंपत राय ने बताया कि विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं और ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे।
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया गया है। प्रत्येक प्रतिनिधि को पांच किलो अक्षत दिए जाएंगे। जिसके बाद प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर ब्लॉक, तहसील और गांव में की जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा।
22 जनवरी को हर घर में जलाएं 5 दीपक
उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल के साथ विभिन्न इलाकों के मठ-मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी और भारतभर के 50 केंद्रों के कार्यकर्ता पूजे गए चावल को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। पूजे गए चावल में किसी भी तरह के आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, इसमें सिर्फ हल्दी और देसी घी होगा। उन्होंने आह्वान किया कि आगामी 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर राम भक्त शाम को पांच दीपक जलाए।
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क्यों हो रहा है अक्षत पूजन ?
सबसे पहले आपको बताते हैं कि अक्षत पूजन क्या होता है ? दरअसल, सनातन धर्म की प्राचीन संस्कृति के अनुसार अक्षत पूजन किया जाता है। पूरी तरह से साबुत चावल को अक्षत कहा जाता है। हिन्दू धर्म में पूजा के वक्त भगवान को अक्षत अर्पित किए जाते हैं। अयोध्या में होने वाले अक्षत पूजन के दौरान साबुत चावल में हल्दी और देसी घी मिलाया जाएगा। जिसके बाद अक्षत को पीतल के कलश में भरकर रखा जाएगा। इन सभी कलशों को 5 नवंबर को होने वाली पूजा में श्रीराम दरबार में रखा जाएगा। जिसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद इन अक्षत को देशभर के रामभक्तों में वितरित किया जाएगा।
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने बताया कि श्रीराम मंदिर के उदघाटन के जो निमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं, उन निमंत्रण पत्रों के साथ अक्षत भी बांटा जाएगा। किसी शुभ कार्य के लिए अक्षत प्रदान करके भी निमंत्रण दिया जाता है। चंपत राय ने बताया कि विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं और ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे।
श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया गया है। प्रत्येक प्रतिनिधि को पांच किलो अक्षत दिए जाएंगे। जिसके बाद प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर ब्लॉक, तहसील और गांव में की जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा।
22 जनवरी को हर घर में जलाएं 5 दीपक
उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल के साथ विभिन्न इलाकों के मठ-मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी और भारतभर के 50 केंद्रों के कार्यकर्ता पूजे गए चावल को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। पूजे गए चावल में किसी भी तरह के आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, इसमें सिर्फ हल्दी और देसी घी होगा। उन्होंने आह्वान किया कि आगामी 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर राम भक्त शाम को पांच दीपक जलाए।







