अयोध्या में राम मंदिर में पांच नवंबर हो होगी खास पूजा, पूजे जाएंगे 100 कुंतल चावल

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Ayodhya Ram Mandir News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 05:39 PM
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Ayodhya Ram Mandir : अयोध्या में राम मंदिर के उदघाटन से पहले एक बड़ा आयोजन हो रहा है। पांच नवंबर को अयोध्या के राम मंदिर ''अक्षत पूजा'' की जाएगी। इस अक्षत पूजन में 100 कुंतल चावल एवं एक कुंतल हल्दी व एक कुंतल देसी घी का पूजन किया जाएगा। इस अनोखे आयोजन का पूरा जिम्मा अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने संभाल रखा है।

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क्यों हो रहा है अक्षत पूजन ?

सबसे पहले आपको बताते हैं कि अक्षत पूजन क्या होता है ? दरअसल, सनातन धर्म की प्राचीन संस्कृति के अनुसार अक्षत पूजन किया जाता है। पूरी तरह से साबुत चावल को अक्षत कहा जाता है। हिन्दू धर्म में पूजा के वक्त भगवान को अक्षत अर्पित किए जाते हैं। अयोध्या में होने वाले अक्षत पूजन के दौरान सा​बुत चावल में हल्दी और देसी घी मिलाया जाएगा। जिसके बाद अक्षत को पीतल के कलश में भरकर रखा जाएगा। इन सभी कलशों को 5 नवंबर को होने वाली पूजा में श्रीराम दरबार में रखा जाएगा। जिसके बाद मंत्रोच्चारण के बीच पूजन किया जाएगा। पूजन के बाद इन अक्षत को देशभर के रामभक्तों में वितरित किया जाएगा।

श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने बताया कि श्रीराम मंदिर के उदघाटन के जो निमंत्रण पत्र बांटे जा रहे हैं, उन निमंत्रण पत्रों के साथ अक्षत भी बांटा जाएगा। किसी शुभ कार्य के लिए अक्षत प्रदान करके भी निमंत्रण दिया जाता है। चंपत राय ने बताया कि विभिन्न प्रांतों की क्षेत्रीय भाषाओं में भी दो करोड़ से अधिक पत्रक छपवाये गये हैं और ये पत्रक पूजित अक्षत (चावल) के साथ घर-घर भेजे जाएंगे।

श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सचिव चम्पत राय ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद के सभी प्रांतों के प्रतिनिधियों को पांच नवंबर को अयोध्या बुलाया गया है। प्रत्येक प्रतिनिधि को पांच किलो अक्षत दिए जाएंगे। जिसके बाद प्रतिनिधि अपनी जरूरत के मुताबिक इसे अपने-अपने मंदिरों में पूजा कर जिलों के प्रतिनिधियों को देंगे एवं यही प्रक्रिया हर ब्लॉक, तहसील और गांव में की जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले साल एक जनवरी से 15 जनवरी तक भारत के पांच लाख गांवों में पूजित अक्षत वितरित किया जाएगा।

22 जनवरी को हर घर में जलाएं 5 दीपक

उन्होंने कहा कि पूजे गए चावल के साथ विभिन्न इलाकों के मठ-मंदिरों में अयोध्या जैसा उत्सव मनाने की अपील की जाएगी और भारतभर के 50 केंद्रों के कार्यकर्ता पूजे गए चावल को विभिन्न केंद्रों तक पहुंचाएंगे। पूजे गए चावल में किसी भी तरह के आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा, इसमें सिर्फ हल्दी और देसी घी होगा। उन्होंने आह्वान किया कि आगामी 22 जनवरी 2024 को भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के दिन हर राम भक्त शाम को पांच दीपक जलाए।

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Gyanvapi ASI Survey: एएसआई ने पूरा किया सर्वे, रिपोर्ट सौंपने के लिए 15 दिन का मिला समय

MASJID
Gyanvapi Case:
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 03:55 PM
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Gyanvapi ASI Survey: जिला जज की अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) के वैज्ञानिक अध्ययन और सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 15 दिन का और समय दिया है। जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश ने गुरुवार को ASI को 17 नवंबर तक रिपोर्ट को संकलित करने और उनकी अदालत समक्ष प्रस्तुत करने को कहा है। गौरतलब है कि एएसआई 79 दिनों से मस्जिद परिसर का सर्वे कर रही है। यह चौथी बार था जब एएसआई ने सर्वेक्षण पूरा करने और अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय विस्तार मांगा और अदालत ने इसकी अनुमति दे दी। ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वेक्षण का आदेश अदालत ने यह पता लगाने के लिए दिया था कि क्या यह एक हिंदू मंदिर के ऊपर स्थित है।

एएसआई ने क्यों मांगा और समय?

स्थायी सरकारी वकील अमित श्रीवास्तव ने कहा, “एएसआई ने स्नान तालाब को छोड़कर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का अपना वैज्ञानिक अध्ययन और सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और अब अध्ययन और सर्वेक्षण के परिणामों पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए समय चाहता है।'' अमित श्रीवास्तव ने अदालत में कहा कि सर्वे में एपिग्राफिस्ट सर्वेयर, ऑर्कियोलॉजी,  केमिस्ट, फोटोग्राफर और अन्य तकनीकी विशेषज्ञ डाटा का सर्वेक्षण कर रहे हैं। ये सभी अपनी अलग-अलग रिपोर्ट भेज रहे हैं।

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 ASI को 17 नवंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश

रिपोर्ट संकलित करने के लिए 15 दिन का समय देने के लिए जिला न्यायाधीश के समक्ष एक आवेदन दायर किया गया था। अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए गुरुवार को 15 दिन का समय दिया और एएसआई को 17 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। अदालत ने वाद संख्या में चार महिला वादी की याचिका पर एएसआई सर्वेक्षण का आदेश दिया था। 18/2022 राखी सिंह एवं अन्य बनाम उत्तर प्रदेश राज्य एवं अन्य। एएसआई ने जिला न्यायाधीश अदालत के 21 जुलाई के आदेश के अनुपालन में 24 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद का वैज्ञानिक अध्ययन शुरू किया था। हालांकि, एआईएम ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष एक पुनरीक्षण दायर किया। हाईकोर्ट के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद का ASI सर्वेक्षण 24 जुलाई को रोक दिया गया था। हाईकोर्ट ने 3 अगस्त को जिला न्यायाधीश अदालत के आदेश के खिलाफ AIM की आपत्ति खारिज कर दी थी। इसके बाद AIM ने HC के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शीर्ष अदालत ने ज्ञानवापी के एएसआई सर्वेक्षण को रोकने से इनकार कर दिया जिसके बाद एएसआई ने 4 अगस्त से सर्वेक्षण फिर से शुरू किया। Gyanvapi ASI Survey ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमेंफेसबुकपर लाइक करें याट्विटरपर फॉलो करें।
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Ayodhya : करवा चौथ पर पत्नी को पीटने से रोका तो मां बाप को काट डाला

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Ayodhya News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:57 PM
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Ayodhya News : भगवान राम की नगरी अयोध्या से बुरी खबर सामने आई है। खबर यह है कि एक कलियुगी बेटे ने अपने माता पिका को फावड़े से काट डाला। यह दर्दनाक घटना करवाचौथ जैसे पवित्र त्यौहार पर हुई। मां बाप की गलती बस इतनी थी कि उन्होंने अपने बेटे को पत्नी को पीटने से मना किया था। भगवान राम की नगरी अयोध्या में हुई इस घटना की सर्वत्र चर्चा हो रही है।

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क्या है पूरी घटना ?

आपको बता दें कि अयोध्या जिले के सागरपट्टी पंधिला गांव में रहने वाले बालेंद्रमणि अपने परिवार के साथ रहता है। बालेंद्र की पत्नी प्रतिमा बुधवार को करवाचौथ का व्रत रखा था। रात करीब 8:30 बजे पूजा कार्यक्रम सुनिश्चित था। चांद दिखने पर प्रतिमा ने बालेंद्र को फोन किया कि जल्दी आ जाइए, लेकिन वह नहीं पहुंचा।

काफी इंतजार के बाद प्रतिमा ने देवरानी प्रीति के साथ करवाचौथ व्रत की पूजा कर पानी पी लिया। देर रात बालेंद्र घर लौटा तो पत्नी के पूजा कर लेने की जानकारी पर आपे से बाहर हो गया और अपनी पत्नी प्रतिभा को पीटने लगा। घर में कलह होते देख बालेंद्र के पिता राजमणि तिवारी (60) और मां सरोज (55) ने झगड़ा करने से रोका। इस पर वह माता-पिता से ही उलझ गया।

थोड़ी देर बाद बालेंद्र गांव की ओर चला गया। मामला शांत हो गया। इसके बाद उसकी पत्नी व छोटा भाई प्रवेश मणि तिवारी अपने परिवार के साथ घर का मुख्य दरवाजा बंद कर अंदर सो गए। माता-पिता बरामदे में ही सोए थे। रात करीब 11:30 बजे बालेंद्र फावड़ा लेकर पहुंचा और पिता राजमणि तिवारी पर हमला कर दिया। बगल में सोई मां सरोज जैसे ही चिल्लाई तभी उन पर भी वार कर दिया। चीखें सुनकर लोग बाहर निकलते तो बालेंद्र भाग निकला। घायल दंपति को इलाज के लिए सीएचसी हैरिंग्टनगंज पहुंचाया गया। डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। यहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

सीओ आशीष निगम ने बताया कि आरोपी को गांव के पास से ही गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्या में इस्तेमाल फावड़ा भी बरामद कर लिया है। राम मंदिर के लिए प्रसिद्ध अयोध्या की यह घटना सब जगह चर्चा का विषय बन गई है।

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