Supreme Court : तेलंगाना के कांचा गाचीबोवली जंगल में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गहरी चिंता जताई है। कोर्ट ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया कि इस इलाके में पेड़ नहीं कटने चाहिए और 100 एकड़ जंगल को शीघ्र बहाल किया जाए। इस मामले में तेलंगाना सरकार को फटकार भी लगाई गई, साथ ही पर्यावरण की सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाने के आदेश दिए गए।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का कड़ा आदेश: पेड़ों की कटाई पर रोक
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने स्पष्ट किया कि तेलंगाना सरकार को 100 एकड़ जंगल की कटाई को लेकर गंभीर चिंता है और इसकी बहाली सबसे बड़ी प्राथमिकता है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने तेलंगाना सरकार को निर्देश दिया कि इस जंगल में अब एक भी पेड़ नहीं काटा जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी काम के लिए अनुमति लेनी थी तो वह पहले ली जानी चाहिए थी, न कि बिना अनुमति के पेड़ काटे जाएं।
पर्यावरणीय नुकसान पर चिंता: कोर्ट (Supreme Court) ने उठाए सवाल
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर अपनी चिंता जताई और कहा कि वे केवल पर्यावरण के खतरे को लेकर चिंतित हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी कानून, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ होगा, मान्य नहीं होगा। कोर्ट ने याद दिलाया कि इसी तरह एक बार सुकमा झील में एक आवासीय प्रोजेक्ट के निर्माण को भी रोक दिया गया था, जब यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला था।
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए निर्देश
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तेलंगाना के वन्यजीव वार्डन को तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए। जस्टिस गवई ने कहा कि कोर्ट उन वीडियो से हैरान है, जिनमें वन्यजीव पेड़ों की कटाई के बाद सुरक्षित स्थान की तलाश में भागते हुए दिख रहे हैं। कोर्ट ने राज्य को 4 हफ्ते का समय दिया है, ताकि वह सीईसी (केंद्रीय पर्यावरण समिति) की रिपोर्ट पर जवाब दाखिल कर सके और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए।
तेलंगाना सरकार को कड़ी फटकार
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तेलंगाना सरकार को बिना अनुमति के पेड़ों की कटाई के लिए कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यदि सरकार को इस तरह के विकास कार्यों की आवश्यकता थी, तो उसे पहले पर्यावरण मंत्रालय से उचित अनुमति लेनी चाहिए थी। कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक 100 एकड़ जंगल की कटाई को पूरी तरह से रोका जाए।
आने वाली सुनवाई और सरकार की जिम्मेदारी
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 15 मई 2023 को मामले की अगली सुनवाई तय की है और उम्मीद जताई है कि तब तक तेलंगाना सरकार पर्यावरणीय नुकसान को लेकर उचित कदम उठा चुकी होगी। राज्य को आदेश दिया गया है कि वह वन्यजीवों की रक्षा के लिए शीघ्र कार्रवाई करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, यह सुनिश्चित करे। Supreme Court :
BJP : बीजेपी अध्यक्ष पद पर सस्पेंस: संगठन में बदलाव की दस्तक
ग्रेटर नोएडा – नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें।
देश–दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।