Saharanpur : सरकारी कर्मचारियों को देना होगा शादी में दहेज न लेने का प्रमाण पत्र

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locationभारत
userचेतना मंच
calendar21 Oct 2021 06:34 AM
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Saharanpur news :  उत्तर प्रदेश सरकार में कार्यरत सभी सरकारी कर्मचारियों (Government employees)  और अधिकारियों को अब अपनी शादी में दहेज (dowry) न लिए जाने का सबूत प्रस्तुत करना होगा। सरकारी कर्मचारियों को शादी में दहेज (dowry in marriage) न लिए जाने संबंधी एक प्रमाण पत्र दहेज प्रतिषेध अधिकारी,जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में ​दाखिल करना होगा। इस आशय के आदेश सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने जारी किए हैं। जिलाधिकारी अखिलेश सिंह ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों एवं विभागाध्यक्षों को निर्देश दिए कि उत्तर प्रदेश दहेज प्रतिषेध नियमावली 1999 तथा संशोधित नियमावली 2004 के प्राविधानों के अन्तर्गत अपने अधीनस्थ कार्यरत कर्मचारियों से अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है, से संबंधित संकलित सूचना एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। डीएम अखिलेश सिंह ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दहेज प्रतिषेध नियमावली में यह व्यवस्था की गयी है कि प्रत्येक सरकारी सेवक अपने विवाह के समय यह उल्लेख करते हुए अपने नियुक्त अधिकारी को स्वहस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्रदान करेगा कि उसने अपने विवाह में कोई दहेज नहीं लिया है। उन्होंने निर्देश दिए कि इससे संबंधित सूचना अतिशीघ्र दहेज प्रतिषेध अधिकारी/जिला प्रोबेशन अधिकारी को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

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महिलाओं के जन्म के महिने में छिपे होते हैं कई गहरे राज

Woman
locationभारत
userचेतना मंच
calendar19 Oct 2021 09:08 AM
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किसी भी महिला (Women) को समझना आसान नहीं होता है। कहा जाता है कि जब बड़े-बड़े ज्ञानी, महिला के स्वभाव और उसके विचारों को नहीं समझ पाए तो आम लोगों की क्या औकात है। यदि बात ज्योतिष की करें तो ज्योतिष शास्त्र (Astrology) के अनुसार महिलाओं के शारीरिक अंगों और बनावट के साथ, उनके जन्म माह के अनुसार भी उनके स्वभाव के बारे में जाना जा सकता है।

ज्योतिष शास्त्र हमें किसी भी जातक का, चाहे वह महिला हो या पुरुष का स्वभाव और उसके भविष्य के बारे में जानने में जानकारी प्रदान करता हैं। फिर चाहे वह कितना भी रहस्यमयी क्यों न हो, हम उनका व्यवहार और राज (Secrets) जान सकते हैं। जातक के जन्म माह से आखिर क्या पता चलता है आइए जानते हैं।

जनवरी

जनवरी माह में पैदा होने वाली महिलाएं बहुत खूबसूरत होती हैं। इस महीने में अपनी जन्मतिथि शेयर करने वाली महिलाओं की कपड़ों में खास रुचि होती है। आम तौर पर इस माह में जन्मी महिलाएं परिश्रमी होती हैं। वहीं इन्हें सोना या आराम करना भी बहुत पसंद होता है। इनकी फैशन की समझ अच्छी होती है। ये महिलाएं ऊर्जा से भरी होती हैं।

फरवरी फरवरी के महीने में जन्म लेने वाली महिलाएं काफी मस्तमौला किस्म की होती है। इनमें शारीरिक संबंधों को लेकर हमेशा उदासीनता का भाव रहता है, जिसकी वजह से इनके वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न होती हैं। साथ ही इन्हें फैशन करने का बहुत ज्यादा शौक होता है। इनके लिए इनका परिवार महत्व रखता है। मेहमाननवाजी में भी इनका कोई जोड़ नहीं होता। इन्हें लगता है कि अपने पार्टनर को अपनी ओर आकर्षित करना और रूठने पर मनाना इनके बाएं हाथ का खेल होता है।

मार्च मार्च के महीने में जन्मीं महिलाओं का व्यक्तित्व बेहद खूबसूरत और आकर्षक होता है। ये बेहद शर्मीले स्वभाव की होती हैं और बड़ी मुश्किल से किसी के साथ घुलमिल पाती हैं। ये अपने दिल में कोई भी बात छिपाकर नहीं रखतीं हैं। साफ-साफ कहना और स्पष्ट जवाब सुनना इन्हें पसंद होता है। ऐसी स्त्रियां काफी शांतिप्रिय होती हैं जो दूसरों की तकलीफ को समझती हैं। इन्हें जल्दी गुस्सा आता है, लेकिन ये स्त्रियां विश्वास करने योग्य होती है।

अप्रैल

अप्रैल के महीने में जन्मी महिलाएं धनवान तो होती हैं लेकिन साथ ही अपने आकर्षक स्वरूप के कारण बहुत ही जल्द लोग इन्हें पसंद करने लगते हैं। ऐसी महिलाएं बातूनी होती हैं। साथ ही खुश मिजाज की होती है। साथ ही यह बहुत ही सुंदर होती है, लेकिन इनकी एक सबसे बड़ी समस्या होती है कि यह बहुत जल्दी बोर हो जाती है। जिसके कारण इनको खुश रखना आसान नहीं होता। सबसे बड़ी बात ये कि अगर इन्हें आपकी कोई बात बुरी लगती है तो वे उसे कभी भूल भी नहीं पाती। इस वजह से इनके संबंध खराब हो जाते हैं।

मई मई के महीने में जन्म लेने वाली महिलाएं अपने परिवार के लिए ही जीती हैं। गर्मी में जन्म लेने की वजह से इनके भीतर गुस्सा बहुत होता है। जो कभी भी बाहर भी निकल सकता है। अगर इन्हें गुस्सा आ जाए तो फिर ये किसी की परवाह नहीं करती। बहुत जिद्दी और कठोर दिल की होती हैं। ये हमेशा जोश से भरपूर होती हैं और अपने दिल की सुनती हैं। लोग इनकी तरफ आसानी से आकर्षित हो जाते हैं। इस माह में जन्मी महिलाओं को आकर्षण का केंद्र बने रहना पसंद है। ये महिलाएं काफी खूबसूरत होती हैं, जिनका दिमाग काफी तेज चलता है।

जून जून में जन्म लेने वाली महिलाओं का स्वभाव शर्मीला होता है। इस माह में जन्मीं महिलाएं ज्यादा चतुर और मिलनसार होती हैं। इनका व्यवहार पहली बार में लोगों को इनसे जोड़ देता है। जिसकी वजह से इनके संबंध बहुत ही जल्दी बन जाते हैं। इस माह में जन्मी महिलाएं सुंदर और इनका रंग गोरा होता है। ये महिलाएं किसी भी बात को खुलकर बताने में हिचकिचाती हैं। ये काफी भावुक होती हैं और इनके स्वभाव में प्यार काफी मायने रखता है।

जुलाई जुलाई में जन्म लेने वाली महिलां सर्वगुण संपन्न और अपने परिवार का ध्यान रखने वाली होती हैं। इस महीने में पैदा हुई महिला के दिमाग को समझना टेढ़ी खीर होता है, ये महिला अत्यंत रहस्यवादी और मूडी होती हैं। इनका दिल बहुत कोमल होता है। इस महीने में जन्म लेने वाली महिलाएं आमतौर पर पॉपुलर होती हैं। इन्हें घूमने-फिरने का बड़ा शौक होता है।

अगस्त अगस्त में जन्मीं महिलाएं गृह कार्य में दक्ष होती है। ये महिलाएं साफ रंग की होती हैं और साथ ही शांत होने के साथ धैर्यवान भी होती हैं। इनके लिए नियम, कायदे और अनुशासन जीवन की बहुत बड़ी जरूरत है और थोड़ी छोटी गर्दन, सांवली और सामान्य हाईट वाली होती हैं। साथ ही लड़कियां काफी तेज-तर्रार और मेहनती होती हैं। अगस्त में जन्मीं महिलाएं बाकी महिलाओं से काफी अलग होती हैं। इन्हें खुद पर बहुत ही भरोसा होता है जिसके कारण ये अपना पार्टनर खुद सर्च करती है।

सितंबर सितंबर माह में जन्म लेने वाली स्त्रियां सौभाग्यशाली होती हैं, जिन्हें जीवन की लगभग हर सुख सुविधा प्राप्त होती है। इनका रंग आमतौर पर सांवला या गेहुआं होता है। इस महीने में पैदा हुई महिलाएं बहुत उदार होती हैं और दूसरों की मदद करने में पीछे नहीं हटती हैं। ये महिलाएं संघर्ष करने में पीछे नहीं हटतीं। ये हंसमुख स्वभाव की होती हैं लेकिन इन्हें गुस्सा भी बहुत जल्द आता है। अगर इनका कोई काम पूरा नहीं हुआ तो ये बात उनके बर्दाश्त के बाहर होती है।

अक्टूबर अक्टूबर में जन्म लेने वाली महिलाएं गुड लुकिंग होती हैं। ये महिलाएं अपनी निजी और अंतरंग भावनाओं को दबाकर रखती हैं। इन्हें अक्सर पेट और लीवर से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। वहीं ये महिलाएं सरल स्वभाव के साथ-साथ आकर्षिक व्यक्तित्व की धनी होती हैं। इस वजह से अक्सर लोग इनके प्यार में पड़ जाते हैं लेकिन इन्हें अपना बनाना आसान नहीं होता। इस माह में जन्मी महिलाएं बहुत भावुक होती हैं। इनको प्यार का मतलब अच्छी तरह से पता होता है और अपना रिश्ता अच्छे से निभाती हैं।

नवंबर नवंबर में जन्म लेने वाली महिला का कद और उनकी गर्दन छोटी होती है। सामान्य तौर पर इनका रंग भी सांवला और गेहुंआ होता है। इनके भीतर एक अनजान भय बना रहता है जो इन्हें फ्री होकर रहने नहीं देता। ये अगर किसी काम को शुरू करती हैं तो उसे पूरा करने के बाद ही इन्हें चैन आता है। ये काफी अपीलिंग होती हैं जो इनका मुख्य हथियार होता है। वहीं इसके साथ इनका रहस्यमय व्यक्तित्व लोगों को इनकी तरफ खीचंता है। इन्हें गुस्सा भी जल्दी आता है।

दिसंबर वर्ष के अंतिम दिसंबर माह में जन्मी महिलाएं बातूनी होती हैं। मेहमानों की आवभगत करना इन्हें पसंद नहीं, इसलिए कभी-कभी इनका व्यवहार अप्रिय हो जाता है। ये महिलाएं धन जोडने में माहिर होती हैं। ये महिलाएं मनी माइंडेट होती हैं और अपने पार्टनर को चरमसुख प्रदान करने वाली होती हैं। इनके बहुत सारे दोस्त होते हैं जो कि वक्त के साथ बदलते रहते हैं। इसके कारण इनका मन हमेशा इधर-उधर भागता रहता है।

Yashraj kaniya kumar, Numerologist 

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Inspirational : अपने घर से 142 किमी. दूर जाकर बचाई मरीज की जान

Parth maheshvri
locationभारत
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calendar18 Oct 2021 09:58 AM
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Saharanpur News : इन दिनों पूरा देश संक्रामक बीमारी की चपेट में है। ऐसे में यदि कोई व्यक्ति अपने घर से 142 किलोमीटर दूर जाकर किसी ऐसे व्यक्ति की जान बचाता है, जो जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा हो, तो इसे आप क्या कहेंगे। ऐसा ही कुछ सहारनपुर के युवक पार्थ माहेश्वरी ने किया है। उन्होंने सहारनपुर से 142 किलोमीटर दूर मोहाली (mohali)  जाकर एक व्यक्ति को जीवनदान देने का काम किया है।

सहारनपुर जनपद में कोरोना के बाद अब ड़ेंगू बुखार विगत माह से अपने पैर पसारे हुए है। सहारनपुर में ड़ेंगू बुखार से पीड़ितों की संख्या दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। ड़ेंगू बुखार में मरीजों की प्लेटलेट्स जल्दी गिर जाती है। जिससे उनको प्लेटलेट्स चढ़वाने की आवश्यकता पड़ती है। जब मरीजों के परिजनों को कोई प्लेटलेट दाता नहीं मिल पाता है तो रक्तदान क्षेत्र में सक्रिय रक्तवीर आपातकाल में देवदूत बनकर मरीज के लिए अपनी प्लेटलेट्स दान करके जीवन बचाने का कार्य करते हैं। एफ.बी.डी. ट्रस्ट के रक्तवीर पार्थ माहेश्वरी अभी तक सहारनपुर जनपद में सर्वाधिक 34वीं बार प्लेटलेट्स का दान कर चुके हैं। रविवार की रात 34वीं बार उन्होंने सहारनपुर से मोहाली फोर्टिस हॉस्पिटल में जाकर एक अत्यंत गंभीर मरीज के लिए प्लेटलेट्स दान की है।

पार्थ माहेश्वरी का कहना है कि उनका रक्त समूह बी पॉजिटिव है। जिसकी प्लेटलेट्स की डिमाण्ड सबसे अधिक आती है। वे हर 15 दिन में प्लेटलेट्स का दान करते रहते है। प्लेटलेट्स एक साल में 24 बार दी जा सकती है।

संस्था अध्यक्ष पंकज कुमार पाँचाल ने बताया कि दिन हो या रात हम 24 घण्टे रक्तदान व प्लेटलेट्स सेवाओ के लिए तत्पर है। इसके लिए हमने एक स्पेशल टीम का गठन किया हुआ है जो केवल ड़ेंगू केस को ही फोन कॉल व व्हाट्सएप के माध्यम से फॉलो करती है और उन्हें पूरा करने में अहम भूमिका निभाती है।