जानें कब छिन जाता है वोट का अधिकार, किन हालातों में नहीं कर सकते मतदान?

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Lok Sabha Election 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 09:37 AM
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Lok Sabha Election 2024 :  लोकसभा 2024 चुनाव का आगाज हो चुका है। भारत में चुनाव लोकतंत्र का त्योहार से कम नहीं है। लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान में लोगों की अच्छी खासी भागीदारी देखने को मिली है। अब दूसरे चरण की वोटिंग 26 अप्रैल को होगी। सविंधान में सभी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को वोट देने का अधिकार है। हालांकि,  इस बारें में बहुत कम लोग जानते हैं कि विशेष स्थिति में किसी भारतीय नागरिक से यह अधिकार छीना भी जा सकता है।

Lok Sabha Election 2024

आपको बता दें कि भारत के चुनावों में मदतान देने का अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को है। जो लोग विदेश में रहते हैं और उन्होंने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है, वो भी चुनावों में वोट डालकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन सकते हैं। हालांकि, इस अधिकार को पाने के लिए भी एक तय प्रोसेस होता है, जिसे फॉलो करके आप मतदान दे सकते हैं।

एक से ज्यादा बार वोट देने पर होगी सजा

वहीं लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(3) के मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एक ही वर्ग के एक निर्वाचन-क्षेत्र से एक से ज्यादा वोट नहीं डाल सकता। अगर कोई इंसान एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्र में मतदान करता है, तो उसके द्वारा किए गए सभी वोट रद्द हो जाएंगे। इसके अलावा कई बार ऐसा होता है कि एक शख्स का नाम एक निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट में दो बार आ जाता है। तो ऐसी स्थिति में वोटिंग के अधिकार को लेकर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(4) में जिक्र है। इसके मुताबिक, अगर कोई वोटर एक ही निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव में एक से ज्यादा बार वोट देता है, तो उस शख्स का एक भी वोट नहीं गिना जाएग।

Lok Sabha Election 2024

18 साल से बड़े हैं पर मतदाता सूची में नाम नहीं है, तो क्या वोट कर सकते हैं?

18 साल या उससे बढ़े भारतीय नागरिकों को वोट डालने का अधिकार दिया गया है। लेकिन यह भी जरूरी है कि मतदाता का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो। जैसे अगर कोई नागरिक 18 साल की उम्र से बढ़ा है, लेकिन उसका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो उसे मतदान देने का अधिकार नहीं है। मतदाता सूची में नाम जुड़वाने के लिए फॉर्म 6 भरना पड़ता है। अगर आप पहली बार वोट करने के लिए रजिस्टर कर रहे हैं तो फॉर्म 6 भरकर अपने निर्वाचन क्षेत्र के इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर को जमा कर दें।

जेल में बंद कारावास की सजा काट रहे कैदियों के वोटिंग अधिकार?

बता दें कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 62(5) कहती है कि कोई ऐसा व्यक्ति किसी भी चुनाव में मतदान नहीं कर सकता जो कारावास की सजा के तहत जेल में बंद है या पुलिस की कानूनी हिरासत में है। इसी के साथ कोई मानसिक रूप से विकलांग हैं और जिन्हें न्यायालय से मानसिक रूप से विकलांग घोषित किया गया है, वो मतदाता सूची में अपना नामांकन नहीं करवा सकते और उन्हें मतदाता पहचान पत्र तक जारी नहीं किया जाएगा। इस तरह ये लोग भी वोट नहीं कर सकते। Lok Sabha Election 2024

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“कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी”- पीएम मोदी

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Lok Sabha Elections 2024
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 08:33 PM
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Lok Sabha Elections 2024 : छत्तीसगढ़ के सरगुजा में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक रैली को संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान को लेकर निशाना साधा। Lok Sabha Elections 2024 : इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के विरासत टैक्स वाले बयान पर लोकसभा चुनाव के दौरान बड़ा बवाल खड़ा हो गया है। खुद प्रधानमंत्री ने इस बयान को लेकर कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है। छत्तीसगढ़ में एक चुनावी जनसभा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस देशवासियों की संपत्ति को लूटना चाहती है। कांग्रेस के इरादे ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि “कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ और जिंदगी के बाद भी है”।

क्या बोले सैम पित्रोदा ?

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अपने बयान में कहा, "अमेरिका में विरासत कर (टैक्स) लगता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45 फीसदी अपने बच्चों को ट्रांसफर कर सकता है।" उन्होंने आगे कहा,"55 फीसदी सरकार द्वारा हड़प लिया जाता है। यह एक दिलचस्प कानून है। यह कहता है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब आप जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए- पूरी नहीं, आधी। ये जो निष्पक्ष कानून है मुझे अच्छा लगता है।"   ग्रेटर नोएडा– नोएडा की खबरों से अपडेट रहने के लिए चेतना मंच से जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें  फेसबुकपर लाइक करें या  ट्विटरपर फॉलो करें।
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MDH, एवरेस्ट के मसालों पर इन देशों ने लगाया 'बैन', जानें क्यों ?

MDH
MDH Everest Masala Row
locationभारत
userचेतना मंच
calendar01 Dec 2025 03:16 PM
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MDH Everest Masala Row : भारतीय मसाले कंपनी एवरेस्ट और एमडीएच मुश्किल में फंस गई है। दरअसल एमडीएच के कुछ मसालों को बैन कर दिया गया है। साथ ही बाजार से इन मसालों की वापसी का भी आदेश जारी किया है। इतना ही नहीं लोगों को इन मसालों को लेकर चेतावनी दी है। इसके अलावा भारत सरकार को इन मसालों की गुणवत्ता की जांच के आदेश दिए गए है।

क्या है मामला

मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में एक सूत्र ने कहा कि भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FCCI) ने सिंगापुर और हॉन्गकॉन्ग की भारतीय कंपनी के मसालों पर कार्रवाई करने के बाद देशभर से एमडीएच और एवरेस्ट सहित सभी ब्रांड के मसालों के नमूने लेना शुरू कर दिया है। अभी की 'मौजूदा स्थिति के मद्देनजर एफएसएसएआई बाजार से एमडीएच और एवरेस्ट समेत सभी ब्रांडों के मसालों के नमूने ले रहा है ताकि यह जांचा जा सके कि वे एफएसएसएआई मानदंडों को पूरा कर रहा है या नहीं। उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) निर्यातित मसालों की गुणवत्ता को नियंत्रित नहीं करता है।

MDH Everest Masala Row

क्यों हुआ विवाद

आपको बता दें कि इस बीच, भारतीय मसाला बोर्ड भारतीय ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के चार मिक्स मसाला उत्पादों की बिक्री पर हॉन्ग कॉन्ग और सिंगापुर ने बैन लगाने के बाद जांच कर रहा है। दरअसल इन मसालों में स्वीकार्य सीमा से अधिक कीटनाशक 'एथिलीन ऑक्साइड' की मात्रा मिली है, जो किसी तरह की दवा बनाने के काम आती है।

क्या है 'एथिलीन ऑक्साइड'

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 'एथिलीन ऑक्साइड' एक गंधहीन प्रकार का केमिकल है जिसका इस्तेमाल कुछ समय से खाद्य पदार्थों के लिए किया जा रहा है। इसकी ज्यादा मात्रा मानव शरीर के लिए बहुत ज्यादा हानिकारक होती है और यह कैंसर जैसी बीमारी शरीर में पैदा कर सकता है। हॉन्ग कॉन्ग के खाद्य सुरक्षा केंद्र (सीएफएस) ने उपभोक्ताओं से इन उत्पादों को न खरीदने और व्यापारियों से बिक्री ना करने को कहा है जबकि सिंगापुर खाद्य एजेंसी ने ऐसे मसालों को वापस लेने का निर्देश दिया है। MDH Everest Masala Row

36 घंटे बाद भी नहीं बुझी गाजीपुर लैंडफिल की आग, लोगों को हो रही है दिक्कत

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